नॉएडा में एक लड़की की चूत चोदी • Kamukta Sex Stories

नॉएडा में एक लड़की की चूत चोदी

देसी टाइट चुत फ्री कहानी एक युवा लड़की की चुदाई की है. मैंने उसे पहली बार चोदा तो उसकी चूत एकदम कसी थी कुंवारी जैसी. उसे दर्द भी बहुत हुआ था लंड लेते हुए.

फ्रेंड्स,
मेरा नाम विकास (बदला हुआ) है.
मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच की है और मैं एक साधारण सा दिखने वाला युवा हूँ, पर हां मेरा रंग गोरा है.

मैं रोज सुबह से अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी की साइट पर जाकर सेक्स कहानी पढ़ता हूँ.
इन सेक्स कहानी को पढ़ कर मेरा भी मन किया कि मैं भी अपनी आपबीती देसी टाइट चुत फ्री कहानी आप लोगों को बताऊं.

मैं पहली बार नॉएडा एनटीपीसी का एग्जाम देने के लिए गया था.
फिर जब सिलेक्ट हो गया तो जॉब के लिए वापस नॉएडा आ गया.
मेरी कंपनी में मैं डाटा एंट्री का काम करता था.

जिस बिल्डिंग में मैं रहता था, उसमें मेरे कमरे के बगल में ही कुछ और भी कमरे बने हुए थे.
मैं और मेरा साथी एक साथ एक ही कमरे में रहते थे.

मेरे बगल के कमरे में अन्य दो लड़के रहते थे, जो दोनों भाई थे.
ठंड का मौसम था इसलिए उन्होंने अपनी बहन को भी बुला लिया था कि खाना आदि बनाती रहेगी.

मेरे उन दोनों पड़ोस के लड़कों ने अपनी जिस बहन को अपने साथ रहने बुलाया था, उसका नाम मोना (बदला हुआ) था.

जब मोना अपने भाई के साथ रूम में आई थी तो उसने सलवार सूट पहना हुआ था.
उसे देख कर मुझे कुछ भी गलत महसूस नहीं हुआ.

चूंकि मेरी भी एक जीएफ थी और मुझे उसी से शादी करनी थी … तो मैं ऐसे किसी भी लड़की की तरफ सेक्स की नजरों से नहीं देखता था.

उस दिन वह लड़की मोना कमरे में अन्दर चली गई.
जिस दिन से मोना मेरे पड़ोस में रहने आई थी, उस दिन से वह बाहर ही नहीं निकली थी.

मेरा साथी सोच रहा था कि अब एक जवान लड़की पड़ोस में आ गई है तो आंखों को कुछ सुख मिलेगा … और अगर मोना सैट हो गई, तो लंड को भी चैन मिलने लगेगा.
पर ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा था.

फिर एक दिन मोना बाथरूम से नहा कर निकली ही थी कि उसी समय मैं उनके कमरे में पहुंच गया.

कुछ ऐसा हुआ कि मेरा अन्दर जाना हुआ और उसका बाथरूम से निकलना हुआ, तो वह मुझसे टकरा गई.
वह अचकचा गई और बोली- सॉरी.

मैं उसके स्पर्श को महसूस करके बस आह भर कर रह गया.
हालांकि मैंने उससे कुछ नहीं बोला और चुपचाप सोचने लगा.
वह लड़की मेरी जीएफ से कहीं ज्यादा हॉट थी और चूंकि मेरी जीएफ भी आजकल कुछ उखड़ी हुई रहने लगी थी तो मेरा मन डांवाडोल की स्थिति में हो गया था.

उस दिन मोना मुझसे टकराई जरूर थी और मुझे उसका रूप यौवन भी अच्छा लगा था.
पर ऐसा भी नहीं था कि मैंने उसके नाम का सड़का मारा हो.

खैर … इस घटना को 15 दिन बीत गए थे.
उस दिन मेरी फ्लोर पर बगल के एक कमरे में रहने वाली भाभी जी की बिटिया का जन्मदिन था.

उस दिन हम सभी का खाना पीना उनका घर पर ही था.
मैं भाभी जी के घर में गया.

तो उधर वही मोना सभी को खाना आदि परोस रही थी.
मैं उसे देखते हुए खाना खाने लगा.

वह बार बार मुझे कुछ न कुछ परोसने आ रही थी.
मेरे काफी मना करने पर भी उसने मुझे दो बार पूरी और पनीर दे दिया.

मेरा साथ वाला दोस्त रामू बोला- लगता है तेरे लंड का जुगाड़ हो गया है.
मैंने उसे घूर कर देखा और आंख से गुस्सा करके उसे चुप करवा दिया वर्ना वह साला कुछ न कुछ बोलता रहता.

