कॉलेज के चपरासी ने बाथरूम में मुझे घोड़ी बनाकर गांड में लंड डाला • Kamukta Sex Stories

कॉलेज के चपरासी ने बाथरूम में मुझे घोड़ी बनाकर गांड में लंड डाला

मेरा नाम करिश्मा सिंह हे और मेरी उम्र 20 साल की हे. मैं मुंबई में रहती हूँ अकेली. मैं गोरी हूँ और मेरी स्किन चमकीली हे. मेरी बॉडी मस्त टोन हे. जब मैं 17 साल की थी तभी मेरे मम्मी पापा का एक रोड एक्सिडेंट में देहांत हो गया था. और फिर मैं मुंबई शिफ्ट हो गई अपनी केटरिंग कोर्स में हायर स्टडी के लिए. मेरे पापा मम्मी के इन्स्योरन्स के पैसे से मेरी पढाई और लाइफ निकल रही हे. और मैं एक बर्गर जॉइंट में पार्ट टाइम काम भी करती हूँ.ये सेक्स अनुभव मेरे कोलेज ज्वाइन करने के दुसरे हफ्ते में ही हुआ था. एक लेट शाम को कोलेज के खत्म होने के बाद मैं अपने क्लासरूम से निचे उतर रही थी ग्राउंड फ्लोर पर. पॉवर नहीं था इसलिए मैं सीड़ियों से उतर रही थी. अँधेरा होने की वजह से कुछ दिखा नहीं और मेरा पाँव फिसल गया. मेरे से खड़ा नहीं हुए जा रहा था इसलिए मैंने मदद के लिए आवाज लगाईं.

तभी कोई टोर्च ले के मेरी तरफ आया. मैंने टोर्च के उजाले में देखा तो वो हमारिक कोलेज का प्यून था. वैसे आप को बता दूँ प्यून प्रोटोटाइप से उसका आलांकन मत करना क्यूंकि वो जवान था और हेंडसम भी. उसके साथ सोना किसी भी जवान लड़की का सपना होता! मैंने उसे बताया की मैं गिर गई हूँ और शायद पाँव में मोच आ गई हे. वो बोला मैं आप को मेरे कमरे में ले जा के मसाज कर देता हूँ. मैं अन्दर से बड़ी फुदक रही थी उसका ऐसा कहने से. उसने मुझे टोर्च पकड़ाई और उठा लिया. पांच मिनिट में हम उसके रूम में थे. उसका रूम छोटा सा था.जैसे ही हम लोग कमरे में पहुंचे उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया. मैं सच में इस मौके का फायदा उठा लेना चाहती थी. उस वक्त मैं एक मिनी स्कर्ट और लेमन कलर का शर्ट पहा हुआ था. शर्ट के अन्दर की ब्रा ट्रांसपेरेंट शर्ट की वजह से साफ़ दिख रही थी. वो तेल लेने के लिए गया मसाज के लिए. मैंने जानबूझ के अपने स्कर्ट को थोडा और ऊपर कर दिया ताकि वो वापस आये तो उसे मेरी पेंटी भी दिख सके. और मैंने अपनी टांगो को भी थोडा सा और खोल दिया.

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पॉवर नहीं था इसलिए उसने मुझे कहा की टोर्च पकड़ो आप. टोर्च की बेटरी भी जवाब दे गई थी और हलकी हलकी सी रौशनी ही पड़ रही थी. उसने जैसे ही मसाज करने के लिए हाथ रखा तो घुटनों की जगह उसका हाथ मेरी पेंटी के ऊपर ही आ गया. उसने फट से हाथ हटा लिया और मेरी माफ़ी मांगी. उतने में पॉवर भी आ कमबख्त. और फिर उसने मेरे घुटने के ऊपर मसाज कर दिया. मैं चल सकती थी अब लेकिन मेरा मन बार बार कहता था की चुदवाये बिना यहाँ से जाना नहीं चाहिए! इसलिए मैंने फट से एक प्लान सोच लिया और उसको कहा की पेट का मसल भी खिंच गया हे शायद आप प्लीज वहां पर भी आयल मसाज कर दो.

