हॉट गर्ल Xxx इरोटिक स्टोरी मेरी भाभी की दो बहनों की है. मैं भाभी के घर में था और मेरी नजर उनकी दोनों बहनों की जवानी पर थी. मेरे हाथ क्या लगा?
हैलो फ्रेंड्स, मैं यश हॉटशॉट आपको अपनी कहानी का मजा देने के लिए पुन: हाजिर हूँ.
पहले भाग
भाभी की चचेरी बहन पर दिल आया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी भाभी की बहन निशा की शादी में उनके घर गया था. रात को मेरे सोने का इन्तजाम मेरे भाई की दो सालियों के साथ किया गया था.
अब आगे हॉट गर्ल Xxx इरोटिक स्टोरी:
मैंने कहा- मैं कहां सोऊं?
निशा एक उंगली नीचे जमीन पर दिखाती हुई बोली- यहां पर.
मैंने कहा- एक काम करो, तुम दोनों नीचे सो जाओ, मैं बेड पर सो जाता हूँ.
इस पर शिल्पा बोल पड़ी- ओह ये सही है … तुम कोई राजा हो क्या?
फिर ऐसे ही कुछ देर हंसी मजाक चला.
निशा बोली- चलो तीनों एक ही साथ सो जाते है. कल इस बेड को बाहर करवा देंगे और नीचे गद्दे बिछा लेंगे.
मैंने कहा- क्या बात है यानि तुमने मेरी बात मान ही ली कि मुझे अकेले सोने नहीं देना है … अच्छा है. मुझे ये सेवा पसंद आई.
निशा बोली- अब ज्यादा मत सोचो और सो जाओ.
अब हुआ ऐसे कि शिल्पा की एक ओर मैं, फिर शिल्पा, बीच में निशा थी. हल्की हल्की ठंड भी थी तो हम सब एक ही कम्बल के अन्दर सोए हुए थे.
कुछ देर तक हम तीनों बातें करते रहे. फिर सब सो गए क्योंकि सब थके हुए थे.
मुझे नींद तो आ रही थी, पर ज्यादा नहीं.
सब ही एक कम्बल में थे तो निशा अन्दर होकर सो गई. लेकिन उसके शरीर का कोई हिस्सा जब भी मुझसे लगता, तो मुझे बहुत मजा आता क्योंकि वो कभी सीधी, तो कभी करवट लेकर सो रही थी.
मैं भी जानबूझ कर उसकी पीठ की तरफ अपना मुँह करके लेटा हुआ था. जिससे कभी कभी मेरा लंड उसकी गांड से रगड़ खा जाता कपड़ों के ऊपर से!
मन तो कर रहा था कि अभी निशा के कपड़े उतार कर उसकी चुदाई कर दूँ. क्योंकि कभी ऐसा मौका मिला ही नहीं था कि साथ में और इस तरह से चिपक कर सोने को मिला हो.
मेरा लंड अब ज्यादा ही टाइट हो गया था और मैं जानबूझ कर निशा के चूतड़ों से अपने लंड को रगड़ रहा था.
फिर जैसे ही निशा की नींद खुली, तो उसने मेरे लंड कि अकड़न को महसूस किया. उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा, बस थोड़ी आगे की तरफ खिसक गई.
इतने में मेरी नज़र शिल्पा पर पड़ी. शिल्पा का चेहरा भर कम्बल के बाहर था. मैं उसको सोते हुए देख रहा था. वो बहुत ही प्यारी लग रही थी.
मेरे मन में आ रहा था कि बस ये पट गई तो काम बन जाएगा. अगर कभी मेरा गांव जाना हुआ तो ये वहां भी मिल जाएगी.
यही सब सोचते हुए मैं सो गया.
सुबह सब उठ गए थे. उस वक्त करीब 9 या 9:30 के बीच का टाइम रहा होगा.
उस वक्त कोई मेरा कम्बल खींच रहा था.
मेरी हल्की सी आंख खुली तो देखा कि शिल्पा मेरा कम्बल खींच रही है और बोल रही है- उठो … आपको दीदी नाश्ता करने के लिए बुला रही हैं. जल्दी से नहा कर नीचे आ जाओ.
मैंने देखा कि शिल्पा ने आज जींस और सफेद रंग का टॉप पहना हुआ था और खुले बाल थे जो अभी गीले ही थे.
वो बहुत ही सुंदर लग रही थी.
मेरा लंड खड़ा हो गया.
इतना बोलते हुए जैसे ही उसने इस बार कम्बल खींचा तो मैंने जानबूझ कर कम्बल को छोड़ दिया.
कम्बल हटा तो शिल्पा की नजर सीधा मेरे लोअर पर गई. उसमें मेरा लंड एकदम खड़ा हुआ था.
उसी वजह से मैं कम्बल छोड़ नहीं रहा था.
सुबह सुबह इतनी मस्त चीज़ देख ली थी तो लंड तो खड़ा होना ही था.
लंड पर नजर पड़ी तो दूसरे पल में ही शिल्पा ने अपनी नजरें हटा लीं.
अब वो रूम से बाहर जाने लगी.
मेरी नजर सीधे उसकी टाइट गांड पर पड़ी. उसकी गांड देख कर मेरा हाथ मेरे लंड को सहलाने लगा था तो उसने एकदम से अपना सर पीछे किया और मुझे लंड सहलाते देख कर वो चली गई.
मैंने ये तो नहीं देख पाया था कि मुझे इस तरह से देख कर वो क्या सोच रही होगी.
पर मुझे अंदाजा हो गया था कि वो पक्के में मुस्कुरा रही होगी.
फिर मेरे मन में ये भी आया कि सुबह से ये क्या हो गया है. अब तो वो और भी मुझसे बात नहीं करेगी.
पर मैं सर झटक कर उठा और नहा कर नीचे आ पहुंचा.
मैं सीधा रसोई में गया, जहां भाभी और शिल्पा थीं.
शिल्पा ने देखा पीछे मुड़ कर देखा, उसके बाद वो पीछे ही नहीं मुड़ रही थी.
मैंने शिल्पा को थोड़ा चिढ़ाने के लिए बोला- भाभी क्या आप भी ना!
अंजलि भाभी बोलीं- अब क्या हो गया … मैंने क्या किया?
मैंने बोला- आपने मुझे उठाने के लिए अपनी बहन को भेज दिया.
तो अंजलि भाभी बोलीं- हां तो क्या हुआ?
मैंने कहा- इनको तो उठाना ही नहीं आता.
इस पर शिल्पा बोली- अच्छा जी, इतनी देर से उठा रही थी … महोदय उठने का नाम ही नहीं ले रहे थे.
अंजलि भाभी बोलीं- कोई नहीं, कल जाकर अच्छे से उठा देना.
मैंने चुटकी ली- हां इन्हें बता देना भाभी जी कि अच्छे से उठाना किसे कहते हैं.
फिर अंजलि भाभी बोलीं- अच्छा सुनो, तुम दोनों के लिए एक काम है.
मैंने कहा- बोलो भाभी जी, क्या काम है?
भाभी- देखो दूसरे फ्लोर को साफ कर दो. कुछ सामान है, उसको वहां रखना है.
अभी भाभी बता ही रही थीं कि इतने में निशा भी उधर आ गई.
मैंने उसे देखा तो गश खाते खाते बचा. क्या मस्त और गजब माल लग रही थी यार …. पहना तो उसने काले रंग का सूट था, पर साला पूरा ऐसा टाइट था कि उसके चुचे एकदम तोप से खड़े थे. ऐसा लग रहा था जैसे अभी के अभी बाहर निकलने को बेकाबू हो रहे हों.
निशा को देख कर मेरा लंड और भी टाइट हो गया, पर अभी तो हाथ तो छोड़ो, आंखों से भी नहीं चोद सकता था क्योंकि सब थे.
इतने में निशा बोली- दीदी, मेरे रूम में बस हम तीनों ही सोएंगे. मुझे और किसी को नहीं सुलाना.
अंजलि भाभी बोलीं- ठीक है.
फिर भाभी मजे लेती हुई मुझसे कहने लगीं- अब तो ठीक है ना … दोनों सालियां तुम्हारे साथ ही सो रही हैं.
मैंने कहा- कहां साथ सो रही हैं?
भाभी पूछने लगीं- क्या मतलब … कल कैसे सोए तो थे.
शिल्पा जैसे ही बोलने हो हुई, उससे पहले निशा बोल पड़ी कि मैं और शिल्पा नीचे सोए थे और यश बेड पर.
इस बात को सुनते ही शिल्पा और मैं निशा को देखने लगे और निशा भी हल्की सी स्माइल करने लगी.
भाभी बोलीं- क्या ये सही है यश … मेरी बहनों को नीचे सुला दिया?
मैंने बोला- भाभी मैंने तो कहा था कि बेड पर सो जाओ, मैं नीचे सो जाता हूँ. निशा बोली कि तुम नीचे सोये ना, तो दीदी हमको डांटेगी.
भाभी बोली- मैं क्यों डाटूंगी. चलो कोई बात नहीं … एक साथ सो जाना. अभी 4 दिनों बाद सारा सामान आएगा तो एक चारपाई और अन्दर लगा लेना. अभी ऐसे ही सो जाओ, कोई बात नहीं है.
हम सब बातें करते रहे और नाश्ता करने के बाद काम के सिलसिले में बात करने लगे.
अभी बस घर के ही लोग थे, ज्यादा लोग आए नहीं थे.
फिर भाभी ने शिल्पा को किसी काम से बुला लिया.
अब बस निशा और मैं रह गए थे.
मैंने कहा- निशा कुछ बात करनी है, चल ऊपर रूम में चलते हैं.
हम दोनों रूम में आ गए.
मैंने पूछा- क्या हुआ तुझे … तू दिखावा कर रही है बस … ऊपर से ही हंस रही है न!
फिर निशा बताते बताते रोने लगी- हां मुझको इस शादी से खुशी नहीं है.
मैंने उसे समझाया- देख यार मम्मी पापा की खुशी के लिए इतना कर ले, क्या पता ये वाला उससे भी ज्यादा अच्छा हो.
लेकिन निशा बस रो रही थी.
मैं उसे अपने सीने से लगा कर उसके सर पर हाथ फेरने लगा और उसे चुप करवाने लगा.
इतने में भाभी की कॉल आई और पूछने लगीं कि उधर निशा है?
मैंने कहा- हां यही है.
भाभी उसे नीचे बुला रही थीं और उन्होंने मुझसे ये भी कहा कि शिल्पा और तुम ऊपर दूसरे फ्लोर के रूम पर चले जाओ. उधर थोड़ा सामान है, उसको निकाल कर साफ सफाई करना है. मैं निशा को थोड़ी देर में तुम दोनों के पास ही भेज दूंगी.
मैंने कहा- ठीक है.
कुछ देर में शिल्पा ऊपर आ गई.
मैंने कहा- तुम मुझसे बात क्यों नहीं कर रही हो?
शिल्पा बोली- बात कर तो रही हूं.
मैंने कहा- हां पर ठीक से तो नहीं कर रही हो न. यार जो हुआ, उसे भूल जाओ. अगर मुझसे कोई गलती हो गई हो, तो सॉरी.
शिल्पा एकदम से बोली- सॉरी क्यों बोल रहे हो?
फिर हम दोनों सेकंड फ्लोर के रूम के दरवाजे पर आ गए थे.
मैंने दरवाजा खोला और अन्दर आ गए.
थोड़ी ही देर में हम दोनों रूम साफ करने लगे और साथ साथ बातें भी कर रहे थे कि दोनों को क्या पसंद है.
मैंने एकदम से उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
ये पूछ कर मैं उसके चेहरे को देखने लगा.
थोड़ा सोचने के बाद शिल्पा बोली- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है.
मैं उसकी नजरों से ये समझ ही गया था कि ऐसी ही बात होगी, नहीं तो ये सोच कर जवाब नहीं देती.
मैंने कहा- अगर होता तो भी कोई दिक्कत नहीं थी. हम दोनों हम उम्र के हैं, तो ये सब बात हम दोनों में चल सकती है. फिर ये सब तो इस उम्र में होता ही है.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने ही फिर से कहा- मेरी थी, पर ज्यादा टाइम तक नहीं चली थी.
फिर ऐसे ही बात करते हुए अब उसे अच्छा लगने लगा था और वो थोड़ा खुल कर भी बात कर रही थी.
उसने बताया कि उसकी फ्रेंड है, उसका बॉयफ्रेंड है.
इतने में शिल्पा के मोबाइल पर कॉल आई, जिसे देख कर उसका चेहरा थोड़ा घबरा सा गया.
उसने वो कॉल उठाई ही नहीं और काट दी.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं मेरी फ्रेंड का कॉल था, बाद में बात कर लूंगी.
मैंने कहा- अभी मेरे सामने कोई दिक्कत हो तो मैं थोड़ी देर के लिए बाहर चला जाता हूं. आप उससे बात कर लो.
शिल्पा बोली- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है.
इतना ही बोलते ही उसके मोबाइल पर फिर से कॉल आ गया.
उसने फिर से काट दिया.
मगर उसके काटते ही फिर से कॉल आया.
मैंने कहा- मैं अभी आता हूं, जब तक तुम अपनी फ्रेंड से बात कर लो.
मैं नीचे चला गया और अंजलि भाभी को चाय बनाने का कहा.
भाभी बोली कि क्या हुआ … कितना काम हो गया?
मैंने कहा- अभी थोड़ा टाइम लगेगा.
अंजलि भाभी बोलीं- मुझे भी अभी काम खत्म करने में थोड़ा टाइम लगेगा.
