पहली चुदाई रंडी के साथ • Kamukta Sex Stories

पहली चुदाई रंडी के साथ

नमस्कार मित्रों मै राज मेहता, आज आपके सामने अपने जीवन की एक सच्ची दास्तान सुनाने जा रहा हूं। अगर कोई गलती हो जाए, तो माफी चाहता हूं। इस कहानी में पढिए, किस तरह से मैने अपने जीवन की पहली चुदाई की। मेरी पहली चुदाई अनजाने में एक रंडी के साथ हुई, जो मुझे रात में रास्ते मे मिली। यह कहानी आज से तीन साल पुरानी है।

मेरा नाम राज मेहता है, और मै दिल्ली का रहने वाला हूं। मै यहां एक स्कूल में टीचर की नौकरी करता हूं। मेरी उम्र अभी २४ साल है, बात तब की है जब मै कॉलेज में पढाई करता था।

ऐसे ही एक दिन मै कॉलेज से अपने घर की ओर लौट रहा था, मै अपनी बाइक से आ रहा था। शाम का समय था, आसमान को देखकर लग रहा था कि, आज बारिश होगी।

मै अभी आधे रास्ते तक भी नही पहुंचा था कि, मुझे रास्ते मे एक लडकी लिफ्ट मांगते हुए दिखाई दी। मै अकेले ही जा रहा था, तो मैने उसके पास जाकर अपनी गाड़ी रोक दी।

उससे पूछने पर पता चला कि, वह भी मेरी कॉलोनी से एक कॉलोनी आगे जा रही है। तो मैने उसे अपनी गाडी पर बिठा लिया।

थोडी दूर चलने पर मैने उससे बात करने के बहाने उसका नाम पूछा, तो उसने अपना नाम पारुल बताया। और कहा कि, उसे सभी प्यार से पारू बुलाते है।

तो मैने भी उसे पारू कहते हुए बात करना ही ठीक समझा। और बातें करने पर पता चला कि, वो अपने किसी काम से मेरी कॉलोनी की तरफ जा रही थी।

दिखने में तो पारू अच्छी खासी पढी लिखी लग रही थी। उसका रंग गोरा था, गदराया हुआ बदन, मांसल जांघे, और अंगार बरसाने वाली आंखे। उसको भगवान ने सब कुछ एकदम मोलभाव करके दिया था। उसे देखकर बच्चों से लेकर बूढों तक सब के लिंग में तनाव आने लगे, ऐसी गजब माल थी पारू।

मै अभी आधे रास्ते मे ही पहुंचा था कि, बारिश आना शुरू हो गई। अब बीच रास्ते कहीं पर रुक भी नही सकते थे, तो मैने अपनी गती थोडी कम करके गाडी को चलने दिया।

पारू को भी अर्जेंट कुछ काम था, तो मैने बिना रुके आगे चलना ही ठीक समझा। लेकिन बरसात बहुत तेज हो रही थी, और हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे।

बारिश में भीगने के कारण अब हम दोनों को ही ठंड लग रही थी। ठंड की वजह से अब हम दोनों के बीच की दूरी भी धीरे धीरे कम होती जा रही थी। कुछ ही पलों में पारू मुझसे पूरी तरह चिपक कर बैठ गई।

जैसे ही वो मुझसे चिपक गई, उसके स्तन मेरी पीठ पर रगड खाने लगे। उसके स्तनों को मै अपनी पीठ पर महसूस कर सकता था। इतना चिपककर बैठने के बावजूद पारू ठंड की वजह से कांप रही थी।

शायद उसे ठंड पकड ली थी। मैने रास्ते मे उससे एक-दो बार पूछा भी कि, हम कहीं रुक जाए क्या?”

लेकिन उसने रुकने से मना कर दिया तो मैं भी आगे बढता चला गया। मेरी कॉलोनी तक आते आते हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे। तो मैने उसे कुछ देर मेरे घर मे रुककर आराम करने के लिए कहा।

उसे भी ठंड लग रही थी, तो वो भी मान गई। घर के अंदर आते ही मैने उसे एक टॉवल और कुछ कपडे दिए, जो वो पहन सके। पारू फ्रेश होकर कपडे बदलकर आ गई, फिर मैने भी अपने कपडे बदल लिए।

लेकिन अभी भी पारू को ठंड लग रही थी, और उसका बदन कांप रहा था। तो मै जाकर उसके पास बैठ गया और उसके हाथ को रगडकर उसे गर्मी देने लगा।

वो भी बिनधास्त होकर मुझसे सटकर बैठ गई। अब दो जवान जिस्म घर मे और कोई नही, ऊपर से ऐसा मौसम। वही हुआ, जो होना चाहिए था।

मैने अपने हाथों में उसके चेहरे को थाम लिया और अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए। पारू ने भी मेरा कोई विरोध नही किया और वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

उसकी तरफ से हरी झंडी मिलते ही मै और जोश के साथ आगे बढने लगा। मैने अब उसके होठों को चूमते हुए अपने हाथ उसके उरोजों पर रख दिए। मैने उसके स्तनों पर हाथ रखते ही उसने हल्का सा अपने शरीर को ऊपर की ओर उठाया, मानो कह रही हो मसल डालो आज इनको।

मैने भी अब धीरे से सहलाने से लेकर फिर जोर जोर से उसके स्तनों को मसलना शुरू कर दिया। उसके स्तनों को मसलने के साथ ही मै अपने दुसरे हाथ से उसके बदन को सहला भी रहा था।

पारू अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी। उसकी सिसकारियां सुनकर मेरा जोश दोगुना हो जाता, और मै उसके स्तनों को और भी जोश के साथ मसलना शुरू कर देता था। वो भी अब मेरी हरकतों से मजे ले रही थी।

तभी उसने अपना एक हाथ मेरे शर्ट के अंदर घुसा दिया। उसका हाथ मेरे शर्ट के अंदर जाते ही उसने मुझे मेरे पेट पर एक चूंटी काटी।

जिस वजह से मेरे मुंह से एक हल्की सी चीख निकल गई। मेरी चीख सुनकर पारू हंसने लगी, तो मैने उसके सर को पीछे से पकडकर उसके होठों पर काट दिया।

अगले ही पल मैने भी उसके शर्ट के अंदर अपना हाथ घुसाया। मेरे पास लडकियों वाले कपडे तो नही थे, तो उसको मैने अपने कपडे पहनने के लिए दिए थे।

एक हाथ शर्ट के अंदर घुसाया और उसके नग्न स्तन मेरे हाथ को छूने लगे थे। उसने कपडे बदलते समय ब्रा और पैंटी भी उतार दी थी, और उसके पास अभी दूसरी तो नही थी पहनने के लिए, तो वो अंदर से अब नंगी ही थी।

मैने अब अपना एक हाथ अंदर ही रखते हुए दूसरे हाथ से उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा। कुछ ही देर में, उसकी चुचियां पूरी नंगी होकर मेरी आँखों के सामने थी।

उसकी चुचियां सुडौल थी, उनमें एक कसावट थी। जिसे देखकर मेरा मन और भी मचलने लगा, और मै खुद को रोक नही पाया। मैने तुरंत ही उसे अपने हाथों में लेकर मसलना शुरू कर दिया।

मै उससे दो पल के लिए अलग हो गया और अपने सारे कपडे उतारकर नंगा हो गया। मेरे नंगे होते ही पारू ने मेरे लंड को देखा और फिर अपने हाथ मे लेकर उसे सहलाने लगी।

वो मस्त होकर मेरे लौडे को सहला रही थी, इधर मैने भी तेजी दिखाते हुए उसके कपडे उतारकर उसे भी नंगी कर दिया। उसके नंगी होते ही उसकी क्लीन शेव की हुई चुत मेरे सामने आ गई।

उसकी चुत पर कहीं से भी बाल का एक अंश भी नही दिखाई दे रहा था। ऊपर से अगर उसकी चुत के होंठ को कोई थोडा सा खोल दे, तो अंदर से उसकी चुत पूरी गुलाबी थी।

जिसे देखकर मेरा लौडा मस्त हो गया। अगले ही पल मैने उसकी चुत पर अपना मुंह लगा दिया। अब मै उसकी चुत को अपनी जीभ से चाट रहा था, और वो मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों से सहला रही थी।

मैने अब अपनी जीभ उसकी चुत के अंदर डालकर घुमाना चालू किया, तो वो अपने मुंह से आहें भरने लगी। तो उसका मुंह बंद करने की सोचकर मैने उसे 69 की पोजिशन में आने के लिए कह दिया।

वो भी मेरी बात मानते हुए तुरंत ही 69 कि पोजिशन में आ गई। अब मै उसकी चुत का रसपान कर रहा था, और वो मेरे लंड को अपने मुंह मे भरकर चूसने लगी थी।

कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे को ओरल सेक्स का मजा देने के बाद मैने उसे सीधी करके लिटा दिया, और उसके ऊपर आ गया।

मै उसके ऊपर आते ही उसने मेरे लंड को पकडकर अपनी चुत के लिए सही रास्ता दिखाया। मैने बिना झटका मारे बस थोडा हल्का सा दबाव बनाया था कि, मेरा आधा लंड उसकी चुत के अंदर चला गया।

तो मैने बस हल्के से एक धक्का लगाते हुए अपना पूरा लौडा उसकी चुत में डाल दिया, और अब उसको चोदने लगा। पारू भी पूरे मजे के साथ अपनी कमर हिलाते हुए मुझसे चुदवाने लगी।

तभी उसने मुझे अपनी बाहों में भरते हुए प्यार से चूम लिया। और कहने लगी कि, “मै एक वेश्या हूं, आज मुझे यहां से थोडी दूर अगली कॉलोनी में एक कस्टमर मिला था, इसीलिए जा रही थी। लेकिन तुम मिले और आज असली मजा आ गया।”

मै बस उसकी तरफ देखे जा रहा था, मुझे कुछ समझ नही आ रहा था। पारु आगे बोलने लगी, “बाकी सब तो बस अपने जिस्म की प्यास बुझाने के लिए मेरा इस्तेमाल करते है, लेकिन आज मै सच्चे दिल से तुम्हारे साथ हूं। धन्यवाद।”

आखिर में मैने उसको एक और बार चोदा। दोनों ही बार उसने मुझे किसी भी चीज के लिए मना नही किया। फिर वो चली गई। इस तरह मेरी पहली चुदाई अनजाने में एक वेश्या के साथ हुई।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।