हिमाचल की हसीना की थ्रीसम चुदाई- 3 • Kamukta Sex Stories

हिमाचल की हसीना की थ्रीसम चुदाई- 3

कपल थ्रीसम सेक्स कहानी में मैंने अपनी कहानियों के एक प्रशंसक के साथ उसकी बीवी को होटल में चोदा. उसकी बीवी भी खूब खुलकर मजा लेकर चुदी.

कहानी के पिछले भाग
हिमाचल की हसीना की थ्रीसम चुदाई- 2
में आपने पढ़ा कि मैं एक कपल के साथ होटल के कमरे में था. हम तीनों सेक्स का मजा ले रहे थे.

अब आगे कपल थ्रीसम सेक्स कहानी:

मैंने ज्योति के सामने बैठकर उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से बैड से ऊपर उठाया और उसकी पैंटी के ऊपर अपने तपते होंठ रख दिए.
इससे ज्योति और मचल गयी.

मैंने दो तीन गर्म साँसें उसकी पैंटी के ऊपर छोड़ी जो शायद उसकी चूत तक महसूस हुईं.
मैं अपने दांतों में उसकी पैंटी को पकड़ कर धीरे धीरे उसकी टांगों की तरफ़ खिसकाने लगा. मैं धीरे धीरे उसकी पैंटी को उतारता जा रहा था.

ज्योति अब अल्फ नंगी हो चुकी थी और हम दोनों मर्द सामने से उसे देख रहे थे।
अब मेरी आँखों के सामने उसकी फूल जैसी चूत थी.

मैं बोला- वाओ … काम की देवी लग रही हो मेरी जान! बहुत चुदक्कड़ लग रही हो!

अब तक उसकी झिझक भी कुछ कम हो गयी थी.
मेरी बात सुन कर ज्योति बोली- आप भी बहुत ज्यादा वो हो!

मैंने तुरंत कहा- वो क्या बेबी, खुल कर बताओ न?
वो बोली- चोदू हो. चलो अब अपना काम करो. मैं नीचे से गीली हो गयी हूँ.

मैंने उसकी चूत को देखा और बोला- अरे कोई बात नहीं डार्लिंग, इस गीली चूत का रस ही तो पीना है हमने!

उसकी दोनों टांगों को मैंने ऊपर किया और उसके चूतड़ों की तरफ़ से अपने तपते होंठ उसकी चूत के ऊपर रख दिए.
उसके मुंह से फिर सिसकारी निकली ‘उफ्फ्फ़ … उम्म्ह्हा.’

ऊपर रोहित ने फिर से उसके एक मम्मे को अपने मुंह में ले लिया और दूसरे को हाथ से सहलाने लगा।
मैं उसके दोनों चूतड़ों को पकड़ कर अपनी जीभ को उसक चूत की दरार में फिरा रहा था और उसकी चूत से रिसता हुआ नमकीन पानी अपनी जीभ से चाट भी रहा था.

मैंने उसकी चूत के होंठों को अपने होंठों में ले रखा था और अपनी जीभ से उसकी चूत को जोर जोर से चाटे जा रहा था।
उफ्फ … क्या मजेदार चूत थी ज्योति की … उसकी जवानी का सारा रस उसकी चूत के रास्ते मेरे मुंह में आ रहा था और मैं भी उसकी चूत को पी रहा था.

ऐसे चूत से रस पीने में मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था, मैं उसकी चूत में अंदर और आगे तक जीभ डाल कर उसकी जवानी का रस पीने की कोशिश कर रहा था.

ऊपर से उसके मम्मों को भी रोहित लगातार चूसे जा रहा था.

ज्योति को इस वक्त हम दो मर्दों की मर्दानगी का मज़ा मिल रहा था।

वैसे भी किसी औरत की चूत पर किसी के तपते होंठ हों जो उसकी जवानी का रस चूस रहे हों तो मज़ा वैसे ही दुगना हो जाता है।

ज्योति की चूत से रिस रहा पानी मेरे मुंह में आ रहा था उसे मैं अपने अंदर पिए जा रहा था, मैं उसको भोगने के लिए पागल होता जा रहा था.

मैंने महसूस किया कि ज्योति झड़ने की कगार पर थी और मैं चाहता था कि एक बार वो मेरे मुंह में ही झड़ जाये.

