हार्ड थ्रीसम चुदाई जीजू और उसके दोस्त के साथ • Kamukta Sex Stories

हार्ड थ्रीसम चुदाई जीजू और उसके दोस्त के साथ

मैं शनाया राजपूत सेक्सी हिन्दी कहानियाँ लिखती हूँ. ये वो किस्सा है, जब लौड़े की नोक पर चुत का गांड के संग डांस हुआ था.

मुझे तो आप सब जानते ही होंगे, इसलिए में सीधे सेक्स कहानी का वर्णन करती हूं.

ये सेक्स कहानी लखनऊ की है. लॉक डाउन के 4 महीने पहले की घटना है.

उस समय ठंड का मौसम था. मैं लखनऊ में अपनी बुआ की लड़की मतलब अपनी दीदी के घर पर थी.

हुआ यूं कि मुझे लखनऊ में अपनी सहेली की शादी में जाना था, तो मैं शादी में होकर अपनी दीदी के घर उनके बुलाने पर पहुंच गई.

दीदी का नाम संगीता है. उनकी शादी अभी 2 साल पहले हुई है.

मेरे जीजू एक हट्टे-कट्टे नौजवान हैं. वो किसी पहलवान की तरह लगते हैं.
वो एक बड़ी कंपनी में जॉब करते हैं.

उनके घर मैं पहली बार गई थी.

दो दिन उधर रहते हुए मुझे समझ आ गया कि जीजू मुझे बार बार देखते हुए मेरी आगे पीछे की गोलाइयों को झांकने की कोशिश करते हैं.
उनकी नजरें मेरे पिछवाड़े और मेरे स्तनों पर ही टिकी रहती थीं.

वो मुझसे अक्सर जीजा साली वाला मजाक करते रहते थे.
कभी कभी तो जीजू बहुत गंदा मजाक कर देते थे.
जीजू होने की वजह से मैं उनसे कुछ नहीं कहती थी.

फिर मैंने उनसे बोलना ही छोड़ दिया, पर वो बड़े ही हब्शी किस्म के आदमी थे.
आप उनकी ठरक को ऐसे समझ सकते हैं कि वो दिन हो या रात, दीदी को कमरे में ले जाकर दरवाजा बन्द करके उनकी चुदाई करने लगते थे.

मैं अक्सर दीदी के अन्दर से रोने और चिल्लाने की आवाजों को सुनती रहती थी.
बाद में कमरा खुलने पर मुझे दीदी का मुँह लाल और बाल फैले मिलते थे.
चुदाई के बाद उनकी चाल भी बदल जाती थी.

चूंकि मैंने अपने एक ब्वॉयफ्रेंड शैंकी से चुदने के बाद सब कुछ जान लिया था कि चुदाई के बाद लड़की के जिस्म की चाल ढाल कैसी हो जाती है.
तो मैं तुरंत समझ जाती थी कि दीदी की चुदाई हुई है.

शैंकी के बाद बाकी का बचा खुचा चुदाई का ज्ञान मैंने अपने दूसरे चोदू शेखर से चुदवा कर जान लिया था. शेखर मेरी सहेली का यार और मेरा सगा भाई था.

जीजू को एक दिन के लिए कहीं बाहर जाना था तो उन्होंने सुबह से दीदी को चोदा और चले गए.

उस दिन जीजू ने शायद दीदी की हचक कर चुदाई की थी जिस वजह से दीदी चल नहीं पा रही थीं.

इसी कारण से उस दिन खाना भी मैंने बनाया था.

दीदी मुझे हर एक बात बता देती थीं कि जीजू किस तरह से उन्हें चोदते हैं.

खाना खाकर हम दोनों फ्री हुईं तो जीजू को लेकर दीदी बताने लगीं कि सुबह से जीजू ने उन्हें किस तरह से ताबड़तोड़ चोदा था.

जीजू को अगले दिन 12 बजे आना था. तब तक दीदी की हालत भी ठीक हो गई थी.

