बेहन को सिपाही ने चोदा • Kamukta Sex Stories

बेहन को सिपाही ने चोदा

मेरी बेहन शालु जिसकी एज 22 साल है एक खूबसूरत और स्मार्ट लड़की है .शालु की हाइट 5 फीट 3 इंच के आस पास है. बदन जवानी की मस्ती से भरा हुआ है मेरी बेहन शालु की चूंचिया बड़े आम जैसी मगर पत्थर जैसी सख़्त और सीधी खड़ी हुए है जिन्हे देख कर मोहल्ले के लड़के हमेशा खा जाने वाली नजरो से देखते है. मेरी बेहन शालु का कलर सावला है पर चेहरे पर जबरदस्त कशिश है. आँखे हिरनी जैसी. बस बनी बनाई सेक्स की मूर्ति है

ये बात उस समय की जब मेरी बेहन शालु ने बि.ए. पास कर लिया था और अभी घर पर ही आगे की पढ़ाई कर रही थी. शालु टीचर बनना चाहती थी.तो उसने एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रैनिंग) करने की सोची. हमारे ही पड़ोस मे एक परिवार था जिनसे हमारे घर जैसे संबंध थे. उनके परिवार मे मेरी उमर का एक लड़का जिससे मेरी अछी दोस्ती थी और उसकी 2 बहने थी जिसमे एक जिसका नाम रेखा था मेरी बेहन के साथ ही पढ़ती थी और रेखा ने भी पढ़ाई बंद कर दी थी.

रेखा के भाई का एक दोस्त जो पोलीस मे सिपाही था जिसका नाम रामकुमार है काफ़ी दीनो से उनके घर आता था. रामकुमार से मेरी भी दोस्ती हो गई थी.रामकुमार शादीशुदा था. मेरी बेहन शालु ने जब रेखा को एनटीटी करने की बात बताई तो वो भी एनटीटी करने को तैयार हो गई.उसके घर वाले भी मान गये.

शालु और रेखा ने एक इन्स्टिट्यूट जो एक स्कूल मे था एडमिशन ले लिया. स्कूल हमारे घर से काफ़ी दूर था और काफ़ी सुनसान जगह पर था जहा शाम के टाइम रिक्शा मिलने मे परेशानी होती थी. मेरी बेहन शालु और रेखा दोनो ही रिक्शा से जाती और आती थी.

बारिश का समय था. एक दिन जब दोनो क्लास ख़त्म करके स्कूल के बाहर रिक्शा का इंतजार कर रही थी लेकिन कोई रिक्शा मिल नही रहा था. तभी अचानक रामकुमार जो उस समय पोलीस वर्दी मे था अपनी मोटारस्यकले से उधर से निकला. उसने रेखा और शालु को देखा तो रुक गया. पूछाने पर रेखा बोली भीया कोई रिक्शा ही नही मिल रहा. रामकुमार बोला चलो मैं तुम्हे घर झोड़ देता हू . रेखा मान गई मेरी बेहन शालु हिचकिचाई पर रिक्शा नही मिलने के कारण मान गई. वैसे भी अंधेरा होने लगा था. रेखा ने शालु को बीच मे बैठने को कहा. मेरी बेहन चुपचाप बीच मे बैठ गई पीछे रेखा बैठ गई. जगह कम होने की बजाह से मेरी बेहन की चूंचिया रामकुमार की पीठ से टकरा गई. पीछे रेखा भी आगे हुए तो मेरी बेहन शालु पूरी तरह से रामकुमार और रेखा के बीच मे फँस गई. शालु की चूंचिया रामकुमार की पीठ से टकरा रही थी .हिलने डुलने की जगह भी नही थी..

मेरी बेहन की आम जैसी चूंचिया रामकुमार की पीठ से रगड़ रही थी .शालु की सासे भी रामकुमार की गर्दन पर भाप झोड़ रही थी.रामकुमार बॅलेन्स बनाने के लिए पीछे खिसका तो बची कूची दूरी भी ख़त्म हो गई और मेरी बेहन शालु अब रामकुमार से बिल्कुल चिपकी हुए थी. शालु की चूंचिया रामकुमार की पीठ से पीस रही थी.उसकी टांगे रामकुमार की टॅंगो से टकरा रही थी.रामकुमार की कोहनी मेरी बेहन की चुचिया से टकरा जाता. कई बार ब्रेक मारने पर मेरी बेहन शालु के होंठ रामकुमार की गर्दन को छू चुके थे.बड़ी मुश्किल थी. शालु सोच रही थी कहा फस गई कोई देख लेगा तो क्या कहेगा. खैर किस तरह घर आ गया.