उसकी हां या ना सुने पहले ही मैंने अपना शर्ट निकाल दिया और बेड में लम्बी हो गई. वो बेड के पार में ही स्टूल के ऊपर बैठ गया. उसने मेरी नाभि के पास तेल डाला और मसाज करने लगा. मैं तो जैसे सातवें आसमान में विहार कर रही थी. उसका हाथ सेक्सी ढंग से मेरे पेट के ऊपर चल रहा था.और फिर अचानक मुझे ऐसा लगा की मेरी वजाइना के पास में कुछ हे. मैं उठ खड़ी हुई और मैंने उसे कहा की मुझे बाथरूम जाना हे. उसने मुझे बाथरूम दिखाया. उसका बाथरूम एकदम छोटा था और उसके दरवाजे की लोक टूटी हुई थी. मैंने दरवाजे को ऐसे ही बंद किया और मुतने लगी.

मैंने देखा की उसने बाथरूम का दरवाजा खोला और वो अन्दर आ गया. मैं खड़ी हुई और उसे पूछा की क्या कर रहे हो? तो उसने कहा की मुझे भी जोर की पिशाब आई इसलिए मैंने सोचा की हम साथ में ही मूत लेते हे. उसने कहा पीछे तुम मुतो मैं आगे के हिस्से में मूत लेता हूँ. मैं थोडा नाटक कर रही थी. लेकिन सच तो ये था की मैं खुद आज उसका लंड किसी भी कीमत पर ले लेना चाहती थी.वो मुतने के लिए खड़ा हुआ और मेरी नंगी गांड उसके सामने ही थी. उसने अपनी पेंट को खोली और जैसे ही चड्डी को निचे की तो मेरे मुहं से आह निकल गई. उसका लंड पूरा 8 इंच का था. हम दोनों बातें करते हुए मुतने लगे. और वो साले ने जानबूझ के थोडा मूत मेरे कपड़ो और बदन के ऊपर भी छोड़ा.

मैंने उसे कहा की तुम्हारा मूत भी तुम्हारे जैसा ही हॉट हे. ये सुन के उसने मुझे अपने पास खिंच लिया और बोला, चलो अब तुम्हे नहला भी देता हूँ, तुम्हारे ऊपर मूत गिरा हे और तुम मेरी महमान हो इसलिए तुम्हे साफ़ करना मेरा कर्तव्य हे.मैंने कहा तुम अपने कपडे भी निकाल दो वरना तुम भीग जाओगे. वो फटाक से न्यूड हो गया और हम लोग शावर के निचे चले गए. उसने मुझे अपने पास खिंचा और हग कर लिया. फिर उसने धीरे से मेरी ब्रा के हुक्स को खोला और उसे फेंक दिया. फिर वो अपन हाथ से मेरे बूब्स को मसलने लगा जोर जोर से. और उतने में उसका एक हाथ निचे मेरे स्कर्ट और पेंटी से भी खेलने लगा था. मैं उसके सामने अब नंगी खड़ी हुई थी.

उसने पास के छज्जे से साबुन लिया और मेरे बदन के ऊपर घिसने लगा. उसने मेरे बालों में शेम्पू भी लगाया. हम काफी देर तक शावर के निचे ही थे. वो मुझे नहलाते हुए मेरे बदन को टच कर रहा था और मेरे निपल्स, नाभि, चूत और गांड के होल को प्यार से किस कर के चाट रहा था.फिर मैंने उसके लंड को हाथ में पकड़ के उसे मस्त हेंडजॉब दिया. फिर उसने मुझे टॉयलेट की सिट के उपर बिठा दिया और मेरी टांगो को पूरा खोल दिया. उसने कहा, साली कुतिया तुझे तो कब से मेरा लंड अपनी चूत में चाहिए था. अब मैं इसको तेरे सब छेद में डाल के तेरी प्यास दूर करूँगा. और वो बोला, साली कितने मर्दों के लिए ऐसे टाँगे फैला चुकी हे तू, गांड भी बहुत मरवाई हे तूने अपनी लाइफ में तभी तो 3 ऊँगली आराम से तेरी चूत में घुस रही हे मेरी.

