मेरी क्लासमेट कॉलगर्ल के रूप में मिली • Kamukta Sex Stories

मेरी क्लासमेट कॉलगर्ल के रूप में मिली

दोस्तो, मेरा नाम रवीश है, मैं रांची से हूँ. मेरा लंड 6 इंच लंबा और बहुत मोटा है. मुझमें इतना दम है कि मैं एक दिन 6 से 7 बार चोद सकता हूँ. मैंने अपने आस पास की बहुत सी भाभी और अपनी गर्लफ्रेंड को चोद कर खुश किया है. अपनी दोस्तों की गर्लफ्रेंड को भी चोदा है. मेरे लंड पे तिल हैं, सभी लोग बोलते हैं कि लंड पे तिल होने से चूत की कमी नहीं होती है और शायद ये सच है.

यह बात एक साल पहले की है. मैं अपने काम से दिल्ली गया था. मैंने वहां की कॉलगर्ल्स के बारे में सुना था, तो सोचा देख लिया जाए. मेरे एक दोस्त वहां के लोकल दलाल का मोबाइल नम्बर दिया, मैंने उसे कॉल किया और उससे मिलने गया. उसने मुझे बहुत सी लड़कियों की तस्वीरें दिखाईं. उसमें से एक लड़की को देख कर मैं चौंक गया, वो मेरी क्लासमेट थी.. उसका नाम सोनाली था.

वो देखने में बहुत खूबसूरत थी. वो चार साल पहले दिल्ली पढ़ने आई थी. दिल्ली आकर साली पूरी मॉडर्न और स्टाइलिश हो गयी थी. मैंने दलाल से पैसों की बात की और सोनाली को बुक कर लिया. फिर मैं अपने होटल पर आ गया.
होटल आकर मैं सोनाली का इंतज़ार करने लगा.

थोड़ी देर में रूम की घंटी बजी, मैंने दरवाज़ा खोला तो बाहर सोनाली खड़ी थी. वो मुझे देखकर डर गई, हड़बड़ाहट में वापस जाने लगी. मैंने उसे वापस बुलाया, उससे बात की और उसे समझाया कि कोई परेशानी की बात नहीं है, मैं किसी को कुछ भी नहीं बताने वाला हूँ.

दो पल सोचने के बाद वो मान गयी. हम दोनों ने बैठ कर थोड़ी देर बात की.. कुछ खाने का मंगाया. कुछ ही देर में मैं उससे घुल मिल गया. अब वो थोड़ा रिलैक्स दिखने लगी. हम दोनों बेड पे लेटे हुए थे.

बातों बातों में मैं आपको सोनाली के बारे में बताना भूल गया. सोनाली देखने में बहुत खूबसूरत लग रही थी, बिल्कुल हीरोइन की तरह स्टाइलिश थी. उसने ऊपर से नीचे ब्रांडेड कपड़े पहने हुए थे, एप्पल के दो मोबाइल थे, फुल मेकअप, गॉगल्स, बड़े बड़े चुचे, बड़ी गांड, मेरा तो लंड खड़ा हो कर सलामी देने लगा था. मन तो किया वहीं पटक के चोद दूँ, लेकिन वो मेरी क्लासमेट थी और चुदने ही आई थी तो लंड का काम तो होना तय था.. इसलिए मैंने चुप रहना ठीक समझा.

अब हम दोनों बेड पे साथ में लेटे हुए थे, बात करते करते मैं उसे छू रहा था, पकड़ रहा था. बात करते करते मैं उसे किस करने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे, काट रहे थे, जीभ से जीभ लड़ा रहे थे. मैंने उसके बड़े बड़े चूचों को मसलना शुरू कर दिया. पंद्रह मिनट किस करने के बाद हम अलग हुए, दोनों हांफ रहे थे.

अब सोनाली ने मुझसे खुल के बात की. वो बोली- जो करना हो, जितना करना हो, कर लो … मुझे तुमसे पैसे भी नहीं लेना है. बस बदले में इतना चाहती हूँ कि ये बात किसी को बताना मत.
उसने मुझे पूरा मजा देने का वादा किया, उसने मुझे साथ में नहाने को बाथरूम चलने को कहा.

मैं साथ में चला गया. उसने मुझे सिर्फ साथ देने को कहा, मुझे कुछ भी करने से मना कर दिया. सोनाली ने मुझे किस करते हुए मेरे और अपने दोनों के कपड़े खोले और पूरे बदन को किस किया. उसने मेरे निप्पल चूसे और काटे, उसकी रंडीपने की अदाओं से मैं जन्नत में पहुंच गया था.

उसने मुझे साबुन से रगड़ रगड़ के नहलाया. मैंने अपनी झांटें साफ नहीं की थीं, उसने साबुन से लंड को धोया फिर अपने बैग से हेयर रिमूवर लाकर मेरे लंड और गांड के बाल साफ किए.

हम दोनों अब बेड पे नंगे थे, किस कर रहे थे. मुझे आज से पहले कभी इतना मजा नहीं आया था.

सोनाली बिल्कुल प्रोफेशनल रांड बन चुकी थी. उसे पता था कि मर्द को खुश कैसे करते हैं. किस करने के बाद उसने मेरी पूरी छाती को किस किया, दांतों से मेरी छाती की घुंडियों को काटा.

अब वो मेरे लंड को चूसने के मूड में थी, उसने जांघ के आसपास किस करना और दाँत काटना शुरू कर दिया था. मेरा लंड पूरा कड़क हो चुका था, मैं मस्ती से तड़प रहा था. मेरे मुँह से आह आह निकल रहा था. मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैं झड़ गया तो उसने मेरा सारा माल रुमाल से साफ किया और लंड को साफ कर के कुछ केमिकल लगा कर लंड को चूसना शुरू किया. वो अलग अलग तरीके से लंड की सेवा में लगी हुई थी.

वो मेरे लंड को होंठों से चूसती, ऊपर नीचे करती हुई दाँत से हल्के हल्के काट रही थी. जिससे मैं पागल हुए जा रहा था. वो मेरे सुपारे को जीभ से चाट रही थी, आंडों को मुँह में लेकर चूसते हुए मुझे काम का पूरा सुख देने में लगी हुई थी.

बीस मिनट के बाद मैं फिर से झड़ गया. इस बार मैं उसके मुँह में झड़ गया था, वो कुछ रस पी भी गयी थी. उसके मुँह में कुछ माल था, वो मुझे किस करने लगी और इस तरह से उसने अपने मुँह में बचा हुआ सारा माल मेरे मुँह में दे दिया. मैं वासना में इतना अधिक पागल हो रहा था कि मैं खुद अपना माल ही गटक गया. ये थोड़ा अजीब था, पर मेरे लिए नया था.

अब वो मेरे निप्पल को किस करते हुए मेरे लंड की मुठ मारने लगी. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन चोदने आया था और कौन चुद रहा है?

अब मैं चूत चुदाई चाहता था. मैंने उसे पटक कर अपने नीचे लिया और लंड को उसकी चूत पे रगड़ने लगा. उसने लंड पकड़ कर चूत के छेद पे लगाया. मैंने धक्का लगाया. उसकी चूत में मेरा पूरा लंड आराम से घुस गया. हांलाकि उसे थोड़ा दर्द हुआ.. क्योंकि मैंने बिना रुके दस तक गिनती गिन कर जोरों से धक्का लगा कर उसकी चूत चोदी थी.

फिर मैंने सोनाली को किस किया, उसके चुचे मसले. तभी उसने मुझे रोक दिया. मैंने उसकी आँखों में देखा तो उसने मुझे नीचे आने का कहा.

अब वो मेरे ऊपर आ गयी औऱ मेरे लंड पर बैठ कर उछल उछल कर चुदने लगी. मैं फिर से पागल होने लगा. वो मुझे किस कर रही थी, मेरे निप्पलों को चूस रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं बिंदास नीचे लेट कर चुद रहा था.

लगभग बीस मिनट कूदने के बाद वो झड़ गयी. अब मैंने उसकी चूत को साफ किया और नीचे लेटा कर अपना लंड उसकी सूखी चूत में पेल दिया. वो दर्द से छटपटाने लगी. चूत सूख जाने से बहुत टाइट हो गयी थी. मेरा लंड बहुत मुश्किल से अन्दर बाहर हो रहा था. सोनाली को अब दर्द हो रहा था, वो मेरे पीठ पे नाखून गड़ा रही थी, नोंच रही थी. मगर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर थोड़ी देर में मैं झड़ गया.

थोड़ा आराम करने के बाद हम लोग किस करने लगे. अब मैं उसकी गांड मारना चाहता था. मैं उसकी गांड को सहलाने लगा. वो समझ गयी और उसने अपने बैग से क्रीम और जैली निकाल कर दी. क्रीम से मैंने उसके गांड के छेद की मालिश की. गांड का छेद थोड़ा मुलायम और गीला हो गया था. मैंने सोनाली को घोड़ी बना कर उसकी गांड की छेद पे लंड लगाया और लंड गांड में पेल दिया.

सोनाली को थोड़ा दर्द हुआ. वो दर्द से तड़पने लगी, पर उसने मना नहीं किया.

मैंने बीस मिनट तक सोनाली की गांड चोदने के बाद अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और मुँह की चुदाई करके झड़ गया. फिर हम दोनों साथ में नहाए और सोनाली को रेस्टोरेंट ले जाकर साथ में डिनर करके उसे उसके फ्लैट तक छोड़ दिया. उसने मुझे बाद में बुलाया था अपनी फ्लैटमेट से मिलवाने और उसकी चुत दिलाने के लिए. वो कहानी अगली बार लिखूँगा.