मेरी जीभ चलाने की रफ़्तार बढ़ती गयी।

रोहित भी उसको पूरा मज़ा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था।

मैंने दोनों हाथों से उसकी चूत को अच्छे से और खोल दिया और अपनी जीभ उसकी चूत के और अंदर तक कर दी- उम्म्ह्हा ले साली चुदक्कड़ चुद … उफ्फ …
उसकी चूत की धार मेरी जीभ को गीला करती हुई मेरे मुंह के अंदर गिरती ही जा रही थी.

कुछ देर उसकी चूत मेरे मुंह में रस छोड़ने के बाद नार्मल हुई तो हमने उसे छोड़ दिया।
ज्योति उठ कर बैठ गयी.
मैं भी उसके पास बैठा था, वो अपने बिखरे हुए बालों को पीछे करके बाँध रही थी।

कुछ देर बाद मैंने ज्योति को बैड के किनारे पर गांड रख कर लेटने को कहा.
वो मेरे कहने के अनुसार लेट गयी, मैं नीचे उतर कर उसके चूतड़ों के पीछे आ गया.

रोहित बैड पर चला गया, राहुल अब उसके मम्मों को सहलाने लगा और कभी कभी वो उसके मम्मों को चूस भी लेता था.
मेरे सामने टाँगें उठा कर लेटी ज्योति बहुत सेक्सी लग रही थी.
मैंने उसकी टांगों को पकड़ कर और ऊपर कर दिया.

मेरा सहयोग देने के लिए उधर से रोहित ने ज्योति की टांगों को और मोड़ कर उसके मम्मों को लगा दिया जिससे उसके चूतड़ बिल्कुल मेरे सामने आ गये.

उसकी चूत फूल कर मुझे चिड़ाने लगी.
फूली हुई चूत देख कर मेरे लंड भी पूरी तरह से खड़ा हो गया. मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया. अब मेरा लंड ज्योति का अंग मर्दन करने के लिए तैयार था।

तभी मैंने ज्योति से पूछा- दो मर्दों के बीच नंगी लेट कर कैसा लग रहा है मेरी जान?
तो ज्योति धीरे से बोली- उफ्फ मज़ा आ रहा है!
रोहित कहने लगा- रवि यार, अब और मत तड़पाओ इसे!

मैंने ज्योति की फूली हुई चूत के अंदर जीभ डाल कर एक किस की और उसकी चूत के होंठों पर अपने होंठों से चुम्बन लिया तो उसकी चूत ने मेरे चुम्बन का अपने गर्म रस से स्वागत किया.
थोड़ा सा रस टपक कर मेरे होंठों में आ गया.

अब मैंने अपने खड़े लंड के टॉप को उसकी चूत के सामने किया और लंड को रख दिया उसकी दहकती जवानी पर!

मेरा लंड अब ज्योति की चूत के बिल्कुल ऊपर रखा हुआ था और ज्योति के मुंह से सिसकारी निकल रही थीं क्योंकि वो मेरे लंड को पाने के लिए पहले से ही बहुत रोमांचित थी।

मैंने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा और दूसरे हाथ से ज्योति की चूत की फांकों को खोला और अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए एक हल्का सा झटका दिया.

मेरे लंड का टॉप उसकी चूत की फांकों के बीच फंस गया.
तो ज्योति ने भी अपने मुख से एक आह भरी और साथ ही रोहित ने भी ज्योति के दोनों मम्मों को पकड़ कर उसके एक मम्मे को अपने मुंह में ले लिया।

मैंने अपने लंड को पकड़े हुए ही एक बार ज्योति की आँखों में देखा, ज्योति खुद वासना में लिप्त थी तो मैंने लंड का दूसरा झटका दिया.
मेरे लंड का कुछ और हिस्सा उसकी चूत के अंदर चला गया.

ऊपर से रोहित भी मज़े से सिसकार रही ज्योति के मम्मों को चूसने लगा, मतलब हम दोनों मर्द फिर से एक साथ ज्योति का मर्दन करने लगे थे।

मैंने ज्योति के चूतड़ों को और ऊँचा किया और अपने लंड का झटका जोर से ज्योति की चूत में लगा दिया.

और ऐसे ही लगातार मेरे तीन झटके मेरे लंड के उसकी चूत में लगे जिससे मेरा आधे से भी ज़्यादा लंड उसकी चूत में चला गया.
वो भी इस चुदाई में हमारा पूरा साथ दे रही थी।

रोहित ने ज्योति से पूछा- बोल साली, आज दो लंडों से खेल कर कैसा लग रहा है?
ज्योति बोली- अभी तो एक से ही खेल रही हूँ!

