मैं पटना बिहार से एक स्टोरी लेकर आया हूँ. जवान औरत से सेक्स करना और औरत को चोदना हर जवान लड़के का सपना होता है। मेरा भी था की किसी अल्हड़, मस्त, जवान औरत की गांड, चूत मारी जाए और उसकी गांड मे जुभान डाल कर उसका रस चखा जाए।
औरत की भारी-भारी कसी-कसी उठान लिए ब्लाउस मे दूध से भरी चुचियाँ हमेशा हिलते हुए मुझे अपनी ओर आकर्षित करती और मे उनको दबाने के सपनो मे खो जाता की कब ब्लाउस के बटन खोल उन चुचियों को आज़ाद करूँगा। ब्लाउस के हुक खोल कर ब्रा को हटा कर दोनो चुचियाँ अपने हाथों मे ले कर दबाऊंगा. कब औरत के स्तन मेरे हाथो मे आएँगे? कब मे भी उनके निपल्स को मूह मे लेकर पी पाऊंगा?
मोहल्ले की हर जवान, गोरी, सुंदर और प्यारी भाभी के बारे मे सोचता रात को यह कितना मज़ा लूटवाती होंगी और लंड की सवारी कर रोज़ जन्नत घूमने जाती होंगी। हर भाभी भी मुझसे बहुत घुली-मिली रहती, कभी भी कोई काम होता तो यह देवर हमेशा काम करने को तैयार रहता था।
एक बार मेरे एक दूर के भैया हमारे यहाँ अपनी बीवी के साथ रहने आए। बात एक रात की है की मुझे गर्मी के कारण नींद नही आ रही थी। मै एसे ही बाहर आँगन मे निकल आ गया. सामने बेडरूम की खिड़की से हल्की ट्यूबलाइट की रोशनी बाहर आ रही थी। क्योंकि खिड़की के काँच पर कपड़ा था. परंतु खिड़की का एक दरवाज़ा हल्का टेढ़ा खुला था ताकि हवा कमरे मे आ- जा सके। मैने सोचा यह भैया क्या पढ़ रहें हैं? मैने बस हल्के से दबे पाँव पास जाकर खिड़की के नीचे से अंदर देखा तो मेरी सांस जैसे रुक गयी। भाभी पूरी नंगी होकर पेट के बल लेटी थी और उनकी मस्त गांड उपर की ओर थी। भैया उनकी पीठ पर सरसों के तेल से मसाज कर रहे थे. भाभी हल्के-हल्के मूह से अहह…सस्स्सस्स.अहह.. कर रहीं थी। और जब भैया तेल लगा कर अपनी उंगली भाभी के चूतड़ को फैला कर गांड मे अंदर घुसा डालते तो भाभी कह उठती, “धीरे- धीरे डालो बाबा दर्द होता है.” भैया लूँगी पहने अपने दोनो हाथो से उनके उपर जाँघो पे बैठ कर दोनो चूतडो की मसाज कर रहे थे।
गांड की मालिश से भाभी बहुत खुश नज़र आ रही थी. भाभी के उल्टा होकर लेटने से मैने देखा की भैया हल्के से लेट कर पीछे से उनकी गांड मे अपनी जुबान भी लगा रहे थे। जिससे भाभी याआहह… ऊ.. करती जाती। फिर पीछे से ही भैया ने भाभी के जाघों को फेलाया जिससे उनकी चूत भी दो फांको मे बट गयी और चूत के गुलाबी छेद मे उंगली डाल वो अंदर-बाहर करने लगे। भाभी को अजीब सा नशा चढ़ने लगा. वो मदहोश होने लगी. भैया धीरे से भाभी के चूत के नीचे आ गये और अपनी जुभान से भाभी की चूत को लॅप-लॅप कर चाटना शुरू किया। इससे भाभी की सिसकियाँ और सांसे और गरम और तेज़ हो गयी थी।
फिर भाभी अपनी पीठ के बल लेट गयी और भैया ने आगे वाले हिस्से कि मालिश शुरू की. भाभी के दोनो टांगो को फैला कर उनकी गोरी मसल झांगो को रगड़ कर मालिश किया और अपने अंगूठों से चूत के दोनो सिंघरों का मसाज किया। फिर खूब सारी थूक डाल कर उनकी चुत पे लेप लगा दिया. फिर अपनी जुभान से चूत को रगड रगड लाल कर उसके गुलाबी छेद मे जुभान अंदर-बाहर करके उंगली से तेज़ी से अंदर-बाहर कर चूत को गीला कर चोदने का प्रोग्राम बनाया।
भैया बार-बार भाभी की चूत के ठीक बीच उपर उगी हुई हल्की काली घुँगराली झांटो को भी अपने मूह से होंटो मे दबा कर नोचते जिससे भाभी को बहुत नशा छा जाता. झांटो के नीचे चूत की सुंदरता देखते ही बनती थी. बड़ा ही सुहावना सीन था जिसे देख मेरा लंड तन कर कुतुब मीनार सा टाइट खड़ा हो गया था और लंड ने पानी भी छोड़ दिया था।
मेरा लंड भी खड़ा होकर मन मे भाभी को चोदने का हो गया. मैने देखा भैया भाभी के सर की तरफ टॅंगो को कर लेट गये हैं. ओर भाभी की चूत मे जुभान से खेल रहें हैं और भाभी भैया का 6 इंच लंबा और तीन उंगल मोटा लंड पकड़ कर अपनी जुभान से भैया के लंड का गुलाबी रस चाट रहीं थी। थोड़ी देर मे भाभी ने भैया का लंड मूह मे लिए और अंदर-बाहर का मज़ा ले रही थी. ह्म..ऊओ..यॅ कह कर हाथ से मज़बूती से लंड पकड़ कर लंड को पूरा खड़ा कर दिया। अब भैया ने लंड को भाभी की चूत फैला कर अंदर डाला और खप खप की आवाज़ के साथ नरम रेशम सी चिकनी चूत की मखमली गहरायी मे समा गया. अंदर-बाहर लंड चला। भैया ने भाभी को जन्नत की सैर करवानी शुरू की.
फिर भाभी बोली अब गांड भी तो मारो इतने सूनने पर भैया ने भाभी की चूत से लंड को निकाल कर गांड के छेद पे लगा कर धक्का मारा. गांड की धुनाई कर भैया 3-4 मिनिट मे झड़ गए। उनके लंड से गरम वीर्य का फव्वारा देख मेरा भी लंड भीग आया। पर क्या करता दबे पाँव वापस आकर सोना पड़ा. बड़ी मुश्किल से वो रात कटी।
अब मैने भी भाभी की गांड मारने की सोची कुछ दिन बाद मौका मिल गया. एक दिन मे अचानक भाभी के बेडरूम मे जा घुसा. भाभी नहा कर टॉवल लपेट कर निकली थी. वो मुझको देख कर समझ तो गयी की इस लड़के को मेरी गांड चाहिए पर मुस्करा कर बोली- “आज घर मे कोई नहीं है.. सब शादी मे गये है.. कल तक हम दोनो अकेले हैं इस घर मे..”मैने कहा -“जानता हूँ.. भाभी आप बहुत सुंदर हो..””आज इतनी तारीफ़ क्यों?”- भाभी ने मुस्करा कर कहा. “वो भाभी आज मेरे दिल की तम्मना पूरी कर दो.” “क्या है तुम्हारी तम्मना?”- भाभी के चेहरे पर एक कातिल हसीना वाली मुस्कुराहट थी. “आपकी गांड मारनी है..सच भाभी इतनी खूबसूरत जवान.. मदमस्त भरी-फूली हुई साँचे मे ढली गांड मैने आज तक नहीं देखी.. इतनी मस्त है तुम्हारी गांड.. गोरी गोरी गांड के दर्शन करवा दो भाभी.. तुम्हारी खूबसूरती की कसम ज़िंदगी भर तुम्हारा गुलाम रहूँगा..” यह कह मे उनके टॉवल से लिपट गया. और उनको अपनी बाहों मे उठा लिया।
भाभी को बाहों मे भर गोद मे उठाने से उनका टॉवेल निकल कर ज़मीन पर आ गिरा. और वो ब्रा और पेंटी मे आ गयी थी. हल्की गुलाबी ब्रा और पेंटी मे वो बहुत ही मस्त लग रही थी. वो मुस्करा उठी मैने भी जल्दी से उनके होंटो को अपने होंटो मे क़ैद किया और 3-4 मिनिट तक अपने होंटो मे दबाए रखा। जुभान से जुभान लड़ रही थी और थूक का आदान-प्रदान हो रहा था।
में उनके होट चूसता वो मेरे. बहुत मीठे थे उनके होट. गुलाबी, मुलायम और गुलाब की पंखुड़ी की तरह। में उनको गोद मे उपर उठाए था। उनकी दोनो गोरी जांगे मेरे कमर के पर थी। अब मैने उनको बिस्तर पर लाकर लिटा दिया और उनको मसाज करने लगा।
भाभी की ब्रा खोल उनकी दोनो बड़ी-बड़ी चुचिया पीने लगा. निपल्स तो बहुत ही मीठे थे. अपने अंगूठे से निपल्स की मालिश करता रहा. दोनो बोब्स कि अच्छी तरह मालिस कि. जिससे उनकी चुचियाँ टाइट होकर फूल कर बड़ी हो गयी और गोल गहरी नाभि की महक कस्तूरी हिरण के समान थी।
भाभी बोली जल्दी से पेंटी उतारो और चूत को चाट कर चूत की खुजली मिटाओ. मैने भी उनकी आज्ञा का पालन एक होनहार ड्राइवर की तरह किया ओर बीना टाइम गवाए उनकी चूत मैं अपनी जुभान से सेवा शुरू कर दी। हाययययी…यार कितना मज़ा देते हो.. ययययई..आअहह…ऊउनको अपनी चूत की खुजली और जलन शांत करवाने मे बड़ा मज़ा मिल रहा था। लॅप लॅप कर में उनकी चूत को गीला कर पूरी रफ़्तार से चूत चाटने लगा। थोड़ी देर बाद मैने उनके चूतड़ को उपर किए और गांड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे मैने उनके गांड के उपर भी अपने प्यार का लेप लगाया।
में चूत को अपने होंटो मे दबाता फिर जुभान बाहर कर गांड के काले छेद पर भी थूक लगा कर हल्के से जुभान से गांड सहला देता जिससे उनकी जवानी को एक करंट लगता। अब में लंड को तैयार कर चुका था. मैने भाभी को कहा टाँगे फैलाओ ताकि गांड मे लंड डालने मे आसानी हो. ज़ोर लगा कर धक्का दिया। जिससे लंड गांड के अंदर गुस गया. बडा मज़ा लेकर गांड मारी।
फिर में नीचे सीधा लेट गया और भाभी सामने की ओर मूह कर मेरे लंड पर अपनी गांड टिकाकर बैठ गयी. मैने उनकी गांड को फिर चीरना शुरू किया और पीछे से हाथ बढ़ा दोनो चुचियाँ दबाने लगा। नीचे गांड की धुनाई करता जाता और पीछे से दोनो बोब्स की मालिश जिससे उनको आराम मिलता।
गांड के अंदर बाहर करने से लंड को एक अलग ही सुख मिल रहा था. साथ ही मैने अपनी दोनो उंगलियों को सामने चूत के गुलाबी छेद मे अंदर डाल चूत की चुदाई भी की जिससे भाभी को दुगना मज़ा मिल सके और वो जन्नत की सैर का भरपूर आनंद ले सकें। थोड़ी देर बाद मैने लंड को गांड से खींच लिया और भाभी के बोब्स पर सारा वीर्य गिरा दिया। भाभी की गांड की सैर कर में उनका गुलाम बन गया। आज भी उनकी गांड मारने जाता हूँ।