खाना खाने के बाद मुझे चाय पीने का मन था.
मैंने भाभी से बोला.

भाभी जी भी एक मस्त माल थीं.
उनका 34-30-36 का फिगर देख कर मन करता था कि इन्हें लिटा कर चोद दूँ.
पर भाभी शायद भैया से खुश थीं, इसलिए मैंने सोचा कि इनको छोड़ो और मोना को चोदो.

भाभी ने मेरी कहने पर चाय बना दी.

मोना चाय का कप लेकर आई और मुझे चाय देकर वापस खाना परोसने के काम में लग गई.

मैं चाय पीता रहा और मोना की जवानी को निहारता रहा.
उसकी मदमस्त जवानी ने मुझे जीएफ की याद भुला दी थी.

फिर कुछ देर बाद मैं अपने रूम पर आ गया.
तभी भाभी ने मोना के हाथ से केक भेजा.

मोना ने मेरे कमरे के बाहर आकर दस्तक दी.
मैंने बाहर निकल कर देखा तो मोना खड़ी थी.
उसने मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली- ले लो.

मैंने भी न जाने किस झौंक में कह दिया- देना है, तो अन्दर आकर दो.
मोना अन्दर आ गई.

रामू उसे आंखें फाड़ कर देखने लगा.

फिर जब मोना ने केक की प्लेट पकड़ाई तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.

वह कुछ नहीं बोली तो मैं समझ गया इसकी चूत में भी खुजली है, इसे भी लंड चाहिए.

उसने बस तिरछी नजरों से मेरी तरफ देखा और हंस दी.
मैंने कहा- अभी रुको, देता हूँ.

वह रुक गई और मैं उसके हाथ से प्लेट लेकर अन्दर आ गया.
मैंने एक प्लेट में केक लिया और उसको खाली प्लेट देने के लिए उसके पास आ गया.

जब उसने मेरे हाथ से प्लेट लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाया तो मैंने फिर से उसका हाथ पकड़ लिया.

इस बार मैंने उसकी कमर में भी यह सोच कर हाथ लगा दिया कि अगर इसका मन नहीं होगा, तो ये मना करेगी.

मैंने उसकी कमर को सहलाते हुए जरा सा दबा दिया.
तो वह हंस कर अलग हुई और बाहर चली गई.

इसका मतलब साफ था कि छेद बोरिंग के लिए रेडी था; बस अपनी मशीन लगाने की देरी थी.

फिर जब दूसरे दिन मोना कपड़े धो रही थी, उस वक्त मैं उसके फ्लैट में चला गया और उसकी पीठ पर यह बोल कर हाथ लगाया कि तुम्हारी पीठ पर कुछ है.

जैसे ही मैंने उसे छुआ, वैसे ही वह बोली- उई मां …
मैंने बोला- क्या हुआ?

मोना बोली- कुछ नहीं.
मैंने कहा- फिर मम्मी को क्यों याद कर रही हो!

वह मेरी तरफ देख कर हंसने लगी.

उसी दिन मैंने मोना को अपना फोन नम्बर दे दिया और उसके साथ मेरी बातें होने लगीं.

वह अपने कमरे से मुझे मीठी मीठी बातें करती और मैं अपने कमरे से उसे गर्म करता रहता.
हम दोनों के बीच चुदाई की बातें भी खुल कर होने लगी थीं और मैंने उससे कह दिया था कि अब मुझे तुम्हारी चूत चाहिए.

मोना ने भी साफ साफ कर दिया था- उखाड़ कर लेनी है या प्यार करने के लिए लेनी है.
इस तरह की बातों से यह साफ हो गया था कि हम दोनों चुदाई करने के मूड में हैं.

बात सिर्फ यह रह गई थी कि अब लड़की को चोदा कैसे जाए और किधर चोदा जाए.
जगह एक बड़ी दिक्क़त थी.

मोना एक मस्त चूत की मालकिन थी.
मेरे उसके घर में आने जाने से भाभी को शायद शक हो गया था तो वे मेरे जाने तक बाहर ही बैठी रहती थीं … या ये कहूँ कि उन्हें भी लंड चाहिए था.

एक दिन जब भाभी बच्चे को लेने स्कूल गई थीं, तब मैं मोना के रूम में घुस गया और उसको गले लगा लिया.
उसकी गर्दन पर किस किया, तो वह भी मेरे होंठों पर बिल्कुल किसी रंडी की तरह टूट पड़ी.

थोड़ी देर यूं ही उसे चूम कर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा ढीला कर दिया.
सलवार अपने आप नीचे सरक गई.

मोना ने भी अन्दर पैंटी नहीं पहन रखी थी.
शायद उसे चूत चुदवाने की मुझसे ज्यादा जल्दी थी.

मैंने भी समय कम होने के कारण उसकी चूत देखी, बिल्कुल साफ और गोरी.
चूत के दोनों होंठ संतरे की फांकों से फूले और रस भरे से लग रहे थे.

मेरा मन तो किया कि पहले इसकी चूत चाट लूँ.

पर भाभी के आने के डर के कारण मैं चूत नहीं चाटी, सीधे चुदाई की तैयारी में लग गया.

मैंने उसे चुदाई की पोजीशन में लिटाया और उसके दूध दबाने लगा.
वह ‘आ आह्ह्ह ओह्ह्ह धीमे धीमे करो न बाबू.’ बोल रही थी.

मोना 5 फुट की गोरी 22 साल की लड़की थी.

उस दिन वह एक डीजल माल लग रही थी.
डीजल माल नाटे कद की लौंडिया से कहते हैं.

मैंने ज्यादा समय ना लेते हुए उसकी चूत में लंड लगाया और ठेल दिया.
पर चूत पैक थी … तो लंड फिसल गया.

अब मैंने बाजू में रखी चमेली के तेल की शीशी उठाई और मोना से अपने लौड़े पर तेल लगवाया और उससे चूत में भी लगाने को कहा.
जब तक वह तेल लगाती रही, तब तक मैं उसकी चूची चूसता रहा.

मेरा लंड उसके हाथ से तेल लगवाने के कारण और ज्यादा कड़क हो गया था.

मैंने अपना लंबा मोटा लंड उसकी देसी चूत में सैट किया और थोड़ा सा दबाया, तो लंड का सुपारा चूत की फांकों को फैलाता हुआ अन्दर घुस गया.
वह कराह कर बोली- आह मर गई … आह छोड़ दो … हट जाओ मुझे नहीं करवाना कुछ भी … आह.

मैंने उसके होंठों पर होंठ लगाए और एक करारा सा झटका लगा दिया.

मोना का यह या तो पहली बार था, या वह काफी दिन से चुदी नहीं थी.
इसलिए आधा लंड ही बड़ी मुश्किल से अन्दर गया था देसी टाइट चुत के अंदर!

लंड जाते ही मोना हाथ पैर पटकने लगी और साली ने मेरे होंठों पर काट लिया.

मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया.
पर भाभी के आने के डर से मैंने एक और झटका लगा दिया.
इस बार टाइट चूत में पूरा लंड घुस गया.
मोना के आंसू निकल आए, वह रोने लगी.

पर मुझे वाइल्ड सेक्स पसंद है तो उसके रोने पर मजा आ रहा था.
मैं बिना रुके चुदाई कर रहा था.

थोड़ी देर बाद वह भी साथ देने लगी.
अब कमरे में चुदाई का मधुर संगीत गूंजने लगा था.

‘आहह उई ओह मर गई उई आहह …’ इस तरह की आवाजों से कमरा गूंज रहा था.

उस समय हमारी फ्लोर पर कोई था नहीं, इसलिए कोई डर नहीं था.
थोड़ी देर में मोना का काम हो गया और वह झड़ गई.

पर मेरा नहीं हुआ था; मैं ताबड़तोड़ लगा हुआ था.

उसी समय मुझे किसी के आने की आवाज आती सी लगी तो डर के मारे मेरा भी रस निकल गया.

मैं जल्दी से मोना के ऊपर से हटा और कपड़े पहन कर निकल लिया.

उसके बाद अपने कमरे में आकर मैं नहाने घुस गया और कुछ ही देर में मैं अपने ऑफिस चला गया.

कुछ देर बाद मोना से बात हुई तो वह बड़ी खुश थी और जल्दी ही दुबारा से चुदाई के लिए कह रही थी.

उसका कहना था कि इस बार डर डर कर नहीं करना है, खुल कर करना है.

अब मैं दुबारा की जुगाड़ ढूंढ रहा था.
पर जगह मिल ही नहीं रही थी.

उसके भाई की जॉब चली गई थी तो वह भोसड़ी वाला सारे दिन कमरे में ही घुसा रहता था.

तो उसके लिए मैं भी लगा था कि इसकी नौकरी लग जाए, तब तो मोना को चोद पाऊं.
कुछ दिनों बाद मैंने मोना के भाई के लिए एक जगह खोज ली और वह उधर काम करने लगा.

उन्हीं दिनों भाभी को भी बच्चे को लेकर अस्पताल जाना पड़ा.

