भांजी की चुत चुसाई • Kamukta Sex Stories

भांजी की चुत चुसाई

नमस्कार मित्रों मै मनोज रांची से हूं। आज मै आपके सामने अपने जीवन की एक सच्ची घटना एक कहानी के रूप में लेकर आया हूं। इस घटना ने मेरी पूरी सोच ही बदलकर रख दी। इस कहानी में पढिए, किस तरह से मै अपनी भांजी की ओर आकर्षित हुआ और फिर उसको भी अपने वश में करते हुए मैने उसकी चुत चुसाई कर दी। यह कहानी आज से तीन महीने पुरानी है, जब मेरी बहन उसकी बेटी के साथ कुछ दिनों के लिए अपने मायके आई हुई थी।
मेरी और मेरी भांजी उसका नाम प्रिया है, हम दोनों की पहले से ही अच्छी बनती है। कहानी से पहले मै आपको अपने बारे में बता देता हूं। मेरी उम्र अभी २९ साल है, और मेरी शादी अब तक नही हुई है। लेकिन अब घरवाले बहु ढूंढ रहे है। मेरी बहन का नाम अंजली है, वो भी दिखने में बहुत सुंदर है। उसकी बेटी प्रिया बिलकुल अपनी माँ पर गई है, वही रंग वही बातें। प्रिया की उम्र १९ साल है, और उसने अभी अभी बारहवी की परीक्षा दी है। उसे तो अब छुट्टियां चल रही थी, वो पढाई में ज्यादा होशियार नही थी। उसे घूमने का बहुत शौक था, तो वो जब भी यहां आती, हमेशा मुझे कहीं न कहीं चलने के लिए बोलती।
अब आपका अधिक समय ना लेते हुए मै सीधे कहानी पर आता हूं। अब की बार जब मेरी बहन और भांजी कुछ दिनों के लिए आए, तो मै उन्हें लेने के लिए स्टेशन पर गया। उन दोनों को देखते ही, मै एक बार को सब रिश्ते नाते भूल गया। दोनों मां बेटी बहुत ही सेक्सी लग रही थी। दोनों पूरी रात सफर करके आए थे, इसलिए उन्होंने नाइटी ही पहनी हुए थी। वहां पर जितने भी मर्द थे उन सबकी नजरें मेरी बहन और भांजी पर ही थी। सब इनको खा जाने वाली नजरों से देख रहे थे।
फिर जैसे तैसे करके हम सब घर आ गए। घर आते ही मां ने हमारा स्वागत किया, फिर कुछ हल्का खाने के बाद उन दोनों को आराम करने के लिए भेज दिया। एक तो मैने इन दोनों को बहुत दिनों बाद देखा था, तो उनमें काफी बदलाव आ चुके थे। जैसेही दोनों आराम करने के लिए गई, मै अपने काम के लिए निकलने लगा। आधे रास्ते मे जाकर पता चला कि, आज जो प्रेजेंटेशन है, उसकी फ़ाइल तो मै भूल ही गया। तो वापस घर जाकर वो फ़ाइल लाना जरूरी था। मै घर पहुंचकर अपने कमरे में गया, अंदर जाते ही मैने जो देखा, देखता ही रह गया।
मेरे कमरे में प्रिया आराम करने का बोलकर आई हुई थी। और अब वो कमरे में सो रही थी, उसने बस एक फ्रॉक पहना हुआ था। उसका फ्रॉक ऊपर उठकर उसके जांघो के पास तक खिसक गया था। मै जैसे ही अपने कमरे में दाखिल हुआ, मुजजे उसकी जांघे दिखाई दी, जिसे मै देखता ही रह गया। आज तक मेरे मन मे प्रिया को लेकर कभी कोई गलत खयाल नही आया, लेकिन आज उसे इस हालत में देखकर मेरा मन डोलने लगा था।

तो मै उसके पास जाकर बिस्तर पर बैठ गया, पहले तो उसे आवाज लगाई लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नही आया तो फिर मैंने उसे हल्के से हिलाकर देखा। तब भी वो उठी नही, इसका मतलब वो पूरी तरह से नींद के आगोश में थी, और मै इस बात का फायदा उठा सकता हूं। सबसे पहले मैने उसके फ्रॉक को ऊपर उठाकर उसकी कमर पर रख दिया, जिस वजह से अब मुझे उसकी पैंटी भी दिखने लगे गई थी। उसने नील रंग की पैंटी पहनी हुई थी, जिस पर फूलों का कोई पैटर्न बना हुआ था। और प्रिया की पैंटी उसकी चुत के पास हल्की सी भीगी हुई लग रही थी।

प्रिया की पैंटी देखने के बाद मै अपने आप को उसे टच करने से रोक नही पाया। अब प्रिया को मैने सीधा करके लिटाया और उसके पैरों को अपने हाथों से टच करने लगा। धीरे धीरे मै उसके पैरों से ऊपर की ओर बढ रहा था। उसकी जांघो तक पहुंचते ही मैने अपने सर को थोडा नीचे की ओर झुकाते हुए उसकी जांघो पर अपने होंठ रख दिए। और उसकी जांघो को चूमने लगा। मुझे उसकी मक्खन सी जांघो को चूमना बडा ही अच्छा लग रहा था। ऊपर से यह सब करते करते मेरा लंड मेरे पैंट में तंबू बनकर अटका हुआ था।

