मेरी गर्लफ्रेंड की मम्मी, पम्मी आंटी • Kamukta Sex Stories

मेरी गर्लफ्रेंड की मम्मी, पम्मी आंटी

ही दोस्तो, मेरा नाम रॉबिन है. मैं पुंजब का रहने वाला हू. मेरी उमर 24 साल है, और मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच है. मेरी हाइट 5’8″ है, और रंग ब्राउनिश है. अब ज़्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए कहानी पर चलते है.

जब मैं 11त क्लास में पढ़ता था, तब मेरी क्लास में एक लड़की पढ़ती थी. उस लड़की का नाम जसपरीत था. जसपरीत एक आवरेज लड़की थी. मेरे उस पर कोई क्रश नही था, क्यूकी क्लास में और बहुत सी हॉट लड़किया थी. कहानी तब शुरू हुई, जब मैने पहली बार जसपरीत की मम्मी को देखा.

एक दिन हमारे स्कूल में पेरेंट्स इंटरॅक्षन थी. सारे स्टूडेंट्स के पेरेंट्स आने वाले थे. स्टूडेंट्स को ऑफ था, लेकिन मुझे हमारी क्लास के इन-चार्ज ने हेल्प के लिए बुलाया था.

तो मैं अपनी टीचर के पास खड़ा था, और क्लास में आ रहे पेरेंट्स का वेलकम कर रहा था. तभी एक लेडी क्लास में एंटर हुई. मैने जैसे ही उनको देखा, तो देखता ही रह गया. क्या बॉडी थी उनकी, एक-दूं मस्त.

उन्होने ग्रीन कलर की लेगिंग के साथ येल्लो कलर का शर्ट पहना था. जांघे उनकी कहर ढा रही थी, और बूब्स तो जैसे दूध से भरे हो. पेट उनका अंदर था, जो उनकी ह्टनेस को चार चाँद लगा रहा था.

उनका साइज़ 36″28″38″ होगा. अब मैं जानना चाहता था, की वो सेक्स बॉम्ब थी कों. फिर जब उनकी मेरी टीचर से बात शुरू हुई, तो मुझे पता चला, की वो जसपरीत की मम्मी थी. उनका नाम परमिंदर कॉयार(पम्मी) था.

मेरा जसपरीत में इंटेरेस्ट नही था, लेकिन उसकी मम्मी में इंटेरेस्ट पैदा हो गया था. जसपरीत से मेरी बात तो पहले से ही होती थी. और वो मुझे प्यार भारी नज़रो से भी देखती थी. लेकिन मैं हमेशा उसको फ्रेंड की तरह ट्रीट करता था. लेकिन पम्मी आंटी को देखने के बाद मुझे जसपरीत को अपनी गर्लफ्रेंड बनाना था.

12त तक जसपरीत मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी थी, और 1स्ट्रीट एअर तक हमारे बीच किस्सिंग शुरू हो गयी थी. लेकिन मुझे तो जसपरीत के ज़रिए पम्मी आंटी तक पहुँचना था.

फिर एक दिन मैं स्टडी करने के बहाने से जसपरीत के घर गया. मैं उस दिन 2 साल के बाद पम्मी आंटी को देख रहा था. वो आज भी उतनी ही हॉट थी, जितनी 2 साल पहले थी. उनको देख कर तो मेरा मूह खुला का खुला रह गया.

पम्मी आंटी को नही पता था, की मैं जसपरीत का बाय्फ्रेंड था. उनको लगता था, की मैं सच में उनके घर स्टडीस के लिए गया था. जसपरीत के पापा 5 सालो से अब्रॉड में थी. और ये बात जान कर मैं समझ गया था, की पम्मी आंटी की शारीरिक ज़रूरते पूरी नही होती होंगी.

फिर मैं और जसपरीत दोनो रूम में चले गये. मुझे लगता था, की अगर किसी तरह से मैं पम्मी आंटी की हवस को जगा डू, तो मेरा काम बन सकता था. मैं अभी ये सोच ही रहा था, की तभी मेरी नज़र जसपरीत की गांद पर पड़ी.

वो बेड पर झुक कर बुक्स उठा रही थी. उसकी गांद देख कर मुझे पम्मी आंटी की गांद याद आ गयी. पम्मी आंटी के बारे में सोच कर मैं हॉर्नी हो गया, और मैने जसपरीत को पीछे से पकड़ लिया.

फिर हम दोनो किस करने लगे. किस करते हुए हमे बिल्कुल ध्यान नही रहा, की रूम का दरवाज़ा खुला था. तभी मेरी नज़र सामने वाले शीशे पर पड़ी. उसमे से दरवाज़ा नज़र आ रहा था.

तभी पम्मी आंटी दरवाज़े पर आ गयी, और हमे देखने लगी. मुझे लगा वो हुमको रोकेंगी, लेकिन उन्होने नही रोका. उल्टा वो तो हमे मज़े से देखने लगी. ये देख कर मैने सोचा, की इससे पम्मी आंटी को गरम किया जेया सकता था.

फिर मैने जसपरीत की गांद और बूब्स दबाने शुरू कर दिए, और वो हल्के-हल्के से मोन करने लगी. उधर पम्मी आंटी का भी हाथ उनके बड़े से बूब पर चला गया था. फिर हम थोड़ी देर किस करने के बाद अलग हो गये.

हमारे अलग होते ही पम्मी आंटी वाहा से चली गयी. अब मैं समझ गया था, की पम्मी आंटी के अकेलेपन का फ़ायदा उठाया जेया सकता था. अगले दिन मुझे शाम को जसपरीत की कॉल आई. उसने मुझे बोला-

जसपरीत: रॉबिन आज मम्मी शॉपिंग करने माल गयी है. तू आजा, हम मज़ा करते है.