मैं उसकी हाज़िर जवाबी पर हंसने लगा, मैंने कहा- यार तुम भी अपना लौड़ा निकाल कर हमारी हिरोइन को दो, तभी इसकी दो लंडों से खेलने की ख्वाहिश पूरी होगी.

मेरा इतने कहने की देर थी कि रोहित ने भी अपना नंगा लंड ज्योति के दोनों मम्मों के बीच रख दिया.

मैंने पीछे से और झटके लगाए जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
ज्योति भी मुंह से सिसकारियां निकालने लगी थी- उफ्फ!

मेरे हर झटके के साथ उसकी आह … निकल रही थी, मेरा लंड उसकी बच्चेदानी को टच कर रहा था.

आखिर मैंने उसे अपनी जाँघों पर बिठा लिया. उसके दोनों मम्मे अब मेरे बिल्कुल सामने थे, मैंने उसके एक मम्मे को मुंह में ले लिया और अब भी मेरा लंड उसकी चूत के अंदर था.
मैं बोल रहा था- ले चुद … उफ्फ … ले चुद साली और चुद!
वो भी मेरी बात का जवाब दे रही थी- उफ्फ हाँ चोद दो … मुझे चोद … दो सालों … आह्ह्ह्ह गयीई!

मेरी हर बात का वो भी पूरी कामुकता से जवाब दे रही थी और नीचे से चूतड़ हिला कर चुदाई में मज़ा आने का सबूत दे रही थी।

उसकी पीठ पर रोहित किस्सिंग कर रहा था और उसकी पीठ और गर्दन पर सहला भी रहा था।
हम दो मर्दों के बीच वो भी मज़ा ले रही थी.

तभी मैंने रोहित को मेरे सामने बैठने का इशारा किया. रोहित बैठ गया, उसका लंड पूरा खड़ा था और उसके लंड से लेकर टट्टे साफ़ दिखाई दे रहे थे.
तो मैंने ज्योति को चूतड़ों से पकड़ा और अपने लंड से उठा कर रोहित के लंड पर बिठा दिया.

अब मेरी जगह रोहित ने ले ली थी और वो अपनी बीवी ज्योति की चुदाई रोहित कर रहा था.
मैं उसकी पीठ को सहला रहा था.
रोहित जैसे ही झटका लगाता तो ज्योति के मुंह से सिसकारी निकल जाती. रोहित उसके मम्मों को भी चूस रहा था.

तभी मैंने ज्योति को कमर से पकड़ा और उसे घोड़ी बना लिया.
अब ज्योति की गांड और चूतड़ दोनों मेरे सामने थे और ज्योति मेरे सामने घोड़ी बनी हुई थी.

मैंने अब उसके दोनों चूतड़ों को उसके पीछे से पकड़ा और अपने लंड को उसकी चूत पर रख कर पीछे से उसकी चूत में डाल दिया और उसे पीछे से चोदने लगा.

और मैं पीछे से अब उसकी चूत में झटके लगा रहा था.
मैंने मज़ाक में कहा- कहो तो एक लंड गांड में भी डाल दें क्या?
वैसे मैंने मज़ाक में ये बात कही थी पर ज्योति सिसकती हुई बोली- उफ़ … नो … नहीं … वहां नहीं!

मैंने उसे चोदते हुए कहा- तो फुद्दी चुदवा साली … उफ्फ … अह्ह … ये ले मेरा लौड़ा … अपनी चूत में … उह्हह ह्हह्ह!

तभी रोहित उसके सामने आ गया और घोड़ी बनी ज्योति की गर्दन और पीठ सहलाने लगा और चुसाई भी करने लगा.

ज्योति ने थोड़ा आगे बढ़ कर रोहित का लटक रहा लौड़ा अपने मुंह में ले लिया और वो उसका लंड चूसने लगी.
पीछे से मैं ज्योति को चोद रहा था और सामने से ज्योति रोहित के लंड को चूस रही थी।

ऐसे हमारी चुदाई पूरे जोश में चल रही थी और सभी मज़ा ले रहे थे. ज्योति मज़े से सिसकारती हुई अपनी चूत जोर जोर से मेरे लंड पर मार रही थी जिससे उसके चूतड़ मेरे टट्टों पर जोर जोर से टच कर रहे थे।

मैंने पीछे से उसके बालों को पकड़ा हुआ था और पोजिशन ऐसे थी जैसे मैं किसी घोड़ी को भगा रहा हूँ.
सामने से रोहित के लंड को कभी चूसती और कभी हाथ से पकड़ कर सहलाती और साथ ही रोहित भी कभी उसकी गर्दन को सहलाता और कभी वहां चुम्बन लेता।

इस तरह हम तीनों की चुदाई मस्ती से चल रही थी।

आज का दिन हम तीनों के लिए और ख़ास कर ज्योति के लिए यादगार होने वाला था क्योंकि ज्योति आज पहली बार 3सम चुदाई का मज़ा ले रही थी।

मैंने रोहित को इशारा किया और उसे पीछे आने को बोला.
तो रोहित घूम कर मेरी तरफ़ आ गया और मैं ज्योति के सामने चला गया.

मेरी जगह रोहित ने संभाल ली और उसने हमारी घोड़ी की चूत में लंड डाल दिया और पीछे से ज्योति को चोदने लगा.
मेरा लंड आगे से ज्योति चूस रही थी.

हम तीनों में कोई भी शर्म अब नहीं बची थी और हम खुल कर चुदाई का मज़ा ले रहे थे.
रोहित बोल रहा था- रवि, आज हर तरह से नए से नए तरीके के साथ चोदेंगे साली को!

मैं भी कह रहा था- बिल्कुल, आज हमारी हिरोइन का हम हर सपना पूरा करेंगे.

“वाऊऊ … साली … अहह … चुद … चुद … हमारी चुदक्कड़ … घोड़ी … साली!”
ऐसे बोलते ही मैंने उसकी चूत में तीन चार और झटके लगाये और ज्योति की चूत ने फिर से रस छोड़ा.

और ज्योति भी जोर जोर से सिसक रही थी और बोल रही थी- उफ … अह्ह … गयी … चुद … गयी … मैं … अह्ह्ह्ह … साले … बस..बस.स.स.स!

इतना सब तो मैं भी बर्दाश्त नहीं कर पाया, मैंने स्पीड से चार पांच झटके एक साथ ज्योति की चूत में लगाए और जोर से लौड़े को बाहर निकाला.
मेरे लंड से एक जोर से पिचकारी निकली जो ज्योति की पीठ से भी आगे तक शायद उसके सर तक ही गयी होगी.
और दूसरी पिचकारी उसकी पीठ पर पड़ी तो मैंने ज्योति को तुरंत घुमा दिया जिससे मेरी आखरी 2 पिचकारियाँ उसके मम्मों पर गिरीं.

मेरा लंड खलास हो गया था. हम तीनों एक बार झड़ चुके थे.

ज्योति मेरे नीचे से निकल कर बाथरूम की ओर भागी. मैं भी उसके पीछे ही चला गया.
हम अपने आप को साफ़ करके वापिस बैड पर आ गये और हम तीनों कपड़े पहन लिए।

हमारी चुदाई का एक राउंड पूरा हो चुका था, हमने टाइम देखा तो 8 बज रहे थे, यानि लगातार 2 घंटे से हम तीनों की चुदाई चल रही थी.
मैंने इण्टरकॉम पर वेटर को तीन कप काफ़ी लाने को बोल दिया और हम बैठ कर बातें करने लगे।

मैंने उन दोनों से पूछा- कैसा लगा मुझसे मिल कर? कपल थ्रीसम सेक्स करके?
रोहित तुरंत बोल उठा- आपसे मिल कर या आपसे चुद कर?
हम हंसने लगे.

मैंने कहा- जैसे मर्जी समझ लो!
ज्योति बोली- बहुत मज़ा आया और आपका स्वभाव भी हमें अच्छा लगा.

कमरे की बैल बजी, रोहित ने दरवाजा खोला, वेटर काफी लेकर आ चुका था.
हमने काफ़ी ली और बैठ कर बातें करने लगे।

रोहित बता रहा था कि उसकी बात एक और कपल से होती है, हो सकता है अगला प्लान उनके साथ कहीं बन जाये।
मैं भी अपनी लाइफ का एक्सपीरियंस उन्हें बता रहा था और वो भी में बातों को ध्यान से सुन रहे थे.

इससे पहले संजय और नीलू से हुई चुदाई की दास्तान वो ध्यान से सुन रहे थे।

ऐसे ही बातें करते करते पता नहीं चला कब 9 बज गये।

तो मैंने कहा- ठीक है दोस्त, आप अब आपस में करो बातें, मैं अपने रूम में जा रहा हूँ. और आपको मेरी याद आये तो मुझे कॉल कर लेना.
कह कर मैं बैड से उठा.
तो रोहित ने कहा- ठीक है डीयर रवि, हम भी थोड़ा फ्रेश हो लें, फिर एक साथ ही डिनर करेंगे.

मैं अपने रूम में आ गया।

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