फिर उसने मुझे पीछे को घुमाया और मेरी गांड में अपनी 3 ऊँगली फिर से डाल दी और मेरी गांड को वो चमाट भी लगाने लगा था. साथ ही में उसने मेरी चूत में भी काफी फिंगर की. मेरी हालत खराब हो गई थी और मैं कराहने लगी थी.फिर मैंने उसकी गांड के छेद को चाट के एस लिकिंग दिया उसे. फिर उसने मेरी टांगो को हवा में कर के मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा वो. मैंने कहा, धीरे से करो मेरी चूत में दर्द हो रहा हे. लेकिन उसने मेरी एक भी नहीं सुनी और और भी जोर जोर से मुझे चोदता रहा.उसका 8 इंच का लोडा पूरा मेरी चूत में घुस के बहार आ रहा था. और वो मुझे एकदम जंगली स्टाइल में किस कर रहा था. मैंने उसके लंड को देखा तो उसके ऊपर खून लगा हुआ था. मैं वर्जिन तो नहीं थी लेकीन शायद इतने बड़े लंड से पहले चुदी नहीं थी इसलिए आज फिर से चूत खुली थी मेरी. वो कस के चोद रहा था मुझे और बोल रहा था, साली बड़ी छिनाल हे तू तो.मैंने अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह कर के उसे अपनी बाहों में ले लिया. फिर उसने मुझे अपनी गोदी में उठा . मेरा पूरा वेट उसके ऊपर था. मैंने दोनों टांगो से उसकी कमर को दबाई थी. और मैं उसके कंधे हाथ से पकड़ के ऊपर निचे हो रही थी. उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस के तांडव मचाये हुए था.

फिर वो बोला, अब गांड सेक्स करते हे. उसने मुझे वही पर घोड़ी बना दिया. मेरे हाथ टॉयलेट की सिट पर थे. पीछे उसने मेरी गांड के छेद पर शेम्पू लगाया और फिर फच की साउंड के साथ आधा लंड अंदर कर दिया. मेरी गांड छिल गई थी उसके बड़े लंड से. आधा ही लंड अन्दर गया था और मेरी जैसे बस होने लगी थी. उसने मेरे बूब्स मसले और गांड मारने लगा जोर जोर से. उसका लंड जब पूरा गांड में घुसता था तो ऐसे लगता था की पेट तक चला गया हे.करीब 10 मिनिट मेरी गांड को चोदने के बाद उसने फट से लंड निकाला और उसे हिलाया. उसका माल निकल के मेरी कमर के ऊपर आ गिरा. उसका माल एकदम गाढ़ा, चिकना और गर्म था. उसने एक एक बूंद को वही पर निकाला.

फिर हम दोनों ने शावर लिया और मैंने कहा की मुझे जल्दी हॉस्टल जाना वरना वार्डन आंटी चिल्लाएगी. वो बोला, वो कुछ नहीं कहेगी अगर मैं साथ में रहा तो. मैंने कहा ऐसे क्यूँ? वो बोला, उस विधवा की चूत को भी मेरा 8 इंच का लंड खूब भाता हे. फिर वो बोला, चलो मैं छोड़ने आता हूँ तुम्हे.फिर उसने मुझे कपडे पहनाये और मेरी हॉस्टल पर आया. वार्डन आंटी ने मुझे उसके साथ में देखा तो कुछ नहीं कहा. वो मुझे रूम तक छोड़ के गया.फिर तो मेरी और इस प्यून की मस्त जम गई. अक्सर मैं उसे ले के बहार जाती थी और हम लोग होटल के रूम्स में चुदाई कर लेते थे! अभी भी मेरी पढ़ाई चालु हे प्यून के साथ चुदाई भी! अब वो मुझे अलग अलग एक्शन में चोदता हे और गांड मारता हे मेरी.