पैसो की लालची भाभी की चुदाई • Kamukta Sex Stories

पैसो की लालची भाभी की चुदाई

हेलो फ्रेंड्स, मैं हू देव. मैं पुंजब का रहने वाला हू. मेरी उमर 26 साल की है. मेरी हाइट 5’9″ है, और मेरा लंड 7 इंच का है. मेरे पापा का बड़ा सा बिज़्नेस है, इसलिए मेरी पॉकेट हमेशा पैसो से भारी रहती है.

आज जो कहानी मैं आपको सुनाने जेया रहा हू, वो मेरे और मेरी भाभी के बीच बने नाजायज़ संबंध के बारे में है. तो चलिए शुरू करते है.

मेरे चाचा का घर हमारे घर से थोड़ी ही डोर है. उनका एक बेटा है, जो मेरी ही उमर का है. उसका नाम अभिषेक है. अभी पिछले साल ही उसकी शादी हुई है. उसकी वाइफ का नाम रीमा है, और वो बहुत ही खूबसूरत है. उसका रंग एक-दूं दूध जैसा गोरा है, और फिगर 36″28″36″ है.

भाभी इतनी गोरी है, की उसके होंठ बिना लिपस्टिक के भी लाल-लाल रहते है. चाचा जी के बिज़्नेस की पोज़िशन हमारे जितनी अची नही है. इसलिए अभिषेक जॉब करता है. सीधी बात ये है, की वो लोग इतनी ऐश नही कर सकते, जितनी हम करते है.

अभिषेक की शादी वाले दिन वो बारात में हमारी गाड़ी लेके गये थे. उनके पास स्विफ्ट गाड़ी है, जबकि हमारे पास ब्मो है. जब शादी के अगले दिन मैं गाड़ी वापस लेने गया, तब भाभी को पता चला, की वो उनकी गाड़ी नही थी.

अब मैं जब भी चाचा के घर जाता था, तो भाभी मुझसे बड़ी खुश हो कर मिलती थी. जब भी कही जाना होता था, तो वो मेरे साथ वाली सीट पर आके बैठ जाती थी. भाभी को देख कर तो मुझे भी उनसे प्यार होने लगा था.

मैने काई बार नोटीस किया था, की भाभी काफ़ी लालची थी. उनको जीतने गिफ्ट दोगे, वो आपसे उतना ही खुश होती थी. मैने इसी चीज़ का फ़ायदा उठाया. एक दिन मैं चाचा के घर में था, तो भाभी उदास लग रही थी. मैने उनसे पूछा-

मैं: क्या हुआ भाभी? आज इतने खूबसूरत चेहरे पर ये उदासी क्यू?

भाभी: नही कुछ नही.

मैं: बताओ ना भाभी, वरना बारिश होने लगेगी.

भाभी हासणे लगी और बोली: मुझे इफ़ॉंे चाहिए था. लेकिन तुम्हारे भैया ने ये सदा हुआ फोन लेके दिया है.

मैं: इतनी सी बात? चलो हम इफ़ॉंे लेने चलते है.

भाभी: सच मे?

मैं: हा चलिया ना.

फिर मैं अपनी गाड़ी में बिता कर उनको मोबाइल शॉप में ले गया. भाभी ने ब्लू जीन्स और रेड त-शर्ट पहनी थी, जिसमे वो कमाल की सेक्सी लग रही थी. फिर मोबाइल शॉप पर मैने उनको इफ़ॉंे का लेटेस्ट मॉडेल लेके दिया. भाभी ने खुश होके मुझे गले लगा लिया. वो बोली-

भाभी: थॅंक योउ वेरी मच देव.

जब वो मेरे गले लगी, तो उनके बूब्स मुझे फील हुए. इतने मज़ा आया मुझे, की उनको छोड़ने के लिए मैं कोई भी कीमत दे सकता था. फिर वापस आते हुए भाभी बोली-

भाभी: पता है, मुझे लगा था की ये अभिषेक की गाड़ी है.

मैं: भाभी मेरा जो है, वो भी आपका ही है.

भाभी: सो स्वीट.

मैं: आप मुझे और अभिषेक को सेम ही समझो. और जो चाहिए मुझको बोल दिया करो.

भाभी: हाहहः.

मैं: क्या हुआ, हस्सी क्यू?

भाभी: तुमने कहा ना, की तुम्हे और अभिषेक को एक ही समझू.

मैं: हा तो?

भाभी: तो तुमको अपना हज़्बेंड समझ लू?

मैं: हा समझ लो. लेकिन फिर मैं भी आपको अपनी वाइफ ही समझूंगा. और वाइफ के बेनिफिट्स भी लूँगा.

भाभी: अछा जी? कों से बेनिफिट्स.

वही जो भैया को बेडरूम में मिलते है आपसे. भाभी ने उसी वक़्त जवाब दिया-

भाभी: मैने कब माना किया तुम्हे.

ये सुनते ही मैने गाड़ी को ब्रेक मार दी. फिर मैं भाभी की तरफ देखने लगा. भाभी भी बड़े सेक्सी अंदाज़ में मुझे देख रही थी. मैं आयेज बढ़ा, और अपने होंठ भाभी के होंठो से चिपका दिए.

भाभी भी मेरा साथ देने लगी. क्या मज़ेदार स्वाद था भाभी के होंठो का. मैने अपना एक हाथ भाभी की टाँगो के बीच डाल लिया, और उनकी जाँघ को मसालने लग गया. भाभी पूरी गरम हो गयी थी. फिर वो मुझसे अलग हुई और बोली-

भाभी: सब यही करना है, या किसी होटेल में चले?

मैं: लो अभी लो मेरी जान.

फिर मैने गाड़ी स्टार्ट की, और भाभी को एक 5-स्तर होटेल में ले गया. वाहा मैने एक रूम बुक किया, और हम रूम में चले गये. रूम में जाते ही मैने भाभी को पकड़ लिया, और हम दोनो किस करने लग गये.

मैने भाभी की त-शर्ट उतार दी, और अब भाभी ब्रा में मेरे सामने थी. उनके गुलाब की पंखुड़ियो जैसे रसीले बूब्स कमाल के लग रहे थे. फिर मैने उनकी गर्दन और क्लीवेज को चूमना शुरू कर दिया. मैं बड़े ज़ोर-ज़ोर से उनके बूब्स दबा रहा था. और इससे भाभी वाइल्ड हो रही थी.

फिर भाभी ने मुझे बेड पर बिता दिया. उसके बाद उन्होने अपनी टांगे मेरी कमर में लपेट ली, और मेरी गोद में आ गयी. उनकी गांद मेरे लंड पर टच हो रही थी. मैने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया, और भाभी ने ब्रा अपने बूब्स से अलग कर दी.

अब मैं उनके बूब्स में मूह मारने लगा, और उनको मूह से पकड़-पकड़ कर चूसने लगा. भाभी मेरे सिर को अपनी छ्चाटी में दबाने लगी, और सिसकिया भरने लगी. फिर मैने उनको उठा कर बेड पर लिटा दिया, और उनकी कमर को चूमते हुए नीचे आ गया.

फिर मैने उनकी जीन्स की बेल्ट खोली, और जीन्स उतार दी. भाभी सच में हुस्न की देवी थी. उनके बदन पे एक भी निशान नही था, और एक-दूं सॉफ था. फिर मैं उनकी जाँघो को चूमने लग गया, और भाभी आहें भारती रही.

मैने भाभी की पनटी उतारी, और उनकी छूट पर ज़ोर से काट दिया. इससे भाभी की आहह निकल गयी, और बोली-

भाभी: आहह… धीरे मेरी जान.

फिर मैने उनकी छूट को चाटना शुरू कर दिया. मैं अपनी जीभ अंदर डाल कर उनकी छूट को चाट रहा था, और उनको बहुत मज़ा आ रहा था. 10 मिनिट मैं उनकी छूट चूस्टा रहा. वो इतनी गरम हो गयी थी, की उन्होने अपना सफेद पानी छोढ़ दिया.

मैने भाभी का सारा माल पी लिया. मेरे लिए तो वो अमृत-रस्स था. फिर मैने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए. मेरा 7 इंच का लंड देख कर भाभी खुश हो गयी. वो मेरे सामने घुटनो पर आ गयी, और मेरा लंड पकड़ लिया.

उसने 5 सेकेंड में मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया, और चूसना शुरू कर दिया. वाह! क्या सीन था वो. इतनी खूबसूरत अप्सरा जैसी लड़की, मेरे सामने घुटनो पर बैठ कर मेरा लंड चूस रही थी.

मैं हॉर्नी हो गया, और मैने भाभी के मूह में ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए. अब मैं किसी रंडी की तरह भाभी के मूह को छोड़ रहा था. मैं बीच-बीच में अपना पूरा लंड भाभी के मूह में डाल कर वही रुक जाता. फिर जब उसकी साँस रुकने लगती, तो मैं लंड बाहर निकाल लेता.

अब हम दोनो चुदाई करना चाहते थे. भाभी जल्दी से बेड पर जाके लेट गयी, और उन्होने अपनी टांगे खोल ली. मैं भी चीते की रफ़्तार से उनकी टाँगो के बीच गया, और मैने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उनकी छूट में डाल दिया.

भाभी की ज़ोर की चीख निकली, और उन्होने मेरी बाहो को कस्स के पकड़ लिया. मैने उनकी छूट में ताबाद-तोड़ धक्के देने शुरू कर दिए. भाभी अहहा आ करके चूड़ने लगी, और मैं मज़े से उनकी गरम छूट को छोड़ने लग गया.

भाभी मेरे होंठो को छोढ़ ही नही रही थी. मैं उनके होंठो को चूसने के साथ ताबाद-तोड़ उनकी छूट छोड़ रहा था. उनके बदन की खुश्बू मुझे और उत्तेजित कर रही थी. 15 मिनिट मैने ऐसे ही भाभी को छोड़ा. फिर जब मैं झड़ने वाला था, तो मैने अपना लंड उनकी छूट से बाहर निकाल लिया.

भाभी बोली: क्या हुआ?

मैं: भाभी मैं झड़ने वाला हू.

भाभी: रूको मत, बस छोड़ते जाओ. मेरे अंदर ही निकालो अपना माल.

मैने फिरसे अपना लंड उनकी छूट में डाल दिया, और 2 मिनिट के धक्को के बाद अपना माल उनकी छूट में ही निकाल दिया. भाभी भी दोबारा मेरे साथ ही झाड़ गयी. फिर हम थोड़ी देर लेते रहे. भाभी मुझे किस करती जेया रही थी.

मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया, और मैने भाभी को बोला-

मैं: भाभी अब पीछे करलू?

भाभी: अर्रे नही, दर्द होगा बहुत.

मैं: भाभी प्लीज़, गांद की सील मुझे तोड़ने दो ना.

भाभी: अगर मुझे डाइमंड बॅंगल्स लेके दोगे तो.

मैं: पक्का भाभी.

फिर भाभी को मैने उल्टा लिटा दिया. बड़ी प्यारी थी उनकी गांद. मैने उनकी गांद चाट कर गीली की, और अपना लंड उसपे सेट किया. फिर मैने लून पर प्रेशर बनाया, और मेरा लंड अंदर जाने लगा. भाभी चीखे मारने लगी, लेकिन मैने उनकी गांद फाड़ दी.

उनकी गांद से खून भी निकला, लेकिन मेरे दिमाग़ पर हवस सवार थी. फिर मैने 10 मिनिट भाभी की गांद मारी, और अपना पानी अंदर ही निकाल दिया. अब भाभी से चला भी नही जेया रहा था, और मैने उनको दर्द की दवाई दी. उस दिन के बाद हमारी चुदाई का सिलसिला चलता गया.

कहानी अची लगी हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे. ओर भी कमसिन भाभी ओर आंटी को गरम गरम बाते करना ही तो गूगले चट पे आड करे [email protected]