बहन की ख्वाइश • Kamukta Sex Stories

बहन की ख्वाइश

हाय दोस्तो मैं आज आपको एक बात बताने जा रहा हू ये बात मेरी और मेरी चचेरी बहन की है आज से कुछ साल पहले जब मैं कभी सालो के बाद अपने गाव गया था पहले जब जाता था तब वो बहुत छोटी थी उसे सब बहुत प्यार करते मैं भी बहुत करता था पर तब की बात अलग थी अब वो बड़ी हो गयी थी और बहुत ज़्यादा तो नही लेकिन अछी लगती थी उस दिन मैं अपने कमरे मे था तभी मुझे कुछ खाने का मन हुआ तो मैने सोचा उससे कह देता हू वो पास वाली शॉप से ले आएगी क्योकि मुझे शॉप कहा ये पता नही था

लेकिन जब मैं उसके रूम पर गया तो देखा कोई था नही मुझे लगा सब खेत पर गये होंगे फिर मैने सोचा की अगर सब गये हैं तो रूम बाहर से बंद होता सो मैं और अंदर वाले रूम मे जाने लगा फिर मैने सोचा देखू वो क्या कर रही है कही कोई बाय्फ्रेंड से फोन पर बात तो नही कर रही है क्योकि आज कल की लड़किया बहुत कम होती है जिनके बाय्फ्रेंड नही होते तो मैं बिना आवाज़ किए अंदर गया तो मैने देखा कमरा अंदर से बंद था और किसी चीज़ की आवाज़ भी नही आ रही थी फिर मुझे थोड़ा थोड़ा शक होने लगा सो मैं बाहर आ गया और हमारे यहा कच्चे घर है सो उपर से खपड़ाई लगी है तब मैं बगल वाली छत पर चढ़ गया और मैने एक खपड़ायल को आराम से हटाया तो मुझे कुछ नही दिखा क्योकि लाइट बंद थी

फिर भी मैं वही देखता रहा पलंग हिलने की आवाज़ हा रही थी सो मैं वही देखता रहा बिना आवाज़ किए फिर कुछ देर मुझे लगा कोई उड़ा और फिर लाइट जली मुझे जिसका डर था वही हुआ वो मेरी चचेरी सिस्टर थी जिसका नाम सुनीला था वो अपनी सलवार को पहन रही थी मुझे यकीन हो गया की अपने चूत मे ज़रूर उंगली घुसा रही होगी क्योकि अंधेरे मे बाल तो साफ होते नही पर मुझे अब उसे रंगे हाथ पकड़ना था यही मैं सोचता रहा कैसे मुझे कुछ दिन मे वापस भी आना था तो मैं अक्सर उस पर नज़र रखता पर जब भी वो कुछ करती हमेशा लाइट बंद करके ही करती लेकिन कुछ दीनो के बाद वो मौका मिल गया उस दिन चाचा, चाची और छोटी बहन को मामा के यहा जाना था तो उन्होने कहा तुम तो रहोगे ही खाना सुनीला बना देगी कोई दिक्कत हो तो बताना तो मैने कहा मैं कुछ काम से बॅंक जाउन्गा 4 बजे तक आ जाउन्गा तो चाचा ने कहा ठीक है 7,8 बजे तक हम भी आ जाएँगे

फिर वो चले गये मैं भी बॅंक के बहाने से चला गया फिर मैं आधे घंटे के बाद वापस आया तो मैने देखा की बाहर का गेट अंदर से बंद है तो बिना शोर किए आ गया फिर मैं बगल वाली छत पर जा कर के देखा तो आज लाइट जल रही थी फिर मैने धीरे से 2 खपड़ायल हटाई तो देखा सुनीला बिल्कुल नंगी थी और लेट कर अपनी चुचि और चूत को मसल रही थी और फोन मे ना जाने क्या देख रही थी शायद कोई ब्लू फिल्म देख रही थी कुछ देर ऐसा करते करते उसने अपनी चूत मे उंगली घुसा ली और अंदर बाहर करने लगी और उंगली को निकालकर फिर अंदर घुसाती और ज़ोर ज़ोर से हिलाती फिर वो बिस्तर से उड़ कर शीसे की तरफ़ जाने लगी फिर उसने शीशे मे खुद को देहाते हुए चुचि को मसलने लगी और चूत को भी रगड़ने लगी शायद उसकी चूत पर बाल ज़्यादा थे उपर से साफ साफ दिख नही रहा था

फिर उसने एक पेटिकोट लिया और उसे पहना और चुचि के उपर से बाँध लिया फिर वो कमरे से बाहर जाने लगी तो मैने सोचा अब क्या करे पर अब मुझे किसी भी तरह उसे देखना था सो मैं बिना डरे धीरे धीरे आँगन की छत की और चल पड़ा वो मेरे कमरे की छत से जुड़ी थी पर अगन मे जाने के लिए मुझे दूसरी तरफ से उसकी छत पर चढ़ कर जाना पड़ेगा उधर से उतरना आसान है मुझे तो अब उसका नशा चढ़ गया था सो मैं बिना डरे दीवार से चढ़ कर छत को उपर करके आँगन मे देखा वा नही थी तो मैं धीरे से उतर के छुपने लगा तभी मुझे लगा की बाथरूम मे कोई है सो मैं धीरे से कमरे मे चला गया तो वाहा देखा की उसकी पैंटी ब्रा सलवार समीज़ थी

और उसका फोन भी वही था जिस पर एक ब्लू फिल्म रुकी हुई थी मैने उसकी पैंटी उठा कर देखा तो गीली गीली लग रही थी उसका कलर ब्लू था और ब्रा भी ब्लू ही थी तो मैने उसकी ब्रा पैंटी फोन उठा के जेब मे रख ली वो बहुत सॉफ्ट थी लोवर की जेब मे आराम से आ गई फिर मैं बाहर आया उस बाथरूम मे गेट नही है केवल परदा ही लगा था और उपर से भी खुला था जब मैने देखा तो उसने परदा गिराया ही नही था उसे लगा होगा सब तो बाहर गये है कोई दिक्कत नही होगी मैं चुपके से दीवार की आड़ से उसे देखने लगा वो नंगी नहा रही थी मेरा लॅंड तो एकदम जोश मे आ गया उसका भीगा बदन देख कर दिमाग़ मे नशा सा छा गया और मैं अपना लॅंड पकड़ कर हिलने लगा वो अपनी चूत को अछी तरह से साफ करके और गॅंड को भी रगड़ रगड़ कर साफ कर रही थी

फिर वो उठी और अंदर आने लगी मैं अब क्या करो कहा जाउ तो मैं जल्दी से दरवाजे के पीछे छुप गया और वो अंदर आई और अपने कपड़े उठाने लगी ब्रा पैंटी फोन नही पाकर वो परेशान होने लगी वो कभी बेड पर तो नीचे देखती तो मैने सोचा अब इससे अछा मौका नही मिलने वाला मैने कहा क्या ढूंड रही हो उसने मेरी आवाज़ सुनते ही मेरी तरफ देखा तो डर गई और कहने लगी आप यहा कैसे

फिर उसने तुरंत अपने समीज़ से अपना बदन ढकने लगी तब मैं निकला और पूछा क्या ढूंड रही हो तो वो कहने लगी कुछ नही आप यहा कैसे आए आप तो बॅंक जाने वाले थे मैने कहा वो तो बहाना था तुम्हे जो ऐसे देखना था तब उसने कहा क्या देखना था मैने कहा जो तुम कर रही थी नंगी होकर मेरी जान ये लो अपनी पैंटी ब्रा और फोन मैने उसे दे दिया और कहा ग़लत काम मत करना कभी फिर मैं बाहर जाने लगा तो वो कही ग़लत काम ना हो इसलिए ऐसा करती हू वरना बहुत लड़के मरते है मुझ पर मेरे साथ सोना चाहते है पर अपनी इज़्ज़त नही गवाना चाहती हू पर मेरा भी दिल करता है तब मैने कहा तो मैं तुम्हारी मदद करू तो बोली कैसे मैने कहा पहले मेरे पास आओ

