चुदाई का भूत • Kamukta Sex Stories

चुदाई का भूत

नमस्कार मित्रों आज मै आपके सामने अपनी एक कहानी लेकर आई हूं। सबसे पहले मै आपको अपना परिचय दे देती हूं। मेरा नाम आयशा है, मै दिल्ली की रहनेवाली हूं। मेरी उम्र अभी २७ साल है, मै एक शादीशुदा औरत हूं। अब तक मुझे कोई बच्चा नही है। इस कहानी में आप पढिए, कि कैसे एक बार चुत चुदाई होने के बाद चुत की आग बढ जाती है, और उसे बुझाने के लिए कोई भी हद पार कर सकता है। यह कहानी तब की है जब मेरी नई नई शादी हुई थी।

कहानी शुरू करने से पहले आपको मै कुछ अपने बारे में बता देती हूं। मेरा रंग गोरा है, लेकिन फिगर उतना अच्छा नही है। थोडी मोटी होने के कारण मेरा कभी कोई बॉयफ्रेंड नही बना, तो शादी के बाद ही मेरे पती ने मेरे चुत की झिल्ली फाड दी। मेरी सुहागरात तक मै अनचुदी थी, सुहागरात में ही कली से फूल बन गई। मेरे सुहागरात की कहानी मै आपको फिर कभी बताऊंगी, आज सुहागरात के बाद जो हुआ उसकी कहानी बताने जा रही हूं।
सुहागरात में मेरे पती ने मुझे जमकर चोदा, अगले दिन मुझसे ठीक से चल भी नही जा रहा था। और मेरे देवर और देवरानी मिलकर मेरी टांग खींच रहे थे। मै भी उनके हंसी मजाक को यूंही सुनकर भूल जाती थी। लेकिन सुहागरात में चुदवाने के बाद तो मेरा मन बहक सा गया था, मुझे अब लगने लगा था कि, हर पल मुझे कोई चोदता रहे। मेरी चुत में अपना मूसल सा लंड डालकर पडा रहे। लेकिन यह सब दिन में तो मुमकिन नही था, तो मै अपने मन को किसी तरह समझाकर रात होने का इंतजार करने लगी थी। पहले ही दिन मेरे पती ने मुझसे अपनी पसंद नापसंद सब पूछ लिया था। लेकिन जैसे कि मैने आपको बताया कि, मैने कभी शादी से पहले सेक्स नही किया था, तो सेक्स के बारे में मेरी पसंद नापसंद मैने उनको अब तक नही बताई थी।
दूसरे दिन भी रात में कमरे में जाते ही मेरे पती ने मुझे कसकर अपनी बाहों में ले लिया, और उठाकर बिस्तर पर पटक दिया। आज उनका अंदाज कुछ अलग था, मेरे पूछने पर उन्होंने मुझे बताया कि, सेक्स के बारे में मेरी पसंद नापसंद जानने के लिए वह मेरे साथ सब तरह से सेक्स करेंगे। और फिर मुझसे मेरी इस बारे में क्या रे बनती है, वह पूछेंगे। मुझे भी उनका यह तरीका अच्छा लगा। इसमें एक तो मुझे हर तरीके से सेक्स करने को मिल रहा था, ऊपर से पसंद नही आएगा, तो मै उनको सीधे मना भी कर सकती थी। तो दोनों तरफ से मुझे ही मजा मिलना तय था, इसलिए मैने भी मना नही किया।
शादी के बाद लगभग एक-दो महीने तक सब अच्छा चल रहा था, तब तक मैने अपने पतिदेव को अपनी पसंद नापसंद सब बता भी दिया था। लेकिन अब धीरे धीरे मेरे पतिदेव की सेक्स के प्रति रुचि कम होने लगी थी। लेकिन उन्होंने मुझे तो सेक्स के लिए ऐसा बना दिया था कि, अगर एक रात भी मेरी अच्छे से चुदाई ना हुई, तो मै ढंग से सो नही पाती थी। अब तो रोज पती कमरे में आते ही सीधे कपडे उतार देते थे, और मुझ पर चढकर अपना लंड मेरी चुत में डाल देते थे। अब ना तो फोरप्ले करते थे, और ना ही कामुक बातें। तो इस वजह से मेरी चुत अब प्यासी ही रहने लगी थी।
एक दिन तो मै रात में सो नही पा रही थी, और रोज की तरह पतिदेव ने आकर मेरी चुत में लंड घुसाया और अपना पानी निकालकर सो गए। रात में मुझे नींद नही आ रही थी, चुत में आग लगी हुई थी। मुझे क्या करना चाहिए, कुछ समझ नही आ रहा था, बस मेरे सामने एक लंड आ रहा था। तो मैने अपने सोए हुए पतिदेव की लुंगी उतारकर साइड कर दी, और उनके लंड को अपने हाथ मे लेकर सहलाने लगी, ताकि जैसे ही वो सख्त हो, उसको मै अपनी चुत में डाल सकूं। मैने उनके लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसना भी शुरू कर दिया, लेकिन तभी उनकी नींद खुली।
नींद खुलते ही मेरे पतिदेव ने मुझे मेरे बालों से पकडकर खींचते हुए बिस्तर पर लिटा दिया, और मेरे हाथ पैर बिस्तर से बांधने लगे। मै तो पहले ही नंगी हो चुकी थी, ताकी उनके उठते ही वो मुझे नंगी देखकर उत्तेजित हो जाए, और चोदने लगे। ऐसा उन्होंने मेरे साथ पहले भी सेक्स किया था, तो मुझे लगा कि वो भी मूड में आ चुके है, और अभी मुझे जमकर चोद देंगे। लेकिन तभी वो बोलने लगे कि, “बहुत खुजली है ना तेरी चुत में, रुक अभी तेरी चुत का भूत उतारता हूं।”
इतना कहकर उन्होंने मुझे बांध दिया और फिर अपना फोन निकालकर मेरी फोटो खींचने लगे थे। उनका यह रूप मैने पहले कभी नही देखा था, तो मै भी थोडा डर गई थी। फोटो खींचने के बाद, वो कमरे से बाहर कहीं जाने लगे। मै तो पूरा डर सी गई थी, मुझे समझ नही आ रहा था कि, मुझे क्या करना चाहिए।

