५० साल की मकानमालकिन आंटी की चूत और गांड मारी • Kamukta Sex Stories

५० साल की मकानमालकिन आंटी की चूत और गांड मारी

मैं सोढ़ी पंजाब से अपनी लाइफ का एक खूबसुरता किस्सा आप सब के लिए ले कर आया हूँ. इसे किस्से में मैंने एक ५० साल की बुढिया को अपने लंड से चोदा और उसकी सारी प्यास भुजा दी थी.

अब मैं सीधा अपनी सेक्स कहानी पर आता हूँ. मेरा नाम है सोढ़ी है उस टाइम मैं २३ साल का जवान गबरू था. मैंने उस टाइम इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कर रहा था. जब मैं लास्ट सेमेस्टर में आया तो मुझे ट्रेनिंग के लिए चंडीगढ़ की एक कंपनी में ३ महीने जॉब करनी थी. चंडीगढ़ मेरे घर से काफी दूर था इसलिए मैंने वहीँ पास में एक रूम रेंट पर ले लिया.

फिर मैं उसी रूम में रहने लग गया. उस मकान के मालिक एक अंकल आंटी थे. आंटी की उम्र करीब ५० साल होगी पर वो इतना मेकअप करती थी की उसे देख कर लगता है की वो अभी २६ साल की जवान है. उनके पति ५४ साल के थे और उनका अपना बिजनेश था. वो अपने काम में लगे रहते थे. मैं अपनी ट्रेनिंग पर बहोत कम जाता था क्योकि मुझे पता चल गया था की ये सिर्फ कहने की ट्रेनिंग है.

मैं सारा सारा दिन अपने रूम में बैठा टीवी देखता रहता था. मुझे खाने पिने की टेंशन नहीं थी. क्योकि आंटी ने कहा था की अगर यहाँ रहना है. तोह खाना भी यहीं का खाना होगा. इसलिए मैं जब चाहिए निचे जा कर उनसे खाने के लिए कुछ भी मांग लेता था.

करीब एक महीने के बाद मैं उनके बच्चे जैसा बन गया था. मैं अब जब चाहे उनके पास आ सकता था. जोन मर्जी रूम में जब चाहिए चला जाता था.

एक दिन दोपहर की बात थी मैं रोज की तरह अपने रूम में बैठा टीवी देख रहा था. मुझे पानी की प्यास लगी इसलिए मैं निचे गया और किचन से पानी पीने लग गया. तभी मैंने नोटिस किया की मुझे आंटी नहीं दिख रही है. मैंने इधर उधर देखा तोह मुझे उनके रूम से अजीब से आवाजें सुनाई दे रही थी. मैंने सोचा की शायद आज अंकल आज मूड में है.

फिर मैंने उनके रूम के डोर में से चुपके से देखा तो मैं अंदर का नजारा देख कर हैरान रह गया. अंदर आंटी ने अपने टीवी में ब्लू मूवी लगा रखी थी और वो नंगी हो कर अपनी चूत में जोर जोर से ऊँगली कर रही थी.मैं समझा गया की बुढ़िया को फिर से जवानी आ रही है. मैंने उसे छोड़ने की सोची और फिर मैंने अपना दिमाग लगाया मैंने डोर को नॉक किया.

आंटी – कौन है ?

मैं – आंटी मैं हूँ.

आंटी – अच्छा रुको मैं आती हूँ थोड़ी देर तक.

करीब ५ मिनट बाद आंटी ने डोर ओपन किया. मैं उनके सामने मुँह सा बना कर खड़ा हो गया.

आंटी – क्या हुआ बेटे ?

मैं – क्या बोलूं आंटी मुझे तो बताने में ही बहोत शर्म आ रही है.

आंटी – अरे नहीं मुझे बतायेगा तो किस्से बताइयेगा.

मैं – मुझे डर है के कहीं आप मुझे मार न दो.

आंटी – अरे मैं कुछ नहीं कहूंगी तू बता बस क्या हुआ है.

मैं – आंटी मेरे लंड में काफी दर्द हो रहा है.

ये सुनते ही आंटी की ऑंखें चमक उठी और बोली – क्या चल तू रूम में आजा.

फिर उन्होंने रूम को अंदर से बंद कर लिया.

आंटी – दिखा मुझे कहाँ दर्द हो रहा है.

मैं – नहीं आंटी मुझे शर्म आ रही है.

आंटी – तू तो ऐसे शर्माता रहेगा मैं खुद देखती हूँ.

ये कह कर आंटी ने मेरी पेंट उतार दी और मेरे उंडरवेर से लंड निकाल कर वो मेरे लंड को देखती रह गयी. मेरा लंड कुछ है ही ऐसा था जो भी लड़की उसे देखती थी वो मेरे लंड की दीवानी हो जाती थी. क्योकि मेरा लंड का साइज ७ इंच लम्बा ३ इंच मोटा था. आंटी ने अच्छे मेरे लंड को ऊपर से ले कर निचे तक देखा. फिर वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर ऊपर निचे करने लग गयी. वो मेरे लंड को देख कर उसकी दीवानी हो रही थी.

आंटी – अब बता बेटा कहाँ पर दर्द हो रहा है ?

मैं – देखो न आंटी ये कैसे बड़ा हो गया है आपके हाथो में आ कर.

