नमस्कार दोस्तों मै रोहित आज आपके सामने अपने मौसी की एक कहानी लेकर हाजिर हूं, उम्मीद है, आप सभी को यह कहानी पसंद आ जायेगी। इस कहानी में पढिए, किस तरह से मैने अपनी सगी मौसी को अपनी चुत में उंगली करते हुए देखा और उसके बाद किस तरह से मैने उनकी चुदाई की प्यास बुझाई।
यह कहानी तब की है, जब मैं बारहवीं पास कर चुका था। कहानी शुरू करने से पहले मै आपको थोडा खुद के बारे में बता देता हूं।
मेरा नाम रोहित है, मै ग्वालियर का रहनेवाला हूं। मेरे घर मे मै, मेरा बडा भाई, मेरे माता-पिता रहते है। अक्सर छूट्टियों में मै अपने मामा के घर जाता हूं।
मेरे मामा के घर मे मामा, और मामी ही रहती है। उनका एक ही बेटा है, जो पढने के लिए बाहर शहर में रहता है। तो ऐसे ही इन छूट्टियों मे, मै अपने मामा के घर गया हुआ था।
एक दिन मै सुबह सुबह बाहर चला गया, जब वापस घर लौटा तो आठ बज रहे होंगे। इसका मतलब मेरे मामा जी अपने जॉब के लिए निकल चुके होंगे। और अब इस वक्त घर मे सिर्फ मामी जी ही अकेली रहती थी।
अब छूट्टियां चल रही थी, तो मौसी और उनके बच्चे भी मामा जी के यहां आए हुए थे। मै घर के अंदर गया, लेकिन मामी जी ना तो किचन में थी, और ना ही हॉल या बाथरूम में।
फिर मै उनको ढूंढने के लिए, उनके कमरे की तरफ चल दिया। कमरे के दरवाजे के पास जाते ही मैने अंदर देखा तो, कमरे के अंदर मौसी बिस्तर पर लेटे हुए अपनी सलवार में हाथ डाले चुत में उंगली कर रही थी।
मै बिना कोई आवाज कीए, वहां से निकल लिया। मौसी को पता नही चला था कि, मैने उन्हें चुत में उंगली करते हुए देखा है।
इससे मुझे इतना तो पता चल गया कि, मौसी की चुत प्यासी है, और वो अभी लंड लेने के लिए तडप रही है। खैर दिन जैसे तैसे करके बित गया।
रात को हम सबने एक साथ बैठकर खाना खाया। खाना खाने के बाद, सब लोग सोने की तैयारी करने लगे। सभी लोग आंगन में ही सोने वाले थे।
मैने अपना बिस्तर एक साइड में लगा दिया। मेरी साइड में मौसी का बेटा था, उसके बगल में मौसी फिर मामी जी। दूसरी तरफ मामा जी थे। थोडी देर बाद, सब नींद के आगोश में जाने लगे।
थोडी देर बाद मुझे भी नींद आ गई। बीच रात में मेरी नींद खुली, तो मै मूतने चला गया। आकर देखता हूं, तो मौसी मेरी तरफ आ चुकी थी, और उनका बेटा दूसरी तरफ जा चुका था।
अब यह देखकर तो मुझे दोपहर वाली मौसी की याद आने लगी, जो अपनी चुत में उंगली किए जा रही थी। यह सब सोचकर ही मेरे आंखों से नींद गायब हो चुकी थी।
फिर मै आकर अपनी जगह पर लेट गया, और फिर मौसी की तरफ देखने लगा। मौसी गहरी नींद में सो रही थी, उन्हें भनक तक नही थी कि, मै उन्हें हवस भरी नजरों से घूर रहा हुं।
थोडी देर बाद, मैने हिम्मत करके मौसी की कमर पर अपना हाथ रख दिया। मौसी ने इस वक्त एक पतला सा गाउन पहना हुआ था।
जब मुझे लगा कि, मौसी गहरी नींद में है, तो मैने अपना हाथ और थोडा नीचे करके मौसी के चुतडों पर रख दिया। जब मौसी की तरफ से कोई हलचल नही हुई, तो मैने धीरे धीरे मौसी के गाउन को ऊपर की ओर ऊठाना शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में, मैने मौसी के गाउन को उनके कूल्हों तक उठा दिया था। अब मैने अपना हाथ उनकी नंगी जांघों पर रखा। जैसे ही मैने अपना हाथ उनकी जांघ पर रखा, तभी मौसी की आंख खुली।
और उन्होंने अपने हाथ से मेरा हाथ पकड लिया। वो मुझे गुस्से से देखने लगी। मै तब भी डरा नही, मुझे पता था, अगर अब मै डर गया तो फिर मुझे कुछ नही मिलने वाला था।
मौसी ने कहा, “यह क्या कर रहा था तू? तेरी मां को बता दूं क्या तेरी यह हरकतें?”
फिर मैंने भी सीधे उनसे कह दिया, “दोपहर को आप मामी जी के कमरे में क्या कर रही थी?”
यह सुनकर मौसी एकदम से शांत पड गई, जैसे उनकी चोरी किसीने पकड ली हो। मैंने फिर मौसी से कहा, “मै जानता हूं, आप भी प्यासी हो, अब आप मेरा साथ दो तो हम दोनों के शरीर की प्यास बुझ जाएगी।”
मौसी मेरी इस बात पर चुप रही, तो मैने उनकी इस चुप्पी को हां समझकर आगे बढना चालू कर दिया। मैने अब अपना एक हाथ सीधे मौसी के चूचियों पर रख दिया।
मौसी की तरफ से कोई विरोध नही हुआ, तो मै और आगे बढते हुए मैने उनके स्तनों को मसलना शुरू कर दिया। अभी तो मै गाउन के ऊपर से ही उनके स्तनों को मसल रहा था।
जब मौसी भी गर्म हो गई, तो मैने मौसी को घर के पीछे बने एक कमरे में चलने को कहा। पहले तो मौसी ने मना कर दिया, बोली कि, “अगर किसी ने गलती से भी देख लिया तो, मै कहीं की नही रहूंगी, मेरी तो बदनामी होगी।”
लेकिन फिर मेरे बार बार मनाने पर वो मान भी गई। अब पहले मै उठकर आराम से धीरे धीरे घर के पीछे बने एक कमरे में आ गया।
यह कमरा मामा जी ने अभी अभी बनवाया था। इस कमरे में वो घर का बेकार सामान लाकर रखते थे। मैने पहले कमरे में जाकर देखा, और सोने लायक जगह बना ली।
वहीं से एक कपडा उठाकर मैने उसे जमीन पर बिछा दिया, और अब मौसी के आने का इंतजार करने लग गया। कुछ देर बाद, मुझे किसी के चलने की आहट सुनाई देने लगी।
वह मौसी के पैरों की आवाज थी, अगले ही पल मौसी भी उस कमरे में घुस गई। मौसी ने कमरे में घुसते ही पहले कमरे का दरवाजा अच्छे से बंद कर दिया।
उन्होंने दरवाजा बंद करते ही मैने पीछे से जाकर उन्हें हग कर लिया। जैसे ही मैने उन्हें हग किया, उन्होंने भी मेरा साथ देते हुए मेरे हाथों पर अपने हाथ रखते हुए अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मेरे लंड को टटोलने लगी।
मैने भी उन्हें पलटा दिया और दरवाजे से उन्हें सटाकर अब मैने अपने होंठ उनके होठों पर रख दिए। अब मै उनके लबों का रसपान कर रहा था।
तो मौसी ने मुझसे कहा, “आज रात के लिए मै तेरी रखैल हूं, मुझे एक रंडी की तरह चोद। आज मुझ पर कोई रहम मत दिखाना।”
मैने बस हां मे अपना सर हिलाते हुए उनके स्तनों को मसलना चालू रखा। अब मैने नीचे झुककर उनके गाउन को ऊपर उठाते हुए उसके बदन से अलग ही कर दिया।
मैने अब मौसी से कहा, “क्यों रंडी अब बोल, मेरा लंड कहां लेगी? पहले मुंह मे डालूं या तेरी गांड में?”
इस पर वो बोलने लगी, “पहले तो मै तेरे लंड को चूसकर गिला कर दूंगी, उसके बाद तू अपनी मर्जी से जहां डालना हो डाल देना।”
इतना बोलकर मौसी मेरे सामने अपने घुटनों के बल बैठ गई। नीचे बैठते ही उसने मेरे पजामा के ऊपर से मेरे लंड को सहलाते हुए मेरे पजामे का नाडा खोल दिया।
अब मेरे पजामे का नाडा खोलने से पजामा नीचे खिसक गया। पजामा नीचे जाते ही उसने मेरी चड्डी को भी खींचकर उतार दिया। और मेरे नंगे लंड को अपने हाथ मे लेकर अच्छे से सहलाया।
फिर गपाक से मेरे लंड को उसने अपने मुंह मे भर लिया। अब वो मेरे लंड को मुंह मे भरकर लॉलीपाप की तरह चूसने लगी थी।
कुछ देर लंड चूसने के बाद, वो उठ गई, और जो मैने कपडा बिछाया था, उस पर जाकर लेट गईं। उसके लेटते ही मैने उसके पास जाकर उसके पैर अपने कंधे पर ले लिए और अपना मुंह उसकी चुत पर टिका दिया।
अब मै उसकी चुत का रसपान करते हुए अपनी जीभ से उसकी चुत का चोदन कर रहा था।
अब वो अपनी कमर उछाल रही थी, तो मैने पहले उसकी चुत में लंड डालना ही सही समझा। तो मैने अगले ही पल उसके ऊपर चढते हुए, अपने लंड को हाथ मे पकडकर उसकी चुत पर टिका दिया।
अब हम दोनों ही चुदासी हो चुके थे। मैने फिर एक जोर के धक्के के साथ पूरा लंड एक ही झटके में उसकी चुत में उतार दिया। उसकी चुत भी आसानी से मेरा लंड गटक गई। अब मै उसे गपागप चोदने लगा।
मौसी भी मेरा साथ दिए जा रही थी। कुछ ही देर बाद हम दोनों ने ही अपना वीर्य निकाल दिया। वीर्य निकलने के बाद, हम दोनों वापस अपनी अपनी जगह पर जाकर सो गए।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।