शाम हुई तो डोरबेल बजी.

दीदी दरवाजा खोलने गईं. वो जब वापस आईं, तो अपने साथ एक हट्टे-कट्टे लड़के को ले आईं.

उन्होंने मुझे बताया कि ये मेरा पहला प्यार है, जिसको मैं अभी भी प्यार करती हूं.

मैं दीदी को देखती रह गई.

वो उस लड़के को अपने साथ कमरे में ले गईं.

शाम छह बजे से रात 9 बजे तक दोनों अन्दर घुसे रहे.
दीदी की उस लड़के ने उतनी देर में जमकर चुदाई की.

फिर दीदी ने मुझे आवाज दी, तो बुलाया मैं कमरे में अन्दर आ गई.
वो लड़का उस समय सो रहा था और दीदी का मुँह लाल था. वो बिना कपड़ों के लेटी थीं.

मैंने उन्हें देखा, उनकी चुदी हुई चुत से रस टपक कर सूख गया था.

दीदी ने बिंदास मुझे देख कर स्माइल दी और बोलीं- यार, मुझे बड़ी भूख लग रही है.

मैंने कुछ नहीं कहा और दीदी को खाना दे दिया.

मैं बाहर आ गई, लेकिन अब मेरा भी मन चुदाई के लिए मचलने लगा था.

अगले दिन जीजू घर आ गए और आते ही उन्होंने भी दीदी की फिर से चुदाई कर दी.
वैसे भी दीदी रात की चुदाई से बहुत ढीली पड़ गई थीं.

जीजू ने उन्हें उस रात कुछ ज्यादा ही चोद दिया था, जिससे दीदी बीमार हो गईं.

दीदी की तबियत इतनी ज्यादा बिगड़ गई कि उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा.

दवाई और दो तीन ड्रिप लगने के बाद दीदी ठीक हो गईं मगर अभी उन्हें हस्पताल से छुट्टी नहीं मिली थी.

उस दिन जीजू और दीदी हॉस्पिटल में थे तो मैंने ही खाना बनाया.

जीजू अस्पताल से घर आए और दीदी के लिए खाना ले गए.

मैंने दीदी की तबियत की पूछी, तो जीजू ने बताया कि वो अभी 4 दिन अस्पताल में ही एडमिट रहेगी.

जीजू ने मेरे घर वालों को भी फोन करके बता दिया.

मेरे घर वालों ने भी मुझे कॉल करके कहा कि कुछ दिन और रुक जाओ. फिर तुम्हारे जीजू तुम्हें घर वापिस छोड़ जाएंगे.

एक दिन और गुजर गया.

अगले दिन जीजू और उनका दोस्त सन्नी घर आए.
मैंने उन दोनों के लिए चाय नाश्ता बनाया और उन्हें दे आई.

वो दोनों ही मेरी तरफ वासना से देख रहे थे.
मैं उस समय डर गई क्योंकि मैं अकेली थी.

फिर भी मैंने हिम्मत नहीं छोड़ी क्योंकि वो दोनों मुझे चोदने के अलावा तो कुछ कर नहीं सकते थे.

मैं अपने काम में लग गई.

वो दोनों चले गए.

रात में सब काम से फ्री होकर मैं अपने कमरे में आकर लेट गई.

जीजू आज घर पर ही रहने वाले थे, मैं यह जानती थी.

मैंने अपने कमरे का डोर लॉक कर दिया था. कमरे में मैं दीदी की मैक्सी पहन कर लेटी थी.

उस समय मैं जीजू और उनके दोस्त को लेकर सोच रही थी.

फिर मुझे दीदी की वासना का ख्याल आया कि किस तरह से मेरी दीदी ने एक लड़के को बुला कर अपनी चुत चुदवाई थी.

ये सब सोच कर मेरी चुत में चींटियां रेंगने लगीं.

मैंने भी नेट पर एक कॉल बॉय से दस मिनट बात की.
फिर मैं पोर्न फिल्म देखने लगी.

