bhabhi ki bhai se chudai ki • Kamukta Sex Stories

भैया भाभी को चोद रहे थे और मैं अपने कमरे में भाभी के भाई का लन्ड चूस रही थी

हाय फ्रेंड्स मेरा नाम कनिका है। मै बचपन से ही परियो की तरह बेहद खूबसूरत थीं। मेरी बॉडी एक दम फिट है। जब भी मै बाहर निकलती हूँ। सारे लोग मेरे को ही ताड़ने लगते है। मै अपने घर की अकेली ही लड़की हूँ। बचपन से ही मैं बहुत लाड प्यार में पली बड़ी हुई। बचपन में मेरे को पता ही नहीं था कि ये चूत बूब्स और गांड इन सब को गुप्तांग कहते है। पहले मै अक्सर लड़कों के साथ खेलती थी। वो सारे मेरे से बड़े होते थे। उन्हें सब कुछ पता था। वो मेरे दूध को पकड़ कर दबा देते थे। लेकिन मेरे को उस समय इन सब के बारे में कुछ पता भी तो नहीं था। उस समय मेरे चूचे बिल्कुल कलियों जैसे छोटे छोटे थे। मै भी कभी कभी दबा लेती थी। लेकिन दबाने पर कुछ और करने को मन करने लगता था। शायद उस समय मेरे को जोश आ जाता था।हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉटकॉम

उम्र के साथ साथ इन सबकी नॉलेज बढ़ती गयी। मेरे को हर एक गुप्तांग का सही मायने पता चल गए। जो लड़के बचपन में मेरी चूंचियो से खेला करते थे। वो आज भी मेरे को ताड़ते रहते हैं। मेरे को शर्म आ जाती है। जब वो मेरे को देखते हैं। फ्रेंड्स अब मैं अपनी कहानीं पर आती हूँ। ये कहानीं 3 साल पुरानी है। जब मैं 24 साल की थी। मेरे भाई की शादी हो चुकी थी। भाभी जी मेरे घर पर ही रहती थी। एक दिन उनका छोटा भाभी को लेने आता हुआ था। देखने में वो भी बहुत ही स्मार्टन और आकर्षक पर्सनालिटी वाला बन्दा लगता था। उसका नाम रघुनाथ था। लेकिन उसे सब रघु कहते थे। भैया की शादी में वो मेरे को बहुत ही पसन्द आया था। मेरा मन तो उसी से शादी करने को कर रहा था। लेकिन अब उस घर में मेरी शादी नहीं हो सकती थीं। उसे देखकर मेरे मन ने हिलोरे मारने लगते थे।

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उसे अपने घर में देखके मेरे को चुदने का मन करने लगा। वो भी मेरे को पसंद करता था। मेरे को वो भी जब देखता था तो एक टक लगाए रह जाता था। पहुचते ही सबसे पहले उसकी मुलाकात मेरे से ही हो गयी। बोलने में वो बिल्कुल ही शर्म नही करता था। मेरे को देखते ही वो कहने लगा

“क्या बात है कनिका जी आज कल तो कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही हो” रघु बोला
“आज कल का क्या मतलब?? शादी के बाद आज हम लोग मिले हैं” मैंने कहा
“बड़ी लंबी स्टोरी है मैडम जी बाद में बताता हूँ” रघु ने कहा

इतना कहकर वो घर के अन्य सदस्यों से मिलने लगा। मेरे दिमाग में बस उसकी लंबी स्टोरी वाली बात घूमती रही।मेरे को कुछ समझ में ही नही रहा था। एक बात तो थी की कुछ गड़बड़ है ये मेरे को लग रही थी। मेर्क दादी भी एक नंबर की बातूनी औरत थी। किसी को भी पास बिठाकर बक.. बक… बक लगाए रहती थी। मैंने किसी तरह से उससे बात करने की लाख कोशिश की लेकिन हर बार कोई ना कोई आ जाता था। मै अंदर ही अंदर घुट रही थी। बाद में मौक़ा मिला ही नहीं। मेरे साथ रात को खाना खाया उसके बाद वो मेरे साथ ही बात करते करते वो मेरे साथ मेरे रूम में ही बैठ गया। मेरे से बात करते हुए 11 बज गए। वो पास में पड़े सोफे पर बैठा हुआ। घर के सारे लोग सो रहे थे। भाभी के कमरे के बगल से ही बॉथरूम में जाने का रास्ता था। मै बॉथरूम में जा रही थी।

