meri bhabhi ka paap • Kamukta Sex Stories

में और मेरी भाभी का पाप

हैल्लो दोस्तों, आप सबको मेरा सलाम। अब में आप लोगों को मेरे बारे में बता दूँ मेरा नाम समीर है और ये कहानी आज से कुछ 1 महीने पहले की है। में छुट्टियों में अपनी बुआ के घर दिल्ली गया हुआ था। मेरी बुआ दिल्ली में रहती है, उसके घर में मेरी बुआ का लड़का, उसकी बीवी, उसके दो छोटे-छोटे बच्चे रहते है। उनका कारोबार बहुत बड़ा है और उनका घर भी बहुत बड़ा है, मेरे जाते ही मेरी बुआ और मेरी भाभी बहुत खुश हो जाते है। मेरी भाभी मेरा बड़ा ही ख्याल रखती है, वो मेरी छोटी सी छोटी बातों का बहुत ख्याल रखती है। अब पहले में मेरी भाभी के बारे में कुछ बता दूँ उसका नाम अश्मी है, वो इतनी सुंदर है कि उसको बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है, उसकी स्किन एकदम सफ़ेद है, उसके बूब्स एकदम कसे हुए और मस्त है उन्हें देखते ही दबाने का मन करता है, वो जब चलती है तो उसकी गांड उछल-उछलकर निमंत्रण देती है ऐसा लगता है। पहले मेरा नज़रिया उसके प्रति ऐसा नहीं था, लेकिन एक दिन की घटना ने मेरा उसकी तरफ देखने का नज़रिया ही बदल दिया था।

मेरा भाई कुछ साल पहले ड्रिकिंग की आदत का शिकार हो चुका है, वो हर वक़्त शराब पीकर पड़ा रहता है, तो इस वजह से मेरी बुआ के घर में सब लोग परेशान रहते है। फिर जब में छुट्टियों में वहाँ गया, तो मुझे रात को सोने के लिए ऊपर का एक कमरा दिया गया, जिसके बगल में ही मेरे भाई-भाभी का कमरा भी था। फिर एक रात जब में ऊपर वाले कमरे में सो रहा था, तो मेरा भाई (बुआ का लड़का) आया और ऊपर आकर बाहर बालकनी में सो गया। तो तभी भाभी उसके पास आई और बैठ गयी, जब रात के यही 2 या 2:30 बजे होगें। तो भाभी मेरे भैया से चिपककर बैठ गयी, लेकिन फिर भी मेरा भाई सो गया और करीब 30 मिनट के बाद मेरी भाभी मेरे कमरे से गुजरकर उसके कमरे में जाकर सो गयी।

अब में तो यह सब देखकर कुछ समझ ही नहीं पाया था और कब मेरी नींद लग गयी मुझे पता ही नहीं चला। फिर सुबह भाभी मुझे उठाने आई, तो उसने मुझे बड़े प्यार से उठाया, तो में फ्रेश होकर नीचे गया और फिर मैंने और भाभी ने साथ में नाश्ता किया। मेरा भाई अभी भी सो रहा था, फिर जैसे तैसे दोपहर हो गयी और हमने साथ में खाना खाया और अब में टीवी देखने लगा था। अब घर में सब सो रहे थे, अब में ड्रॉईग रूम में टी.वी देख रहा था। तो तभी मेरी भाभी आई और मेरे पास बैठकर टी.वी देखने लगी, अब वो कुछ उदास लग रही थी। तो मैंने उनसे पूछा कि आप उदास क्यों है? तो उसने कहा कि कुछ नहीं ऐसे ही। तो तुरंत मेरे मुँह से निकल गया कि कल रात की बात के कारण आप उदास है? तो मेरी भाभी कुछ नहीं बोली और मेरी तरफ देखने लगी और फिर उसकी आँख में से आँसू टपक पड़े। तो मैंने उसके आँसू पोछे और पूछा कि क्या हुआ भाभी? आप मुझे तो बता सकती है।

फिर उसने कहा कि तुमने कल रात को देखा ना की तुम्हारे भाई 2 बजे रात को आए और वैसे ही सो गये और फिर में उनके पास गयी, तो फिर भी वो मेरी तरफ ना देखते हुए सो गये, अब तुम ही बताओ में क्या करूँ? अब में समझ गया था कि मेरी भाभी प्यार की भूखी है तो मैंने उनका हाथ मेरे हाथ में पकड़ा और बड़े प्यार से उसे दिलासा देते हुए पूछा कि भाभी में आपकी कोई मदद कर सकूँ तो मुझे जरूर कहना। तो भाभी बोली कि तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो? तो मैंने कहा कि कुछ भी जो आप कहो अगर मेरी मदद से आपको कुछ राहत मिल सके तो मुझे बड़ी खुशी होगी। तो वो हंसते हुए बोली कि ठीक है, जब ज़रूरत पड़ेगी तो तुमसे कहूँगी, लेकिन फिर मना मत करना। तो मैंने कहा कि आप बोलकर तो देखिए और फिर वो किचन में चली गयी और सबके लिए चाय और नाश्ता बनाने लगी।

फिर थोड़ी ही देर में सब उठ गये और चाय नाश्ता करने लगे। फिर जब रात हुई तो हम सब लोग छत पर सोने चले गये क्योंकि जब गर्मी के दिन थे, तो छत पर बड़ा मज़ा आता था। फिर रात में मेरी भाभी ने मेरा और उनका बिस्तर पास-पास में लगाया और हम सब सो गये। फिर देर रात में जब मेरी नींद खुली, तो मेरी भाभी अपने बिस्तर में नहीं थी, तो में देखने के लिए उठा और उसे ढूंढते हुए उसके कमरे की तरफ चला गया और जब मैंने उसके कमरे के दरवाज़े को धक्का दिया तो वो खुल गया और अंदर का नज़ारा देखकर में वही थम गया। अब मेरे पैर वही चिपक गये थे, अब मेरी प्यारी भाभी अपने कमरे में बिल्कुल नंगी होकर अपनी चूत की आग को शांत करने की कोशिश कर रही थी। अब वो अपने बूब्स दबा रही थी और अपने दूसरे हाथ की उंगली से अपनी चूत को चोद रही थी। अब उसकी पीठ दरवाज़े की तरफ थी इसलिए उसे कुछ पता नहीं था की में उसे इस हालत में देख रहा हूँ।

फिर में उसके करीब गया और हल्के से उससे पूछा कि में कुछ मदद कर दूँ? तो वो मेरी आवाज़ सुनकर घबरा गयी और खुद को छुपाने की नाकाम कोशिश करती रही। तो मैंने फिर से उससे पूछा कि में कुछ मदद कर दूँ? तो उसने कहा कि नहीं यह पाप है। तो मैंने कहा कि अरे भाभी, जिस काम से किसी का भला हो उसे पाप नहीं कहते। तो उसने कहा कि अगर किसी को पता चल गया तो बड़ी बदनामी होगी। तो मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा, आप बस मुझ पर विश्वास रखिए और आप मुझे आपकी मदद करने की इजाजत दीजिए, फिर आगे में सब संभाल लूँगा और यह कहते हुए में उसके बूब्स सहलाने लगा और उसको किस करने लगा। तो उसने खुद को छुड़ाने की नाकाम कोशिश की, लेकिन मैंने उसे नहीं छूटने दिया और में उसके पूरे बदन को चूमने और चाटने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद वो भी गर्म हो गयी और मेरा साथ देने लगी। तो मैंने उसके लिप्स चूमने शुरू कर दिए, अब वो भी मेरे होंठ चूमने लगी थी। फिर हमारा चुंबन यही कोई 10-15 मिनट तक चला। अब तब तक हम दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे और अब मेरा लंड मेरी चड्डी फाड़कर बाहर आने को तड़प रहा था।

फिर मैंने जल्दी से खुद को नंगा किया और मेरा खड़ा हुआ लंड जो कि करीब 6 इंच का है, उसे देखकर मेरी भाभी की आँखें फटी की फटी रह गयी और उसने जल्दी से मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे चूसने लगी। तो करीब 10 मिनट की लंड चुसाई के बाद मेरा लंड लोहे की तरह कड़क हो गया। अब हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये थे और मैंने भी उसकी चूत को चाटना शुरू किया और जैसे ही मैंने मेरी जीभ उसकी क्लीन शेव चूत पर लगाई, तो वो सिसक उठी और अपने मुँह से अजीब-अजीब आवाज़ें निकालने लगी। तो में 15 मिनट तक उसकी चूत को मेरी जीभ से चोदता रहा और वो मुझसे चुदवाती रही। अब वो इस 25-30 मिनट के फॉरप्ले के दौरान 2 बार झड़ चुकी थी और उसकी चूत से पानी बह रहा था और उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने मेरे लंड को पकड़कर खुद की चूत पर रख दिया और धीरे से बोली कि मेरे प्यारे देवर आज अपनी भाभी को खूब प्यार करो, मुझे अपनी बीवी बना लो और पूरी रात मेरे साथ प्यार करो।

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अब उसके मुँह से यह सुनकर मुझे जोश आ गया और मैंने एक धक्का मारा तो मेरा 2 इंच जितना लंड उसकी चूत में चला गया, उसकी चूत बहुत टाईट थी, उसकी चूत को देखकर नहीं लगता था कि वो दो बच्चों की माँ है। तो मैंने फिर से एक धक्का और मारा और मेरा लगभग पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, तो उसके मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गयी। तो मैंने उसके लिप्स पर मेरे लिप्स रखकर उसे लिप किस करके एक और जोरदार धक्का मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक घुस गया। अब में दनादन शॉट लगाने लगा था, अब वो मेरी चुदाई से खुश होकर बड़बड़ा रही थी। तो मैंने पूछा कि भाभी मज़ा आ रहा है? तो उसने कहा कि मुझे भाभी मत कहो, मुझे अश्मी कहो, आज से में तुम्हारी भाभी सिर्फ़ दुनिया को दिखाने के लिए हूँ असल में तो अब में तुम्हारी बीवी बन चुकी हूँ, अब जब भी तुम्हारी मर्ज़ी हो तुम मुझे चोद सकते हो, अब मेरी पूरी जवानी सिर्फ़ तुम्हारी है। अब ये सब सुनकर मेरे लंड को नया जोश आया और में उसे बड़ी रफ़्तार के साथ चोदने लगा था।

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फिर करीब 30-35 मिनट की चुदाई के बाद मैंने मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी चूत में एक ही झटके में मेरा पूरा लंड घुसा दिया। तो वो मेरे इस हमले के लिए तैयार नहीं थी इसलिए वो चिल्ला उठी और बोली कि धीरे करो मेरे सैया, अब में सिर्फ़ तुम्हारी ही हूँ, मुझ पर तुम्हारा पूरा अधिकार है, चोदो अपनी रानी को ज़ोर से चोदो, आज इस चूत को फाड़ दो, इसने मुझे बहुत परेशान किया है। फिर में उसकी चूत 10 मिनट तक मारता रहा और फिर मैंने उसे उसके पलंग के किनारे लेटा दिया, अब उसके पैर जमीन पर थे। फिर में उसके दोनों पैरो के बीच में आ गया और उसे चोदने लगा। अब वो भी नीचे से उछल-उछलकर मुझसे चुदवा रही थी और अज़ीब-अजीब सी ह्म्‍म्म्मममम, ऊओह, जोर से हाईईईईई जैसी आवाज़ें निकाल रही थी।

फिर जब 1 घंटे की चुदाई के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि अश्मी अब में छूटने वाला हूँ, बोल मेरी रानी में मेरा वीर्य कहा निकालूँ? तो उसने कहा कि ये भी कोई पूछने की बात है एक पति अपना वीर्य अपनी बीवी की चूत में ही डालता है और तुम मेरे पति हो तो मेरी चूत में ही निकाल दो, उसे अपने पानी से भर दो। फिर कुछ ही धक्को के बाद मैंने मेरा सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया और मेरा लंड उसकी चूत में ही डाले हुए पड़ा रहा। अब इस घंटे भर की चुदाई में मेरी नयना की चूत करीब 7-8 बार झड़ चुकी थी। फिर उसने कहा कि मेरा सैया अब तुम मुझे जब भी मौका मिले ज़रूर चोदना, में तुमसे चुदवाने के लिए हर वक़्त तैयार हूँ। तो मैंने कहा कि जरूर मेरी नयना रानी, तुमको चोदने के लिए में भी हर वक़्त तैयार हूँ और फिर हम एक दूसरे को सहलाने लगे और मैंने उसे मेरी बाहों में उठा लिया और उसे लेकर बाथरूम में चला गया और फिर वहाँ हम दोनों ने एक-दूसरे को साफ किया। तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने नयना को बाथरूम में लेटाकर फिर से 25-30 मिनट तक चोदा और फिर हम दोनों ऊपर आ गये और सो गये। फिर दूसरे दिन सुबह अश्मी मुझे उठाने आई और बोली कि रात को ज़्यादा मेहनत की इसलिए थक गये हो क्या? तो मैंने उसे स्माइल देते हुए कहा कि नहीं मेरी रानी, में थकने वाला नहीं हूँ और फिर हम दोनों नीचे आ गये और फ्रेश होकर चाय-नाश्ता किया। फिर में मेरी बुआ के घर पर करीब 15 दिन रुका और इस बीच हम दोनों हर रात 3-4 बार चुदाई करते थे, अब जब भी में राजकोट जाता हूँ तो में और मेरी भाभी नयना ज़रूर चुदाई करते है।

धन्यवाद …