दीदी को हिला डाला • Kamukta Sex Stories

दीदी को हिला डाला

हाय फ्रेंड्स दिस ईज़ देव वन्स अगेन बॅक वित ए न्यू स्टोरी! आप लोग तो मुझे जानते ही है मैं गुवाहाटी आसाम से हू. मेरा एज 20 साल है. यह स्टोरी मेरे और मेरी दीदी के बीच हुई घटनाओ पर आधारित है. मेरी दीदी विधवा थी कम उमर मे ही वो विधवा हो गयी थी उनका एक बेटा था 7 साल का. मेरी दीदी की एज 35 होगी वो पतली सी शरीरी का रंग गोरा और पतली कमर. खास बात यह थी की दीदी हमेशा साड़ी मे रहती थी वो भी उनकी पेट लंबे निकले हुए पतली कमर उफफफ्फ़ क्या बताउ.

खैर मेरे दीदी के घर हमारे घर के पास मे ही थे लगभग आधा किमी और मेरे दीदी उनके बच्चे के साथ रहती थी कच्चा घर बना हुआ था. एक दिन हुआ यू की मैं दीदी के घर गया वैसे मेरा आना जाना रहता ही था दीदी के घर तो उस्दीन मुझे बोहत ज़ोर से पेशाब लगी थी तो मैं पीछे बाथरूम मे जाने लगा उनका बाथरूम घर के पीछे थोड़ी दूरी मे था और गेट नही था परदा लगा लुआ था तो मैं जैसे ही परदा हटाया तो दंग रह गया दीदी वाहा पूरी नंगी अवस्था मे थी मुझे देखके वो शर्मा सी गयी और मेरा तो देखते ही लॅंड खड़ा हो गया था दीदी की पेट देख कर ऐसा लग रहा था कक्चा चबा जाउ खैर

अब मैं तो आ गया वाहा से और जाके दीदी के घर मे बैठा पर मेरा लंड बैठ नही रहा था जब दीदी आई तो कुछ नही बोली घर मे थोड़ा अंधेरा भी था क्यूकी बाहर बरसात का मौसम था दीदी पूछी चाय पिएगा मैने कहा पिलाओ बोला कहा से आया मैं बोला बस यही एक दोस्त से मिलने जा रहा था तो सोचा तुमसे मिलके जाउ और बाबू कहा है वो बोली स्कूल गया है मैं बोला दीदी तबीयत थोड़ी ठीक नही लग रही थोड़ा सो जाउ दीदी बोली हान तू सोजा मैं खाना बनाती हू

दीदी के घर मे 2 कमरे हैं बाहर का कच्चा बना हुआ था और एक किचेन खैर मैं सो रहा था तो आँख थोड़ी लग गयी हल्की सी एक आवाज़ आई मैने देखा दीदी दौड़ के भीगति हुई आई और पूरा भीग गयी थी और अपना कपड़ा साड़ी चेंज करने लगी और जब पेटीकोटे थोड़ी सी खोली तो पेटीकोटे ढीला होके थोड़ा गिर गया और दीदी की गॅंड मुझे दिख गयी मेरा लंड फिर टन टानाने लगा दीदी ने इतना टाइम मे दूसरी साड़ी पहन ली थी रेड कलर की और गोरा पेट पूरा निकला हुआ था पतला सा

मैं कंट्रोल नही कर पाया और दीदी को पास मे खिछा और चूमने लगा पहले तो दीदी को कुछ समझ नही आया बाद मे वो बोली देव ये क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे मैं तुम्हारी दीदी हू यह सब पाप है मेने बोला दीदी प्लीज़ एक बार दीदी दीदी मुझे धकेल के चली गयी कुछ टाइम जैसे चुप हो कर थम सी गयी इधर बाहर बारिश भी शुरू हो गयी थी दीदी वापस आके बोली चल खाना लगा दी है ख़ाले और यह सब चिंता छोड़ ये अछी बात नही है

मैने बोला मुझे भूक नही है और मैं जा रहा हू तो दीदी बोली पागल तू समझा कर मैं तेरी बड़ी बहन हू ये सब ठीक नही है मैं फिर जाने लगा तो दीदी बोली ठीक है सिर्फ़ किस कर ले मैने दीदी को पेट से पकड़ा फिर चूम लिया होट मे दीदी भी किस करी तो सासें तेज हो चुकी दोनोकी अब मैं दीदी को बोला दीदी तुझे अगर चोद नही पाया तो मैं मर जाउन्गा दीदी प्लीज़ दीदी ऐसा करता रहा

दीदी बोली इसमे ख़तरा है अगर हम लोग चोदा चोदि करे तो मेरे पेट मे बच्चा ठहर सकता है मैं बोला दीदी मैं आपकी गॅंड मार लूँगा पर दीदी मुझसे कंट्रोल नही हो रहा दीदी ऊहह

दीदी हॉर्स स्टाइल मे बिस्तर को पकड़ कर खड़ी हो गयी और अपनी पेटीकोटे की नाड़ी खोल दी तो पेटीकोटे गिर पड़ा और दीदी की सफेद पतली सी मुझे दिखी दीदी आगे झुकी हुई थी तो मैं दीदी के ब्लाउस को भी खोल दिया दीदी अंदर ब्रा नही पहनी थी तो दीदी की दोनो दूध लटक रहे थे मैं पीछे गया और अपना खड़ा लॅंड दीदी के गॅंड के छेद मे घुसाया और हाथ आगे बढ़ाकर दोनो लटकते हुए दूध को पकड़ कर मेरी जितनी ज़ोर थी उतनी ज़ोर से दीदी को हा हा हाईीन हाईीन ज़ोर ज़ोर से दीदी के गॅंड को चोदने लगा इधर दीदी अपने दाँतों से अपने होट को काट रही थी और पूरी चुदाई का मज़ा ले रही थी दीदी की एक्सप्रेशन मस्त लग रही थी मैने भी अपनी ज़िंदेगी की सबसे जोरदार चुदाई अपने दीदी को दे रहा था दीदी भी उम्म्म उम्म्म अफ अफ आह आह उम्म्म दीदी के गॅंड के छेद मे मेरा 8″ लंबा और 3″ मोटा लॅंड जैसे दौड़ रहा था दीदी के गॅंड को चौड़ा कर दिया था चोदते चोदते और दीदी के लटकते दूध को दबा दबा कर लाल कर दिया

करीबन आधा घंटा चुदाई के बाद मेरा लंड बोहत तन गया और मैं दीदी को घुमा कर दीदी के मूह खोलने को कहा और दीदी के मूह मे माल निकाल दिया जिससे दीदी के मूह के विटार भर गयी थी और थोड़ी दीदी के चेहरे पे भी मारा दीदी माल को सारा पी गयी और मैं लंड पोछ के बेड पे सो गया और दीदी अपने गॅंड के छेद को एक छोटा सा कपड़े से पोछ कर कपड़ा फेक दिया और बाथरूम चली गयी तब दोपहर 3 बज रहे थे

बाबू स्कूल से आया और बोला अरे मामा आप कब आए और मा कहा है मैं बोला तेरी मा नहा रही है चल तू भी नहाले और तब तक दीदी आई दीदी थोड़ी सूज सी गयी थी क्यू ना हो जोरदार चुदाई जो हुई थी दीदी हल्की आवाज़ मे बोली चल खाना लगाती हू ख़ाले मेरा बदन टूट रहा है खाना ख़ाके सोना है बाबू भी रेडी हो गया तीनो खाना खा रहे थे तो मैं दीदी को ऐसे चिपक चिपक के बात कर रहा था और थोड़ी सी दीदी को पकड़ रहा था तो दीदी मुझसे दूर दूर हट रही थी जब दीदी फिर किचन मे गयी तो मैं दीदी को पीछे से प्यार से पकड़ा तो दीदी भी बिल्कुल अपनी पति जैसे मुझसे भी बोली आहिस्ते से तुम्हे मेरे चेद को बोहत चौड़ा कर दिया चेद फट गया है इतनी बेरहमी से कोई चोदता है हा मैं इतनी सुंदर लगती हू तुम्हे हुम्म