मेरे को भाभी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। मैं चुपके से धीरे धीरे जाकर रघु को लेकर आई। वो अपनी बहन की चुदाई की आवाज सुन रहा था। मेरे साथ वो भी खड़ा रहा। हम दोनो को वो आवाज किसी मस्त धुन की संगीत से कम नहीं लग रही थी। मै हँस पड़ी। उसने मेरे को दबा लिया और बिस्तर पर ले गया। मेरे को पकड़कर उसने ऊपर चढ़ लिया।

“तेरी बहन को मेरा भाई चोद रहा है! तू बैठा सिर्फ आवाजे सुन” मैंने कहा
“उसने मेरी बहन को चोदा! मै उसके बहन को बिना शादी के ही चोदूंगा” रघु ने बहुत ही हवस भरे स्वर में कहा
मै तो अंदर ही अंदर बहुत खुश ही रही थी। लेकिन मेरे को क्या पता था कि वो पहले भी यही बात बताने वाला था। मै चुपचाप लेटी रही।
“तू मेरा साथ दे तो तेरे को अभी ही चोद लूं” रघु ने कहा
“तू अपनी बहन के चुदने का बदला अपने जीजा की बहन को चोद कर पूरा करेगा” मैंने कहा

“ऐसी कोई बात नहीं है। मैं तो पहले से ही तुझ पर फ़िदा था। ये बात सिर्फ मेरी बहन जो ही पता था” रघु इतना कहकर अपना फ़ोन निकालने लगा
अपना फ़ोन निकाल कर मेरी ढेर सारी तस्वीरे दिखाने लगा।
“मेरे जगह मेरे बड़े भैया ही आने वाले थे दीदी को लेने। लेकिन तुमसे मिलने के बहाने में मै खुद ही चला आया” रघु बोला

तब जाकर मेरे को यकीन हुआ की रघु सच बोल रहा है। सारे लड़के तो सिर्फ बहाना ढूंढते हैं लेकिन ये तो सब सच सच बता रहा है। मै तो पहले से ही उससे चुदने को राजी थी। बात सिर्फ इतनी थी की वो मेरे को चोदेगा तो कैसे! मैं दरवाजा भी नहीं लॉक कर सकती थीं। दरवाजा बंद करती तो कोई देखता तो शक हो जाता। मैने कुछ देर तक इधर उधर देखा। उसके बाद सबके रूम में जाकर देखा तो सारे लोग टांग फैलाये सो रहे थे। मै जल्दी से आकर रघु से लिपट गयी। हम दोनों एक दूसरे से खुल के प्यार करने लगे। वो मेरी पीठ पर हाथ रखकर सहला रहा था। मैं भी उसे जम कर प्यार कर रही थी। जैसे हम दोनों पागल से होने लगे थे। जोश में आकर हमे ये भी नहीं होश रहा की घर में और भी लोग हैं। रघु ने मेरे बालो को पकड़कर खींचा। तो मैं गर्दन उठाकर ऊपर कर ली। वो मेरे गले पर ही अपने लबो को लगाकर प्यार करने लगा। जैसे ही वो मेरे को प्यार करना शुरू किया था। मैं तो गर्म होकर अपने कपडे उतारने को राजी हो गयी।

