नमस्कार मित्रों मै राज आज आपके सामने अपनी एक काल्पनिक कहानी लेकर आया हूं। यह कहानी दो प्रेमियों की है, जो कॉलेज में प्रेमगीत गाकर अपने प्यार को मशहूर कर रहे थे। इस कहानी में पढिए, किस तरह से दो प्रेमी मिलन के लिए तडप रहे होते है, और आखिर उनका मिलन किस तरह से होता है। इसे पढकर मजा लीजिए प्रेम कहानी का। यह कहानी के पात्रों के नाम है, आशीष और अंजना। आशीष और अंजना दोनों एक ही साथ एक ही कक्षा में पढते थे।दोनों ही पढाई में भी होशियार थे, और सभी शिक्षकों के पसंदीदा भी।
कक्षा में आशीष और अंजना दोनों की अच्छी बनती थी, दोनों मिलकर बाकी बच्चों को अगर कोई दिक्कत हो तो सुलझा भी देते थे। इसी बीच उन्हें भी पता नही चला कि, कब वो दोनों दोस्ती के रिश्ते को पार करके प्यार की नैया में सवार हो चुके थे। अब परीक्षाएं पास आने को थी, तो दोनों ही तैयारी में लग चुके थे। दोनों को ही अच्छे नंबर लाने की उम्मीद थी। तो एक दिन अंजना ने कक्षा में आशीष से पूछा, “क्या हम दोनों एकसाथ पढाई कर सकते है? अगर मुझे कोई दिक्कत आ जायेगी तो तुम उसे सुलझा दोगे और तुम्हे कोई दिक्कत आएगी तो मै हूं सुलझाने के लिए।”
आशीष को भी अंजना का यह सुझाव अच्छा लगा, लेकिन वो एकसाथ पढेंगे कहां, कॉलेज से तो सही समय पर बाहर निकलना पडता था। उसके बाद दोनों के घर भी एक-दूसरे के घर से काफी दूरी पर थे। तो किसी के घर पर जाकर भी नही पढ सकते थे। तो दोनों ने मिलकर एक उपाय निकाला कि, दोनों सुबह जल्दी आ जाएंगे, और कॉलेज शुरू होने से पहले पढाई कर लेंगे। कुछ दिन तक तो यह सिलसिला चला भी, दोनों सुबह सुबह जल्दी आकर पढाई करते थे। एकसाथ पढने से उनकी पढ़ाई जल्दी खत्म भी होने लगी थी, और कोई एक कहीं अटक जाए तो दूसरा उसे निकालने के लिए था ही।
लेकिन जैसे जैसे परीक्षा पास आने लगी, इन दोनों को ही पढने के लिए ज्यादा समय चाहिए था। तो बहुत सोचने के बाद, आशीष ने एक सुझाव दिया कि, वो दोनों कॉलेज खत्म होने के बाद, कॉलेज के पीछे जो जंगल है, उसमे थोडा अंदर जाने पर एक अच्छी जगह बनी हुई है, वहां पढ सकते है। लेकिन उसके लिए अंजना मान नही रही थी, उसके पास कोई और रास्ता भी नही था, तो आखिर में वो बोली, “पहले मै वो जगह देखूंगी, उसके बाद मै तय करूँगी, वहां जाना है या नही।”
आशीष भला अंजना के आगे क्या बोलता, उसने भी हां में अपना सर हिला दिया। और कॉलेज खत्म होने पर वो अंजना को वह जगह दिखाने के लिए लेकर गया। वहां उस जगह पर जाते समय अंजना को डर तो लग रहा था, लेकिन वो जगह देखने की इच्छा से वो चुपचाप अंदर चली गई। उस जगह पर जाते ही अंजना उसे बस देखती ही रही, वहां पर किसी ने उस जगह को अच्छे से सजाकर रखा था। पास में ही एक पानी का कुंआ था। अंजना कुंए में देखने के लिए जैसे ही कुंए के पास गई, पीछे आशीष अपने एक घुटने पर बैठ गया, और अपनी जेब से एक रिंग निकालकर अंजना को आवाज लगा दी।
अंजना को एक के बाद एक ऐसे सरप्राइज मिल रहे थे, तो वो पूरा शॉक में थी। प्यार तो दोनों एक-दूसरे से कब से करते थे, लेकिन कहने से डरते थे। और जब आज आशीष ने इतनी हिम्मत की है, तो अंजना भी कहां पीछे रहने वाली थी। अंजना ने भी आशीष के पास जाकर उसके हाथ से रिंग लेते हुए खुद ही पहन ली। आशीष की खुशी का तो अब कोई ठिकाना ही नही था। उसे अंजना ने हां जो कह दिया था। तभी आशीष उठा और उसने अंजना को अपनी बाहों में भर लिया, अंजना ने भी आशीष का स्वागत अपनी बाहें फैलाकर किया, और उसे कसकर अपने सीने से चिपका लिया।