भाभी ने चाय बना कर दी तो मैं दो कप में चाय लेकर ऊपर शिल्पा के पास आ गया.
शिल्पा मोबाइल पर अपने बॉयफ्रेंड से बात कर रही थी.
उसने मुझे देखा तो वो थोड़ा घबरा गई, उसने तुरंत कॉल काट दी, जिससे मुझे पूरा पता समझ आ गया कि ये अपने बॉयफ्रेंड से ही बात कर रही थी.
मैंने उससे कुछ नहीं पूछा.
फिर हम दोनों ने चाय पी.
शिल्पा को देख कर मेरा मन भड़क रहा था.
चाय के बाद जैसे तैसे करते हुए मैं शिल्पा के साथ मिल कर सफाई की.
साफ़ सफाई के चक्कर में हम दोनों ही काफी गंदे हो गए थे.
मैंने उससे कहा- चलो नीचे ही चल कर साफ कर लेंगे.
शिल्पा बोली- हां ठीक है.
हम दोनों नीचे गए और साफ़ होकर बैठ गए.
अब हमें तेज भूख लग आई थी. खाने का समय भी हो गया था.
उधर अंजलि भाभी का भी काम खत्म हो गया था.
भाभी बोलीं- तुम दोनों को भूख लग आई होगी, तुम खाना जब तक खाओ, मैं अभी आती हूँ.
हम दोनों ने खाना लिया और बातें करते हुए खा रहे थे.
अब शिल्पा अच्छे से बातें कर रही थी.
इतने में निशा भी आ गई और हमारे साथ खाना खाने लगी.
मैंने गौर किया कि खाना खाते हुए निशा मुझे ही देखे जा रही थी.
उसकी आंखों में देखने से पता चल रहा था कि वो अब मेरे लिए अपना मन पक्का कर रही है.
तब भी मैं रिस्क नहीं लेना चाहता था.
खाना खाने के बाद निशा और मैं आराम करने निशा के रूम में जाने लगे.
शिल्पा बर्तन रखने गई थी, वो बोली- मैं अभी आती हूँ तुम दोनों चलो.
निशा जैसे ही दरवाजे पर पहुची, तो जानबूझ कर पीछे की तरफ होने लगी.
मैं उसके पीछे ही था तो उससे चिपक गया.
एक पल के लिए तो मुझे समझ ही नहीं आया कि ये क्या हुआ.
फिर निशा ने दरवाजा खोला और बोली- तुम जब आए थे तो बोल रहे थे कि तुम्हें मुझसे कुछ बात करनी है?
मैंने कहा- हां … मगर तू किसी को बताएगी तो नहीं ना?
निशा बोली- नहीं.
मैंने कहा- यार निशा, शिल्पा से कुछ करवा दे, वो मुझे बहुत मस्त लगती है.
निशा बोली- हम्म … वो तुझे मस्त लगती है … और ये भी तो बता कि मैं कैसी लगती हूँ?
मैंने कहा- सच बोलूं तो मुझे तू बहुत पसंद है, पर तू किसी और को पसंद करती है. तेरा फिगर बहुत सेक्सी है.
निशा बोली- ओह तो तू ये सब देखता है?
मैंने कहा- क्यों कोई गलत है क्या? जब तुम हो ही इतनी मस्त, तो देखना तो बनता है न यार!
निशा हंस दी और बोली- चल मैं तेरा काम करूंगी, पर तुझे भी मेरा एक काम करना होगा.
मैंने कहा- ठीक है बता क्या काम है?
वो बोली- बता दूँगी.
फिर मैंने पूछा- शिल्पा का कोई बॉयफ्रेंड भी है क्या?
निशा बोली- हां है.
मैंने कहा- चल देख अगर वो अपने मन से राज़ी होगी, तभी सैटिंग करवाना ओके.
थोड़ी देर बाद शिल्पा भी आ गई.
कुछ देर बात करने के बाद हम तीनों ही सो गए.
अब शाम को मेरी नींद खुली तो कोई पास ही नहीं था. शायद वो दोनों काम करने चली गई थीं.
मैं उठा और फ्रेश होकर नीचे आ गया.
सब अपने अपने काम में लगे थे और मैं बाहर मार्किट में चला गया. बाहर जाकर देखा तो मार्किट में एक से एक माल थे. वहां टाइम पास कब हुआ, पता ही नहीं चला.
आज की रात मुझे निशा से कुछ उम्मीद हो गई थी कि ये मुझे कुछ मजा देगी. रात में क्या क्या हुआ … वो सब आपको हॉट गर्ल Xxx इरोटिक स्टोरी के अगले भाग में लिखता हूँ.