मैंने सेक्स साईट पर जो सेक्स मूवीज आती हैं, उनको देखने लगी.

अब तक करीब दो घंटे हो चुके थे. अब 12 बज गए थे.

तभी जीजू ने दरवाजे के पास से आवाज लगाई- सन्नो, यहां आओ.

करीब दो मिनट तक वो मुझे आवाज लगाते रहे.

फिर मैं उठी और डोर खोला तो देखा कि जीजू और उनका वो दोस्त सन्नी बाहर खड़े थे.

जीजू तुरन्त ही मुझे धकेल कर पीछे ले गए और बेड पर बिठा कर मुझे किस करने लगे.

सन्नी मेरे बगल में खड़ा था.

मैंने जीजू को धकेल दिया और कहा- ये सब ठीक नहीं है, मैं दीदी को कहूंगी जीजू, आप ये सब क्या कर रहे हैं. ये मत करो.
हालांकि मैं मन ही मन खुश थी कि मेरी जोरदार चुदाई होगी आज!

जीजू कहने लगे- अरे मेरी रानी, जो ये तुम्हारा गदराया बदन है … इसका स्वाद तो ले लेने दो. तुम्हारी दीदी को चोद चोद कर मैं थक गया हूं. तुम भी तो अब चुदने लायक हो गई हो … तुम्हें लंड की जरूरत तो होती ही होगी?

सन्नी मेरे जीजू से बोला- अबे साले, इस मस्त लौंडिया के सामने फ़ालतू का ज्ञान मत चोद … साली को पटक कर यहीं पेल दे.

सन्नी के मुँह से दारू की महक आ रही थी तो मैं उसकी तरफ देखने लगी.

इतनी देर से ब्लू-फिल्म देखने के कारण मेरी चुत लंड के लिए तरसने लगी थी.
मैंने ड्रामा किया और कहा- जीजू मैं आपके पैर पड़ती हूँ, प्लीज़ ऐसा मत कीजिए.

मगर जीजू ने मेरे बाल पकड़ कर मुझे उठाया और मुझे किस करने लगे.

उसी समय सन्नी ने मेरा हाथ पकड़ा और वो अपनी पैंट के अन्दर मेरा हाथ करने लगा.
मेरा हाथ अन्दर नहीं गया, तो उसने मेरी मैक्सी फाड़ कर अलग कर दी.

जीजू ओर उनका दोस्त अब मेरे अधनंगे बदन को सिर्फ ब्रा पैंटी में देख रहे थे.

चुदने का मन तो मेरा भी था लेकिन थोड़े नखरे भी जरूरी होते हैं.

जीजू अकेले होते तो मैं एक आजाद साली की तरह ही चुद जाती लेकिन उनके साथ उनका दोस्त भी था तो मुझे दो मर्द चोदने वाले थे.

जीजू ने अपने कपड़े उतार दिए. जीजू का लंड मेरी आंखों के सामने फड़फड़ा रहा था.
उनके लंड की साइज देखने के बाद मेरी चुत मचल उठी.

लेकिन मन में अभी भी चल रहा था कि आज मेरा न जाने क्या होगा. दर्द होगा या नहीं बस इसी तरह की बातें मेरे दिमाग में आने लगीं.

इतने में सन्नी जीजू से बोला- साले तेरी साली तो बड़ी मस्त माल है. इसको तो पहले में चोदूँगा.
जीजू ने उससे कहा- भोसड़ी वाले, ये मेरी साली है. पहले मैं ही इसे चोदूंगा. ये अभी कोमल कली है. मैं पहले 5 मिनट इसे चोद कर इसको चुदाई की लाइन पर ले आऊंगा, फिर तू चोद लेना.

सन्नी बोला- यार मेरे भाई पहला स्वाद मुझे लेना है … चाहे एक मिनट ही सही, लेकिन इसकी चुत में लंड पहले में ही डालूँगा.
उन दोनों की इतनी गन्दी गन्दी बातें सुनकर मुझे शर्म सी आ गई.
मैं उन दोनों के बीच में कुछ न बोल सकी.

अब सन्नी ने भी अपनी चड्डी उतार दी. उसका लौड़ा जीजू से कम था, लेकिन मोटा उन्हीं के जैसा था.

सन्नी मुझे किस करने लगा. जीजू मेरे हाथों से अपने लौड़े को सहलाने लगे. उनका लंड गर्म था.

वो बोले- जानेमन, आज तुम्हें असली मजा मिलेगा … और जो आज होगा हम फिर तुम्हारे साथ वो कभी नहीं करेंगे.

सन्नी ने मेरे मम्मों पर हमला बोल दिया और ब्रा फाड़ दी.

सन्नी बोला- ओए … देख रे इसके दूध तो बड़े भरे हुए हैं. साले एक एक किलो का एक होगा. इतने टाइट भी हैं कि बिना चूसे तो मन ही नहीं मानेगा. ले तू भी दबा कर चैक करके देख.

इतना सुन जीजू ने मुझे लिटा दिया.
सन्नी और जीजू मेरे आजू बाजू लेट गए.

मेरा एक दूध सन्नी और दूसरा जीजू के कब्जे में आ गया था. वो दोनों अपने हाथों से मेरे मम्मे मसलने लगे.

उन दोनों के हाथ मेरी पैंटी तक भी आ गए.
जीजू ने मेरी पैंटी उतार कर फैंक दी.

अब उन दोनों का एक एक हाथ मेरी चूत पर आ गया था.

मैं सिसकारियां लेने लगी.
उस समय में सातवें आसमान पर थी, मुझे बेहद मजा आ रहा था.

सन्नी ने मेरे मम्मों को चूसना शुरू कर दिया था. एक सन्नी चूसता और एक बार जीजू चूसते.

जीजू तो निप्पलों के पीछे पड़ गए थे. वो मेरे निप्पल को काटने लगे थे.

मैंने जीजू के बाल पकड़ कर उन्हें रोक दिया और कहा- क्या अब जान ही ले लोगे … छोड़ दो जीजू, काटने से खून निकल आएगा … मत करो यार!

वो प्यार से दूध चूसने लगे.

इधर सन्नी भी मेरे दूसरे थन पर बच्चे के जैसे चूसने में लगा था.

कुछ देर बाद जीजू ने सन्नी को अलग किया और वो मेरे पेट पर दोनों तरफ टांगें डाल कर बैठ गए.

उन्होंने मेरे मम्मों के बीच में अपने फौलादी लंड को रखा और हाथों से मम्मे दबा कर मेरी बूब फकिंग करने लगे.
उनका लंड मेरे मुँह तक आ रहा था, तो मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल रखी थी.

जीजू का लंड मेरी जीभ की नोक से टच होता और मैं उसी पल जल्दी से अपनी जीभ लंड के टोपे पर फिरा कर जीजू को मजा दे देती.

ऊपर मेरे चूचों के साथ जीजू लगे थे और नीचे मेरी चुत पर सन्नी आ गया था. वो मेरी चूत पर जीभ फिराने लगा.

अब मुझे कुलबुली सी होने लगी.

जीजू ने मुझसे कहा- जान, अब मुँह खोल कर कुल्फी चूसो.
मैंने लंड चूसने से मना कर दिया.
उन्होंने जबरदस्ती मेरे मुँह में लंड डाल दिया और झटके देने लगे.

मैंने 5 मिनट बाद उनको रोका और उनको लिटा दिया. अब मैं खुद जीजू के लंड को चूसने लगी.

सन्नी मेरे बगल में लेट गया.
मैंने सोचा कि अब तो ये भी नहीं मानेगा. इसका लंड भी मेरे मुँह में जाए बिना नहीं रहेगा.

तभी उसने इशारा करके अपने लंड को पकड़ा दिया.
मैंने सन्नी के लौड़े को पकड़ कर उसे भी चूसना शुरू कर दिया.

करीब दस मिनट तक दोनों के लंड चूसने के बाद सन्नी ने खड़े होकर अपना पानी मेरे ही चेहरे पर निकाल दिया.

जीजू ने मुझे तौलिया दी और बाथरूम में जाकर नहा कर आने को कहा.

मैंने मना कर दिया.

जीजू ने मुझे उठा लिया और बाहर बने बाथरूम के बहाने अपने रूम में ले गए.
उधर बाथरूम में ले गए.

दरवाजा लॉक करके जीजू कहने लगे- चल दोनों साथ में नहाते हैं.

उन्होंने सन्नी को आवाज लगा कर कहा- मैं इसको नहला कर लाता हूं.

जीजू और मैं बिना कपड़ों के थे.
वो मेरे कान में आकर कहने लगे- मैं तुझे जानबूझ कर बाथरूम में लाया हूं क्योंकि वो सन्नी तो इस गेम में नया है. यदि वो पहले चोदेगा, तो तुझे लापरवाही से चोदेगा. मैं बहुत पुराना खिलाड़ी हूँ. तुझे ज्यादा दर्द न हो इसलिए पहले यहां चोद कर चूत को रवां कर देता हूँ.

मैं मन ही मन मुस्कुरा रही थी कि जीजू मेरी चुत तो पहले से ही खुली हुई है.

जीजू ने शावर ऑन किया और मुझे बाथरूम की दीवार से झुका कर टिका दिया.
मैं दीवार पकड़ कर घोड़ी बनी थी.

वो मेरे पीछे आ गए लेकिन मुझे सन्नी से ज्यादा जीजू के लंड का डर लग रहा था.
उनका लौड़ा सन्नी के लौड़े के बहुत बड़ा था.

जीजू ने मुझसे कहा- सनाया मैं बाहर चलकर तुझे एक इंजेक्शन लगवा दूँगा.
मैंने पूछा- जीजू कौन सा इंजेक्शन!

उन्होंने बताया कि उससे तुम्हें प्रेग्नेंट होने का रिस्क नहीं रहेगा. तुम 6 महीने तक रिलेक्स होकर सेक्स कर सकती हो.
मैंने कहा- जीजू, मैं तो आज आपके चंगुल में फंस गई हूं, इसी लिए करवा रही हूँ. उसके बाद तो मुझे घर चली जाना है. छह महीने की कोई बात ही नहीं है.

वो बोले- अरे मेरी जान, तुम अब यहां 3 महीने और रुकोगी, मैं तुम्हें जाने ही नहीं दूँगा. इसलिए ये सब बहुत जरूरी है.
मैंने बोला- मैं रुकने वाली नहीं हूँ.

उन्होंने कहा- अभी टाइम कम है, मुझे अपना काम करने दो.
उन्होंने अपने लंड को हाथ में पकड़ा और मेरे पीछे से लग गए. लंड पर थूक लगाया और फिर पीछे से मेरी चूत पर ही लंड रखने लगे.

मैं डर रही थी. जीजू ने देर न करते हुए लंड चुत के अन्दर पेल दिया.

पहला झटका मैं सह ही न सकी.
अभी जीजू के लंड का टोपा ही चूत में गया था लेकिन मेरी चीख बड़ी जोर से निकली.

मैंने कहा- आंह मर गई जीजू … रुको जरा … ऐसे में तो मैं मर ही जाऊंगी.
वो बोले- तो ठीक है, तू फर्श पर लेट जा नीचे.

मैं लेट गई. उन्होंने मेरा एक पैर ऊपर किया और लंड चूत पर रख कर मुझे किस किया.

हमारे ऊपर पानी गिर रहा था क्योंकि शॉवर चालू था.
जीजू ने जल्द ही जोर से लंड पेल दिया.

मेरी आंखें फ़ैल गईं और मैं अपने हाथों से उनको दूर करने लगी लेकिन जीजू का जिस्म बहुत भारी थी.

मुझे बहुत दर्द होने लगा.

उन्होंने किस करना बंद नहीं किया. मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोका और लंड बाहर निकाला कर फिर से चुत के अन्दर बाहर करने लगे.

मैं रोने लगी थी. मगर वो मेरे आंसू देखकर भी अनदेखा कर रहे थे और चोदने में लगे थे.

जब उनका लंड चुत के अन्दर जाता, तब मेरे पेट में एक अलग ही खलबली मच जाती.

मैं इस चुदाई के दर्द को पता नहीं क्यों, सहन नहीं कर पा रही थी.

जीजू जल्दी जल्दी धक्के लगाते रहे.

कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हो गया और मैं उनको चूम चूम कर मजा देने लगी.

अब वो मेरे दूध मसलते हुए मुझे चोद रहे थे.

कोई दस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करके वो मेरे अन्दर ही झड़ गए.

फिर उन्होंने मुझे उठा कर नहलाया. चूत में साबुन लगा कर मुझे साफ किया.

हम दोनों ही पानी में भीगे थे तो तौलिया से पौंछकर बोले कि सन्नी के सामने इस चुदाई की बात मत करना.

वो मुझे गोद में उठाकर ले गए और बेड पर लिटा दिया. मेरे बाल गीले तो थे लेकिन ज्यादा भी नहीं थे.

जीजू ने सन्नी से कहा- चल पहले एक ड्रिंक हो जाए.
मैं समझ गई कि अब मुझे रेस्ट मिल जाएगा, इसलिए जीजू उससे ड्रिंक की बात कर रहे हैं.

जीजू सन्नी पीने बैठ गए और करीब 30 मिनट बाद जीजू मुझे अपने कमरे में ले गए.

बेड खाली ही था. सन्नी ने मुझे वहीं इंजेक्शन लगाया.

सन्नी का लौड़ा और जीजू का शेर दोनों ही मेरी चुत को सलामी दे रहे थे.

सन्नी बोला- इस इंजेक्शन में मैंने एक पेनकिलर भी मिला दी है.
जीजू ने कहा- ये तो और अच्छी बात है.

करीब 5 मिनट बाद सच में मेरा पहले का दर्द गायब हो गया और चुदने की लालसा मन में उठने लगी.

सन्नी मुझे बड़ी देर से चोदने के लिए बेताब था. मैंने उसे इशारा किया.

वो मेरे ऊपर चढ़ गया. उसका लंड जीजू जितना तो बड़ा नहीं था मगर अब डर नहीं था.

मैंने कहा- यार तुम परेशान मत हो … लेट जाओ. मैं आज तुम्हें चुदाई का असली मजा दूँगी.

मैं सन्नी को लिटा कर उसके लंड पर बैठ गई.
अब मेरे अन्दर दर्द नाम की चीज नहीं थी, मैं लंड चुत में लेकर उछलने लगी.

सन्नी सच में मजे लेने लगा.
वो मेरे मम्मों को अपने हाथों से मसलने लगा.

मैं उछलती हुई लंड का मजा लेने लगी. कमरे में पट पट की आवाज गूँजने लगी.

करीब 20 मिनट बाद जीजू ने मुझे उठा लिया और हवा में ऊपर ही उठाए हुए नीचे से मेरी चुत में लंड पेल दिया.

वो बड़े खूंखार चोदने वालों में से एक थे.

उनका लंड लेते ही मेरे मुँह से दर्द भरी आह निकली.
वो मुझे एक रबर की डॉल की तरह झूला झुलाते हुए चोदने लगे.

दर्द कम हो रहा था, लेकिन दर्द तो दर्द ही होता है.

करीब 20 मिनट तक उन्होंने भी मेरी चुत की चुदाई की. फिर वैसे ही पकड़ कर बेड पर लेट गए.

वो करवट से लिटा कर अपनी पूरी ताकत लगा कर मुझे चोदने लगे.

मेरे पीछे से सन्नी आ गया. उसने मेरी गांड पर थूक लगा दिया. मैं मना नहीं कर सकी क्योंकि मेरा मुँह जीजू के मुँह में फंसा हुआ था.
शायद ये उन दोनों की चाल थी.

सन्नी ने अपने लौड़े को गांड के छेद पर रखा और पेलने लगा.

जीजू जानबूझ कर मुझे छोड़ नहीं रहे थे. वो कसके मेरे सिर को पकड़ कर किस कर रहे थे.

जब तक सन्नी ने मेरी गांड में अपने लंड को पेल नहीं लिया, तब तक जीजू ने मुझे नहीं छोड़ा.

उस समय मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे. फिर भी जीजू ने नहीं छोड़ा.

अब नीचे से वो चूत का भोसड़ा बनाने में लगे थे और पीछे से सन्नी मेरी गांड मारने में लगा था.
मेरी डबल सेक्स में सैंडविच चुदाई होने लगी थी.

फिर जैसे ही जीजू ने मुझे छोड़ा, मैंने जीजू को गाली दी और लंड निकालने को कहा.
मगर वो नहीं माने.

वो दोनों मुझे रगड़ रहे थे.
मैं दर्द सहन करने लगी.

फिर करीब 20 मिनट चुदाई के बाद जीजू झड़ गए. उनका लंड चुत से निकल गया था.
मैं आगे से आजाद हो गई.

अब तक जीजू हट चुके थे. लेकिन उनका लंड खड़ा था.

सन्नी भी मेरी गांड से निकल गया.

मैंने जीजू के लंड पर बैठ कर उछलना शुरू कर दिया. हालांकि जीजू में हिम्मत नहीं बची थी. उनकी आंखें बंद हो गई थीं.

मैं इस वक्त एकदम से रांड बन गई थी. मेरी स्पीड और तेज हो गई.

वो अब हाथ जोड़ने लगे- उठ जाओ … अभी थोड़ी रुक कर मैं फिर से चोद दूंगा.

मैं उठी तो सन्नी ने मुझे पकड़ कर अपने लंड पर बिठा लिया.

करीब दस मिनट तक उसने मेरी चुदाई की और मेरी चूत में ही झड़ गया.

आज मेरी चूत में बहुत पानी समा गया था.

करीब एक घंटे बाद जीजू ने मुझे उठाकर दूसरे कमरे में लाकर फिर से काफी देर तक चोदा और मुझे चरम सुख तक पहुंचा दिया.

मुझे भी उन दोनों से डबल सेक्स करके काफी अच्छा फील हुआ.
फिर हम लोग सो गए.

सुबह सन्नी अपने घर निकल गया और जीजू ने सब फैला हुआ साफ किया और अस्पताल चले गए.

दिन में एक बजे मैं भी उठकर नहाने गई. फिर खाना बनाया.

शाम को दीदी अस्पताल से घर आ गईं.
डॉक्टर ने दीदी को रेस्ट करने के लिए कहा था. वो प्रेग्नेंट भी हो गई थीं.

जीजू ने मुझे ये खुशखबरी दी.

मुझे भी अच्छा लगा.

दीदी को जो दवाएं दी गई थीं उनसे उन्हें गहरी नींद आ जाती थी.

जीजू इस बात का फायदा उठाने लगे.

अब वो दिन रात मुझे ही चोदने लगे. रोज जैसे ही 11 बजते, जीजू मेरे कमरे में आ जाते.

मैं दिन में खाना बनाती, तो किचन में आकर मुझे पीछे से चोदने लगते.

उनको मुझसे बहुत मजा मिल रहा था. मैं भी उनके लंड का जमकर मजा ले रही थी.

तीन महीनों तक ऐसे ही खेल चलता रहा.

जब मैं घर आ गई तो वो यहीं आकर होटल में ले जाकर पहले चुदाई कर लेते थे. बाद में घर पर आते थे.

अब दीदी का 8 वां महीना शुरू होने वाला है … तो मुझे फिर से उनके घर जाना पड़ेगा. पता नहीं मुझे जीजू के अलावा किसी और का लंड मिलेगा या नहीं!