उसके बाद बिना कुछ सोचे समझे मेरे को बिस्तर पर पटकते हुए मेरे को किस करने लगा। आज वो किसी कुत्ते से कम नहीं लग रहा था। मेरे को नोच नोच कर सता रहा था। मेरी गुलाब जैसे होंठो को चूस चूस कर सारा रस निचोड़ रहा था। मेरी रसभरी भरी होंठ का रसपान करके उसे काट काट कर मेरे को गर्म कर रहा था। मै धीरे धीरे बहुत ही गर्म हो गयी । वो मेरे होंठो को काट कर मेरी सिसकारियां छुड़वाने लगा। मै हांफती हुईं“…..ही ही ही……अ अ अ अ उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” की आवाज निकालने लगी।

“रघु थोड़ा रुको आराम कर लो! मेरी साँस फूलने लगी है” मैंने कहा

उसने मेरे होंठो को पीना बंद किया। लेकिन वो और भी ज्यादा कुछ करने की सोच रहा था। जिसका मेरे को अंदाजा ही नहीं था। मैने उस दिन ब्लू कलर की सलवार समीज पहने हुई थी। रघु मेरे हाथों को उठाकर उसने मेरी समीज निकाल दी। अब मैं उसके सामने ब्रा में बिस्तर पर बैठी थी। मेरे दोनों गोरे गोरे दूध को देख कर पागल की उन पर झपट पड़ा। जल्दी से दोनो हाथो में लेकर जोर जोर से दबाने लगा। मेरी ब्रा को निकाल कर उसने। निप्पल से खेलना शुरू कर दिया। एक निप्पल को मुह में भर कर दूसरे को पकड़ कर खीच रहा था। जोर जोर से मेरे दूध को पीकर चप … चप की आवाजे निकाल रहा था। मेरे को पहले सिर्फ यही पता था कि दूध को दबाया जाता है। लेकिन वे तो बच्चो की तरह पीने लगा था। मेरी चूत में उसका लंड खाने की गजब की बेकरारी छा गई।

वो जीन्स पैंट और शर्ट पहना हुआ था। इतने में रघु ने अपना बेल्ट खोलकर पैंट को निकाला। उसका लंड अंडरवियर में फूला हुआ दिख रहा था। अंडरबियर को निकालते ही उसका लंड खड़ा हुआ दिखाई देने लगा। उसके लंड के नीचे की दोनों गोलियां लटक रही थी। उसने अपने लंड को पकड़कर हिलाना शुरू किया। उसका लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा। दोनों गोलियां भी हवा में लहराने लगी। मेरे को उसके लंड छूकर ब्लू फिल्मो की तरह चूसने का मन करने लगा। मैंने डरते हुए उसके लंड को पकड़कर अपने होठ से टच कराते हुए चूसने लगी। उसके लंड को जोर जोर से चूसने लगी। उसका लंड टाइट हो गया।
“बार बार वो मेरे को और जोर से चूसो!! चूसो!!!” कहकर अपना लंड चुसा रहा था। मेरे तेज लंड चुसाई ने उसका माल निकाल दिया। मेरे को उसका माल कुछ नमकीन सा लगा। सारा माल मै चाट गयी।

फिर उसने मेरे को अपने करीब खींचकर मेरी सलवार का नाडा खोलने लगा। सलवार को निकालकर मेरे को पैंटी में कर दिया। मै पैंटी में ही बिस्तर पर लेट गयी। उसने मेरी पैंटी पर हाथ लगा दिया। मेरी चूत को मसलते हुए मेरे को जोश दिलाने लगा। उसका मौसम फिर से बनने लगा। वो मेरी चूत को मसल मसल कर गरम कर रहा था। पैंटी को निकालकर उसने अपना मुह डायरेक्ट मेरी चूत पर लगा दिया। दोनों हाथों से मेरी टांगो को फैलाये हुए मेरी चूत चटाई कर रहा था। मै सुसुक सुसुक कर “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज छोड़ रही थी। उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। मै भी “आहहहहह….मेरे लंड के राजा!! ई ई ई– सी सी सी और चाटो..मेरी कमसिन चूत को!!” कहकर चूत चटा रही थी।

