भाभी की छोटी सिस्टर • Kamukta Sex Stories

भाभी की छोटी सिस्टर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रूपेण है और में मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरीयह दूसरी स्टोरी है।दोस्तों में आपनी भाभी को चोद रहा था कि तभी भाभी की छोटी सिस्टर जिसकी उम्र 18 साल होगी और 12वीं क्लास में थी, वो स्कूल की जल्दी छुट्टी होने से घर आ गई थी और सीधी उसकी बड़ी सिस्टर यानी भाभी के बेडरूम में ही आ गई थी। फिर जब वो आई तो मेरा पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में घुसा हुआ था। यह देखकर वो एकदम से बेडरूम से बाहर चली गई और फिर हम हमारा काम खत्म करके बाहर आए तो वो स्कूल यूनिफॉर्म में बाहर बैठी थी। तब उसने भाभी से पूछा कि यह कौन है? तो तब उसने जवाब दिया कि यह लव करने की मशीन है।

फिर उसने पूछा कि तुम क्या कर रही थी? तो तब वो बोली कि जवानी का मज़ा लूट रही थी, जो तुम्हारे जीजा नहीं दे सकते, इसने मुझे जवानी का सही मज़ा दिया है और तुम चाहती हो तो तुम भी मज़ा कर सकती हो, मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है। तो यह सुनकर उसकी आँखे भी चमक गई और फिर वो कहने लगी कि में भी कब से एक लंड ढूंढ रही थी? क्योंकि में तुम्हारे बेडरूम में से ब्लू फिल्म की सी.डी ला-लाकर देखा करती हूँ और मेरी चूत में फिंगरिंग किया करती हूँ और अब में फिंगरिंग से बोर हो चुकी हूँ, मुझे भी एक बड़ा लंड चाहिए और फिर वो मेरे पास आई और मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को हाथ लगाया और कहा कि चलो अब मुझे मज़ा दो, लेकिन भाभी ने कहा कि आज नहीं, आज तेरे जीजाजी का आने का वक़्त हो गया है, कल तू स्कूल से जल्दी आ जाना, में इसको बुला लूँगी तो वो मान गई।

फिर भाभी ने मेरी आँख पर पट्टी बांधी और मुझे जहाँ से कार में बैठाया था, वहाँ आकर छोड़ गई। फिर दूसरे दिन ठीक उसी वक़्त में वहाँ जाकर खड़ा हुआ और फिर भाभी आई और मुझे पट्टी बाँधकर उसके बंगले पर ले गई। फिर में अंदर जाकर बैठा तो मुझे उसकी सिस्टर दिखाई नहीं दी। तब भाभी बोली कि वो आ जाएगी एक बार मुझे चोद लो और फिर हमने फिर से अपना खेल शुरू किया। अब भाभी को करीब 25 मिनट तक चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था। तब भाभी ने कहा कि बाहर निकालो। तो तब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और भाभी के ऊपर छोड़ दिया, तो यहाँ मेरा पानी निकला और वहाँ उसकी सिस्टर की एंट्री हुई। फिर वो मेरा लावा देखकर हमारे पास आई और बोली कि यह क्या है?

तब भाभी ने कहा कि यह लव की मलाई है और बहुत टेस्टी होती है, जब तुम करोगी तब भी निकलेगी और फिर भाभी बेड पर वैसे ही लेटी रही। फिर उसकी सिस्टर मेरे पास आई और बोली कि चलो आज मुझे जवानी का पहली बार मज़ा दो और मेरे लंड को पकड़ लिया और कहा कि में ब्लू मूवी की तरह तुम्हारा लंड अपने मुँह में लूँगी और सक करूँगी और देखूँगी की चूसने से क्या होता है? और फिर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर सक करने लगी थी। वो बहुत ही मजेदार वक़्त था कि दो बहनों को साथ में चोदने का मुझे मौका मिला था, एक तो अभी वर्जिन थी और अब मुझे वर्जिन चूत मिल रही थी। अभी वो स्कूल ड्रेस में ही थी और वो जब बैठकर मेरा लंड सक कर रही थी, तो तब उसका स्कर्ट ऊपर हो गया था और उसकी स्कर्ट में से उसकी पेंटी दिख रही थी। फिर मैंने उसके बूब्स को सहलाना शुरू किया और साथ-साथ उसकी पेंटी पर भी अपना हाथ फैरना शुरू किया। अब उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब हम दोनों को भाभी देख रही थी।

