पहली चुदाई का अनुभव सभी को याद रहता है. मुझे भी याद है. मैं वही आपको बताने जा रहा हूँ.
सभी दोस्तों को विकी का सिड्नी (ऑस्ट्रेलिया) से प्यार भरा सलाम. पहले आप सबको मैं मेरे बारे में बता दूँ. मेरा नाम विकी है और अब तो मैं शादीशुदा बच्चों वाला एक गृहस्थ आदमी हूँ.
यह बात उन दिनों की है, जब मैं नया नया सिड्नी में आइटी मास्टर्स की पढ़ाई करने आया हुआ था. जो लोग विदेश में पढ़ाई करने आते हैं उन लोगों ही को स्टूडेंट की हालत पता होती है.
मैं मिड्ल क्लास फैमिली से था. आईटी में ग्रेजुएट होने के बाद पैसों का तोड़ जोड़ करके मास्टर्स के लिए सिड्नी आ पहुंचा. सिड्नी में मेरा कोई ज़्यादा पहचान वाला नहीं था. एक दूर के रिश्तेदार का लड़का और उसकी वाइफ रहती थी. उनके साथ मेरी बात हो गयी कि वो लोग मुझे उनका एक रूम शेयरिंग में दे देंगे. सिड्नी आने से पहले मैं सोच रहा था कि ऑस्ट्रेलिया जाकर ऐश करेंगे और खूब कमाएँगे और मजें करेंगे. पर यहां पर आने के बाद पता चला कि स्टूडेंट लाइफ कितनी स्ट्रगल वाली होती है.
शुरू शुरू में कॉलेज की पढ़ाई हफ्ते में 2 या 3 दिन होती थी. दो हफ्ते के बाद रूम का किराया और आने जाने के और स्टडी के खर्चे चालू हो गए. मुझे जल्दी से जॉब ढूँढना था, पर सिड्नी में जॉब.. वो भी पार्ट टाइम ढूँढना.. आसान नहीं था.
करीब 3 हफ्ते के बाद मेरे एक क्लासमेट ने मेरे लिए कार वॉश की कैश जॉब का जुगाड़ करा दिया. कार वॉश की जॉब बहुत हार्ड होती है. पूरा दिन कार वॉश करने के बाद कोई होश नहीं रहता है, सिर्फ़ थके हारे घर आके, जो खाना होता है.. वो ख़ाके सीधे सोने का ही हो जाता था.
मैं जिनके साथ रहता था, वो काफ़ी यंग और दो साल पहले शादी करके सिड्नी में सेट्ल हुए थे. भैया इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की जॉब कर रहा था और भाभी कोई कोर्स करके पढ़ाई कर रही थी और साथ में जॉब ढूँढ रही थी. भाभी थोड़ी सांवली थी, पर एकदम ब्यूटिफुल फिगर वाली थी. भैया काफ़ी मोटे थे और उनका पेट लटका हुआ था वे लगभग 90 किलो के मोटूराम थे.
हम जिस घर में रह रहे थे, वो एक बेडरूम, एक हॉल और किचन था. भैया और भाभी बेडरूम में और में हॉल में रहता था.
एक बार भैया को किसी काम के लिए 2 नाइट के लिए सिड्नी से बाहर जाना पड़ा. भैया ने मुझे घर का ध्यान रखने के लिए और भाभी को काम में हेल्प करने का बोला और चले गए.
उस दिन मेरी कार वॉश की जॉब थी, तो मैं पूरा दिन काम करके रात को थका हरा घर पे आया. फ्रीज़ में जो खाना पड़ा था, वो गर्म करके खाना खाकर सो गया.
आपको यहां मैं बता दूँ कि रात में मुझे अंडरवियर पहनने की आदत नहीं है तो मैं अपना लोवर शॉर्ट और बनियान पहन कर ही सोता हूँ. आप सबको बता दूँ कि ना तो मैं कोई सुपरमैन हूँ.. न ही बॉडी बिल्डर हूँ. मैं तो बस एक सीधा सादा लड़का हूँ. मेरी बॉडी साइज़ एकदम मीडियम आकार की है और लंड की साइज़ भी नॉर्मल ही है.
मैं जानता हूँ कि असली मज़ा लंड की साइज़ का नहीं, पर सेक्स का होता है. आप कितना अच्छे और धैर्य से सेक्स का मज़ा दे सकते हैं, ये सब उसके ऊपर ही होता है. आप कितने प्यार और इज़्ज़त से लड़की को प्यार कर सकते हैं.. उस पर भी निर्भर होता है.
उस रात को अराउंड 1:30 बजे भाभी को बाथरूम जाने की जरूरत हुई होगी, तो वो बाथरूम जाने के लिए उठी और उसके बाद पानी पीने किचन में गयी. किचन का रास्ता हॉल से होकर जाता है. रात को मैं नाइट लाइट चालू रखकर सोता हूँ. उन दिनों थोड़ी गर्मी के कारण मैं सिर्फ़ चादर ओढ़ के सोया था. पर नींद में मेरा लंड लोवर में से नीचे की साइड से बाहर आ गया था और लंड का टोपा ऊपर उठा हुआ था. अचानक भाभी की नज़र उस पर गयी. फिर उसे कुछ उत्सुकता सी हुई. उन दिनों उसकी माहवारी जस्ट खत्म ही हुई थी और माहवारी के बाद का यह पहला दिन था. उसने थोड़ी आवाज़ की और पक्का किया कि मैं जाग रहा हूँ या सो रहा हूँ.
मैं तो थका हारा घोड़े बेच कर सोया हुआ था. ये सब भाभी ने मुझे बाद में बताया था. भाभी मेरे पास में आके ध्यान से मेरे लंड को देखने लगी. मेरे तने हुए लंड का प्यारा सा गुलाबी टोपा देख कर उसको लंड टच करने की इच्छा हुई. उसने धीरे से मेरे लंड को छू लिया और लंड को छूते ही उसकी वासना भड़क उठी. उसने मेरे लोवर के नीचे के हिस्से से लंड को बाहर निकाला और फिर उस से खेलने लगी. मैं पूरे दिन की थकान के कारण गहरी नींद में जरूर था, पर मुझे ऐसा लगा कि मुझे कोई सपना आ रहा है और सपने में मेरे लंड के साथ कोई लड़की खेल रही है.
थोड़ी देर लंड से खेलने के बाद लंड धीरे धीरे मेरा लंड टाइट होने लगा.
मैं बहुत ही सीधा सादा लड़का था और मुझे सेक्स के बारे में बहुत कम ज्ञान था. मुझे हस्तमैथुन भी ठीक से नहीं आता था. मैं अपने लंड के टोपे को ऊपर नीचे उठाने कि बजाए साइड से हिलाता था और मुझे मज़ा आता था. बस मैं जब भी वासना भड़कती थी तो लंड से इतना ही मज़ा ले लेता था. मुझे नहीं पता था कि लंड में से वीर्य छूटता है और वो चरम सीमा होती है. मैं तो बस कभी कभी लंड को थोड़ा सा साइड में हिला लेता था और मज़ा ले लेता था.
लंड टाइट होने की वजह से भाभी को थोड़ा जोश आ गया. उसने ना आव देखा ना ताव देखा और सीधा मेरा लंड चूसने लगी.
दोस्तो आप मानोगे नहीं, पर मैं तब भी नींद में था और मुझे लग रहा था कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ. काफ़ी देर तक भाभी मेरा लंड चूसती रही और अचानक मुझे लगा कि मैं बेड में सूसू कर रहा हूँ. अचानक से जोर से पिचकारी निकली और सारा वीर्य निकल कर भाभी के मुँह में और उसकी चूचियों पर जा गिरा. इसकी वजह से मैं अचानक बेड से उठ गया और मैंने देखा कि भाभी मेरी बगल में बैठी है और एक हाथ से अपने मुँह पर लगा वीर्य पौंछ रही है.
मैंने पूछा- भाभी आप यहाँ कैसे और ये सब क्या हो रहा है?
भाभी थोड़ा डर गयी और हिचकिचाने लगी. मेरा तो रस निकल चुका था, पर वो अभी भी अधूरी थी. उसे लगा कि अब वो पकड़ी गयी है, तो उसने प्लान बनाया. उसने मुझे डरते हुए बोला कि मैं तेरे भैया को अभी फोन करके बताऊंगी कि तू मेरे कमरे में आया था और मेरे साथ जबरदस्ती कर रहा था.
मैं इस बात से बहुत डर गया था. मैं भाभी से गिड़गिड़ाने लगा. मैंने कहा- भाभी प्लीज़ ऐसा मत कीजिए. मैंने कोई ग़लती नहीं की है. मुझे कुछ भी पता नहीं है कि क्या हुआ.
उसने फिर बोला कि वो एक ही शर्त पर भैया से कुछ नहीं बताएगी. अगर मैं उसकी सब बात मानूँ और जैसा वो कहती है, वैसा करूँ तो.
मैंने कहा- भाभी, आप जो भी घर का काम या कुछ भी कहोगी, वो करूँगा.. पर प्लीज़ भैया को मत बताना. नहीं तो वो मुझे घर से निकल देंगे और मुझे यहाँ पे और कोई नहीं जानता है.
उसने कहा- ठीक है, आज की रात तुझे मेरा गुलाम बनना होगा और मैं जैसा बोलती हूँ, वैसा करना होगा.
मैंने कहा- ठीक है.. क्या करना है मुझे?
तो उसने कहा- सबसे पहले तुम मेरे बूब्स चूसो.
मैंने कहा- नहीं भाभी.. मैं ये सब आपके साथ नहीं कर सकता, ये सही नहीं है.
उसने बोला कि अभी तेरे भैया को फोन करती हूँ.
मैंने कहा- नहीं भाभी, प्लीज़ मैं करूँगा.
भाभी ने नाइटी पहनी हुई थी और अन्दर काली ब्रा पेंटी थी. उसने नाइटी निकाल दी और सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में आ गयी. उसने मेरे दोनों हाथ उठाए और अपने मम्मों पर ले कर फिर मेरे हाथ से अपनी ब्रा ऊपर उठवा कर वहां दबवाने लगी. मुझे बहुत शर्म आ रही थी और थोड़ा अजीब भी लग रहा था. मैं अपनी ओर से कुछ ज़्यादा नहीं कर रहा था.
भाभी गुस्सा हो गई और फिर उसने मुझसे कहा कि तू ऐसे नहीं मानेगा. उसने मेरे गाल पर एक खींच कर थप्पड़ लगाया और बोली- चल साले अब मेरे दूध चूस.. नहीं तो मैं अभी फोन करती हूँ.
मैं डर के मारे उसके चूचे चूसने लगा. वो कराहने लगी. फिर उसने मेरी बनियान उतार दी और बोली- और जोर से चूसो.
मैं वैसा ही करने लगा, जैसा उसने कहा. थोड़ी देर मम्मे चुसवाने के बाद वो बोली- अब तू मेरी पूरी बॉडी पर किस कर.
उसने अपनी ब्रा निकाल दी और उल्टी होकर सो गयी. मुझे अजीब लग रहा था, पर अब थोड़ा मज़ा भी आ रहा था.
मैंने उसको किस करना शुरू किया. पहले गले से, फिर पीठ पर.. फिर पैर पर किस किया.
तभी वो फिर से गुस्सा में उठी और मुझे फिर से एक झापड़ मारते हुए बोली- गांड पे कौन किस करेगा भोसड़ी के.
मैंने कहा- मुझे शर्म आ रही है भाभी.
वो बोली- जैसा मैं कहती हूँ, वैसा कर.
मैं पेंटी से ऊपर किस करने लगा. तो वो बोली- साले, पेंटी उतार कर किस कर.
मैंने पेंटी थोड़ी नीचे सरका के दोनों चूतड़ों पर किस किया. फिर वो अचानक उल्टी हो गई और बोली- सेम प्रोसेस इस साइड भी करो.
मैंने पूरे शरीर और मम्मों पर किस किया. नाभि पे किस किया, तो वो कराह उठी. धीरे धीरे मैं नीचे जाने लगा तो वो ‘उः आ..’ की आवाजें निकालने लगी.
पहले के चांटे की वजह से मैं डरा हुआ था.. तो मैंने पेंटी थोड़ी नीचे उतार कर वहां हल्की सी चुम्मी और उसके सामने देखा.
वो मस्त आवाज में बोली- गुड अब समझ गया.
फिर मैंने टांग पर किस किया. उसने पेंटी उतार दी और बोली- चल अब मेरे पैर के बीच में आकर मेरी चूत को चाट.
मैं तो शरम के मारे लाल हो गया. मुझे लगा ये औरत क्या बोल रही है, ऐसा भी कोई करता है भला.
मैं थोड़ा हिचका और मैंने कहा- भाभी प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए.
वो बोली- सीधे सीधे मैं जो कह रही हूँ, वो कर वरना…
मैंने धीरे धीरे उसकी चूत के ऊपर किस करना शुरू किया. तो वो बोली- ठीक से पूरी जीभ अन्दर डाल कर चाटो.
मैं वैसा ही करने लगा. मुझे बहुत घिन आ रही थी और शरम भी आ रही थी. मैं सोच रहा था कि ये क्या गंदी बात करवा रही है.
पर बाद मैं जाकर मुझे अब पता चला कि चूत चुसाई तो जन्नत का सुख है.
खैर मैं भाभी की फुद्दी चाटने लगा. वो जोर जोर से आवाज़ करने लगी और बोलने लगी- आह.. और करो.. अच्छे से करो.
मैं और अच्छे से चुत चुसाई करने लगा.
अचानक उसने मुझे लात मारी.. धक्का दिया और उठ गयी.
फिर उसने मुझको लेट जाने को कहा. जैसे ही मैं चित लेटा, तो वो मेरे ऊपर 69 पोज़िशन में आ गयी. उसने मेरी चड्डी उतार कर फेंक दी और फिर मेरा लंड चूसने लगी. उसने मुझे भी अपनी चूत चाटने को कहा. मैंने वैसा ही किया. लंड चाटने की वजह से मेरा लंड फिर से तन गया और अब मुझे मज़ा आने लगा.
पता नहीं इस बार मेरी वो घिन और जो बात मुझे गंदी लग रही थी, वो कहां चली गयी. मैं और उत्साह से उसकी फुद्दी चाटने लगा और अन्दर तक जीभ डालने लगा. भाभी बहुत ही जोर से उछलने लगी. तभी मैंने देखा कि अचानक वो एकदम से उछली और जोर से ‘आह.. आह..’ करने लगी. उसकी चूत एकदम से भीग गयी. उसने मुझे जोर से दबोच लिया और मेरे पैर चाटने लगी.
दो मिनट बाद उसने मुझे उठने को कहा. मैं उठ गया और देखा कि मेरा लंड अभी तना हुआ है.. वो देखने लगी. फिर वो मेरे बगल में लेट गयी और मेरे लंड को पकड़े रही. थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद उसने फिर मुझे ऊपर आने को कहते हुए बोली- चल अब चढ़ जा.
मैं फिर से उल्टा होके 69 की पोज़िशन में आने लगा, तो वो बोली- साले चूतिए, अब लंड लेकर चढ़ जा.
मुझे कुछ समझ में नहीं आया. तो वो बोली- क्या तुझे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता है.. कभी सेक्स नहीं किया है?
मैंने कहा- थोड़ा थोड़ा पता है, पर कभी किया नहीं.
फिर उसने मुझे कहा कि मेरे ऊपर चढ़ जा से मतलब, अब मेरी चूत में लंड घुसा दे और चोद मुझे.
मैंने कहा- कहां घुसाऊं.
तो वो माथा ठोक कर बोली- पहले तू ऊपर आजा मेरे बाप… फिर तेरा लंड अपने आप चूत में घुस जाएगा.
जब मैं उसके ऊपर आया तो उसने मेरा लंड हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पे रखा और बोली- अब घुसा.
मैंने धीरे से घुसेड़ने की कोशिश की तो चूत और लंड गीले के कारण वो फिसल गया.
वो हंसने लगी.
मुझे थोड़ी शरम भी आई और थोड़ा डर भी लगा.
उसने कहा- फिर से डाल.
इस बार उसने फिर मुझे गाइड किया और जोर से अन्दर लंड डलवा लिया. इस धक्के से मेरा लंड सीधा अन्दर चला गया. लंड अन्दर गया तो उसकी हल्की सी आह.. निकली और वो मुझे आगे पीछे करने के लिए उसकारने लगी. मुझे मज़ा आने लगा.. लेकिन मैं लंड अन्दर डाल के उसके ऊपर लेटा रहा.
थोड़ी देर बाद वो बोली- साले अब ठोक.
मैंने कहा- क्या ठोकूँ आपके बूब्स?
तो वो फिर से हंसने लगी और बोली- अपनी गांड ऊपर नीचे कर.
फिर उसने अपनी गांड ऊपर नीचे करके दिखाया. मैंने ऐसा किया तो मुझे अजीब लगा और मज़ा आया.
दोस्तो पहली बार की चुदाई में बहुत उत्सुकता होती है और काफ़ी चीजें अजीब लगती हैं.
कुछ देर थोड़े झटके लगाने के बाद मुझे मज़ा आने लगा तो अचानक से मेरे झटके का जोर बढ़ गया.
भाभी खुश हो गयी और बोली- गुड और लगाओ.
अब मैं शायद अपनी मर्दानगी पे आ गया था. काफ़ी सारे झटके मारने के बाद और उसके बूब्स और निप्पल चूसता रहा. अचानक मैंने देखा कि वो फिर से कराहने लगी- अया.. ओह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… मज़ा आ रहा है.. ऊह.. और करो..
फिर उसने जोर से मुझे अपने से चिपका लिया और किस करने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने फिर से जोर से झटके मारने स्टार्ट किए. अब वो मेरे बाल में उंगली फिरा रही थी और अभी कराह रही थी.
अचानक मुझे लगा कि मुझे फिर से सू सू आ रहा है तो मैं अचानक उठने लगा. उसने मुझे पकड़ लिया और बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- मुझे सू सू आ रही है.
तो वो जोर से हंसने लगी और बोली- अन्दर ही कर दो.
मैंने कहा- अन्दर सूसू कर दूँ.
वो बोली- पागल वो सूसू नहीं है.. तेरा होने वाला है.. तू चालू रख.
मैंने उसकी बात मान कर झटके चालू रखे और थोड़ी देर के बाद जैसे अचानक सैलाब उमड़ता हो.. मैं जोर सी साँसें. लगा, मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगीं और मेरे लंड से इतना अधिक पानी गिरा कि मुझे लगा कि ये सूसू इतना मज़ा क्यों दे रहा है.
फिर थोड़ी देर मैं ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा. हमने एक दूसरे को किस किया. मेरी सील टूट चुकी थी और दिमाग की बत्ती खुल चुकी थी कि लंड और चूत का खेल क्या होता है.
आधा घंटे बाद मेरी चुदास भड़की तो भाभी ने भी मुझसे खुल कर मजा लिया. धकापेल चुदाई हुई.
उसके बाद तो हमने और भाभी ने कई बार सेक्स किया और कई बार मज़ा लिया. भाभी एक्सपर्ट थी, उसने मुझे बहुत सारी बातें सेक्स के बारे में सिखाईं और मुझे एक्सपर्ट चोदू बना दिया.
तो दोस्तो, ये थी मेरी पहली चुदाई की कहानी.. आपको कैसी लगी मुझे ईमेल करके बताएं. अगर आपको मेरी स्टोरी अच्छी लगी हो तो मेरे साथ और भी बहुत सारी सेक्स की घटनाएं हुईं, वो सब आपके साथ शेयर करूँगा. इसके बाद मैंने कॉलेज, ट्रेन और शॉप में कैसे मज़ा किया, वो सब सेक्स स्टोरी भी बताऊंगा. बस पहले आपके रिप्लाइ का इंतज़ार रहेगा.