मेरी चूत के दाने को काट काट कर मेरी गांड उठवा रहा था। मै भी गांड उठवा उठवा कर मजे लेकर अपनी चूत पिला रही थी। मेरी चूत को लगभग उसने 10 मिनट तक चाटा। मेरे से रहा नहीं जा रहा था। अब मुझसे नहीं रहा जाता रघु “आहहहहह!! अब नहीं रहा जा रहा है. जल्दी करो शांत कर दो मेरे चूत की आग को मेरे राजा!” कहकर उससे अपनी चूत फाडने के लिए विनती करने लगी। उसने अपना लंड मेरी चूत में बार बार अपना लंड रगड़ने लगा। उसका टोपा मेरी चूत पर रगड़ रगड़ कर फूल गया। उसने अपने टाइट लंड को मेरी चूत के छेद पर लगा दिया। मेरी टाइट चूत में उसका टाइट लंड घुस ही नही रहा था। बहोत देर की मसक्कत के बाद किसी तरह से उसने अपने लंड का टोपा अंदर घुसा दिया। मेरी तो जान ही निकाल दी। मै जोर जोर से “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” चिल्लाने लगी।हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉटकॉम

उसने अपना होंठ मेरी होंठो पर रख कर आवाज को दबा दी। धक्के पर धक्का मार कर अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ कर दिया। उसके बाद उसने जोर जोर से चुदाई करनी शुरू कर दी। उसका लंड मेरी चूत में जल्दी जल्दी अंदर बाहर होने लगा। मेरी चूत फट गयी। मेरे को बहोत दर्द हो रहा था। मेरी टांगो को उठाये हुए वो मेरी चूत को अच्छे से फाड़ रहा था। मेरी चीखने की आवाज को बंद करने के लिये अपना होंठ मेरी होंठ से सटा दिया। अपनी कमर को उठा उठा कर मेरी चूत में लपा लप पेल रहा था। मेरी होंठ चुसाई के साथ मेरी चुदाई कर रहा था। मैं अपनी चूत पर उंगलियों से मसाज करके जोर जोर से “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई…अई…..” की आवाज निकाल रही थी। कुछ ही देर बाद मेरी फटी चूत का दर्द आराम हो गया।

मै भी अब जोर जोर से चोदो! और चोदो! फाड़ डालो मेरी चूत! की आवाज निकाल कर उसे तेज चोदने को उत्तेजित कर रही थी। वो मशीन की तरह खच खच खच खच मेरी चूत को चोद रहा था। कुछ देर तक मुझे ऐसे चोदने के बाद उसने मेरे को उठा लिया। मेरे को उसने अपने गोद में ले लिया। मै उसका गला पकड़ कर चुदवा रही थी। मेरे को हवा में उछाल कर चोद रहा था। मेरे को उछल के चुदवाने में बड़ा मजा आ रहा था। वो जोर जोर से मेरे को उछाल कर चोद रहा था। उसका लंड भी बहोत अच्छे से सेट था। मेरे दूध उसके मुह के सामने लटक रहे थे। मेरे दूध को पीकर वो मेरी चुदाई करने लगा। अचानक उसके चोदने की स्पीड बढ़ने लगी।हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉटकॉम

मेरी चूत में अपना लंड वो जोर जोर से पेल कर मेरी “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की चीख निकलवा दी। उसके लंड का रगड़ मेरी चूत बर्दाश्त न कर सकी। मै झड़ गयी। रघु भी झड़ने की स्थिति में पहुच गया। वो और जोर जोर से चोदने लगा। आख़िरकार वो मेरी चूत में झड़ ही गया। उसने कुछ देर बाद अपना लंड मेरी चूत से निकाला तो सारा माल चादर पर बिखर गया। हम दोनों रात भर चुदाई का आनंद लेते रहे। सुबह होते ही वो मेरे रूम में सोफे पर और मै बेड पर सो गयी। घर वालो को कुछ पता ही नहीं चला।