हथियार हो तो ऐसा • Kamukta Sex Stories

हथियार हो तो ऐसा

antarvasna, hindi sex story मेरी शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं और मेरा एक छोटा बच्चा भी है, मैं पहले स्कूल में पढ़ाती थी लेकिन जब से मेरा बच्चा हुआ है तब से मैं घर पर ही रहती हूं। हमारे पड़ोस में एक लड़का रहने के लिए आया वह अक्सर मुझे नई-नई लड़कियों के साथ दिखता था इसलिए मेरे दिमाग में उसको लेकर यह खयाल आ गया कि यह तो बिल्कुल ही खराब लड़का है, मुझे जब भी वह रास्ते में मिलता तो उसके साथ हमेशा नई नई लड़कियां रहती मुझे यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती थी इससे हमारी कॉलोनी का माहौल भी खराब हो रहा था और मैं नहीं चाहती थी कि वह लड़का अब हमारी कॉलोनी में रहे, मैंने इसके लिए अपने पति से भी बात की और कहा आप पड़ोस के भाई साहब से क्यो नही बात कर लेते, वह उस लड़के को घर खाली करने के लिए कह देंगे, मेरे पति कहने लगे हमें दूसरों के परिवार से क्या लेना देना उन्होंने उस लड़के को अपने घर पर किराए के लिए रखा है वह अपने घर में कुछ भी करें, मैंने अपने पति से कहा लेकिन उसके रहने से हमारी कॉलोनी का माहौल भी तो खराब हो रहा है, वह कहने लगे तुम इन चक्करो में मत पड़ो तुम सिर्फ अपने परिवार का ध्यान रखो यह कहते हुए मेरे पति भी चले गए लेकिन मेरे दिमाग में सिर्फ उस लड़के को घर खाली कराने की बात चल रही थी मैंने यह पूरी तरीके से ठान भी लिया था, इसी के चलते मैंने अपनी पड़ोस में रहने वाली मेरी एक सहेली से उस लड़के के बारे में कहा वह कहने लगी इस लड़के की वजह से तो हमारी कॉलोनी का पूरा माहौल खराब हो गया है।

मैंने अपनी सहेली से कहा मैंने इस बारे में अपने पति से भी बात की थी लेकिन उन्होंने मुझे कहा कि हमें उस से क्या लेना देना वह अपने घर में कुछ भी करें, मेरी सहेली मेरा पूरा साथ देने के लिए तैयार हो चुकी थी और हम दोनों ने अब उस लड़के को परेशान करने का बीड़ा उठा लिया। वह जब भी घर से बाहर निकालता तो हम दोनों उसके गेट के सामने खडे हो जाते और उसे बड़े घूर कर देखते, वह जब भी किसी लड़की को अपने साथ लेकर आता तो हम लोग बड़े ध्यान से उन लड़कियों को देखते इससे उसे बड़ा अनकंफरटेबल महसूस होने लगा था और एक दिन उसने तंग आकर मुझसे कहा भाभी जी आप ऐसा क्यों करती हैं? मैंने उससे कहा तुम्हारी वजह से हमारी कॉलोनी का माहौल खराब हो रहा है और हम लोग नहीं चाहते कि तुम यहां पर बिल्कुल भी इस प्रकार की कोई हरकत करो। वह कहने लगा ठीक है मैं आज के बाद कभी किसी लड़की को यहां नहीं लाऊंगा तब तो आपको कोई परेशानी नहीं है, मैंने उसे कहा अगर तुम ऐसा करते हो तो हमें कोई भी परेशानी नहीं है।

उसने मुझसे कहा मैं आज के बाद किसी भी लड़की को यहां लेकर नहीं आऊंगा और यह कहते हुए वह चला गया, उस दिन उसका चेहरा उतरा हुआ था मैंने जब यह बात अपनी सहेली को बताई तो हम लोग बड़े जोर से हंसने लगे और हम बहुत खुश हुए। मेरी सहेली कहने लगी चलो हम दोनों ने अपना काम तो कर ही लिया और हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे, इस बात को काफी दिन हो चुके थे और एक दिन मेरी सहेली मेरे पास आई और कहने लगी शकुंतला मैं आजकल बहुत परेशान हो चुकी हूं, मैंने उसे कहा क्यों तुम्हारी परेशानी का क्या कारण है? तुम मुझे बताओ, वह कहने लगी मैं तुम्हें क्या बताऊं मेरे पति का अफेयर किसी और लड़की से चलने लगा है मैंने तो जब उनके जेब में मूवी की टिकट देखी तो तब मुझे इस बात का पता चला। मैंने अपनी सहेली से कहा तुम यह किस प्रकार की बात कर रही हो तुम्हारे पति तो एक बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं और उनकी तो सारे कॉलोनी वाले बहुत इज्जत करते हैं मुझे तो तुम्हारी बात पर यकीन ही नहीं हो रहा, वह कहने लगी तुम मेरी बात पर यकीन मत करो लेकिन यह बिल्कुल सच है और मैं तुम्हें सच बता रही हूं मेरे पति वाकई में किसी लड़की के साथ चक्कर चला रहे हैं, मुझे इस बात का बहुत बुरा लग रहा है, मैंने उससे कहा तुम ऐसे ही अपने पति पर शक मत करो पहले तुम इस बात को पुख्ता कर लो कि क्या तुम्हारा शक सही है, कहीं इस वजह से तुम्हारे परिवार में कोई दिक्कत पैदा ना हो जाए, वह कहने लगी ठीक है मैं इस बारे में पता करने की कोशिश करती हूं लेकिन उसे इस बारे में कुछ पता नहीं चला, हम दोनों के पास कोई रास्ता नहीं था तभी मेरे दिमाग में पड़ोस के लड़के का ख्याल आया, एक दिन मैंने उससे बात की और कहां क्या तुम हमारी मदद कर सकते हो? मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वह हमारी मदद करेगा उस दिन पहली बार मुझे उसका नाम पता चला उसका नाम प्रदीप है।

वह कहने लगा ठीक है भाभी आप बताइए आपका क्या काम है, मैंने उसे सारी बात समझा दी और उसने कुछ दिनों तक मेरी सहेली के पति का पीछा किया जब उसे यह बात पता चली कि उसका किसी लड़की के साथ अफेयर चल रहा है तो उसने हमें बता दिया और इस बात से मेरी सहेली बहुत ही दुखी हो गई। वह मुझसे कहने लगी शकुंतला मेरा तो घर बर्बाद हो चुका है मैंने अपनी सहेली को समझाया और कहा तुम चिंता मत करो। इस बात को काफी दिन हो चुके थे एक दिन मेरी सहेली मेरे घर आई उसके चेहरे पर बड़ी ही मुस्कुराहट थी। मैंने उससे पूछा आज तुम बड़ी ही खुश नजर आ रही हो। वह मुझे कहने लगी तुम्हें क्या बताऊं बस अब मैं अपने जीवन में बहुत खुश हूं। मैंने उससे पूछा तुम मुझे बताओ तो सही तुम्हारे साथ क्या हुआ है। वह कहने लगी जब से मैंने प्रदीप के साथ सेक्स किया है तब से उसने मेरी इच्छाओं की पूर्ति कर दी है और उसके साथ सेक्स करके मुझे जीवन का सबसे अद्भुत आनंद मिला। वह मुझे कहने लगी एक बार तुम्हें भी प्रदीप के साथ सेक्स करना चाहिए। मैंने उसे कहा मुझे तो अपने पति के साथ सेक्स करने में बहुत अच्छा लगता है।

वह कहने लगी मेरे कहने पर तुम एक बार तो प्रदीप से अपनी चूत मरवाओ तुम्हें बहुत अच्छा लगेगा। उसने मुझे पूरी तरीके से तैयार कर लिया जब हम लोग प्रदीप के पास गए तो वह घर में ही था उसने छोटा सा निक्कर पहना हुआ था। मेरी सहेली उसके पास जाकर बैठ गई वह उसके लंड को दबाने लगी जब उसने उसके लंड को बाहर निकाला तो उसका 10 इंच मोटा लंड देखकर मैंने मन ही मन सोचा इतना मोटा लंड मैने आज तक कभी नहीं देखा। जब मेरी सहेली ने उसके लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो उसे मजा आने लगा। प्रदीप ने उसे मेरे सामने ही चोदना शुरू कर दिया वह तेजी से चिल्ला रहे थी उसकी आवाज कमरे में गूंज रही थी लेकिन उसकी सिसकियां से मैंने अंदाजा लगा लिया था उसकी चूत की खुजली को प्रदीप ने अच्छे से मिटा दिया है। जब प्रदीप का वीर्य पतन होने वाला था तो मेरी सहेली ने उसके लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया और उसके सारे वीर्य को अपने अंदर ही निगल गई। उसने मुझे कहा अब तुम भी प्रदीप के साथ सेक्स करो मैंने भी अपने कपड़े खोल दिया। जब प्रदीप ने मेरे स्तनों का रसपान करना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगा भाभी आपके स्तन बड़े टाइट है। मैंने उसे कहा मुझे तो तुम्हारे लंड को अपनी चूत में लेना है मैंने आज तक तुम्हारे जितना मोटा और लंबा लंड नहीं देखा। उसने कहा क्यों नहीं भाभी मैं आपको पूरे मजे दूंगा वह मुझसे पूछने लगा आपका फेवरेट पोज कौन सा है। मैंने उसे कहा मुझे तो मेरे पति घोड़ी बनाकर चोदते हैं उसने भी मुझे घोड़ी बना दिया। जब उसका लंड मेरी योनि में प्रवेश हुआ तो मेरे मुंह से चिल्लाने की आवाज निकल पड़ी वह मुझे तेजी से धक्के मार रहा था मेरी आवाज पूरे कमरे में गुजने लगी, उसने मेरी चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया। उसने मेरी चूत इतने अच्छे से मारी मुझे बहुत अच्छा लगा मैं उसके साथ सेक्स करके पूरी तरीके से संतुष्ट हो गई। प्रदीप मुझसे पूछने लगा भाभी आपको अच्छा तो लगा? मैने उसे कहा तुम तो बडे ही गजब के हो इसीलिए तुम पर इतनी लड़कियां फिदा है। वह कहने लगा हां भाभी जी इसीलिए मुझ पर इतनी लड़कियां फिदा हैं। प्रदीप कहने लगा भाभी आपको जब भी मेरी कोई भी जरूरत हो तो आप मुझे बेझिझक याद कर लिया कीजिए। मैंने उसे कहा अब तो तुम्हें याद करना ही पड़ेगा तुम्हारे पास इतना लंबा हथियार जो है मुझे तुम्हारे हाथियार को अपनी चूत में लेने में बड़ा अच्छा लगा।