फिर थोड़ी देर तक मेरा लंड सक करने के बाद में उसके मुँह में ही झड़ गया और मेरा सारा लावा उसके मुँह में ही निकाल दिया था। अब मेरे पूरे वीर्य से उसका मुँह भर गया था। तभी भाभी ने कहा कि तुम इसको पी जाओ, बड़ा मज़ा आएगा। तो वो मेरा सारा वीर्य पी गई और बोली कि यह बहुत टेस्टी है। फिर मैंने उसको उठाया और उसकी स्कर्ट को खोल दिया। अब वो सिर्फ पेंटी थी। फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी। अब में उसकी चूत देखकर हैरान हो गया था, उसकी चूत बहुत ही पिंक थी और अभी उसके चूत के बाल भी बहुत कम थे, उसके गोल्डन कलर के बाल से उसकी गुलाबी चूत और भी सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने उसको भाभी के बाजू में लेटा दिया और उसकी चूत को सक करने लगा था। अब वो भी आआआआआ, उहह करने लगी थी और बोली कि और सक करो, यह मुझे बहुत हैरान करती है, पूरा दिन किसी लड़के को देखकर मचलती है, आज तुम इसका मचलना शांत कर दो, में इसको फिंगर से कर-करके थक चुकी हूँ, आज तुम मुझे चोदकर इसको शांत कर दो और फिर वो मचलने लगी थी।

फिर थोड़ी देर तक सक करने के बाद उसकी चूत में से पानी झड़ना शुरू हो गया और अब उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी। फिर मैंने सोचा कि यही सही वक़्त है अंदर डालने का। तब में तुरंत उठा और अपना लंड उसकी चूत पर टिका दिया और अभी मैंने थोड़ा ही लंड डाला था कि वो चीखने लगी और कहने लगी कि बहुत दर्द हो रहा है, तुम अपना लंड बाहर निकालो, मुझे नहीं पता था कि लंड लेने से इतना दर्द होता है, तुम इसको बाहर निकालो और मुझे धक्का दे दिया। तभी भाभी आई और कहने लगी कि फर्स्ट टाईम दर्द होगा, लेकिन फिर मज़ा आएगा, लेकिन वो एक नहीं मानी। तब भाभी ने मुझसे कहा कि चलो तुम दूर हो जाओ, इसको मत चोदो, इसको नहीं चुदवाना है और यह कहकर मुझे थोड़ा दूर ले गई और बोली कि में उसको पकड़ती हूँ।

फिर में इशारा करूँ तो पूरी ताकत से घुसा देना, में उसका मुँह बंद कर दूँगी और फिर भाभी उसके पास गई और अपनी छोटी सिस्टर के बड़े-बड़े बूब्स चूसने लगी और किसिंग करने लगी थी। अब वो उसके पेट पर बैठ चुकी थी। अब उसकी टाईट चूत मेरे सामने थी, लेकिन वो मुझे नहीं देख पा रही थी। अब में अपने लंड को पकड़कर खड़ा था। तभी भाभी ने मुझे इशारा किया की हमला कर दो। फिर में सीधा उसके पास गया और उसकी दोनों टांगो को फैलाकर एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया और अब उसकी चूत के अंदर से खून की बौछार शुरू हो गई थी। अब उसका मुँह भाभी ने अपने मुँह से बंद किया था वरना वो पूरे मौहल्ले को इक्कठा कर देती, अभी उसकी आँखों में से आँसू निकल रहे थे और पूरी बेडशीट खून से खराब हो चुकी थी। फिर में धीरे-धीरे हिलने लगा और फिर 15 मिनट के बाद झड़ गया और अपना लंड बाहर निकाला। तब उसने कहा कि मुझे मज़ा तो नहीं आया, लेकिन दर्द बहुत हुआ, अब में कभी नहीं चुदवाऊँगी।

तब भाभी ने कहा कि कोई बात नहीं अगली बार चुदवाना। अब तुमको मज़ा आएगा और फिर मुझसे कहा कि में इसकी चूत में रोज फिंगर कर-करके ढीली कर दूँगी, उसके बाद इसको चोदना वहाँ तक मुझे चोदते रहना और यह यहाँ खड़ी-खड़ी हमको देखा करेगी। फिर भाभी को मैंने एक बार और चोदा। फिर भाभी ने मुझसे कहा कि मेरे एक पड़ोसी है उसको भी अपनी गेम में शामिल करना है। तो तब मैंने कहा कि क्यों नहीं? लेकिन मुझे तो उसकी सिस्टर बहुत पसंद आ गई थी, क्योंकि उसकी इतनी टाईट चूत मैंने आज तक नहीं चोदी थी और अब मेरा मन कर रहा था की उसको एक बार और चोदकर जाऊँ। लेकिन भाभी ने मना किया कि उसकी चूत फट गई है और अभी भी थोड़ी-थोड़ी ब्लडिंग हो रही है इसलिए तुम थोड़े दिन रुक जाओ, फिर में तुम्हारा इंतज़ाम कर दूँगी वहाँ तक में और मेरी पड़ोसी से काम चलाओ ।।

धन्यवाद …