फिर मैने उसे लिटाया और उसके होटो को चूस चूस कर लाल कर दिया और उसकी चुचि को मसलने लगा उसने कहा अपने कपड़े तो उतारो भैया मैने कहा भैया मत कहो और उतार दो मेरे कपड़े उसने तुरंत मेरी लोवर निकाल दी फिर टी शर्ट अब मैं केवल अडरवेर मे था मैने कहा इसे कोण निकालेगा तो कहने लगी मुझे शरम आ रही है मैने उसे खुद निकाला तो मेरा लॅंड देखकर वो शरमा गयी फिर मैने उससे कहा इसे पकडो तो उसने पकड़ा शायद उसने पहली बार ही पकड़ा था सो वो आराम से पकड़ी थी मेरे लॅंड एकदम खड़ा हो गया मैने उससे कहा इसे प्यार नही करोगी तो उसने कहा मैं क्या करू तो मैने कहा चूसो उसने मना कर दिया मैने कहा क्यो क्या हुआ तो कहने लगी मुझे शरम आ रही है

फिर मैने उसे गोद मे उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया उसका नंगा बदन मस्त लग रहा था उसकी चुचि मज़े से दबा रहा था वो भी मेरा साथ दे रही थी फिर उसकी चुत जिसमे कभी बाल थे फिर उसमे एक उंगली डाली और अंदर तक पहुचा दिया वो गीली हो चुकी थी फिर मैने उसे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया पहली बार था तो मुझे समझ मे नही आ रहा था की सीधे लॅंड घुसा डू या कुछ देर मस्ती करू ये पता नही क्या चाहती है तो कुछ देर करने के बाद वो अकड़ने सी लगी तो मैने और तेज करने लगा फिर एकदम टाइट हो गयी और मुझे कसकर पकड़ लिया और पैर को सटाने लगी पर मैने उंगली चलना बंद नही किया फिर वो शांत हो गयी और मेरे उपर आकर लेट गयी फिर मैने अपना लॅंड उसे चूसने को कहा तो उसे पकड़ कर अपनी जीभ निकालकर उसे चाटने लगी मैने मूह मे डालने को कहा तो उसने मना कर दिया

फिर मैने बिना देर किए उसे अपने उपर से हटाकर नीचे लिटाया और उसकी टाँगे फैला कर उसकी चुत मैं लॅंड रखकर रगड़ने लगा और फिर जब वो अपनी टांगे को मोड़कर और फैला दी मैने एक ज़ोर का झटका दिया और आधा लॅंड उसकी चुत मे चला गया और एकदम से रोने लगी मैने उसके मूह पर अपने होट रखकर चूसने लगा और कुछ देर बाद फिर से पूरा अंदर घुसा दिया पूरा जाते ही उसके आँसू निकल गये पर मैने बिना कुछ सोचे उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा वो कराहने लगी मैं चोदता रहा जब तक की मेरा पानी नही निकल गया

फिर उसकी चूत से लॅंड निकाला और उसे देखा तो वो जैसे होश मे ही न हो मैने उसे बुलाया पूछा क्या हुआ तो बोली कुछ नही बस ऐसे लेटे रहो मेरे पास तो मैने कहा टाइम नही है हमारे पास अंकल आंटी आते ही होंगे चलो उठो नहा कर फ्रेश हो जाओ बाकी सब फिर कभी कर लेंगे तो उसने कहा बहुत दर्द हो रहा है चला नही जा रहा है उठा के ले चलो तो मैने उसे गोद मे उठाया और बाथ रूम मे ले के छोड़ दिया वो धीरे धीरे नहाने लगी मैने उसे कहा अब तो चूस लो लॅंड को तो कहने लगी क्यों नही उसने लॅंड पर पानी डाल कर साफ किया और अपने मूह मे ले कर चूसने लगी

मन तो कर रहा था की चुसते चुसते पानी ही निकाल दू पर वो कहने लगी अब जाओ नही तो कोई आ गया तो प्रॉब्लम हो जाएगी फिर मैं वापस चला आया उसके बाद तो कई बार मुझसे चुदि और मैं उसे अपने घर भी लाया इंग्लीश पढ़ाने के बहाने से और जी भर के चोदा और उसे अपने दो दोस्तो से चुदवाया उसकी मर्ज़ी से……. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके