मामा की बेटी की जबरदस्त बुर चुदाई • Kamukta Sex Stories

मामा की बेटी की जबरदस्त बुर चुदाई

कज़िन सिस Xxx स्टोरी मेरे मामा की बेटी के साथ सेक्स की है. वो हमारे घर रहने आई हुई थी. एक रात हम दोनों साथ सो रहे थे. मेरी नींद खुली तो वो मुझसे चिपकी हुई थी.

फ्रेंड्स, यह कहानी मेरे और मेरे मामा की बेटी की चुदाई की कहानी है.

मेरी उम्र 24 साल है, हाइट 5 फुट 8 इंच है. मेरा लंड 6 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा है.

मेरे मामा की बेटी की उम्र 19 साल है, हाइट 5 फुट 2 इंच और फिगर 30-28-32 का है. उसका फिगर बहुत सेक्सी है.

यह कज़िन सिस Xxx स्टोरी आज से एक साल पहले उस वक्त की है, जब मेरे मामा की बेटी मेरे गांव आई थी.
उस समय ठंडी का मौसम था.

वैसे तो उसके प्रति मेरे मन में कोई ग़लत विचार नहीं था लेकिन हुआ कुछ ऐसा कि हालात बनते चले गए और मेरा उसके प्रति भाव बदलता चला गया.

एक दिन वो रात में मेरे रूम में ही लेटकर मेरे फोन में वीडियो देख रही थी.
वीडियो देखते हुए ही उसको नींद आने लगी और मेरे पास ही सो गई.

कुछ देर बाद मैं भी सो गया.

थोड़ी देर बाद नींद में वो मेरे से चिपक कर सोने लगी तो मेरी नींद खुल गई.

उस समय मेरा एक हाथ उसके मम्मे पर था.
कसम से वो सीन मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था लेकिन मैंने अपना हाथ हटा लिया.

अब मुझे नींद नहीं आ रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने जानबूझ कर अपना हाथ फिर से उसके मम्मों पर रख दिया.

उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं होने पर मैं हल्के हाथ से अपनी बहन के मम्मों को दबाने और सहलाने लगा.
उसके मुलायम मम्मों को सहलाने में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
शायद वो भी इसके मज़े ले रही थी.

फिर पता नहीं कब मेरी आंख लग गई और मैं भी सो गया.
सुबह जब मैं जागा, तो बहन की तरफ देखा. मामा की बेटी मेरे बाजू में नहीं थी. वो जाग कर चली गई थी.

मैं रात में हुई घटना को सोचने लगा और अपना लंड सहलाने लगा.
तभी मेरी बहन चाय लेकर मेरे पास आ गई.

मैंने उसकी तरफ देखा, तो मुझे ऐसा कुछ भी नहीं लगा कि रात में हुए किसी भी खेल का उसे अहसास था.
मैं चुपचाप चाय पीने लगा.

उस दिन सब कुछ सामान्य ही रहा.

शाम को उसने मुझसे कहा- भैया, मुझे मार्केट जाना है, कुछ काम है.
मैंने हामी भर दी. कुछ देर बाद वो रेडी होकर बाहर आ गई और चलने के लिए बोली.

उसने टाइट जींस और टी-शर्ट पहनी हुई थी.
उसे देखकर मेरा लंड पैंट में ही खड़ा हो गया.
कसम से दोस्तो … बहुत मस्त माल लग रही थी.

मैं उसको अपनी बाइक पर बिठा कर बाजार ले जाने लगा.
जैसे तैसे हम दोनों बाजार पहुंचे.
उसे जो सामान लेना था, उसने ले लिया.

फिर हम दोनों मार्केट से वापस घर आने लगे.
वापस आते वक़्त वो दोनों साइड में अपने पैर करके बैठी थी और मेरी पीठ से चिपकी हुई थी.

मैं भी मज़ा लेने के लिए जानबूझ कर बाइक के ब्रेक लगाने लगा जिससे उसकी चूचियां मेरी पीठ से रगड़ खाने लगीं.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
उसने भी कुछ नहीं कहा.
बल्कि एक दो बार तो मैंने महसूस किया कि जितना झटका लगता था, वो उससे कुछ ज्यादा ही उछल कर मेरी पीठ से अपने मम्मे रगड़ देती थी.

फिर थोड़ी देर में हम लोग घर आ गए.

मेरा चाय पीने का मन हो रहा था, तो मेरी बहन मेरे लिए चाय बना लाई.
चाय पीने के बाद हम दोनों छत पर टहलने चले गए.
हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.

फिर अंधेरा सा हो गया, तो हम दोनों नीचे आ गए.

वो मम्मी के साथ खाना बनाने चली गई और मैं अपने रूम में बैठ कर टीवी देखने लगा.

जब खाना बन गया तो मम्मी ने आवाज दी और हम सबने मिल कर खाना खाया.

खाना के दौरान उसने मम्मी और मुझसे थोड़ी बात की. फिर सब लोग अपने अपने कमरे में सोने चले गए.

मैं भी अपने कमरे में जाने लगा, तो मामा की बेटी बोली- भैया, मुझे नींद नहीं आ रही है. मैं क्या आपके साथ भी चलूं. थोड़ी बात करेंगे, फिर सो जाएंगे.
ये सुन कर मुझे अन्दर से बहुत ख़ुशी हुई और मैंने हां बोल दिया.

अब हम दोनों मेरे कमरे में आ गए और लेट गए.
वो मुझसे थोड़ी दूर पर लेटी थी और बातें कर रही थी.

हम दोनों ने कोई ख़ास बातें नहीं की, बस यूं ही अपनी अपनी सुनाते सुनते रहे.
फिर मैंने अपना फोन निकाला और एक वीडियो देखने लगा.
वो भी आकर मेरे से चिपक गई और मेरे फोन में देखने लगी.

थोड़ी देर बाद वो नींद का बहाना करके सोने लगी.

मैंने भी कुछ नहीं कहा और वीडियो देखता रहा.

कुछ देर बाद मैंने फोन रख दिया और सोने लगा. मेरे मन में कल रात का ही सीन घूम रहा था. अन्दर ही अन्दर उत्तेजना बढ़ने लगी थी.

मेरे मन में कुछ करने का विचार आया और मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया.

उसकी चूचियां बहुत ही मुलायम और सेक्सी थीं. उन्हें सहलाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
हालांकि मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं मेरी ममेरी बहन जाग ना जाए और कुछ गड़बड़ न हो जाए.

यदि उसका मन न हुआ तो वो मेरी हरकत को घर में सबको बता देगी तो मेरी बहुत बदनामी होगी.

पर थोड़ी देर तक जब उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ तो मैं अपने हाथों से उसके को कुछ जोर से दबाने लगा.

अब भी उसने कोई विरोध नहीं किया था.
ये सब देख कर मैं समझ गया कि इसका भी मन है.

मैं अब अपने मामा की बेटी की मस्त मस्त चूचियों को अच्छे से दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद अपना एक हाथ उसके लोवर के अन्दर डाल दिया और उसकी पैंटी में डाल दिया.

जब मैंने उसकी चिकनी बुर पर हाथ रखा तो उसकी बुर से पानी आ रहा था.
मैं समझ गया कि ये भी चूचियों को दबवाने का मज़ा ले रही है.

फिर तो मैं बेफ़िक्र होकर उसकी चुत को हाथ से सहलाने लगा, उसको अपनी तरफ खींच कर उसके होंठों को पीने लगा.

अब तक वो भी जाग चुकी थी और साथ देने लगी थी.
ये सब राजी राजी हो रहा था मगर तब भी हम दोनों आपस में कोई बात नहीं कर रहे थे.

थोड़े देर बाद मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर अपने लोवर में डाल दिया और अपना लंबा मोटा लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया.

वो भी मेरे लंड को दबाने लगी और सहलाने लगी.

थोड़ी देर बाद मैं विपरीत होकर लेट गया और अपना लंड उसके मुँह के पास कर दिया. मैं खुद उसकी बुर पर जीभ चलाने लगा.

वो मेरे लौड़े को हाथ से सहला रही थी. मैंने उसे इशारा किया कि मुँह में लो.
मगर मेरे मामा की बेटी ने मेरा लंड अपने मुँह में लेने से मना कर दिया.

मैंने भी कोई जबरदस्ती नहीं की और उसकी चुत चाटने का मजा लेता रहा.

उसे अपनी चुत चटवाने में बहुत मज़ा आने लगा था.
थोड़ी बाद वो खुद ही मेरे मोटे लंड को अपने मुँह में भर कर चूमने चूसने लगी.

वो पहली बार किसी मर्द के साथ ऐसा कर रही थी तो उसे कुछ ज्यादा आइडिया नहीं था.
लेकिन दोस्त बुर और लंड की गर्मी सब कुछ सिखा देती है.

कुछ देर लंड बुर चूसने के बाद मैं सीधा हो गया और उसकी बुर को देखकर फिर से अपना मुँह उसकी बुर पर रख दिया.

इस बार मैं अपनी जीभ को हल्का हल्का अन्दर की तरफ करने लगा और मेरी ममेरी बहन के मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.

वो मेरे सर को अपने हाथों से ऐसे दबाने लगी, जैसे कि वो मेरे सर को ही अपने बुर में घुसा लेगी.

थोड़ी देर में ही उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ने लगी.
उसकी बुर से नमकीन सा पानी निकलने लगा, जिसको मैंने पी लिया.

थोड़ी देर के लिए वो शांत हो गई पर मैं अभी भी शांत नहीं हुआ था. मैं वापस से उसको चूमने लगा और उसके चुचों को पकड़ कर मसलने लगा.

इससे कुछ ही देर में मेरी मामा की बेटी फिर से गर्म होने लगी. कुछ देर में उसकी बुर से फिर से पानी निकलने लगा.

अब मैंने उसको बेड पर सीधा किया और अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा कर लंड सहलाने लगा.
कुछ तेल मैंने उसकी बुर पर भी लगाया क्योंकि उसकी ये पहली बार की चुदाई थी.

मैं अपने मामा की बेटी की बुर पर अपना लंड रगड़ने लगा और वो भी उत्तेज़ना की वजह से अपनी गांड उठा कर लंड को अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
मैंने अपना लंड उसकी बुर के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का मारा.

वो दर्द से कराह उठी और अपने हाथों से मुझे पीछे करने लगी.
लेकिन मैंने उसको पकड़ रखा था. मैं सोच लिया था कि इसने अभी नहीं चुदवाया, तो ये फिर नहीं चुदवाएगी.

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और फिर से हल्का सा शॉट मारा.
इससे दो इंच लंड मेरे मामा की बेटी में बुर में चला गया और उसके मुँह से चीख निकल गई.
लेकिन उसकी ये चीख मेरे होंठों से दबी रह गई, उसकी आंखों से आंसू आने लगे और वो मुझे पीछे को धकेलने लगी.

थोड़ी देर रुक कर मैं उसके मम्मों को दबाता सहलाता रहा और उसके होंठों को पीता रहा.
कुछ ही देर में वो भी लंड के मज़े लेने लगी.

अब मैंने लंड को थोड़ा सा पीछे खींचा और एक जोरदार शॉट दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड मेरी बहन की बुर में घुस गया.

वो ज़ोर की चीखने को हुई लेकिन उसके होंठों पर मेरे होंठ लगे होने के चलते उसकी चीख अन्दर ही रह गई.
उसकी आंखों में साफ साफ दर्द दिख रहा था और वो लंड को निकालने की मिन्नतें कर रही थी.

मैं लंड पेल कर रुक गया और अपनी बहन के मम्मों को दबाने लगा.
एक मिनट वो शांत हुई, तो मैं लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी ही देर में वो भी चुदाई के मज़े लेने लगी और अपने मुँह से मादक सिसकारियां निकालने लगी.
अब तो वो भी नीचे से गांड उठा कर मेरे धक्कों का जवाब देने लगी थी.

मुझे बहन की चुत चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरी मामा की बेटी भी अपनी कुंवारी बुर में भाई का लंड लेकर चुत चुदाई का मजा ले रही थी.

कुछ मिनट तक धकापेल चुदाई हुई, इसके बाद मेरी मामा की बेटी अकड़ने लगी और मेरे लंड को अपनी बुर पर दबाने लगी.
मैं समझ गया कि अब ये झड़ने वाली है.

थोड़ी ही देर में उसकी बुर ने गर्मागर्म पानी छोड़ दिया और वो शांत हो गई.
मैं अभी बाकी था तो मैंने अपना लंड नहीं निकाला.

अब वो चुदाई के लिए मना करने लगी- अपना निकाल लो प्लीज़!
मुझे उसकी रोनी सूरत को देख कर उस पर दया आ गई और मैंने अपना लंड बुर में से निकाल लिया.

अब मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और वो लंड चूसने लगी.

थोड़ी देर बाद मैं झड़ने को हुआ तो मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में ही निकाल दिया.

मेरे मामा की बेटी ने मेरा आधा माल पी लिया और आधा बाहर निकाल दिया.

हम दोनों इस जोरदार चुदाई से बहुत थक गए थे तो अपने अपने कपड़े पहन कर सो गए.

फिर ये हमारा खेल हर समय मौका मिलते ही चलने लगा.

जब तक मेरी मामा की बेटी मेरे घर पर रही, तब तक हम दोनों चुत चुदाई का मजा खेल लेते थे.

मैंने पचासों बार मेरी बहन की चूत चुदाई की.

फ्रेंड्स, आपको मेरी कज़िन सिस Xxx स्टोरी कैसी लगी, आप अपनी राय देना ना भूलें.
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