तभी मेरे पतिदेव कमरे में आ गए, उनके पीछे पीछे मेरे देवर और देवरानी भी आ गए। मुझे इस हालत में देखकर मेरे देवर जी तो बहुत खुश थे। उनकी खुशी उनके चेहरे पर साफ दिख रही थी। उनकी आंखों में एक अलग ही चमक आ गई थी, मुझे ऐसे देखकर। मेरे पती इनको लेकर यहां क्यों आए थे? एक तो मुझे अब इनके सामने अपने खुले बदन का प्रदर्शन करने में बहुत शर्म महसूस हो रही थी, ऊपर से मै अपने शरीर को ढक भी नही सकती थी।
वो तीनो मुझे देखकर आपस मे कुछ बात कर रहे थे, लेकिन वो मै सुन नही पाई। थोडी ही देर में मेरी देवरानी जी मेरे पास आकर बैठ गई, और मुझसे बात करने लगी। बीच बीच मे वो मेरे शरीर को भी छुए जा रही थी। कभी वो मेरे चूची को छूकर देखती, तो कभी मसल देती। उसके बाद उन्होंने मेरी चुत के दोनों होठों को भी फैला दिया, और उनके बीच देखने लगे गई। फिर उसके बाद उन्होंने अपने हाथ पीछे ले जाकर मेरी गांड के पास अपने हाथ घूमाना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने हाथों से मेरे चुतडों को भी दबाकर देखा।

फिर वो मेरे पास से उठकर उन दोनों के पास गई, और उनसे कुछ बातें करने लगी। उनकी बातें करने के बाद, देवर जी मेरे पास आ गए, और उन्होंने उन दोनों से कहा, “आज की रात हम दोनों को अकेला छोड दो, आज हम दोनों सुहागरात मनाएंगे। तुम दोनों मेरे कमरे में जाकर मजे कर लो।”
उनके मुंह से यह सुनकर मै तो दंग रह गई। इसका मतलब मुझे अब मेरे देवर जी चोदने वाले थे, और मेरी देवरानी मेरे पतिदेव के साथ मजे करने वाली थी। यह तो स्वैप ही कर दिया था मेरे देवर और पतिदेव के बीच। मुझे शुरू में थोडा डर तो लग रहा था, कि पता नही यह सब क्या हो रहा है, और मै किसका साथ दूं। मुझे कुछ पता नही चल रहा था कि, आगे क्या होगा?
तभी मेरे पतिदेव और देवरानी हमारे कमरे से बाहर चले गए। और देवर जी ने कमरे को कुंडी मार दी। अब कमरे में सिर्फ मै और मेरे देवर जी बचे हुए थे। फिर देवर जी मेरे पास आ गए, और मेरे कान के पास अपना मुंह लाते हुए बोले, “तुम अपनी चुत की प्यास बुझाना चाहती हो ना?”
मैने उनका जवाब नही दिया तो फिर वो मेरे पास आकर बोले, “मुझे सब पता है, तू जब से इस घर मे आई है, तब से तुझे चोदना चाहता था, आज जाकर मेरी इच्छा पूरी हुई है। इस घर मे जो भी औरत आती है, सबको हम मिलकर चोदते है।”
इतना कहकर देवर जी ने मेरे चुचियों पर अपने हाथ रख दिए, और अब उन्हें मसलने लगे। देवर जी के चूचियों को मसलने से मेरी चुत में फिर से आग लगने लगी थी। देवर जी सब बहुत प्यार से कर रहे थे। लेकिन जिस तरह से वो चूचियों को अपनी हथेली में भरकर मसल रहे थे, मुझे काफी दर्द हो रहा था।

दर्द की वजह से मेरे मुंह से सिसकारियां निकलना भी शुरू हो चुका था। तभी उन्होंने मेरे ऊपर आते हुए मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए, और बडे ही प्यार से मेरे होठों का रसपान करने में लग गए। मै भी उनका पूरा साथ दे रही थी। शायद देवर जी ने मेरे हाथ पैर खोलना ठीक नही समझा, और वैसी ही हालत में वो मेरे साथ यह सब किए जा रहे थे। उन्होंने अपने कपडे भी नही उतारे थे, तो मैंने उनका लंड अब तक नही देखा था।

आगे की कहानी अगले भाग में लिखूंगी, तब तक सब अपने लंड हिलाते रहिए, और चुत में उंगली करते रहिए। धन्यवाद।