अब मुझे आफिस के लिए भी देर हो रही थी, तो मैने अब जल्दी निकलना ही ठीक समझा। जाने का तो मेरा बिल्कुल भी मन नही था, मन कर रहा था अभी इसको यहीं पर चोद दूं। लेकिन मैने अपने आप को रोकते हुए वहां से जल्द ही निकलने में ही अपनी भलाई समझी। निकलने से पहले मैने उसके होठों को एक बार चूमा और फिर अपनी फाइल लेकर वहां से निकल गया। वह पूरा दिन मेरे दिमाग मे प्रिया के ही खयाल आते रहे, आंखों के सामने उसकी गोरी चिकनी जांघे आ रही थी। काम करने में मुझे अब थोडा सा भी मन नही लग रहा था।
तो उस दिन मैने बॉस से कहकर हाफ डे ले लिया और जल्द ही घर की तरफ निकल लिया।

घर जाकर देखा तो सारे लोग कहीं बाहर घूमने के लिए जा रहे थे, उनकी जल्दबाजी चल रही थी। उन्होंने मुझे भी चलने के लिए कहा, लेकिन मैने थका हुआ होने का बहाना मार दिया। प्रिया शायद किचन में थी, मैने किंचन में जाकर पानी पिया, और प्रिया से बातें करने लगा। तो पता चला कि, प्रिया भी सबके साथ घूमने जा रही है। तो मैंने उससे कहा, “क्या प्रिया, तुम इन के साथ पक जाओगी, तुम एक काम करो, तुम कोई बहाना मारकर रुक जाओ, मै तुम्हे कहीं और ले चलता हूं। वहां हम दोनों ही मजे करेंगे।”

इस बात पर वो भी मान गई और तबियत ठीक ना होने का बहाना बनाकर घर पर ही रुक गई। सब घरवालों के जाने के बाद, वो मेरे कमरे में आ गई और अचानक मुझसे पूछने लगी कि, “मामा जी आप सुबह क्या कर रहे थे?”
उसके मुंह से यह सब सुनकर मै तो चौंक गया। मुझे तो लगा था कि वह नींद में है। जब मै पूरी तरह से चुप हो गया तब जाकर वह मेरे पास आई और मेरे गले लग गई। मुझे कुछ समझ नही आ रहा था। तो वो बोलने लगी कि, “मामा जी मुझे भी सुबह बहुत मजा आया, इसलिए मै चुप होकर लेटी रही।”
यह बात सुनते ही मै खुश हो गया और फिर मैने भी उसे अपनी बाहों में भर लिया। और उससे कहा, “तो अब कहीं बाहर घूमने चले या घर मे अकेले होने का फायदा उठाया जाए?”
तो वो मेरा हाथ पकडकर मेरे पास बैठ गई।

पास बैठते ही मैने उसके सर को पकडकर थोडा सा नीचे झुका दिया और उसके होठों को चूमने लगा। उसके होंठ बहुत ही रसीले थे, सुबह तो मै प्रिया के उठने के डर से ठीक से चुम नही पाया था। लेकिन अब तो कोई डर नही था, तो पूरी तरह से खुलकर मै उसके होंठ चूसते हुए उसके बदन पर एप्ने हाथ घुमाने लगा था। अब उसने टॉप और जीन्स पहनी हुई थी। उसे चूमते हुए ही मैने उसका टॉप ऊपर उठा दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुचियां मसलने लगा। अब उसे भी मजा आ रहा था, उसे देखकर लग रहा था कि, उसने अब तक किसी से भी अपनी चुत नही चुदवाई थी। प्रिया अब धीरे धीरे सिसकारियां भरने लगी थी।

मैने अब अधिक देर ना करते हुए उसका टॉप निकाल दिया और उसकी ब्रा का हूक भी खोल दिया। फिर जैसे ही मैने उसकी जीन्स उतारनी चाही, उसने मुझे रोकते हुए कहा, “मामाजी मै चुदने को राजी नही हूं, बाकी आप सब कुछ कर सकते हो।”
मैने भी उसे ठीक है कहते हुए उसके ऊपर आ गया। फिर उसके उरोजों को अपने मुंह में भरकर चूसने लगा। उसके मुंह से सिसकारियों की आवाज और भी बढती ही जा रही थी। मैने धीरे से अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी पैंट का बटन खोल दिया। और अब उसकी जीन्स को नीचे खिसकाकर उसके घुटने से नीचे कर दिया।

फिर उसने खुद ही अपनी पैंटी को नीचे किया और मेरे मुंह को अपनी जांघों के बीच दबाने लगी थी। मैने भी अपना मुंह सीधे उसकी चुत पर रख दिया और उसकी चुत चूसने लगा। उसकी चुत का रसपान करने में बडा ही मजा आ रहा था। प्रिया की चुत भी बहुत रसीली थी, जो अपना रस बहाते ही जा रही थी।

प्रिया भी पूरी मस्ती के साथ अपनी चुत मुझसे चुसवा रही थी। और इसी के साथ वो कुछ ही देर में जोर से मेरे मुंह मे ही झड गई। मै भी पूरे मजे के साथ उसका सारा रस गटक गया। इस तरह से मैने अपनी भांजी की चुत चुसाई की।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, कमेंट करके बताइए। धन्यवाद।