नमस्कार मित्रों मै राकेश आज आपके सामने अपनी एक कहानी लेकर आया हूं। आशा करता हूं कि, आप सभी इस कहानी को पसंद करोगे। यह कहानी मेरी और मेरे पत्नी की है। मेरी पत्नी को लंड चूसना पसंद नही था, जानिए किस तरह से मैने उसे लंड चुसाई के लिए राजी किया।
अब आपका ज्यादा समय न लेते हुए मै सीधे कहानी पर आता हूं। मेरी शादी को दो साल पूरे हो चुके है, हम दोनों की अरेंज मैरिज हुई थी। मेरी पत्नी का नाम शैलजा है, लेकिन मेरे घर मे उसे सब प्यार से रानी ही बुलाते है।
तो इस कहानी में भी मै उसके इसी नाम का प्रयोग करूंगा। शादी के बाद, हम दोनों धीरे धीरे एक-दूसरे को समझने लगे। रानी बहुत ही सिंपल सी लडकी थी, उसने अब तक का अपना सारा जीवन गांव में ही बिताया था।
गांव में रहने के बावजूद वो खुले विचारों की थी। वह अधिक पढी लिखी नही थी, तो वो सिर्फ हाउस वाइफ बनकर रह गई। शादी के बाद हम दोनों की अच्छी बनने लगी, और हम दोनों ही एक-दुसरे से बहुत खुश थे।
अगर कभी मै रानी को कोई बात कहता, तो वो मना नही करती। शादी के चार दिन बाद हमारी सुहागरात हुई, हम दोनों ही अब तक कुंवारे थे। और सुहागरात के समय ही हमने अपने जीवन की सबसे पहली चुदाई की।
वो चुदाई हमेशा यादगार रहेगी। पहली ही चुदाई में हम दोनों ने काफी नए नए आसन इस्तेमाल किये थे। लेकिन एक बात में मेरी रानी हमेशा मुझे ना बोल देती है। वो है, लंड चूसना।
उसे तो चुत चटवाने का भी कोई शौक नही है, उसे वो सब गंदा काम लगता है। उसका मानना है, चुत और लंड बस एक-दूसरे के लिए बने है, वहां मुंह नही लगाया जा सकता।
खैर हम दोनों अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे थे। जब भी हम दोनों में से किसी एक का भी चुदाई का मन होता, तो दूसरा उसे साथ देकर दोनों चुदाई का मजा ले लेते।
हमारी शादी को मुश्किल से चार-पांच महीने हुए होंगे, तब एक दिन मेरा मन चुदाई का होने लगा था। रात होते ही मैने अपनी रानी को बाहों में भर लिया।
उसे बाहों में भरते ही वो जान गई कि, मेरा आज चुदाई का मन है, और मै पूरे मूड में हूं। तो उसने मुझे रोकते हुए कहा, “आज आपका मूड बना हुआ है, लेकिन नीचे तो आज नो एंट्री है। मेरे पीरियड्स आए हुए है।”
उस दिन मैने उसे पहली बार कहा था कि, “कोई बात नही बस मेरा लंड चूसकर पानी निकाल देना।”
लेकिन उसको मेरा लंड अपने मुंह मे लेने से घिन आ रही थी, तो मैने भी उसे ज्यादा फ़ोर्स नही किया। मै अपना मन मारकर फिर चुपचाप सोने लगा।
कुछ देर बाद मुझे मेरी कमर पर एक हाथ महसूस हुआ, मेरी रानी मुझे अपने पास लेकर सोना चाहती होगी। लेकिन मै फिर भी वैसे ही लेटा रहा, तो उसने अपना हाथ मेरी छाती पर लाकर रखा और वहां घुमाने लगी।
उसने मुझे अपनी तरफ घुमा लिया और फिर मेरे बालों में हाथ फेरते हुए बोलने लगी, “अगर तुम चाहो तो आज के लिए पीछे से काम चला सकते हो।”
पहले तो मै कुछ समझ नही पाया लेकिन फिर वो मेरी तरफ पीठ करके अपने गाउन को ऊपर उठाकर लेट गई। तब जाकर मै समझा कि, आज यह अपनी गांड से मुझे मजा देने के लिए तैयार है।
मेरा लंड तो पहले से ही तैयार खडा था, तो मेरे मना करने की कोई गुंजाइश ही नही थी। फिर मैने अपने सारे कपडे उतार दिए और नंगा हो गया।
रानी के पीरियड्स चल रहे थे, इसलिए मैने उसके कपडे उतारना ठीक नही समझा। मैने बस उसकी पैंटी को हल्का सा खिसका दिया, और उसकी गांड के छेद को सहलाने लगा।
आज से पहले रानी ने कभी भी गांड नही मरवाई थी, तो पहले उसके छेद को थोडा खोलना था, वरना रानी को बहुत ज्यादा दर्द सहना पडता।
तो मैने पहले एक वैसलीन की बोतल पास में ले ली, और अपनी उंगली पर वैसलीन लेकर उसकी गांड के छेद के आसपास लगाने लगा।
गांड के छेद के आसपास वैसलीन लगाने के बाद मैने धीरे से एक उंगली उसकी गांड के छेद में घुसा दी। उंगली को अंदर घुसाकर मैने उसकी गांड के अंदर से भी वैसलीन लगा दिया।
