मेरा घर यहाँ से हज़ारों मील दूर नॉर्थ इंडिया मे था. मेरे पिताजी श्री राजवीर चौधरी एक साधे से किसान थे. मेरी माताजी एक घरेलू औरत थी. मेरे पिताजी बहुत सख़्त थे. मेरे दो बड़े भाई अजय 27, शशि 26, और मेरी दो छोटी बहन अंजू 23, और मंजू 21, और मैं राज 24 इन चारो में तीसरे नं पर था. हम सब साथ साथ ही रहते थे. मैं पढ़ाई मे कुछ ज़्यादा अछा नही था पर हाँ मैं कंप्यूटर्स मे एक्सपर्ट था. साथ ही मेरी मेमोरी बहोत शार्प थी. इसीलिए मैने कंप्यूटर्स & फाइनान्स की एग्ज़ॅम दी और आछे मार्क्स से पास हो गयंऐने अपनी नौकरी की अप्लिकेशन मुंबई की एक इंटरनॅशनल कंपनी मे की थी और मुझे इंटरव्यू के लिए बुलाया था. दो दिन का सफ़र तय कर मैं मुंबई के मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर उतरा.
एक नये शहर मे आकर अजीब सी खुशी लग रही थी. स्टेशन के पास ही एक सस्ते होटेल मे मुझे एक कमरा किराय पर मिल गया. 27थ की सुबह मैं अपने एकलौते सूट मे मिस्टर महेश, जनरल मॅनेजर (अकाउंट्स & फाइनान्स) के सामने पेश हुआ. मिस्टर महेश, 48 साल के इनसेन है, 5फिट 11″ की हाइट और बदन भी मजबूत था. उन्होने मुझे उपर से नीचे तक परखने के बाद कहा `अछा हुआ राज तुम टाइम पर आ गये. तुम्हे यहाँ काम करके मज़ा आएगा. और मन लगा कर करोगे तो तरक्की के चान्स भी ज़्यादा है. देखता हूँ एमडी फ्री हो तो तुम्हे उनसे मिलवा देता हू, नहीं तो दूसरे काम मे मशरूफ होज़ाएँगे.मिस्टर. महेश ने फोन नंबर मिलाया`सर मी महेश, अपने नये अकाउंटेंट मी.राज आ गये है, हाँ वोही, क्या आप मिलना पसंद करेंगे’. मिस्टर महेश ने कहा, `हाँ सर हम आ रहे हैं’. चलो राज एमडी से मिल लेते हैं. मिस्टर महेश के कॅबिन से निकलकर हम एमडी के कॅबिन मे आ गये. एमडी के कॅबिन मेरे होटेल के रूम से चार गुना बड़ा था. मिस्टर रजनीश कंपनी के एमडी जो कंपनी मे एंडी के नाम से पुकारे जाते हैं, अपनी कुर्सी पर बैठे अख़बार पढ़ रहे थे.
“वेलकम टू अवर कंपनी राज, मुझे खुशी है की तुमने ये जॉब आक्सेप्ट कर लिया. हमारी कंपनी काफ़ी आगे बढ़ रही है. मैं जनता हूँ की हम तुम्हे ज़्यादा तंखा नही दे रहे पर तुम काम अछा करोगे तो तरक्की भी जल्दी हो जाएँगी मिस्टर महेश की तरह. तुम्हारा पहला काम है कंपनी के अकाउंट्स को कंप्यूटराइज़ करना, उसके लिए तुम्हारे पास तीन महीने का टाइम है. क्यों ठीक है ना””सर!मैं अपनी पूरी कोशिश करूँगा” मैने जवाब दिया.` मिस्टर महेश बोले आओ तुम्हे तुम्हारे स्टाफ से परिचाए करा दूं. हम अकाउंट्स डिपार्टमेंट मे आए,वहाँ तीन सुंदर औरतें थी. मिस्टर महेश कहा, “लॅडीस ये मिस्टर.राज हमारे नये अकाउंट हेड हैं. और राज इनसे मिलो ये मिस.नीता, मिस.शबनम और ये मिस सीमा. मेरी तीनो अस्सिस्टंस देखने में बहुत ही सुंदर थी.
मिस शबनम 40 साल क़ि मॅरीड महिला थी. उनके दो बच्चे एक लड़का 16 और लड़की 15 साल की थी. उनके हज़्बेंड फ़ार्मा कंपनी मे वर्कर थे. मिस नीता, 35 साल की शादी शुदा औरत थी. उसके भी दो बच्चे थे. उनके हज़्बेंड एक टेक्सटाइल कंपनी में सेल्समन थे सो अक्सर टूर पर ही रहते थे. नीता देखने में ज़्यादा सुंदर थी और उसकी छातिया भी काफ़ी भारी भारी थी एकदम तरबूज़ की तरह. मिस सीमा सबसे छोटी और प्यारी थी. उसकी उमर 27 साल की थी. उसकी शादी हो चुकी थी और उसक हज़्बेंड दुबई मे सर्विस करते थे. उसकी काली काली आँखें कुछ ज़्यादा ही मदहोश थि. हमलोग जल्दी ही एक दूसरे से खुल गये थे और एक दूसरे को नाम से पुकारने लगे थे. तीनो काम मे काफ़ी होशियार थी इसीलये ही मैं अपना काम समय पर पूरा कर पाया.
मैं अपनी रिपोर्ट लेकर एमडी के कॅबिन मे गया.”सर! देख लीजिए अपने जैसे कहा था वैसे ही काम पूरा हो गया है.हमारे सारे अकाउंट्स कंप्यूटराइज़्ड हो चुके है और आज तक अपडेट है” मेने कहा.”शाबाश राज, तुमने वाकई अक्चकं किया है. ये लो!” कहकर एमडी ने मुझे एक लिफ़ाफ़ा पकड़ाया.”देख क्या रहे हो, ये तुम्हारा इनाम है और आज से तुम्हारे सॅलरी भी बढ़ाई जा रही और प्रमोशन भी हो रही है, खुश हो ना.” एमडी ने कहा.”थॅंक यू वेरी मच सर” मैने जवाबदिया.”इस तरह काम करते रहो और देखो तुम कहाँ से कहाँ पहुँच जाते हो”कहकर एंडी ने मेरी पीठ थप थपाइ. मैं काम मे बिज़ी रहने लगा. होटेल मे रहते रहते बोर होने लगा था, इसलिए मैं किराए पर मकान ढूंड रहा था.” “ऑफीस”
“एक दिन नीता मुझसे बोली राज, “मैने सुना तुम मकान ढूंड रहे हो””हाँ ढूंडतो रहा हूँ, होटेल में रहकर बोर हो गया हूँ” मैने जवाब दिया.”मेरी एक सहेलिका फ्लॅट खाली है और वो उसे किराए पर देना चाहती है, तुम चाहो तो देख सकते हो” नीता ने कहा.”अरे ये तो अछी बात है, मैं ज़रूर देखना चाहूँगा.” मैने जवाब दिया.”तो ठीक है मैं कल उससे चाबी ले आ जाउन्गि और हम शाम को ऑफीस के बाद देखने चलेंगे” नीता ने कहा.”ठीक है” मेने जवाब दिया.दूसरे दिन नीता चाबी ले आई थी, और शाम को हम फ्लॅट देखने गये. फ्लॅट 2बीएचके था और फर्निश्ड भी था, मुझे काफ़ी पसंद आया.”थॅंक यू नीता तुम्हारा जवाब नही”मैने कहा.”अरे थॅंक यू की कोई बात नही ये तो दोस्तों का फ़र्ज़ है एक दूसरे के काम आना, लेकिन मैं तुम्हे इतनी आसानी से जाने देनेवाली नही हूँ, मुझे भी अपनी दलाली चाहिए” नीता ने जवाबदिया. ये सुन कर मैं थोड़ा चौंक गया,”ओके कितनी दलाली होती है तुम्हारी”
मैने पूछा.”दो महीने का किराया अड्वान्स” उसनेजवाब दिया.”लेकिन फिलहाल मेरे पास इतना पैसा नही है” मैने जवाब दिया.”कोई बात नही, और भी दूसरे तरीके है हिसाबचुकाने के, तुम्हे मुझसे प्यार करनाहोगा, मुझे रोज़ ज़ोर ज़ोर से चोदना होगा”इतना कहकर वो अपने कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी हो गयी.”नीता ये क्या कर रही हो, कहीं तुम पागल तो नही हो गयी हो. तुम्हारे पति को पता चलेगा तो वो क्या कहेंगे.” मैने कहा”कुछ नही होगा राज, प्लीज़ मैं बहुत प्यासी हूँ, प्लीज़ मान जाओ” इतना कहकर वो मुझे बिस्तर पर घसीटने लगी और मेरी पैंट के उपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी.”` उसके गोरे और गदराए बदन को देख कर मेरे मन भी सेक्स करनेको करने लगा.
मैने जिंदगी मे अभी तक किसी लड़की को चोदा नही था. पर मैने उसके बदन की खूबसूरती में इतना खोया हुआ था की! “अरे क्या सोच और देख रहे हो? क्या पहले किसी को नंगा नही देखा है या किसी को चोदा नही है? उसने पूछा.”कौन कहता है की मैने किसी को नही चोदा, मैने अपने गाओ की लड़कियों को चोदा है”. मैने उससे झूट कहा, और अपने कपड़े उतारने लगा.
जैसे ही मेरा लॅंड बाहर निकल कर खड़ा हुआ…”वाउ तुम्हारा लंड तो बहोत ही लंबा और मोटा हैं”चुदवाने मे बहुत मज़ा आएगा. वाओ अब देर मत करो” इतना कहकर वो अपनी टांगे को चौड़ा कर दिया. उसकी गुलाबी चुत और खिल उठी जैसे मुझे चोदने को इन्वाइट कर रहिति.
मेने चुदाई पर काफ़ी किताबे पढ़ी थी, पर आज तक किसी को चोदा नही था. भगवान का नाम लेते हुए मैं उसके उपर चढ़ गया और अपना लंड उसकी चुत मे घुसाने की कोशिश करने लगा. मगर चार पाँच बार के धक्को मे भी नही कर पाया. “रुक जाओ राज, प्लीज़ रूको” उसने कहा.”क्या हुआ? मैने पूछा .उसने हसते हुए मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चुत के मूह पर रख दिया, और कहा “हान अब करो, डाल दो इसे पूरा अंदर”.मैने ज़ोर से धक्का लगाया और मेरा लंड उसकी चिकनी चुपड़ी चुत मे पूरा जा घूसा.
मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. रज्ज़रा धीरे धीरे करो, वो मुझसे कह रही थी, पर मैं कहाँ सुनने वाला था.ये मेरी पहली चुदाई थी और मुझे बहोत मज़ा आ रहा था. मैं उसके दोनो ममोको पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. मैं झड़ने के करीब था, मैने दो चार ज़ोर के धक्के लगाए और अपना पानी उसकी चुत मे छोड़ दिया. उसके उपर लेट कर मैं गहरी गहरी साँसे ले रहा था. उसने मेरे चेहरे को अपने हाथों मे लेते हुए मुझे किस किया और बोली “राज तुमने मुझसे झूट क्यो बोला, ये तुम्हारी पहली चुदाई थी है ना””हान” मैने कहा. “कोई बात नही, सब सिख जाओगे. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके