मेरी उम्र 18 साल है। मम्मी और पापा दोनों दिल्ली गए थे, अपना इलाज कराने वही दिल्ली में फंस गए क्यों की लॉक डाउन हो गया था। मैं और मेरा भाई जो मेरे से तीन साल बड़ा है घर पर थे। मम्मी पापा नहीं रहने की वजह से हम दोनों में जो हमेशा झगड़ा होते रहता था अचानक से प्यार बढ़ गया। एक दूसरे की केयर और शेयर करने लगे।
और धीरे धीरे हम दोनों इतने करीब आ गए की कह नहीं सकते। बहन भाई से एक अच्छे दोस्त बन गए पर ये दोस्ती ज्यादा दिन तक नहीं रही क्यों की आपको भी पता है एक लड़का और एक लड़की कभी की दोस्त नहीं बन सकते सेक्स का खेल है इसलिए अट्रैक्शन होता है। पहुंच तो लड़को की लड़कियों के ब्रा के अंदर लड्डू और चढ्ढी के निचे तक होता है।
फिर एक दिन ऐसा आया की लॉक डाउन आगे बढ़ गया हम दोनों काफी उदास हो गए यहाँ तक की मैं रोकने लगी मुझे अब अच्छा नहीं लगा मुझे माँ पापा की बहुत याद आने लगी। पर मेरा भाई वही से अपनी भावनाओ में ले लिए उसने मुझे गले लगाया शांत्वना देने। पर मेरी बड़ी बड़ी टाइट और गोल गोल चूचियां जब उसके सीने से लगा तो वो बैचेन हो गया।
और मुझे किस कर लिया। मैं भी कुछ नहीं बोल पाई। जब मैं कुछ नहीं बोली तो उसका मन बढ़ गया और फिर वो अब मेरे होठ पर अपना होठ रख दिया रात के करीब 9 बजे थे। खाना खा चुके थे। बस सोने भी वाले थे तभी ये सब कुछ होने लगा था। मैं भी अपने आप को रोक नहीं पाई क्यों की कुछ दिनों से ही मेरे मन के ऐसे ख़याल आ रहे थे की मुझे भी कोई चोदे क्यों की मेरी कई सहेलियां चुदवा चुकी है और मैं भी कुंवारी बची थी जिसका अभी तक चुत फटी नहीं थी। कच्ची कली कब तक रहती।
और सच तो बात ये भी है दोस्तों की ऐसा मौक़ा भी बार बार नहीं मिलता है। घर में कोई नहीं और चुदने का मन कर जाय और चोदने वाला भी साथ हो. मैं भी साथ देने लगी मैं भी अपने भाई का बाल पकड़ कर उसके होठ को चूसने लगी।
वो अपना हाथ धीरे धीरे मेरी चूचियों पर सहलाने लगा अब मैं पागल होने लगी ये एहसास पहली बार हो रहा था तो पुरे शरीर में आग सी लग गई थी। मैं मदहोश होने लगी। भाई ने अपने सारे कपडे उतार दिए। क्या बताऊँ दोस्तों जैसा की मैं एक तो एडल्ट मूवी में देखि वैसा ही लौड़ा खड़ा और कडा था। देख कर ऐसा लगा की आज मेरी चूत का सत्यानाश हो जायेगा। डर भी लग रहा था क्या मैं इतने मोटे लौड़े को सह पाऊँगी ये सब सोचकर मेरे होश उड़ रहे थे।
मेरा भाई अब मेरे टॉप उतार दिए और तुरंत भी स्पोर्ट ब्रा पहनी थी उसको भी खोल दिया मैं खुद से ही अपने पाजामे उतार दी बस मैं पेंटी में थी। उसने मुझे पलंग पर लिटा और और मेरे ऊपर चढ़ गया। पहले तो वो मेरे होठ को चूसने लगा। गाल पर जीभ फिराने लगा। कान काटने लगा। मेरे बालों को सहलाने लगा। मैं अपने जीभ को दांत के अंदर कर रही थी और हौले हौले से दबाब दे रही थी। मेरे होठ सुख रहे थे। बार बार अपने होठ को अपने जीभ से चाट रही थी।
उसके बाद तो गजब हो गया जैसे ही उसने मेरी चूचियों को अपने मुँह में लिए और निप्पल को अपने दांत से काटा मैं हैरान रह गई। मेरे तन बदन में करंट दौड़ गया। और मेरी आँखे खुद ही बंद होने लगी। और मेरे मुँह से सिर्फ आह आह आह आह की आवाज निकलने लगी। मैं कामुक हो गई थी। मैं अब चुदाई का मजा लेना चाह रही थी। डर ख़तम हो गया था।
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मेरा भाई सरकते हुए मेरी नाभि में अपना जीभ घुसाने लगा और मेरी चूचियों को दोनों हाथों से दबाने लगा। मैं पागल हो रही थी मैं खुद से भी अपनी चूचियों को मसलने लगी अपने उँगलियों से अपने निप्पल को दबाने लगी.
दोस्तों मैं पागल होने लगी ऐसा लग रहा था अब मेरी चूत में लौड़ा पेल दे मुझे लौड़ा चाहिए थे अब। फिर वो निचे तक गया पहले तो पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को सुंघा। पता नहीं उसको कैसा सुगंध आया चूत की की वो तुरंत ही मेरी पेंटी ही उतारने लगा और फिर पेंटी खोल दिया और फिर से पेंटी को सूंघने लगा।
फिर वो मेरी चूत पर हाथ फेरा और चूत चाटने लगा। मैं आह आह आह करने लगी गुदगुदी भी हो रही थी मेरी चूत काफी गीली हो गई थी और गरम भी। उसने अपना जीभ मेरी चूत पर फिराने लगा और मैं मचलने लगी। मैं बोली अब मत तडपाओ भैया। बहुत हो गया है अब बर्दास्त नहीं होगा जल्दी से मुझे चोद दो।
उसने मेरी टांगो को अलग अलग किया और अपना लौड़ा मेरी चूत पर लगा लिया और जोर से पेलने लगा पर मैं मना की देखो मैं पहली बार चुद रही हु खून भी निकल सकता है इसलिए आराम से करो। उसने आराम आराम से मेरी नन्ही से चुत में लौड़ा घुसाने लगा। करीब पांच मिनट तक कोशिश करने के बाद उसका लौड़ा बड़ी मुश्किल से मेरी चुत में घुसा।
दोस्तों दर्द बहुत हो रहा था। पर जब्ब भी दर्द हो वो मेरी चूचियों को मसलने लगता था होठ चूसने लगता था फिर जैसे मैं शांत होती वो फिर से घुसाने लगता। जब पूरा लौड़ा मेरी चुत में समा गया तब वो धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। अब मुझे कम कम दर्द हो रहा था। पर वो जोश में आ गया और जोर जोर से मेरी चुदाई करने लगा.
मैं पागल हो रही थी गांड उठा उठा कर मजे ले रही थी और दे रही थी। मेरे मुँह से सिर्फ आह आह ही निकल रहा था। दोस्तों पहली चुदाई का मजा ही कुछ और होता है दर्द भी होता है और मजा भी आता है।
फिर क्या था अब वो मुझे उठा कर बैठा कर लेट कर ऊपर कर के कभी डौगी बना कर खूब चौड़ा मेरी चूत फाड़ दिया था पूरी रात। दूसरे दिन चल नहीं पा रही थी क्यों की मुझे 4 बार चोदा रात में। तीसरे दिन से मैं ऐसी चुड़क्कड़ हो गई क्या बताऊँ अब तो हम दोनों रोज चुदाई करते है और टीवी देखते हैं कब लॉक डाउन खुलेगा और मैं तो मनाती हु एक दो महीने और हो जाये।