मस्तीभरी चुदाई कहानी फूफा जी और मम्मी की • Kamukta Sex Stories

मस्तीभरी चुदाई कहानी फूफा जी और मम्मी की

मेरा नाम शुभम पटेल है. मैं राजस्थान में अजमेर का रहने वाला हूँ.. मैं जो बताने जा रहा हूँ वो एक सच्ची घटना है. मेरी माँ का नाम मंजुला, मेरे पापा का नाम विजय है.
यह घटना 3-4 साल पहले की है.. तब मैं कम उम्र का था, मेरी माँ अपनी भरपूर जवानी में थीं.

मेरी माँ दिखने में प्यारी हैं.. एकदम क्यूट सी हैं, उनके 38 इंच के बोबे, बलखाती कमर 30 इंच की और उठी हुई गांड भी लगभग 38 इंच की थी.
वो जब गाउन पहनतीं.. तो उनके मम्मे और गांड तो जैसे बाहर झलकते थे.

मेरी माँ एक सेक्स बम हैं. उस वक़्त तो मेरे चाचा और यहाँ तक कि मेरे पापा के दोस्त की नज़रें भी माँ पर थीं.

उस समय गर्मियां चल रही थीं.. और मेरे पापा और चाचा ने बिज़नेस अलग ही किया था. तो मेरे फूफा जी मेरे पापा की हेल्प करने आए थे. एक हिसाब से सभी मामले निपटाने के लिए आए थे.

मेरे केशू फूफा तो मेरी माँ पर मरते हैं. वो कई बार मुझे अकेले में मेरी माँ के बारे में बोल देते थे. उस वक़्त डॉक्यूमेंट पूरे करवाने के लिए पापा को 3 दिन के लिए जयपुर जाना पड़ा.
मेरे फूफा जी भी शायद यही चाहते थे.

अब घर में सिर्फ मैं माँ और फूफा जी बचे थे. माँ बहुत चिंता में थीं तो फूफा जी माँ को बार-बार गले लगा रहे थे और इसी बहाने वे मेरी माँ की गांड पर हाथ भी फेर रहे थे. मेरी माँ भी सेक्स की प्यासी औरत थीं. वो मम्मे फुलाने वाला तेल और कैप्सूल भी इस्तेमाल करती थीं.

माँ भी अपनी चुदास के चलते फूफा जी की हरकतों का कोई विरोध नहीं कर रही थीं. रात में हम सब खाना खाकर टीवी देख रहे थे.
रात को सोने की बात हुई तो फूफा ने कहा- आज तू आपने रूम में सो जा, मैं तेरी माँ के साथ सोऊंगा.
माँ ने भी मज़ाक में कहा- हाँ, इतना हक़ तो बनता है.

मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया.. पर मुझे पता था कि आज लाइव चुदाई देखने का मौका है.. तो मैं जरूर देखूंगा.

मैंने उठ कर माँ की बेडरूम की खिड़की खोली तो देखा.. माँ गाउन पहने हुए थीं जो कि उनके घुटनों तक ही आ रहा था. उनकी गोरी-गोरी टांगें देखकर मेरा भी खड़ा हो रहा था. फिर फूफा जी आ गए उन्होंने माँ को पीछे से पकड़ा और उनकी गांड जो कि गाउन से उठी हुई दिख रही थी.. उस पर अपना आगे का हिस्सा रगड़ने लगे.

फिर उन्होंने माँ के मम्मों पर हाथ रखकर उन्हें दबाने लगे. माँ आवाज़ करने लगीं ‘आहह.. हुम्म्म उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओहह..’

अब फूफा ने माँ का गाउन ऊपर किया तो मैंने देखा कि माँ ने तो चड्डी ही नहीं पहनी थी, माँ की चूत एकदम साफ़ और गुलाबी थी.
फूफा ने उनका पूरा गाउन निकाल दिया, अब मेरी माँ पूरी नंगी खड़ी थीं.
ऐसा लग रहा था.. मानो वो परी हों, एकदम गोल-गोल कसे हुए बोबे और उठी हुई गांड.

फूफा ने माँ के होंठों को किस किया तो माँ की मादक आवाज़ जोर से आने लगी ‘उम्म्ह्ह.. आआह्ह्ह.. ओह्ह्ह..’

उसके बाद माँ ने फूफा के भी कपड़े उतार दिए.. उनका लंड लम्बा था. माँ ने उनके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था. वो साथ ही जोर से कामुकता भरी आवाजें भी निकाल रही थीं ‘पुच्च्च्च.. आह्ह्ह्ह.. हुम्म्म.. ओह्ह्ह..’

अब वे दोनों 69 की स्थिति में हो गए और काफी देर तक एक-दूसरे का आइटम मुँह में लेने के बाद फूफा ने बोला- चल मेरी मंजू रांड.. अब तुमको चोदता हूँ.

तो माँ उनकी गोद में उनकी तरफ मुँह करके बैठ गईं. फूफा ने अपना लंड माँ की चूत के मुँह पर सैट किया और जैसे ही फूफा ने लंड को माँ कि चूत में डाला मेरी माँ चिल्ला उठीं- ओह्ह्ह.. आह्ह.. हम्म्म.. चोदो मुझे जोर से.. और आअहह.. उम्म्म..

फूफा ने किस किया. ‘हम्म्म.. पच.. पच..’ की मादक आवाजें गूंज रही थीं.

कुछ देर ऐसे ही चुदाई चलती रही.. फिर माँ ने उठ कर डॉगी पोजीशन बना ली और फूफा ने उनकी चूत में पीछे से अपना मूसल लंड पेल कर उनकी चुदाई शुरू कर दी. फूफा मेरी माँ के बोबे दबाते हुए जोर-जोर से चोदने लगे.

वो बोलने लगे- ले रांड.. ऐसा लौड़ा फिर नहीं मिलेगा.
मेरी माँ बस चुदाई के मज़े ले रही थीं ‘हुँम्म.. आह्ह्ह्ह.. ओह्ह्ह.. चोद मुझे राजा.. विजय के लंड में वो मज़ा नहीं है.. जो तेरे लंड में है.. आअह्ह.. उम्म्म ओह्ह्ह मर गई मैं.. आह्ह्ह्ह..’

फिर थोड़ी देर बाद फूफा माँ की चूत में ही झड़ गए और थोड़ी देर बाद वे फिर से माँ की गांड मारने के लिए तैयार हो गए क्योंकि फूफा मेरी माँ की गांड में लंड डालने लगे थे.

माँ बस चिल्ला रही थीं- हुम्म्म.. और चोदो और जोर से.. हउम्म्म.. ओह्ह्ह्ह..
मेरी माँ चुदती रही और इसी तरह वह 3 दिन तक रोज़ चुदीं.

अब तो मेरी माँ मौका मिलने पर मेरे चाचा और पड़ोसी से भी चुदती हैं.