शालु की चूंचिया रामकुमार की पीठ की रगड़ खा कर लाल हो चुकी थी.अब कई बार एसा हुआ की रामकुमार ने रेखा और मेरी बेहन को घर झोड़ा.हमारे घर पर किसी को एतराज नही था वैसे भी रामकुमार शादी शुदा था. हा मोहल्ले के लड़के ज़रूर जलते थे.

एक दिन मेरी बेहन को बुखार आ गया तो वो क्लास नही गई रेखा ही अकेली चली गई. अगले दिन जब मेरी बेहन शालु ने रेखा को चलने को कहा तो उसने मना कर दिया. मेरी बेहन अकेली ही चली गई. इन्स्टिट्यूट जाने पर पता चला की आज तो छुट्टी थी. मेरी बेहन को बड़ा गुस्सा आया रेखा ने उससे छुट्टी के बारे मे क्यू नही बताया.तभी बहुत तेज बारिश शुरू हो गई अब तो रिक्शा मिलना और भी मुश्किल था..तभी रामकुमार ने शालु के पास आ कर मोटेरस्यकल रोकी.रामकुमार बोला चलो मैं तुम्हे छोड़ देता हू.मेरी बेहन ने मना किया पर ज़िद करने पर मान गई और बाइक पर बैठ गई.बारिश बहुत तेज थी . मेरी बेहन भीग चुकी थी उसके कपड़े बदन से चिपक आए थे.शालु की उठी हुए चुचिया भीगे कपड़ो मे ब्रा मे क़ैद सॉफ दिख रही थी.

बारिश बहुत तेज थी और सड़को पर पानी भर चुका था.रामकुमार बोला कही रुक जाते है और तुम भीग गई तो सर्दी भी लग सकती है तो चाय भी पी लेते है.शालु मान गई. रामकुमार ने बाइक को मोड़ लिया और वेब मल्टिपलेक्स की तरफ ले गया.शालु ने कहा भी यहा क्यू आ गये पर रामकुमार ने नही सुना. दोनो मल्टिपलेक्स के अंदर आ गये. मल्टिपलेक्स मे बहुत कम लोग थे. दोनो एक कॉफी शॉप पर बैठ गये.मेरी बेहन का गदराया बदन रामकुमार की आँखो के सामने नोमयाना हो रहा था. उसकी काली ब्रा मे कसी चूंचिया भीगी कुरती मे सॉफ दिख रही थी. निप्पल भी ब्रा मे उभरे हुए थे.रामकुमार अब मेरी बेहन शालु को बड़ी ललचाई नज़ारो से देख रहा था.शालु भी शर्मा रही थी.

बाहर बारिश थी कम होने का नाम नही ले रही थि. कॉफी पीने के बाद रामकुमार बोला चलो मॉल घूमते है. शालु चल पड़ी.रामकुमार को एक आदमी दिखाई दिया तो उसने कुछ बात की. मेरी बेहन रामकुमार के साथ चल पड़ी.2 न्ड फ्लोर पर रामकुमार एक रूम मे घुस गया और मेरी बेहन को भी आने को कहा. मजबूरी मे शालु को भी आना पड़ा वो मॅनेजर का रेस्ट रूम था जो रामकुमार का दोस्त था. रूम मे सोफे के साथ एक बिस्तर भी लगा था.दोनो अब सोफे पर आस पास बैठे थे. बातचीत नही हो रही थी बस खिड़की से बारिश रुकने का वेट कर रहे थे.

तभी रामकुमार मेरी बेहन के एकदम करीब आ गया उसका सीना शालु की कुंचिया से टकरा गया. रामकुमार ने स्माइल दी तो मेरी बेहन शालु शर्मा गई .बस रामकुमार ने फॉरन मेरी बेहन को बाहो मे जाकड़ लिया. मेरी बेहन घबरा गई और झुटने की कोशिश की पर रामकुमार की मजबूत पकड़ से छूट नही पाई. रामकुमार ने अपने होंठ शालु के होंठो से चिपका दिए और चूसने लगा. मेरी बेहन कुछ समझ ही नही पाई.रामकुमार ने हाथ बढ़ाकर मेरी बेहन शालु की कठोर चुचियो को थाम लिया और सहलाने लगा.

रामकुमार ने दोनो हाथो से चुचियो की पिस्साई शुरू कर दी. मेरी बेहन के मुँह से दर्द भारी सिसकारी निकल गई.रामकुमार ने एक हाथ नीचे कर मेरी बेहन शालु की चुत पर रख दिया और कपड़ो के उपर से ही सहलाने लगा. मेरी बेहन झुटने की कोशिस कर रही थी पर रामकुमार के हाथ मान ही नही रहे थे. अब रामकुमार ने शालु की कुरती उतार दी. उफ्फ ब्लॅक ब्रा मे बड़े आम जैसे रस से भरी हुए चूंचिया रामकुमार के हाथो मे थी..अब रामकुमार शालु की चुचियो पर पिल पड़ा और कस कस मासनले लगा.रामकुमार ने शालु की सलवार का नारा एक झटके मे खोल दिया .सलवार पैरो पर गिर गई. ब्लॅक पैंटी मे उभरी हुए चुत सॉफ दिख रही थी.अब रामकुमार ने मेरी बेहन शालु को गोदी मे उठाया और बिस्तर पर डाल दिया और फॉरन शालु पर चढ़ गया उसे डर था की कही शालु भागने की कोशिश ना करे. पर शालु ने एसा कुछ नही किया.

शालु पर चड़े चड़े रामकुमार ने अपने कपड़े उतार दिए . रामकुमार का 8 इच लंबा लंड रोड की तरह तना हुआ था.जिसे देख कर मेरी बेहन शर्मा गई और उसने अपनी चुचियो को अपने हाथो से छुपा लिया.लेकिन रामकुमार कहा मानने वाला था .रामकुमार के बालिस्त बदन के नीचे मेरी बेहन कमसिन गुड़िया की तरह दबी हुए थी.रामकुमार बेतहाशा शालु की चुचियो को मसल ने लगा. उसका एक हाथ पैंटी मे चुत पर था. अब रामकुमार ने ज़बरदस्ती मेरी बेहन शालु की ब्रा और पैंटी भी उतार दी. मेरी बेहन शालु पूरी तरह नंगी थी .रामकुमार भूखे भेड़िए की तरह शालु पर टूट पड़ा. उसने शालु को सिदा किया और अपने लंड के सुपडे को शालु की चुत पर रख दिया. शालु की चुत सीस्या गई. रामकुमार ने बिना देर किए एक झटका मारा और शालु की चुत को फाड़ता हुआ लंड अंदर तक घुस गया. शालु के मूंख से चीख निकल गई और वो झटपटाने लगी.

रामकुमार बेदर्दी से धक्के मार रहा था. रामकुमार का लंड बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर जा रहा था/ शालु के मुँह से दर्द भारी सिसकारिया निकल रही थी.रामकुमार शालु की चुचियो को नींबू की तरह निचोड़ रहा था.वासना का तूफान चरम पर था मेरी बेहन को भी मज़ा आने लगा .काफ़ी चुदाई के बाद रामकुमार ठंडा पड़ गया और अपने लंड का पानी शालु की चुत मे ही झोड़ दिया. रामकुमार का लंड खून से भीग कर लाल हो गया था. मेरी बेहन की कुवारि चुत फट चुकी थी.और सूज गई थी .बारिश भी रुक गई थी. रामकुमार उठ कर सॉफ होने चला गया. मेरी बेहन भी फ्रेश हो गई और दोनो घर आ गये.

बाद मे मेरी बेहन शालु को रामकुमार ने कई बार चोदा. रामकुमार ने बताया की वो रेखा और उसकी मम्मी को भी चोद चुका है. रेखा ने ही रामकुमार को मेरी बेहन की चुदाई करने को कहा था रेखा प्लॅन बनाया थी किस तरह से रामकुमार मेरी बेहन को पटा कर चोदेन्गा.रेखा का प्लॅन कामयाब हो गया था. मेरी कुँवारी बेहन का भोग रामकुमार ने लगा लिया. बाद मे रेखा ने मेरी बेहन को ब्लॅकमेल करके अपने भाई से ही उसके घर पर चुदवा दिया. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके