जवान साली ने कुंवारी बुर चुदवा कर मजा दिया • Kamukta Sex Stories

जवान साली ने कुंवारी बुर चुदवा कर मजा दिया

देसी साली Xxx कहानी में पढ़ें कि मेरी पत्नी के गर्भवती होने पर मेरी साली उसकी देखभाल के लिए आई. उस मस्त माल की अन्तर्वासना मैंने कैसे जगाई, फिर उसे कैसे चोदा?

मेरा नाम विजय है. मैं 36 वर्ष का हूँ, मेरी हाईट 5 फिट 6 इंच है. मेरे लंड का साइज किसी भी लड़की और औरत को संतुष्ट कर देने वाला है.

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं. जिस प्रकार लोगों को तंबाखू, सिगरेट की तलब रहती है, उसी प्रकार मुझे अन्तर्वासना की कहानी पढ़ने की चुल्ल रहती है.
बिना सेक्स कहानी पढ़े मेरी टट्टी नहीं उतरती है, यह बिल्कुल सत्य है.

मेरे दिमाग के हमेशा सेक्स ही चलता रहता है. मैं सेक्स के लिए हमेशा तैयार रहता हूं.
मुझे चूत बस मिल जाए तो मैं कभी उसकी उम्र नहीं देखता, चाहे वह 20 की हो या 60 की.
मैंने अब तक कम से कम 53 चुत वालियों को चोदा है. जिसमें सभी उम्र की चूतें शामिल हैं.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
यह देसी साली Xxx कहानी 2013 की है, जब मेरी शादी हुई थी.

ऐसा कोई भी दिन नहीं जाता था, जब मैं और मेरी पत्नी दिन में 3 बार चुदाई ना करते हों.
रात में दो बार तो पक्का था.

मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है.
मैं अपनी बीवी को हमेशा चुत चाट कर पहले एक बार संतुष्ट करता था, फिर चुदाई करता था.

मैंने अपनी बीवी को घर में पैंटी पहनने को मना कर दिया था और वो मान गई थी.

इसका फायदा ये था कि जब मेरा मन करता था, तब मैं अपना लंड उसकी चुत में डाल देता था और हमारी घमासान चुदाई शुरू हो जाती थी.

मैं अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था. हमारी चुदाई यूं ही जोरों पर थी.

इसी बीच वो प्रेगनेंट हो गई थी. उसकी देख-रेख के लिए मेरी साली, जिसका नाम सोनिया है, वो आ गई थी.

सोनिया 19 साल की 32-28-34 की फिगर साइज वाली एक मस्त माल थी.
उसका कद 4 फुट 5 इंच होने के कारण वो एक फुटबाल सी लगती थी.
उसके दूध गजब के कहर ढहाते थे. हम आपस में बहुत मज़ाक करते थे.

अकेले घूमने जाना, रात को लंबी ड्राइव पर बाइक में निकल जाना, उसका मुझे इस प्रकार पकड़ कर बैठना कि मेरा लंड उसके टच से ही खड़ा हो जाए … ये सब आम होता था.

हमारे दिन इसी प्रकार गुजरते रहे.
फिर हमारे बीच सेक्स की शुरूआत हुई.
तब से पहले उसने सेक्स कभी नहीं किया था.

हुआ यूं कि मैं नहा कर अपने आंगन से टॉवेल लपेट कर अन्दर आया, जहां मेरी साली गाउन पहन कर खाना बना रही थी.
उसकी सफ़ेद रंग की ब्रा मुझे उत्तेजित कर रही थी. मेरे लंड में हरकत शुरू हो गई और वो खड़ा होने लगा.

मैं किचन में पीछे से जाकर साली से लिपट गया. मेरा लंड उसकी गांड से जैसे ही छुआ, मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया.
यदि तौलिया ना होता, तो समझो मैं पूरा नंगा था.

मैं- साली जी, क्या हो रहा है?
सोनिया- गुड मॉर्निंग जीजा जी, क्या बात है … आज साली पर बहुत प्यार आ रहा है. चलिए हटिए, मुझे खाना बनाने दीजिए, वरना देर हो जाएगी.

मैं- अरे वाह कल रात को तो गाड़ी में खूब चिपक रही थी. अब चिपकने की हमारी बारी आई, तो हमको हटाया जा रहा है. ये तो सही नहीं है साली साहिबा.
सोनिया- मेरी दीदी ने देख लिया, तो आपका सारा प्यार निकाल कर रख देगी. जाइए, अपनी बीवी से चिपकिए.

मैं- अरे जब सामने इतनी हॉट साली हो, तो कहीं और क्यों नजर जाएगी साली साहिबा.
इतना कह कर मैंने उसके गालों पर किस कर दिया और मैंने उसे इतनी जोर से अपने से चिपकाया कि मेरा लंड उसकी गांड की दरार में गाउन के ऊपर से फंसता चला गया.

उसी समय अपने आप मेरी कमर चलने लगी.
मेरी साली आगे झुक गई और मैं उसके गालों को किस करने लगा था.
इतने में मेरी साली ने मुझे पीछे धकेल दिया- जाइए और जल्दी तैयार हो जाइए.

जैसे ही मैं जाने लगा तो साली ने कहा- अरे जीजू, अपने उसको तो यही ठंडा करके जाओ वरना दीदी आपका पूरा जोर निकाल देगी.
ये कह कर उसने मेरे लंड की तरफ इशारा कर दिया और हल्के से कातिलाना अंदाज में मुस्कुरा दिया.

मैं समझ गया कि अभी नई चुत का जुगाड़ हो गया.
मेरी बीवी प्रेग्नेंट थी इसलिए मेरे लंड का कोई जुगाड़ नहीं था.

उस दिन से मेरी साली के लिए नजरिया भी बदल गया.
अब जब भी साली किचन में होती थी, मैं किसी न किसी बहाने से नीचे आ जाता और साली से चिपक कर बातें करने में लग जाता था.

कभी उसकी कमर में हाथ डाल देता, कभी उसकी गांड को छू देता और कभी-कभी तो उसके दूध भी दबा देता.

मेरी साली बहुत ही जोशीली और समझदार थी. उसका यही सोचना था कि यदि पकड़ी गई तो उसकी दीदी का घर बर्बाद हो जाएगा.

वो कहती थी- जीजू आपको जो भी करना है, चुपचाप करना.

एक बार मैंने साली को पकड़कर किचन की दीवार से चिपका दिया और उसे बेइंतहा किस करने लगा.

मैं बहुत अच्छे से जानता हूं कि लड़कियों के किस पॉइंट पर किस करने से लड़कियों की चुत गर्म हो जाती है.

मैं उसके गले और कान के पीछे किस करने लगा और एक हाथ से उसकी चुत को सहलाने लगा.

जैसे ही मेरा हाथ उसकी चुत में गया, मेरे लौड़ा जैसे किसी आग में जलने लगा.

मैंने उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया.
पहले तो उसने संकोच किया, बाद में उसने मेरे लंड को पकड़ लिया.

मैंने मौके का फायदा उठाकर वहीं उसके गाउन को ऊपर उठा कर उसकी चुत में होंठ लगा दिए और उसकी बुर को चाटने लगा.

पहली बार कुंवारी साली की बुर में किसी ने हाथ लगाया था और होंठ लगाए थे, इससे वो सिहर गई.

मुझे भी डर था कि कहीं मेरी बीवी नीचे ना आ जाए, इसलिए मैंने जल्दी जल्दी उसकी बुर में जीभ चलाना चालू कर दी.

मेरी साली ने मेरे सर को पकड़कर अपनी बुर में घुसा लिया- बस करो जीजू कुछ हो रहा है … आंह जल्दी करो.
ऐसा कहकर वो मेरे बालों पर हाथ फेरने लगी.

मैंने अपनी जीभ की नोक से उसकी बुर को बहुत चाटा.

नई कमसिन बुर को चाटने का ही मजा ही अलग है.
ये वही जान सकता है, जिसने कुंवारी बुर चाटी हो.

इतने में बाहर किसी के आने की आवाज आई और हम दोनों अलग हो गए.

मैंने और साली ने अपने आप पर काबू किया और कुछ देर के लिए अलग हो गए.

आग दोनों तरफ लग चुकी थी.
मुझे चोदने की और उसे चुत चुदवाने की.

इस तरह से मैंने लगातार 15 दिन तक उसकी बुर को चाटा और उसे अपना दीवाना बना दिया.

मैं जब भी उसे अपना लंड चूसने को बोलता तो वह मना कर देती.
वो बोलती- लाओ जीजू हाथ से कर देती हूँ. मुझे आपके जैसा ही पति चाहिए, जो आपके जैसे मुझे प्यार करे. आपने तो अभी तक मेरे साथ सेक्स ही नहीं किया, तब इतना मजा दे दिया है. मैं तो उस दिन का इंतजार कर रही हूं, जब आप मेरे साथ सेक्स करेंगे.

अब हम दोनों उस दिन का इंतजार करने लगे और जल्दी ही वह दिन भी आ गया.

मेरे बड़े पिताजी यानि ताऊजी के घर में एक पूजा का कार्यक्रम रखा गया था जहां मेरी पत्नी और मुझे जाना था.
वह पूजा दिन भर चलने वाली थी.

मैंने मौका देखा और साली को मना कर दिया कि वो ना जाए.

मैंने अपनी पत्नी को वहां छोड़ा और अपना कुछ काम बोल कर चला गया.

उधर से सीधे मैं अपने घर पहुंच गया जहां मेरी साली मेरा इंतजार कर रही थी.
उसकी बुर मेरे लंड का बेसब्री से तड़फ रही थी.

आज मैं बहुत खुश था कि आज हमारा मिलन होना था.
मेरे अन्दर वासना जाग चुकी थी और मेरी साली के दिल में मेरे लिए प्यार भी सच्चा वाला था.

मैं घर में जैसे ही पहुंचा, सबसे पहले फाटक बंद किया और अपनी साली को सामने देख कर मुस्कुरा दिया.
उसने मेरी तरफ अपनी बाँहें फैला दीं और मैंने भी उसे अपने सीने से चिपका लिया.

साली के दिल में डर था कि घर में कोई आ ना जाए.

उससे मैंने कहा- जान यह हमारा घर है, कोई नहीं आने वाला है.

मैंने उसके गले में अपनी बांहें डाल दीं और किस करने लगा.
किस करते करते ही मैंने उसे बेड पर लेटा दिया.

फिर सीधे उसके गाउन को उठाकर पैंटी को निकाल फैंका और अपनी जीभ से उसकी बुर को चाटने लगा.
बीच-बीच में मैं उसके टांगें फैलाकर उसकी कुंवारी बुर का नमकीन पानी को चूसने लगा.

एक मिनट बाद मैंने उसकी सफाचट चुत को निहारा तो मेरी साली शर्मा कर बोली- ऐसे क्या देख रहे हो जीजू … क्या आपने कभी देखी नहीं, जो इतने प्यार से देख रहे हो.
मैंने कहा- जानू देखी तो है, पर तुम्हारी जैसी इतनी खूबसूरत बुर आज तक नहीं देखी. ऐसा लग रहा है कि बस देखता ही रहूं.

ये सुनकर मेरी साली ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मुझे किस करने लगी.

वो बोली- जीजू, जब से आपने मेरी बुर चाटी है, मुझे आपसे प्यार हो गया है. मैं दिन-रात बस आपके सपने देखती हूं … लगता है बस आप मेरे पास ही रहो. मैं आपके बिना जिंदा नहीं रह सकती.
मैंने कहा- साली साहिबा अभी प्यार करने का मौका मिला है, तो जी भरके प्यार कर लो.

इतना कह कर मैंने अपनी साली के गाउन को उतार दिया और वह सफेद ब्रा सामने आ गई.
वो एकदम नंगी सी हो गई थी और क़यामत माल लग रही थी क्योंकि पैंटी तो पहले ही मैंने उतार दी थी.

मेरी साली शर्मा रही थी.

मैंने उसके पूरे शरीर को किस किया. हम दोनों एक दूसरे को ऐसे किस कर रहे थे मानो जन्मों के प्यासे हों.

मेरे लोअर में फूल चुका मेरा लंड जैसे ही साली की बुर में छूता, उसकी गांड अपने आप उठने लग जाती.

ऐसा लग रहा था मानो उसकी बुर मेरे लंड को ले लेगी. उसके हाथ अपने आप मेरे लंड पर चलने लगे.
उसने मेरी टी-शर्ट को उतारा और मेरे ऊपर चढ़कर मुझे किस करने लगी.

वो मुझे ऊपर से नीचे किस करती जा रही थी, लोअर के ऊपर से उसने मेरे लंड को किस किया और प्यार करने लगी.

मैंने लंड पर साली का हाथ रखते हुए उसको बोला- जानू, यही तुमको सबसे ज्यादा खुश करेगा. इसे खोल कर प्यार करो.

मेरी साली ने मेरे लोआर को उतारा और लंड को देखने लगी.
किसी काले नाग की तरह मेरा लंड मेरी फ्रेंची से बाहर आने के लिए फड़फड़ा रहा था.

मोटे लंड को देख कर मेरी साली की आंखों में चमक आ गई.

मैंने अपनी साली से कहा- लंड को चूसो जान.
मगर उसने पहली बार मना कर दिया, उसने कहा- फिर कभी जीजू, जब हम आराम से सेक्स करेंगे.

मैंने भी उस पर दबाव नहीं डाला और अपने ऊपर 69 की पोजीशन में खींच कर उसकी बुर को चाटने लगा.

साली- जल्दी कुछ करो न जीजू … समय भी होता जा रहा है, फिर आपको जाना भी होगा. मैं भी अपने आपको नहीं रोक पा रही हूं.

मैंने अपनी साली की सफेद ब्रा का हुक खोला और उसके दूध के दर्शन किए.

वाह आज तक इतने शानदार और जानदार दूध मैंने कभी नहीं देखे थे.

एकदम गोरे गोरे दूध, उन पर पिंक कलर के निप्पल ऐसे लग रहे थे मानो दूध की मिठाई में किसी ने किसमिश को रख दिया हो.
मैंने पूरे दिल से उसके दूध को चूसा.

जैसे ही उसके निप्पल को अपने मुँह में लिया, मेरी साली के पूरे शरीर में करंट सा दौड़ गया.

वह- आह जीजू … मुझे पता होता कि इसमें कितना मजा आता है, तो मैं कब का आपके पास आ जाती. आज समझ आया कि दीदी की आवाज कमरे से इतनी मीठी मीठी क्यों आती थी, जब भी आप उन्हें चोदते थे, मैं आप दोनों की सब आवाजें सुना करती थी. आई लव यू जानू!

“आई लव यू सोनिया … काश तुम भी मेरी पत्नी बन जाओ, तो फिर हम रोज एक साथ सेक्स किया करेंगे.”

सोनिया- तो रोका किसने है जीजू … बना लो ना मुझे अपना … मैं आपके साथ अपनी सारी जिंदगी बिताने को तैयार हूं.

हम दोनों एक दूसरे में ऐसे लिपटे हुए थे मानो हम दोनों एक ही जिस्म हों.

मैंने देर न करते हुए सोनिया से कहा- सोनिया, अब मुझे तुम्हें चोदना है.

मैंने उसकी टांगों को फैलाया और पूछा कि कभी किसी का लंड लिया है?
“जीजू आप खुद अपना लंड डाल कर देख लीजिए.”

उसका यह जवाब सुनकर बहुत खुशी हुई कि आज कुंवारी चुत चोदूंगा.
मैंने अपने लौड़े पर थोड़ा सा थूक लगाया और थोड़ा सा थूक अपनी साली की बुर में लगा दिया.
फिर धीरे से उसकी बुर में लंड डाला.

उसे बहुत तेज दर्द हुआ- उई जीजू, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज निकालो.
मगर मैं भी अब कहां मानने वाला था … यदि मैं एक बार लंड निकाल लेता तो सोनिया कभी चुत नहीं देती.

मैं उसके मम्मे चूसने लगा.
इससे थोड़ी राहत मिली मगर फिर भी उसकी आंखों से पता चल रहा था कि उसे दर्द है.

मैंने मौका देख कर दूसरा झटका मारा, जिससे मेरा सुपारा उसकी बुर के अन्दर समाता हुआ चला गया.

वह चिल्ला उठी- आह मर गई … निकालो बाहर निकालो … मुझे नहीं चुदना!

मैंने आव देखा ना ताव, पूरा लंड उसकी बुर में घुसेड़ दिया और कुछ पल वैसे ही पड़ा रहा.

वो मानो बेहोश हो गई थी, उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे और उसका शरीर कांप रहा था.

मैंने उसके गालों को चूमते हुए कहा- साली साहिबा, जितना दर्द होना था, हो गया … अब बस जिंदगी भर मजे ही मजे आएंगे.
मेरी देसी साली ने कराहते हुए कहा- मेरी तो जान ही निकल गई जीजू … मजे का तो नहीं पता मगर आज मुझे लगा कि मैं मर गई.

मैंने उसे अपनी बांहों में चिपकाते हुए और उसके आंसुओं को पीते हुए कहा- जान, मैं तुम्हें कहां मरने दूंगा. मैं तो तुम्हें अपने सीने से लगा कर रखूंगा.

ये कहते हुए मैंने धीरे-धीरे अपनी कमर को चलाना चालू कर दिया.
पहले मैंने धीरे-धीरे अपनी साली की बुर को चोदना शुरू किया तो शुरू में उसे दर्द का अहसास हुआ.
मगर धीरे-धीरे उसे भी मज़ा आने लगा.

अब वो भी मस्ताने लगी थी- आह जोर से … और जोर से जीजू … आज से मैं आपकी हुई … आपका जब मन करे, मुझे प्यार करो, जब चोदने का दिल करे तो अपने ऊपर लेटा लो … आप जैसा बोलोगे, मैं वैसा करूंगी … बस मुझे जिंदगी भर चोदते रहना. मैंने आज तक इतना मोटा और लंबा लंड नहीं देखा … मैं आपके लंड को खोना नहीं चाहती जीजू आंह और जोर से चोदो जीजू … पूरा डाल दो आह आह और चोदो … आप अपना पूरा हब्शी लंड डाल दो … आज मुझे जी भरके प्यार करो जीजू.

जितनी ज्यादा मेरी गांड चल रही थी, उससे ज्यादा उसकी गांड चल रही थी.
मुझे ऐसा लगा कि उसने मूत दिया है.
वह दो बार झड़ चुकी थी. उसकी चुत न जाने कितनी गीली हो चुकी थी कि पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूंज रहा था.

मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि मैं अपनी सीलपैक साली को चोद रहा हूं.

हम दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए एक दूसरे में समा जाना चाह रहे थे.

फिर जैसे मेरी Xxx साली ने दुबारा कहा- आह और जोर से … और जोर से और जोर से जीजू.
मैं फिर से जोश आ गया और जोर लगा कर पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
उसने मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया.

इसी बीच में मेरा भी स्खलन हो गया. हम दोनों का रस एक साथ उसकी बुर में मिल रहा था … जन्मों की प्यास बुझ रही थी.
हम दोनों शांत हो चुके थे मगर फिर भी ना वह लंड निकालने की कोशिश कर रही थी और ना मैं!

हम दोनों की आग शांत हो चुकी थी. दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेटे हुए थे.

उसकी आंखों में संतुष्टि थी- जीजू वाकयी आप गजब के हो. आप किसी को भी खुश कर सकते हो. मुझे बस आप ही चाहिए.

मैंने उसकी आंखों में चूम कर प्यार किया और एक लंबा किस किया.

जैसे ही मेरा ध्यान घड़ी पर गया, मैंने अपने लंड को चुत से बाहर निकाला.

चादर को देखा तो पूरा लाल खून से सना हुआ था. हम दोनों के रस से सना हुआ चादर देख कर मेरी आंखों में शरारत आ गई थी.

मेरी साली ने उस चादर को लपेटकर रख लिया. उसने वो अपने पास आज तक रखी हुई है.

मैंने कपड़े पहने और अपनी साली से कहा- जान अगली बार कब?
साली ने कहा- अब तो मैं आपकी हो गई हूँ, आपका जब मन करे तब … मगर इस बार इत्मीनान से कहीं बाहर करेंगे.

मैंने उसे चूमा और निकल गया.

मेरी और मेरी साली की बहुत सारी सेक्स कहानियां लिखनी अभी बाकी हैं.
इस सेक्स कहानी की अगली कड़ी में मैं जल्द वापस आऊंगा. उसमें मैं लिखूँगा कि किस तरह मैंने अपनी साली को उसकी सहेली के साथ चोदा और उसके साथ सुहागरात मनाई.

आप मुझे इस देसी साली Xxx कहानी के लिए मेल करना न भूलें.
धन्यवाद.