अब दोनों ही बहुत खुश थे, दोनों को भी इससे पहले कभी प्यार हुआ नही था, तो उनको नही पता था क्या होता है यह अहसास। अब दोनों ही इस प्यार के अहसास को जी भर के जी रहे थे। दोनों काफी देर तक एक-दूसरे की बाहों में रहे, और इस सुखद अहसास का मजा लेते रहे। फिर आशीष ने धीरे से अपने एक हाथ को अंजना के बालों में ले जाकर उसके सर को थोडा ऊपर की ओर उठाते हुए उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए। अंजना भी शायद यही चाहती थी, अंजना के होठों पर आशीष ने जैसे ही होंठ रखे, अंजना ने लपककर आशीष के होठों को पकड लिया और जोर जोर से चूसने लगी।
यह उन दोनों का ही पहला चुम्बन था जो काफी देर तक चला। फिर दोनों एक-दूसरे के शरीर से थोडा अलग हुए और वहां कुए के पास बैठकर बातें करने लग गए। तो अंजना के पूछने पर आशीष ने बताया कि, उसने यह सब तैयारी आज सुबह जल्दी आकर की थी, और उसे भी पता नही था कि, अब तक यह ठीक रहेगी भी या नही। अंजना को आशीष की यह हरकत बहुत पसंद आई थी। आशीष अंजना की गोद मे लेटकर बाते कर रहा था, और अंजना भी उसके बालों को सहलाते हुए उसे मसाज दे रही थी।
थोडी देर बाद ही अंधेरा होने वाला था, तो दोनों ने ही अब निकलने में भी भलाई मानी, और वहां से निकल गए। अगले दिन फिर दोनों सुबह जल्दी आकर वहीं जंगल मे गए, अब दोनों का यह पहला प्यार था, और ऊपर से जवानी की आग। इस वजह से दोनों को ही एकांत चाहिए था। तो उन दोनों ने अब से हमेशा वहीं जंगल मे ही पढाई करने की ठान ली। कुछ दिन तक तो दोनों ने अपने आप को रोके रखा और पढाई करते रहे। लेकिन जैसे ही परीक्षा खत्म हुई, अगले ही दिन दोनों सुबह सुबह फिर से जंगल मे मिलने आए।
आज दोनों को कोई फिक्र नही थी, ना ही घर की और ना ही कॉलेज की। अब परीक्षा तो खत्म हो चुकी थी। तो दोनों वहां जाते ही एक दूसरे के गले मिल गए। आशीष ने तो खुशी से अंजना को उठाकर गोल घुमाया।
उसके बाद गले लगाकर दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लग गए थे। ऐसा लग रहा था जैसे दोनों एक-दूसरे को खा जाना चाहते हो। दोनों को ही अब खुद को रोक पाना मुश्किल हो रहा था। आशीष ने अंजना के होठों को चूमते हुए ही उसके टॉप के ऊपर से उसके चूचों पर हाथ रख दिया। आशीष अभी भी थोडा डरा हुआ सा लग रहा था, वो पूरी तरह से खुलकर मजे नही ले रहा था।
तो अंजना ने उसके हाथ को अपने चूची के ऊपर रखकर दबाया तो उसे राहत मिली, और अब वो भी अंजना के चुचे मसलने लगा। अंजना ने आगे बढते हुए आशीष की शर्ट के अंदर अपना हाथ घुसाकर उसकी छाती पर अपनी उंगलियां फिराने लगी थी।
उसे देखकर आशीष ने भी अपना एक हाथ अंजना के टॉप के अंदर घुसाया और उसकी चूचियों को छूने की कोशिश करने लगा। लेकिन अंजना ने ब्रा पहनी हुई थी, तो वो उन्हें छू नही पाया। तो अंजना ने अपने हाथ ऊपर कर लिए, जो आशीष के लिए अंजना का टॉप उतारने का इशारा था। आशीष ने भी टॉप उतारने में देर नही की। और टॉप के बाद वह एक एक करके अंजना के सारे कपड़े उतारता गया। दोनों को अब किसी की भी परवाह नही थी। दोनों ही अपने मे मस्त होकर जीवन का असली सुख भोग रहे थे।
अंजना ने भी आशीष की पैंट के बटन खोल दिए। अब अंजना ने सीधे आशीष के लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ मे लेकर उसे सहलाने लगी थी। आशीष भी अब कभी अंजना की चूचियों को मसलने लगता तो कभी चूचियों को। आशीष भी पूरे मजे लिए जा रहा था। तभी अंजना नीचे लेट गई और आशीष को अपने ऊपर बुलाया।
आशीष भी उसके ऊपर आते ही उसने पहले अपने लंड को उसकी चुत के प्रवेशद्वार पर फिट कर लिया और एक हल्का सा धक्का मार दिया। लेकिन वह अपने लंड को उसकी चुत में नही घुसा पाया। तो अंजना ने खुद उसके लंड को पकड़कर अपने चुत का रास्ता दिखाया, और तभी आशीष ने धक्का लगाते हुए अपना लंड अंजना की चुत में डाल दिया। अंजना को बहुत दर्द हुआ लेकिन उसके खुद अपने मुंह मे अपनी ब्रा ठूंस ली, ताकि उसकी चीख न निकल जाए। उसके बाद आशीष ने कुछ धक्के और लगाए, और अपना पूरा लंड अंदर कर दिया। उसके बाद तो दोनों की चुदाई चलती रही।
आपको कहानी कैसी लगी कमेंट में बताइए। धन्यवाद।