अब उसकी गांड का छेद चिकना होने लगा था। अब उसकी गांड के छेद में एक उंगली आराम से अंदर बाहर हो रही थी। तो मैने अब एकसाथ अपनी दो उंगलियां उसके गांड के छेद में डालनी चाही।
शुरू में तो थोडी तकलीफ हुई, लेकिन फिर कुछ देर बाद मैंने रानी की गांड में अपनी दो उंगलियां घुसा दी।
अब रानी की गांड में मेरी उंगलियां आसानी से अंदर बाहर हो रही थी। तो मैने अब लंड अंदर डालने की सोची। रानी को मैने उल्टा करके पेट के बल लिटा दिया, और उसकी कमर के नीचे एक तकिया रख दिया।
जिस वजह से उसकी गांड का छेद उभरकर मेरे सामने आ जाए। फिर उसके दोनों चुतडों को अपने हथेलियों से पकडकर फैला दिया, और फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रख दिया।
रानी को दर्द की वजह से डर लग रहा था। लेकिन मैने उसे समझाया कि, “ज्यादा दर्द नही होगा। अगर तुम्हें ज्यादा दर्द होगा तो मुझे बोल देना, मै अपना लंड बाहर निकाल लूंगा।”
इस पर वो भी थोडा आश्वस्त हो गई, और मेरा साथ देने लगी। तभी मैने एक धक्का मार दिया। तो मेरे लंड का बस टोपा ही उसकी गांड में घुस गया।
उसने अपना मुंह खुद के हाथों से ही बंद कर लिया था, ताकि गलती से कहीं चीख न निकल जाए।
मैन अब ज्यादा समय न लगाते हुए, दो-तीन और धक्कों के साथ अपना आधे से ज्यादा लंड उसकी गांड के अंदर डाल दिया।
कुछ देर तक तो उसे दर्द होता रहा, लेकिन जब उसकी गांड ने लंड के लिए जगह बना ली, तब उसे भी मजा आने लगा। अब रानी भी सिसकारियां भरने लगी थी।
मैने भी उसके गले को चूमते हुए उसकी गांड में अपना लंड पेलना जारी रखा। और कुछ धक्के लगाने के बाद, मेरे लंड ने अपना वीर्य उसकी गांड के छेद में ही उगल दिया।
उसके बाद रानी को गांड चुदाई बहुत पसंद आ गई थी। वो अब हर बार मुझे गांड चुदाई के लिए ही कहती थी।
तो एक दिन, जैसे ही उसके पीरियड्स खत्म हुए, मैने फिर उसे चोदने की इच्छा जताई। उसने फिर मुझे पहले गांड चुदाई करने के लिए कहा।
तो मैने इस मौके का फायदा उठाते हुए उससे कहा, “आज मै तभी तुम्हारी गांड चोदूंगा, जब तुम मेरा लौडा अपने मुंह मे भरकर अच्छे से चूसकर गिला कर दोगी।”
उसने फटाफट से मेरी बात मान तो ली, लेकिन जब मैने अपने लंड को उसके मुंह के सामने कर दिया। तब जाकर वो थोडा हिचकिचाने लगी।
तो मैने उसे अपनी आंखें बंद करने के लिए कहा। वुसने जैसे ही आंखे बंद की, मैने अपना लंड उसके मुंह मे ठूंस दिया।
पहले तो वो बस अपने मुंह मे लंड लेकर बैठी रही, कुछ देर बाद धीरे धीरे उसने लंड को चूसना शुरू कर दिया। अब मुझे भी मजा आने लगा था।
तो मैने उसके सर को पीछे से पकड लिया और अपने लंड से उसके मुंह को चोदने लगा। मेरा लंड उसके गले से जाकर टकरा रहा था, जिस वजह से उसके मुंह से बस गुँ गुँ की आवाज आ रही थी।
कुछ देर तक अपना लंड चुसवाने के बाद, मैने अब एना मुंह उसकी चुत पर लगा दिया। जब चुत भी अच्छे से गीली हो गई, तो मैने उसके पैरों को फैलाकर खुद उनके बीच आ गया।
अपने लंड को हाथ मे पकडकर उसकी चुत पर रख दिया। तो उसने ही नीचे से अपनी कमर उचका दी, जिससे मेरे लंड का टोपा उसकी चुत के अंदर चला गया।
फिर मैने भी दो-तीन धक्के और लगाकर अपने पूरे लंड को उसकी चुत में डाल दिया और उसको चोदने लगा।
कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैने उसे पोजिशन बदलने को कहा। तो वो खुद मेरे ऊपर आ गई, और खुद धक्के लगाकर मुझे चोदने लगी।
थोडी देर के बाद धक्के लगाकर वो थकने लगी थी, तो फिर से मै ऊपर आ गया। अब मैने कुछ ही धक्के लगाए थे, कि वो झडने को हुई। उसने मुझे अपने से कसकर चिपका लिया।
रानी अब जोर से झडने लगी। उसकी चुत की गर्मी से मेरे लंड ने भी अपना जवाब दे दिया। और हम दोनों एकसाथ ही झड गए।
उस रात मैने उसकी चुत को दो बार चोदा, और उसके कहने पर उसकी गांड चुदाई भी की। अब तो वो रोज ही चुदाई से पहले मेरा लंड चूसकर गिला कर देती थी। अब उसे घिन नही आती थी, बल्कि वो यह काम पूरे मजे लेकर करती थी।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी हमे कमेंट करके बताइए। धन्यवाद।