हाय दोस्तो, मैं विराट हूँ, मेरी उम्र 19 साल की है. मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ. यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, यह एक सच्ची घटना है, जो मेरी मॉम के साथ की है.
मैं मेरी मॉम के बारे में बता दूँ कि मेरी मॉम का नाम निशा है और उनकी उम्र अभी 41 साल है. वो बहुत शानदार माल लगती हैं. मैं जब 11वीं क्लास में था, तब मैंने उनके नाम की पहली बार मुठ मारी थी. उनकी शादी 19 साल में हो गयी थी और उनका फिगर 34-32-36 का है. वे एकदम दूध की तरह गोरी हैं. अभी पिछले दो साल से वे मेरे पापा से अलग हो गई हैं. इसका कारण उनकी आपसे अनबन थी.
अब चलिए सेक्स कहानी के सफर में मजा लेने चलते हैं.
मैं हर रोज मॉम को चोदने के सपने देखता था. एक दिन मेरी एक लड़के नामित से दोस्ती हुई, वो बंगाली था.. पर हिंदी बहुत अच्छे से जानता था. वो कोलकाता से था. जब वो मुझे ठीक लगा तो उसके साथ मेरी दोस्ती हो गई.
एक बार उसने अपनी मुझे मॉम नेहा की फ़ोटो दिखाई. उसकी मॉम नेहा भी बहुत सेक्सी थीं. उसने अपनी मॉम की चुदाई के बारे में मुझे बताया कि वो अपनी मॉम को चोद चुका है. उसकी इस बात को सुनकर मुझे अपनी मॉम का ख्याल आने लगा और मैंने उससे इस बारे में कुछ चर्चा की, तो उसने मुझे दिलासा दिया कि ठीक है वो कुछ करेगा.
इसके बाद से वो मेरे घर आने लगा और उसने मेरी मॉम से काफी नजदीकी बना ली. उसी ने मुझे बताया कि मेरी मॉम उससे काफी खुल गई हैं और जल्द ही उनके साथ सेक्स की स्थिति बन जाएगी.
मैं बड़ा खुश हुआ और जल्द ही पूरा प्लान बन गया. उसने अपनी मॉम को हमारा साथ देने के लिए मना लिया था. हमने उसके घर कोलकाता जाना था, मैंने अपनी मॉम के साथ कोलकाता जाने का तय कर लिया, मॉम भी कोलकाता घूमने के किये वहां जाने को तैयार हो गई थीं.
उसके बाद में अपनी मॉम को लेकर सीधे कोलकाता पहुंचा. नामित हमें लेने वहां स्टेशन आया था. हम उसकी कार में सीधे उसके घर पहुंच गए. मैं उसके घर में जाकर ड्राइंग रूम में बैठा और उसकी मॉम को देखा. सच में उसकी मॉम भी एक गजब माल लग रही थीं.
नामित की मॉम नेहा ने हमें पानी आदि दिया फिर वो हमारे लिए जूस ले आईं. उसकी मॉम नेहा ने मेरी मॉम के जूस में पहले ही सेक्स बढ़ाने वाली दवा को डाल दिया था और वो भी डबल डोज़ डाला था.
उसके बाद मैं मॉम को वहीं छोड़ कर अपने दोस्त के घर के लिए कुछ मिठाई लेने के बहाने घर से निकल आया.
फिर नेहा आंटी ने मेरी मॉम को नहाने का बोला और सीधे बाथरूम ले गईं. वहां वो उनको नल चालू करके फंक्शन बता ही रही थीं कि तभी अचानक शावर चालू हो गया और मॉम भीग गईं.
उनको भीगा देख कर नेहा आंटी ने कहा- अब तुम भीग तो गई ही हो, तो चलो तुम पहले अच्छे से नहा ही लो. मैं जाती हूँ.
यह कह कर आंटी बाथरूम से बाहर निकल गईं. अब मॉम ने नहाना शुरू कर दिया लेकिन तभी उनको कपड़ों की याद आई. उनको नहाने के बाद कपड़े चाहिए थे तो उन्होंने नेहा आंटी को आवाज़ दी.
नेहा आंटी ने कहा- कपड़े का बैग गाड़ी में है.. जो विराट ले गया है. अभी आप मेरे कपड़े पहन लो.
इस तरह नेहा आंटी ने मॉम को एक टी-शर्ट दे दी, जो खाली घुटनों तक ही उनके शरीर को ढक पा रही थी. फिर मॉम ने उसे ही पहना और इस समय उन्होंने ब्रा पैंटी भी नहीं पहनी थी.
जब वो कपड़े पहन कर अन्दर बेडरूम में गईं, तो वहां मेरा दोस्त नामित पहले ही अपना लंड निकाल कर टीवी पर पोर्न चालू करके देख रहा था.
मेरी मॉम को तो वैसे ही दवा के कारण सेक्स चढ़ रहा था.. और पोर्न देखने से वे और भी ज्यादा गरमा गईं. तभी अचानक नंगा नामित पीछे को मुड़ गया और मॉम उसका लम्बा लंड देखते रह गईं.
नामित का 8 इंच का लम्बा खड़ा लंड फनफना रहा था. उस वक्त मॉम की चूत से पानी टपक रहा था, जो नामित ने देख लिया था.
अब नामित ने अपने लंड को हिलाते हुए मुठ मारी और फुल जोश में माल निकाल दिया.. जो सीधे मॉम के चेहरे पर जाकर पड़ा. मॉम ने अपने चेहरे से बड़ी कामुकता से अपने चेहरे से नामित के वीर्य को उंगली से उठाया और चाट लिया. ये देख कर नामित ने आगे बढ़ कर मॉम की चूची मसल दी.
अब उन दोनों में सेक्स का खुमार चलने लगा था. मॉम ने बैठते हुए उसका लौड़ा पकड़ कर अपने मुँह में भरा और चूसने लगीं. मेरी मॉम को सेक्स चढ़ चुका था, दो मिनट लंड चुसवाने के बाद नामित ने उन्हें अपनी बांहों में उठा लिया और सीधे ले जा कर बेड पर पटक दिया. अब उसने मॉम को एक ही झटके में उनकी टी-शर्ट खींचते हुए पूरी नंगी कर दिया.
इसके आगे की कहानी आप मेरी मॉम की जुबानी सुनिएगा.
मैं (निशा) अब अपनी कन्ट्रोल से बाहर हो चुकी थी. नामित मुझे बहुत मजे दे रहा था. उसने मेरी टांगों को खोला और मेरी गर्म गीली चूत में सीधे अपनी जीभ डाल दी. उसकी लपलपाती जीभ को जैसे ही मैंने अपनी चूत पर महसूस किया, मैं एकदम से सिहर उठी. मेरे मुँह से सीत्कार निकलने लगी- आआहहह… उफ़्फ़..
चूत चूसने के साथ ही वो मेरे मम्मों को अपने दोनों हाथों को ऊपर करके मसल रहा था. नीचे जीभ से मेरी चूत को चूसे जा रहा था. मैं अपने हाथ से चादर को भींच रही थी और अब 20 मिनट की घमासान चूत चटाई के बाद मेरी चूत का बाँध टूट गया.. चूत बहने लगी. नामित मेरा सारा माल पी गया. अब तक उसका लंड पूरा खड़ा हो चुका था और उसने तुरंत उसे मेरे मुँह में पेल दिया. मैं मजे से उसके लंड को चूसने लगी.
लंड चूसते समय मेरे मुँह से ‘गुप्प.. ग्प्प्प.. छप्प..’ की आवाज आ रही थी. लंड चूसते समय मैं उसके आंडों को भी चाट रही थी. उसने भी मेरे मुँह को चूत समझ कर चोदना शुरू कर दिया था. वो अपने लंड से मेरे मुँह में धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और साथ ही मेरे मम्मों को बड़ी बेदर्दी से मसले जा रहा था. लेकिन दवा के गहरे असर के कारण मुझे इस वक्त उसका यूं मम्मों को भींचना बड़ा सुकून दे रहा था.
करीब दस मिनट उसने अपने लंड से लंबी धार छोड़ते हुए अपना पूरा माल मेरे मुँह में ही छोड़ दिया.
एक एक बार हम दोनों का माल निकल जाने से मैं और वो निढाल पड़े थे. मैंने उसे बताया कि मैंने पूरे दो साल बाद इतने अच्छे से पानी निकला है.
पर अभी भी मेरे ऊपर से दवा के असर के कारण चुदास कम नहीं हुई थी. दवाई के असर के साथ ही दो साल बाद की मेरी प्यास भी अपनी अंगड़ाई लेने लगी थी, मैंने नामित से बोला- अब मुझे पूरा तृप्त करो.
उसने बोला- बाहर विराट आ गया होगा और मेरी मॉम भी सोच रही होगी कि मैं कहां हूँ तो अभी रुक जाओ.. रात को चुदाई का मजा करेंगे.
इतना कह कर वह बाथरूम में घुस गया.
कुछ देर बाद हम दोनों बाहर आ गए, तब विराट बाहर टीवी देख रहा था. उसने बताया कि अभी अभी नेहा आंटी अपने रूम में सोने गयी हैं.
अब मैं बैठ कर टीवी देखने लगी. तभी नामित आ गया.. वो भी बैठ गया.
कुछ देर बाद विराट बोला- चलो, कहीं घूम कर आते हैं.
मैं बोली- मुझे मन नहीं है, तुम और नामित चले जाओ.
तो नामित बोला- चल भाई, आते हैं.. और वह उसके साथ चल दिया.
उसके बाद मैं नामित को याद करते करते नेहा के रूम में ही सो गई. फिर रात को 9 बजे मुझे नेहा ने जगाया और बोला- चलो खाना खा लेते हैं, नामित और विराट भी आ गए हैं.
हम सब खाना खाने बैठ गए. इस वक्त मैं नामित को और वो मुझे वासना भरी निगाहों से घूरे जा रहे थे. तभी नामित ने अपनी जेब से दो गोलियां निकाली और मेरे पानी के गिलास में डाल दीं. मैं समझ गई कि ये कामवासना बढ़ाने वाली दवा डाली गई है. मुझे इस वक्त चुदाई के सिवाए कुछ नहीं सूझ रहा था. मैं नामित के सामने ही पानी का गिलास पूरा पी गई. जिसमें वो दवा भी घुल चुकी थी.
खाना खाने के बाद नामित बोला- चल भाई विराट, बाहर बैठते हैं.
वो दोनों हॉल में बैठ गए और मैंने और नेहा ने सब बर्तन साफ किये और रसोई का काम निपटाया.
फिर नेहा बोली- तुम भी जाओ.. वहां बैठो उनके पास, मैं आती हूँ.
मैं भी उन दोनों के पास जा बैठी. वे लोग वहीं बैठे शराब पी रहे थे और टीवी देख रहे थे.
थोड़ी देर बाद विराट बोला- यार, मैं तो थक गया, मुझे नींद आ रही है और शराब भी चढ़ गई है.
नामित उससे बोला- तू ऊपर मेरे रूम चला जा और वहीं सो जा.
वो चला गया और कमरे में जाकर सो गया.
मैंने नामित के सामने अपने दूध मसलते हुए से पूछा- मेरा काम कब करोगे.. जल्दी करो न.
तो उसने बोला- रुक जा मेरी जानेमन … अभी एक खेल दिखाता हूँ.
उसने अपनी मॉम नेहा को बुलाया और बोला- मॉम, आंटी को आपकी वो सफेद वाली नाइटी दे दो.
वो मुझे ले गयी और उसने मुझे नाइटी दे दी. ये नाइटी एक नेट वाली थी. मैंने नाइटी को पहना तो इसमें से मेरी बॉडी पूरी झलक रही थी. नाइटी पहनते वक्त मैंने ब्रा पैंटी भी नहीं पहनी थी, उसके चलते मेरा पूरा शरीर लगभग नंगा दिख रहा था.
नेहा ने मेरे बदन को निहारा और मुस्कुरा कर बोली- चलो यार, मैं भी थक गई हूं, मैं तो सोने जा रही.. अब तुम भी गेस्टरूम में जाकर सो जाओ.
यह रूम उसके कमरे के बगल में ही था.
मैंने उसकी तरफ देखा तो बोली- यार मुझे रात में जरा फैल कर सोने की आदत है.. तुम्हें दिक्कत न हो इसलिए कहा है.
उसकी बात सुनकर मैं बाहर आ गई. वहां इस नाइटी में देख कर नामित मुझे देखता ही रह गया. उसके मुँह से लार टपक रही थी. मैंने उसे एक धीरे से गाल में प्यार से चपत मारी और कहा- चलो अब क्या देखते ही रहोगे.
उसने मुझे फिर से अपने हाथों में उठा लिया और रूम में ले गया. वह रूम देखकर मैं चौंक गयी. वो पूरा गेस्ट रूम सुहागरात वाली स्टाइल में सजा हुआ था. उसने मुझे बेड पर लिटाया और चूमते हुए बोला- आज रात तुझे पूरी तरह तृप्त करूँगा मेरी जान.
यह कहते हुए वह तुरंत नंगा हो गया और उसने मेरी नाइटी भी उतार कर फेंक दी.
अब वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे किस करने लगा.
“ऊऊम्म्म.. मआआह…”
उसने जबरदस्त तरीके से चूमना शुरू कर दिया था. वो मेरे होंठों को तो लगभग खाए ही जा रहा था. मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी. मेरी दवाई अब और असर करने लगी और मेरे अन्दर क्या मस्त चुदास की आग भड़क गई थी.
मैं उसी वक़्त नामित के पास बैठते हुए उसका लंड सीधे अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. दो मिनट में ही नामित का लंड एकदम कड़क हो गया था. उधर वो भी मेरे मम्मों को मसल रहा था.
मैंने उससे कहा- अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा.. मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल जल्दी से.
तो उसने बोला इतनी जल्दी नहीं जानेमन.. अभी तो तेरे को तड़पाऊंगा और पूरा मजा दूंगा.
उसने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में घुसेड़ दीं. मैं सिहर उठी- आआ उम्म्ह… अहह… हय… याह… आ हहह..
वो मेरी चूत में उंगलियों को बड़ी तेजी से अन्दर बाहर कर रहा था. लेकिन अब मुझे लंड चाहिए था, मैंने कहा- नामित बेटा.. प्लीज मुझे लौड़ा का मजा दो.
तो उसने कहा- ठीक है.. चलो आप घोड़ी बन जाओ.
मैं चुदास से बावली हुई जा रही थी तो झट से घोड़ी बन गयी.
अब वो खड़ा हुआ और मेरे पीछे आ गया. मैं तैयार थी, पर उसने अपना 8 इंच का लौड़ा सीधे मेरी चूत की जगह गांड में पेल दिया.
मेरी चीख निकल गयी- आआह.. आह.. मैं मर गयी..
इससे पहले मेरी गांड 10 साल पहले चुदी थी.. तो मेरी गांड का छेद एकदम सिकुड़ गया था. मैं तो मर ही गयी, मुझे ऐसा लगा कि आज पहली बार मेरी गांड मरी.
“आ ह आ हहहहहह…” मैं दर्द से कलपती रही और वो मेरी गांड मारता रहा.
मैं चीखती रही- ऊउफ़्फ़.. आह.. ऊउफ़्फ़..
फिर 20 मिनट बाद वो रुका और बोला- चल अब लेट जा.. और अपनी एक टांग मेरे कंधे में डाल दे.
मैंने वैसा ही किया और अब मेरी चूत एक बार पानी छोड़ चुकी थी तो पूरी तरह गीली थी. उसने अपना लौड़ा चूत की फांकों में लगाया और एक धक्का मारा. इस पहले धक्के में उसका सिर्फ सुपारा ही अन्दर गया. साले का बहुत मोटा सुपारा था.. किसी आंवले जैसा था.
मुझे दर्द हुआ, तो मैं फिर से चीखी.
उसने बोला- इतनी टाइट चूत.. बिल्कुल कुंवारी सी लगती है.
मैंने बोला- बेटा, मैं दो साल से नहीं चुदी हूँ.
उसने यह सुनकर एक जबरदस्त झटका मारा और उसका आधा लौड़ा घुस गया.
“उफ़्फ़..” मेरी सिसकारियां तेज हो गईं.. और मेरी खुशी सातवें आसमान में पहुंच गयी. दो साल बाद इतना मस्त लौड़ा मेरी चूत में गया था. इस मस्त चुदाई से मैं निहाल हो चली थी. जबकि दो साल से चुदाई न होने पर मैंने तो यही सोच लिया था कि अब मेरी चुदाई कभी नहीं होगी, पर इतने अच्छे लौड़े से चुद कर तो मुझे मानो जन्नत मिल गई थी.
अब मैं चिल्लाई- आआह.. आह.. बेटा लगा जोर से.. आह.. फाड़ दे चूत मेरी आज..
नामित ठोकर मारते हुए बोला- अभी देख जानेमन.. चूत का भोसड़ा बना कर ही दम लूँगा.
अब मेरा जोश और बढ़ गया. तभी उसने एक और करारे धक्के में पूरा लंड अन्दर घुसा दिया और लंड सीधे बच्चेदानी में टच हो गया.
“उफ़्फ़ उफ़ आआआ हहहह.. और जोर से बेटा आआह…”
नामित ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, मैं और चीखने लगी और सिसकारियां लेने लगी ‘ऊऊऊ हहहह अअअअ हहहह…’
मुझे बहुत मजा आने लगा था. नामित के लगातार 60-70 धक्के के बाद मेरा बांध टूटा और मैं झड़ गयी. तभी नामित भी मेरे साथ ही झड़ गया और उसने अपना पूरा माल मेरी चुत में ही छोड़ दिया.
वो मेरे ऊपर ही लेट गया और बोला- आंटी, तुम बहुत गजब की माल हो इस उम्र में भी … जानेमन मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ..
मैंने नामित को अपनी बांहों में भर के चूम लिया.
इसके बाद मेरे बेटे ने मुझे कैसे चोदा और नेहा के साथ हम चारों ने कैसे ग्रुप सेक्स का मजा लिया ये आपको अगली बार लिखूंगी.
मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मेल अवश्य कीजिएगा.