मैने उसको किसी काम का बहाना बना कर माना कर दिया. फिर मैं तैयार होके माल में चला गया. वाहा पम्मी आंटी जीन्स और त-शर्ट में शॉपिंग कर रही थी. क्या गांद थी यार उनकी, एक-दूं मस्त.

फिर मैं शॉपिंग के बहाने उनके सामने आ गया. उन्होने मेरा हाल चाल पूछा, और फिर मैं उनकी हेल्प करने लगा. मैं बार-बार बहाने से उनकी गांद टच करने लगा. इससे मेरा लंड खड़ा हो गया.

जब उन्होने मेरा लंड देखा, तो उन्होने स्माइल पास कर दी. मैं समझ गया था, की मेरा काम बनने वाला था. फिर आंटी ने मुझे बोला-

पम्मी आंटी: रॉबिन अपनी चीज़ो पर कंट्रोल रखा करो.

फिर मैने उनकी गांद की तरफ देख कर बोला-

मैं: आंटी अगर आप कंट्रोल नही रखोगी, तो ये तो कंट्रोल से बाहर होंगे ही ना.

ये सुन कर आंटी हस्स पड़ी और बोली-

पम्मी आंटी: ऐसा करना कल सुबा घर आ जाना. मैं तुम्हे कंट्रोल करना सीखा दूँगी.

मैं: लेकिन कल तो मेरा कॉलेज है.

आंटी: बंक नही किया क्या कभी?

ये बोल कर उन्होने मुझे आँख मार दी. मेरा जॅकपॉट लगने वाला था. अगले दिन मैं घर से कॉलेज के लिए निकल गया, और सीधा पम्मी आंटी के पास पहुँचा.

जब उन्होने दवज़ा खोला, तो मैं उनको देखता ही रह गया. उन्होने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. जब वो मुझे अंदर लेके गयी, तो उनकी गांद कमाल की मटक रही थी. इतनी बड़ी जांघे वाउ!

रूम के अंदर जाके उन्होने दरवाज़ा बंद कर लिया. मेरा लंड उनको देख कर खड़ा हो चुका था. वो सीधा नीचे बैठ गयी, और लंड पर हाथ रख कर बोली-

पम्मी आंटी: आज मैं उसको ठंडा करूँगी.

ये बोल कर उन्होने मेरी पंत और अंडरवेर नीचे कर दिया, और मेरे लंड को अपने मूह में डाल लिया. वो किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

उनका लंड चूसने का तरीका इतना अछा था, की 5 मिनिट में ही मैने उनका मूह अपने पानी से भर दिया. फिर उन्होने मुझे बेड पर धक्का दिया, और मेरे लंड को चाट कर सॉफ कर दिया. वो लंड को चूस्टी रही, और उसको दोबारा से खड़ा कर दिया.

फिर मैं उनके उपर आ गया, और हम किस करने लगे. क्या रसीले होंठ थे उनके. मैने उनकी त-शर्ट और ब्रा उतार दी, और उनके मोटे बूब्स को पागलो की तरह चूसने लग गया. वो मेरे सिर को अपनी च्चती में दबा रही थी, और आहें भर रही थी.

फिर मैं उनकी कमर को चूमते हुए उनकी शॉर्ट्स तक आ गया. उनकी शॉर्ट्स छूट वाली जगह से गीली हो चुकी थी. मैने उनकी शॉर्ट्स और पनटी नीचे की, और उनकी टाँगो के बीच का स्वर्ग का द्वार मेरे सामने आ गया.

मैने ज़रा भी देर नही की, और उनकी छूट को चूसने लग गया. मैं जीभ डाल-डाल कर उनकी छूट चूस रहा था. मुझे भी चूस-चूस कर उनका पानी निकालना था. वो आहें भर रही थी, और मेरे सिर को अपनी छूट में दबा रही थी.

लगातार 15 मिनिट मैं अपनी जीभ से उनकी छूट छोड़ता रहा. फाइनली उन्होने मेरे सिर को अपनी छूट में दबा लिया, और अपना पानी छोढ़ दिया. मैं उनका सारा नमकीन पानी पी गया.

अब बारी थी उनको छोड़ने की. मैं जल्दी से उनकी टाँगो के बीच आया, और अपना लंड उनकी छूट पर रगड़ने लग गया. तभी वो बोली-

पम्मी आंटी: धीरे डालना, बहुत वक़्त से लंड गया नही है अंदर.

मैने उनकी बात मानते हुए हल्का धक्का लगाया. इससे मेरा टोपा छूट के अंदर चला गया, और आंटी की चीख निकल गयी. मुझे अब छूट की गर्मी महसूस हो रही थी.

फिर मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और मैने ज़ोर के झटके से पूरा लंड अंदर डाल दिया. वो चीखे मारने लगी, लेकिन मैं उनको तेज़-तेज़ छोड़ने लगा. अगले 2 मिनिट में वो पूरी गरम हो गयी, और गांद उठा-उठा कर चूड़ने लगी.

अब हम दोनो पागलो की तरह चुदाई कर रहे थे. बहुत मज़ा आ रहा था. मैं चुदाई के साथ उनके बूब्स और लिप्स चूस रहा था. फिर 15 मिनिट की ताबाद-तोड़ चुदाई के बाद मेरा निकालने वाला था. तभी मैने उनसे पूछा-

मैं: कहा निकालु आंटी?

आंटी: अंदर ही निकाल दे.

उस दिन के बाद मैने पम्मी आंटी को बहुत छोड़ा. मेरा जसपरीत के साथ ब्रेकप हो चुका है. लेकिन आंटी और मेरे नाजायज़ रिश्ते अभी भी चल रहे है.

तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.