मेरा लंड आंटी के हाथो में आ कर पूरा खड़ा हो गया था. आंटी के ऑंखें मेरे लंड पर जमी हुई थी. फिर उन्होंने लंड को ऊपर निचे करना शुरू कर दिया. मुझे इसमें बहोत मजा आने लग गया. फिर आंटी ने मेरे लंड को अपने मुँह में डाल लिया और जोर जोर से मेरे लंड को चूसने लग गयी. मुझे इसमें बहोत ज्यादा मजा आ रहा था. वो मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाट चाट कर चूस रही थी.

मैं – आंटी प्लीज आराम से करो मुझे कुछ कुछ हो रहा है.

आंटी – कुछ नहीं होता बेटा आज मेरे तेरे सारे दर्द ठीक कर दूंगी.

मैं – मुझे भी ऐसा ही लगता है.

आंटी – लगता है आज तक ये किसी चूत में नहीं गया ?

मैं – हाँ आंटी आप सच कह रही हो.

आंटी – कोई बात नहीं आज ये सिर्फ चूत नहीं लेकिन गांड में भी जायेगा. क्योकि आज तक ऐसा मस्त लंड नहीं देखा मैंने आज सब मजे करवा दूंगी इसे इसलिए कभी दर्द नहीं देगा तुझे.

फिर आंटी ने लंड को आयल लगा कर मालिश करना शुरू कर दिया. आंटी ने मेरे लंड को अच्छे से मालिश करने के बाद अपने सारे कपडे निकल दिए. और साथ ही मुझे भी पूरा नंगा कर दिया.

अब हम दोनों पुरे नंगे खड़े थे फिर आंटी ने मुझे अपनी बाँहों में भरा और मुझे चूमने लग गयी. मैं भी उनके होंठो को चूसने लग गया. हम दोनों किस में पागल हो गए थे. किस करने के बाद मैंने आंटी के बूब्स को अच्छे से जम कर चूसा. बूब्स इतने मुलायम थे की उन्हें मुँह से निकालने का मेरा मन ही नहीं कर रहा था. मैं काफी देर तक मैं उसके बूब्स चुस्त रहा.

आंटी इतने में काफी गरम हो गयी थी.फिर मैंने आंटी को बेड पर लिटा कर उनकी दोनों टाँगे ऊपर उठा ली. दोनों टाँगे ऊपर करने के बाद मैंने उनकी चूत पर अपना मुँह रख कर उसे चूसने लग गया. चूत काफी खुशबूदार थी मैंने अपनी जीभ बहार निकाली और उसकी चूत को चूसने लग गया.

आंटी एकदम मस्त हो गयी उन्होंने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में दबा दिया. फिर उसके बाद वो मजे से पागल होने लग गयी क्योकि मैं अपनी जीब उनकी चूत में अंदर बहार कर रहा था.

तभी कुछ देर बाद मेरी जीभ पर नमकीन पानी आ गया. फिर आंटी एकदम शांत हो कर लेट गयी. मैं समझ गया की आंटी का काम हो गया है. अब मेरी बारी थी चुदाई की.

मैं चुदाई की तयारी करने लग गया तभी आंटी बोली.

आंटी – रुको बीटा तुम्हारा लंड काफी बड़ा और मोटा है. अंदर डालने से पहले चूत और लंड पर आयल लगा ले.

फिर क्या था मैंने लंड और चूत पर अच्छे से आयल लगा दिया. फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सेट किया. दोनों टाँगे उठा कर अपने कंधो पर रखी और फिर एक जोरदार धक्के के साथ मैंने अपना पूरा उनकी चूत में उतार दिया.

आंटी के मुँह से जोर जोर चिखने की आवाज निकालती रही. पर अब तो लंड काफी अंदर तक जा चूका था. मैं धीर धीरे धक्के मारता रहा और फिर कुछ ही देर बाद उनका दर्द मजे में बदलने लग गया.

अब आंटी निचे से अपनी गांड उठा उठा कर पूरा मजा ले रही थी. मुझे चुदाई में बहोत मजा आ रहा था.

फिर मैंने आंटी को घोड़ी बना दिया और पीछे से अपने लंड उनकी चूत में डाल दिया. पीछे से चूत मारने में मुझे बहोत मजा आ रहा था. मैंने उनकी कमर को अपने हाथ से पकड़ा और जोर जोर से पीछे से धक्के मारने लग गया. आंटी की हर धक्के में जान निकल रही थी.

उसके बाद मेरे लंड का पानी निकलने वाला था. मैंने आंटी की चूत में अपना पानी नहीं निकाला और चूत से लंड निकाल के उसके मुँह में दे दिया. मैंने थोड़ी देर आगे पीछे किया और फिर अपने लंड का सारा अपनी उनके मुँह में भर दिया.

आंटी मेरे लंड का सारा पानी गटक गयी. फिर मेरे लंड को चाट चाट कर साफ़ साफ़ करने लग गयी. उसके बाद हम दोनों लेट गए और बाथरूम में जा कर मैंने शावर के निचे आंटी की गांड को भी चोद दिया.

जब तक मैं वहां रहा तब तक मैंने आंटी को जम कर छोड़ा. अब भी कभी चंडीगढ़ का चाकर लगता हूँ तब भी आंटी को एक बार जा कर चोद आता हूँ.