वे सुबह से जैसे ही अस्पताल के लिए निकलीं तो मोना को फ्लैट की चाभी देती हुई गईं.

मोना ने मुझे फोन कर दिया.
यह एक अच्छा मौका मिल गया था.

मैं मोना के कमरे में चला गया.
अन्दर जाते ही मैंने उसको गले से लगा लिया और उसे उठा कर अपनी गोद में लेकर किस करने लगा.
वह भी साथ देने लगी.

चूमाचाटी करने के बाद उसको लंड चुसवाने का मन हुआ, पर बोला नहीं.
बस पैंट में हाथ डाल कर बाहर निकाल लिया.
मेरे लंड महाराज खड़े हो गए थे.

अब मैंने भी अपना पैंट निकाल दिया और उसका कुर्ता भी उतार दिया.
मोना ब्रा में मस्त लग रही थी.

मैं उसके मम्मों पर झपट पड़ा. एक दूध को नोंचने लगा और दूसरे को चूसने लगा.
वह भी मेरे सर को अपने मम्मे पर दबा कर आहें भर रही थी.

फिर मैंने उसकी पजामी भी उतार दी.
आज साली ने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी हुई थी.

उसका काम तो पैंटी में ही हो गया था इसलिए उसकी पैंटी में चूत का पानी लगा था.
मैंने उसकी पैंटी सूंघी, बड़ी मस्त खुशबू आ रही थी.

अब मैंने आव देखा ना ताव … उसको लिटा दिया और उसकी टांगें फैला कर चूत चाटने लगा.
वह भी रांड की तरह मजे से लेटी थी और चूत चुसाई का मजा ले रही थी.

मैंने उससे कहा- अब तुम भी मेरा लंड चूसो.
वह बोली- 69 की पोजीशन में करते हैं.

मैंने ओके कहा और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.

मोना बड़े मस्त तरीके से लंड चूस रही थी.
ऐसा लग रहा था कि साली ने लंड चुसाई की ट्रेनिंग ली हुई है.
मुझे उसके चूसने से स्वर्ग का सुख मिल रहा था.

तभी अचानक से मोना मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी.
मुझे समझ आ गया कि इसका होने वाला है.

मैंने और तेजी से चूत चाटना शुरू कर दिया.
तभी उसका पानी निकल गया और मैंने चूत से मुँह हटा कर उसी के दुपट्टे से चूत का पानी पौंछ दिया.

वह अब भी मेरा लंड चूस रही थी.
कुछ मिनट बाद मेरा भी हो गया और मैंने उसी के मुँह में पानी छोड़ दिया.

वह मजे से पूरा रस चाट गई.
अब चुदाई का नंबर आ गया था.

मैं उसके बूब्स दबा रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में लंड लगाया और एक हाथ में एक दूध पकड़ लिया, होंठों को तेजी से किस किया और एक तगड़ा झटका देकर अपने लंड को अन्दर कर दिया.

वह तड़प उठी और छटपटा कर बोली- आह हट जाओ … मैं कोई रंडी हूँ जो ऐसे कर रहे हो!
मैंने सॉरी बोला और रुक गया.

जब उसे कुछ आराम मिल गया तो फिर से चोदा.
इस बार वह मजे से ‘आहह उई ओहह फ़क मी और जोर से आह ईईई उईई.’ की आवाज निकाल रही थी.

कुछ ही देर में चुदाई की आवाजों से कमरा गूंज उठा था.
आज मैं भी तसल्ली से चुदाई कर रहा था तो मेरा जल्दी होने वाला नहीं था.

अब तक वह दो बार झड़ चुकी थी.
अब मेरा नंबर आ गया था.

मैंने कुछ देर बाद उसी की चूत के अन्दर पूरा माल डाल दिया.
उसके बाद उस दिन हम दोनों ने कुल मिला कर चार बार सेक्स किया और पूरा मजा लिया.

फिर मैं उसके लिए मेडिकल स्टोर से गर्भ निरोधक दवा लेने गया तो साथ में नींद की दवा भी ले आया.

मैंने मोना को कह दिया कि जिस दिन चुदाई का मूड हो, उस दिन बता देना.

हम दोनों चुदाई की प्लानिंग कर लेते थे.
वह अपने दोनों भाई को और मैं अपने पार्टनर रामू को नींद की दवा खिला कर अपने रूम में उसे लाकर अपनी बीवी बना कर चोद देता था.
अब हम दोनों के पूरे मजे हैं.

मैंने एक बार भाभी को भी चोदा है, वह कैसे हुआ, अगली सेक्स कहानी में सब बताऊंगा.
आपको देसी टाइट चुत फ्री कहानी में कितना मजा आया, प्लीज लिख कर बताएं.