मैं बोला दीदी मैं तुमसे बोहत प्यार करता हू तेरे रंग रूप नें नक्स सब अछा है रे काश मैं तेरा पति होता दीदी बोली तो मैं तो अब तेरी पत्नी ही बन गयी हू जब चाहे मेरे पास चला आना मैं भी तुझे बोहत प्यार दूँगी मैने कहा तो चलो फिर शादी कर लेते है दीदी बोली नही समाज क्या कहेगा और तेरा भांजा भी बड़ा हो रहा है सब समझता है वो क्या खहेगा फिर मैं थोड़ा उदास हो गया तो दीदी बोली पागल तू जब चाहे मुझे आके चोदना ठीक है और वैसे भी मेरे घर मे तो कोई है नही जब मर्ज़ी आ जाना तेरे जीजाजी के जाने के बाद आज पहली बार मैं खुश हुई हू तू और किसी के चक्कर मे मत पड़ना सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी दीदी को प्यार देना और जी भर कर चोदना

मैं बोली दीदी पर आज तूने अपने पेट मे बच्चा ठहरने नही दिया पर मैं तेरे पेट मे बच्चा लाना चाहता हू दीदी बोली चल पागल वो बाद मे सोचेंगे पहले तू सोजा थोड़ा थक गया होगा और मैं सो गया दीदी भी बाबू को लेके सोने चली गयी और 4.00 4.30 बजे जब थोडा अंधेरा हुआ तो बाबू सो रहा था पता नही दीदी को क्या हुआ वो मेरे कमरे मे आई और मैं तो सो नही रहा था यही सोच रहा था की क्या हो गया आज यार ज़िंदेगी मिल गयी दीदी आई और मुझे देखा और जाके दरवाज़ा बंद करके आई

और बोली तू मुझे बच्चा देना चाहता है ना चोद मुझे मेरे भाई और अपनी कपड़े उतारने लगी और देखते ही देखते साड़ी पेटिकोट ब्लाउस खोलके नंगी हो गयी और मुझे लिपट गयी और पता नही दीदी पागलो की तरह मुझे चूम रही थी घिस रही थी और बोल रही थी भाई चोद मुझे मा आज हाइईइ हाइईइ उम्म्म मैं भी देर नही किया नंगी दीदी को लेके पटक दिया और पैर को चौड़ा करके दीदी के चुत मे मेरा लॅंड डाल दिया और लगा दे दनादन चोदने दीदी को बोहत बुरी तरह चोद रहा था खटिया भी पूरा हिल रहा था और दीदी पैर मे जो पायल पहनती थी उसकी सन सन आवाज़ भी रूम मे गूँज रही थी

और दीदी को चोदते चोदते मैने माल दीदी के चुत मे डाल दिया दीदी और मैं दोनो पसीने से लटपट और दोनो ही संतुष्टि मे हाफ़ रहे थे मैने पूछा अचानक यह क्या था दीदी दीदी बोली आज जो आग तू लगाई थी पहले तो मैं शरम के कारण कुछ नही कर पाई अब वो आग को तुझे चोदके ठंड की है मेरे भाई क्या चोदा तूने

इसी तरह दीदी को डेड दो महीना चोदने के बाद अचानक दीदी की पेट मे मेरा बच्चा ठहर गया और एकदिन जब बाबू और मैं बाज़ार जा रहे थे तो अचानक बाबू मुझे पूछा मामा आप और मा दोनो साथमे क्यू सोते हो मैं बात काटने के लिए कहा क्यू तुम्हारे साथ नही सोते क्या बोली नही मेरे साथ सोते है पर जब आप आते हो तो मा मुझे सुलाके आपके पास चले जाते है और सुभह अपनी साड़ी पेटीकोटे ब्लाउस ठीक करते हुए मेरे कमरे मे आती है और तो उस्दीन मैने आपके बिस्तर पर मा की टूटी चूड़िया भी पाई मैने सोचा बच्चा चालक हो गया है पता इसको सब कुछ है फिर ना जानने का बहाना कर रहा है

फिर मैं बोला देख तेरी मा मेरी दीदी है और हम भाई बेहन बचपन से ही खेलते है और आज जब हम दोनोका कोई नही है तो हम दोनो उसिदिन को याद करने के लिए सोते है और खेलते है तो बाबू बोला दोनो नही तीनो मैं भी हूँ ना फिर बोला सॉरी सॉरी चारों मा की पेट मे भी तो एक है मैं बोला चल शैतान बोहट बदमाश हो गया यह बात किसिको मत बताना वो बोला नही बतौँगा पर मेरी मा का ध्यान रखना मुझे मेरे पापा का प्यार देना

थॅंक्स! कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके