मेरा नाम पुनीत (बदला हुआ) है. मेरी उम्र 29 साल है. मैं देखने में ठीक-ठाक हूँ. मेरा लंड छह इंच का है. आज मैं आपसे अपनी असली कहानी बताना चाहता हूँ. यह बात उस वक़्त की है जब मैं बी.टेक. के फाइनल इयर में था, तब मैं 23 साल का था.
हमारे पड़ोस में एक परिवार रहता था उसमें जो लड़का था वो मेरा दोस्त था. मेरे दोस्त की एक बहन थी रज्जो … रज्जो देखने में बहुत ही सेक्सी थी. उसके चूचे 34 डी के थे और कमर 36 की थी. उसका फिगर का नाप लगभग 34-36-34 का ही था.. और वो मेरी उम्र की ही थी. वो स्कूल टाइम से ही बहुत चालू लड़की थी. मेरे से पहले उसके तीन ब्वॉयफ्रेंड रह चुके थे. अभी भी बहुत लड़के उस पर लाइन मारते थे.
एक दिन मैं उसके भाई से मिलने उसके घर गया, क्योंकि उनके घर पर हमारा आना जाना रहता था. मैं कभी भी उसके भाई से मिलने चला जाता था.
उस दिन उसका भाई घर पर नहीं था और सारे घर वाले कहीं गए हुए थे. मैंने उससे उसके भाई के बारे में पूछा, तो बोली- वो घर पर नहीं हैं.
बस मैं ओके बोल कर वापिस आने लगा कि तभी उसने मुझे धीरे से आवाज़ लगाई- पुनीत अपना नंबर दे दो, मैं तुमको कॉल कर दूँगी, जब वो आएगा.
मुझे भी उसका इस तरह से नम्बर माँगना नॉर्मल सा लगा, तो मैंने अपना नंबर दे दिया.
अगली सुबह उसका गुड मॉर्निंग का मैसेज आया, उस टाइम व्हाट्सैप नहीं था. मैंने भी साधारणतया उसे उत्तर भेज दिया. फिर तो उसके मैसेज आने स्टार्ट हो गए और हम दोनों मैं जनरल बातें होने लगीं.
एक दिन उसका मैसेज आया ‘पुनीत आई लव यू..’ तो मैंने भी ‘आई लव यू टू..’ लिख दिया. फिर उसने मुझे मिलने के लिए दोपहर के टाइम पार्क में बुलाया क्योंकि उस टाइम दोपहर में भीड़ कम होती है.
मैं मिलने के लिए पहुंचा. थोड़ी देर में वो भी आ गई. हम दोनों ने एक पेड़ की छांव देखी और उसके नीचे बैठ कर बातें करने लगे. मैं उसे देखता ही रहा.. और वो मुस्कुराती रही.
फिर मैंने इधर उधर देखा, तो कोई नहीं था. मैंने उसकी गर्दन को पकड़ा और उसकी किस ले ली, वो अचानक इस किस से एकदम शॉक सी हो गई. हालांकि वो बोली कुछ नहीं. फिर मैंने अगली बार उसकी तरफ अपने होंठ बढ़ाए तो उसने रजामंदी दिखाते हुए अपने होंठ चूमने के लिए आगे कर दिए. अब हम दोनों एक दूसरे को स्मूच करते हुए बातें करने लगे.
कुछ देर बाद वो चली गई.
अब हम दोनों मोबाइल पर सेक्स चैट करने लगे.
एक दिन मैंने उसको अपने घर आने के लिए बोला, पहले तो वो मना कर रही थी, फिर थोड़ा ज़ोर देने पर मान गई. दूसरे दिन सुबह मेरे घर पर कोई नहीं था. वो कॉलेज के लिए निकली. मैंने उसे बोल रखा था कि तुम सीधा अन्दर ही आ जाना. वो वैसे ही अन्दर आ गयी. उसे किसी ने नहीं देखा था.
उस टाइम तक मैं भी फ्रेश हो गया था. उसके काले रंग का सलवार कमीज़ डाल रखा था, जिसमें वो बहुत ही सुंदर लग रही थी.
उसके आते ही मैंने उसकी तरफ अपनी बांहें फैला दीं. वो भी बड़ी बेसब्री दिखाते हुए मेरी बांहों में समा गई. हम दोनों ने हग किया और दो मिनट यूं ही चूमा चाटी के बाद वो मुझसे अलग हो गई.
मैंने उससे कॉफ़ी के लिए पूछा, जो कि मैंने पहले से ही बना रखी थी. उसने हां कही, तो मैं दो कप में कॉफ़ी ले आया. कॉफी पीते हुए मैं उसके बिल्कुल पास बैठ गया और उससे चिपक कर बातें करने लगा.
कॉफी खत्म होने के साथ ही मैंने उससे बोला- आओ मैं तुम्हें अपना बेडरूम दिखा दूँ.
वो मुस्कुराई और उठ कर मेरे साथ चल दी.
बेडरूम में पहुंचते ही उसने मुझे कॉलर से पकड़ लिया और चूमने लगी. मैं भी उसके रसीले होंठ चूमने लगा. हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चूम रहे थे और बीच बीच में एक दूसरे की जीभ भी चूस रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि उसके साथ अकेले कमरे में वो मेरे पहले चुम्बन थे.
फिर हम दोनों चूमते हुए बेड पर जा गिरे.
उसने मुझे धक्का मारा और बोली- बस किस ही करोगे क्या?
यह सुन कर मुझे जोश आ गया और मैंने उसके बाल पकड़ कर चूमते हुए कहा- नहीं जान.. आज बहुत कुछ करेंगे.
वो मस्ती से बोली- बहुत कुछ करने वाले इतनी देर रुकते नहीं है.
मैंने कहा- मैंने तो ये सोचा था कि तुम्हारे साथ पूरा मजा लूँगा. फिर आगे का काम देखूंगा.
वो फिर इठलाई- अच्छा मजा लेने के बाद आगे का काम देखोगे.. मतलब पीछे का काम भी देखते हो क्या?
मैं हंस कर कहा- साली आगे तो मजा ले लेने दे, फिर पीछे का भी उद्घाटन करता हूँ.
वो हंसी और बोली- तो उदघाटन समारोह कब होना है?
मैंने कहा- बस मुहूर्त तो निकल ही गया है बस पर्दा उठाना बाकी है.
उसने मुस्कुरा कर हाथ फैला दिए तो मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उसने अन्दर जालीदार काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी. उसे देख कर मैं और ज्यादा गर्म हो गया. मैंने कहा- ब्रा तो बड़ी मस्त पहनी है रज्जो.
वो बोली- आज ख़ास तेरे लिए पहनी है.
मैंने हंस कर कहा- पहले से ही सोच रखा था क्या?
वो मुस्कुराकर कहने लगी- सच में जाने कब से तेरे साथ सेक्स करने का दिल था. पर तू एकदम भौंदू निकला कभी तूने मुझे ठीक से देखा ही नहीं.
मैंने कहा- हां ये तो सही बात है.. मैंने तेरी जवानी पर निगाह देर से डाली. चल कोई बात नहीं अब पूरा मजा लूँगा.
अब मैं उसके दोनों मम्मों को पकड़ कर दबाने लगा और वो भी ‘हमम्म अह्म्म मम्म …’ की आवाज़ से मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने उसके दोनों मम्मों को ब्रा से आजाद कर दिया.. और उन्हें बारी बारी से मुँह में लेकर चूसने लगा. इसमें बड़ा ही आनन्द आ रहा था. उसके मम्मे बहुत ही मुलायम और चिकने थे.
इसके बाद उसने फिर टोका- एक ही जगह अटके रहोगे क्या?
मैंने उसकी भड़की हुई चुदास को समझा और पहले एक बार चुदाई करने का मन बना लिया. बाक़ी का चूमा चाटी और चुसाई आदि बाद में करने की सोचा.
मैंने उसकी सलवार उतार दी और अब वो केवल पेंटी में मेरे सामने लेटी थी. मैं समझ रहा था कि उसको चुदने की जल्दी मची है, लेकिन वो भी पूरा मजा लेने के मूड में थी.
वो उठ कर बोली- जा.. जाकर मलाई लेकर आ.
मैं फ्रिज में से मलाई लेकर आया. उसने कुछ मलाई अपनी फुद्दी पर लगाई और कुछ मेरे लंड पर मल दी.
अगले ही पल हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए. वो तो मेरे लंड को ऐसे चाट रही थी, जैसे लंड चाटने में साली ने पीएचडी कर रखी हो. ऐसा लग रहा था कि वो रंडी के जैसे लंड चाटना अच्छे से जानती हो.
ये सब मुझे थोड़ा अजीब लग रहा थ. उसने एकदम से अपनी फुद्दी ऊपर उठा दी और मेरे मुँह से टकरा गयी. मुझे उसकी चुत की खुशबू अच्छी लगी. मैं उसकी फुद्दी को मुँह से लगा कर किस करने लगा तो वो नशीले स्वर में बोली- जीभ से चाट साले.
मैंने भी जीभ से उसकी फुद्दी चाटना चालू कर दिया. मुझे उसकी फुद्दी चाटना बहुत अच्छा लग रहा था. उसकी फुद्दी की खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
उधर वो मेरे लंड को कभी जीभ से चाटती तो कभी लंड बाहर निकाल कर उस पर दाँत मारती. फिर मुँह में भर लेती.
सच में जन्नत का मज़ा आ रहा था. जब मुझे लगा कि अब मैं छूटने वाला हूँ, तो मैं हट गया.
वो समझ गई.. फिर उसने बोला- कंडोम है?
तो मैंने मना कर दिया.
बोली- कोई बात नहीं.. तुम करो, मैं गोली खा कर आई हूँ.
उसकी फुद्दी एकदम गोरी चिट्टी थी, मैंने उसकी फुद्दी के छेद पर लंड लगाया और धक्का दे मारा. तो मेरा लंड एक तरफ निकल गया.
वो बोली- शिट.. यार..
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- फंसा कर कस के धक्का मार न.
मैंने दूसरी बार ट्राई की. इस बार मैंने लंड को पकड़ कर उसकी फुद्दी पर लगाया और धक्का दे मारा, तो मेरा थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया. उसी वक्त उसने दर्द के मारे अपनी कमर ऐंठ ली.. और एक हल्की सी आह निकल गई.
मैंने एक धक्का और मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर समा गया.
दो पल रुकने के बाद वो बोली- अब धीरे से धक्के मारने शुरू कर!
मैंने वैसे ही किया और मुझे मज़ा आना लगा. फिर धक्के तेज होते गए और वो एकदम से फुद्दी को ऊपर करते हुए मेरे गले से लग गयी. शायद वो झड़ने को थी. मैंने उसके कान में बोला- मैं भी आ रहा हूँ.
तो बोली- अन्दर ही आ जा … गोली खा रखी है.
मैंने भी उसके अन्दर ही माल छोड़ दिया और मैं निढाल उसके ऊपर गिर गया.
उस दिन वो शाम तक मेरे घर पर रही उस दौरान मैंने उसे किचन में, हॉल में चोदा और हॉल में उसकी गांड भी मारी. वो कहानी बाद में लिखूँगा.
प्लीज़ कमेंट करके बताना कि कैसी लगी सेक्स स्टोरी. ये एक सच्ची चुदाई की कहानी है.