मेरा नाम संकेत है और मैं 28 वर्ष का हूं। मेरे पापा बैंक में मैनेजर है और हम लोग कोलकाता में रहते हैं, हम लोगों को कोलकाता में रहते हुए काफी समय हो चुका है क्योंकि कोलकाता में ही मैं बचपन से रह रहा हूं और अब मेरे पिता ने यहां पर घर भी ले लिया है। हम लोगों का गांव उत्तर प्रदेश में है लेकिन हम लोग यहीं पर रहते हैं। हमारे साथ हमारे चाचा की लड़की भी रहती है क्योंकि मेंरे चाचा का देहांत बचपन में ही हो गया था इसलिए शीतल हमारे साथ ही रहती है। जब वह छोटी सी थी उसी वक्त से वह हमारे साथ है उसकी मां और उसका भाई गांव में ही रहते हैं। शीतल मुझसे 8 साल छोटी है और वह इस वक्त 20 वर्ष की है वह अभी कॉलेज कर रही है। जब शीतल छोटी थी तो हम दोनों बहुत ही झगड़ा किया करते थे और उसकी मेरे से बिल्कुल भी नहीं बनती थी क्योंकि मैं उसे बहुत ही परेशान किया करता था। वह मुझे कहती थी कि तुम मुझे बहुत ही परेशान किया करते हो।
मैं उसे वाकई में बहुत ज्यादा परेशान किया करता था जिससे कि वह कई बार मेरे पापा से मेरी शिकायत कर देती थी और फिर वह लोग मुझे बहुत ही डांटते थे। मेरे घर वाले शीतल से बहुत ही प्यार करते हैं और मेरी मां तो उसे बहुत ही अच्छा मानती है यदि मैं कभी शीतल से ऊंची आवाज में भी बात कर देता तो उस दिन मेरी मां मुझे बहुत ही डांटती थी। शीतल को वह लोग अपनी बच्ची की तरह ही मानते हैं क्योंकि मेरे पापा कहते हैं कि हम लोग उसकी शादी भी यही से करवाएंगे और मैं ही उसके लिए कोई अच्छा सा लड़का देखकर उसकी शादी करवा दूँगा। कभी-कभार मेरी चाची उससे मिलने के लिए आ जाया करती है। वह लोग गांव में ही खेती का काम करते हैं इसलिए वह लोग बहुत कोलकाता कम आ पाते हैं क्योंकि हमारे गांव से कोलकाता बहुत ही दूर है। जैसे जैसे हम लोग बड़े हुए तो शीतल और मेरे बीच में बहुत ही प्यार होने लगा और मैं उसे बहुत अच्छा मानता हूं, मैं भी उसकी हर जरूरतों को पूरा करता हूं और कहीं ना कहीं वह भी मुझे अब अच्छा मानने लगी है क्योंकि पहले मैं शीतल को अच्छा नहीं मानता था लेकिन अब वह मुझे अच्छी लगती है। मैं उसे अपने बारे में सब कुछ बताता हूं और वह भी मुझसे अब अपनी हर बात शेयर किया करती है और कहती है कि मुझे तुमसे अपनी बातें शेयर करने में बहुत ही अच्छा लगता है। मुझे भी शीतल से अपनी बातें शेयर करने में बहुत अच्छा लगता है।
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मैंने उसे बताया कि मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है, तो वह कहने लगी कि तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से कब मिला रहे हो। मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें बहुत जल्दी ही अपनी गर्लफ्रेंड से मिलाऊंगा। जब मैं उसे अपनी गर्लफ्रेंड से मिलाने ले गया तो वह बहुत ही खुश हुई और जब मैंने शीतल को अपनी गर्लफ्रेंड रेखा से मिलवाया तो वह भी बहुत खुश थी और कह रही थी की तुम्हारी बहन तो बहुत ही अच्छी है और शीतल की बहुत ही तारीफ कर रही थी वह कह रही थी की शीतल बहुत ही अच्छी लड़की है। जब भी मुझे रेखा का फोन आता तो वह शीतल से जरूर बात किया करती थी और उसके बारे में पूछा करती की शीतल कैसी है। मैं कहता था कि वह बहुत ही अच्छी है और अपनी पढ़ाई कर रही है। मेरी रेखा से मुलाकात भी एक इत्तफाक से कम नहीं है। एक दिन मेरा कुछ सामान दुकान में रह गया था तो मैं जब वह सामान लेने गया तो उसी वक्त रेखा भी आ गई क्योंकि वह दुकान रेखा के पापा की थी और उसके पापा कहीं गए हुए थे इसलिए उसने ही मुझे सामान दिया और उसके बाद हम दोनों के बीच बातें होने लगी, हम दोनों बहुत ही बातें किया करते थे और मुझे उससे बात करना बहुत अच्छा लगता था। मुझे कहीं ना कहीं ऐसा लगता था कि रेखा भी मेरी हर बात को समझती है और वह मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करती है लेकिन मुझे नहीं पता था कि कुछ दिनों बाद ही हम दोनों का ब्रेकअप हो जाएगा क्योंकि मैंने रखा को किसी लड़के के साथ देख लिया था और जब मैंने उससे उस लड़के के बारे में पूछा तो वह मुझसे कहने लगी कि वह मेरा भाई है, पर जब मुझे उसकी असलियत पता चली तो वह उसका बॉयफ्रेंड था। मैंने उसे कहा कि यदि तुम्हें मुझसे रिलेशन नहीं रखना था तो तुम्हें मुझे साफ-साफ बता देना चाहिए था लेकिन अब मैं अंदर से बहुत दुखी था और मैं अब रेखा से बात नहीं कर रहा था।
मुझे लग रहा था कि अब मुझे उससे बात करना भी नहीं चाहिए, उसने मुझे कई बार फोन किया लेकिन मैंने उसका फोन नहीं उठाया। जब यह बात शीतल को पता चली तो वह मुझे कहने लगी कि तुम चिंता मत करो, तुम्हे उससे भी अच्छी लड़की मिल जाएगी लेकिन मैं कहीं ना कहीं अंदर से उसके लिए बहुत ही दुखी हो रह था और मुझे बहुत बुरा लग रहा था। फिर शीतल ने मुझे बहुत सपोर्ट किया और वह मुझे समझाती है कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत किया करो। अब मैं भी रेखा का ख्याल अपने दिमाग से निकालने लगा और अपने काम में बिजी हो गया था। शीतल हमेशा ही मुझे कहती रहती थी कि आपको रेखा से भी अच्छी लड़की मिल जाएगी वह आपके लायक बिल्कुल भी नहीं थी। मैं भी अब अपने काम में बिजी हो गया था तो मेरे दिमाग से उसका ख्याल भी निकलने लगा और मैं उसे भूल भी चुका था क्योंकि काफी समय हो गया था। मुझे एक दिन पता चला कि रेखा की शादी हो चुकी है लेकिन मुझे उसके बाद कोई भी फर्क नहीं पड़ा क्योंकि मैं उसे अपने दिल से भुला चुका था और मैं भी अब अपने काम पर ही लगा हुआ था।
मैं अपने बिस्तर में लेट कर सोच रहा था कि रेखा ने किस वजह से मुझे छोड़ा होगा लेकिन फिर मैं यह सोचने लगा कि अब तो उसकी शादी हो चुकी है इसलिए इस बारे में बात करना व्यर्थ है। तभी शीतल भी मेरे कमरे में आ गई और जब शीतल कमरे में आई तो मैंने उसे पूछा कि रेखा ने किस वजह से मुझे छोड़ा होगा मुझे यह बात अभी तक समझ नहीं आ रही। वह कहने लगी कि तुमने रेखा की चूत अच्छे से नहीं मारी इस वजह से उसने तुम्हें छोड़ दिया। मैंने उसे कहा कि यह बात तुम्हें कैसे पता चली वह कहने लगी कि रेखा मुझसे अक्सर कहा करती थी संकेत मुझे चोदता नहीं है। जब यह बात शीतल ने मुझसे कहीं तो मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और उसके स्तनों को दबाने लगा। उसके छोटे छोटे स्तनों को जब मैं दबा रहा था तो उसे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने अपने लंड को निकालते हुए उसके मुंह के अंदर डाल दिया। वह मेरे लंड को अच्छे से चूसने लगी उसे बड़ा मजा आ रहा था जब वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी। मैंने उसे नंगा कर दिया और उसका यौवन बहुत ही मस्त था क्योंकि उसका जवानी अभी अभी खिला थी इस वजह से वह बहुत ही ज्यादा मस्त थी। मैंने उसकी मुलायम चूत को चाटना शुरू किया और मैं अच्छे से उसकी चूत को चाट रहा था। मैंने उसकी योनि के अंदर जैसे ही अपना लंड डाला तो उसकी चूत से खून निकलने लगा और वह चिल्लाने लगी। मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के मारना शुरू कर दिया। मैं उसे इतनी तेज तेज धक्के मार रहा था कि उसका पूरा शरीर दुख रहा था। वह मुझे कह रही थी कि आपने तो मेरी चूत को अच्छे से फाड़ कर रख दिया है अगर आप रेखा को इस प्रकार से चोदते तो शायद वह आपको छोड़कर कभी नहीं जाती। मैं उसे ऐसे ही बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था जिससे कि उसका पूरा शरीर गर्म होने लगा था और मेरा शरीर भी पूरा गर्म होने लगा था। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जब मैं उसे तेजी से झटके मार रहा था। वह भी अपने मुंह से बड़ी मादक आवाज निकालती और अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर रही थी। उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही खून निकल रहा था जिसे कि वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और बहुत तेजी से चिल्लाने पर लगी हुई थी। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था उसे चोदते हुए लेकिन मैं उसकी योनि को ज्यादा देर तक बर्दाश्त ना कर सका मेरा माल उसकी चूत मे गिर गया। मैं बहुत ही खुश हुआ वह अब मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी है वह भी अपनी चूत मुझसे मरावा कर बहुत ही खुश होती है और उसे बहुत ही मजा आता है।