कहानी का शीर्षक पढ़ के आप लोगों को पता लग गया होगा ये कहानी सब से अलग है । आप सभी लोगों ने बचपन में परियो की कहानियां सुनी होंगी। जैसा कि हम सब जानते हैं परियां बहुत सुंदर और अच्छी होती हैं । जिसे मिल जाएं उनकी लाइफ बन जाती है । मुझे भी मिली एक परी , और मेरी लाइफ बना दी । हालांकि इसमें सारा श्रेय सिर्फ उस परी का ही नही मेरा भी है । मेरा भी क्या मेरे लन्ड का ।
मेरा नाम रोहित है। मैं उत्तर प्रदेश के बनारस जिले का रहने वाला हूं। मेरे पिता एक किसान हैं। मेरे परिवार में मेरे पिता , माता और 3 बहनें हैं। मेरा बचपन बहुत गरीबी में बीता है । मेरे पिता ने बहुत मुश्किल से मुझे पढ़ाया ओर इस काबिल बनाया कि मैं अपने पैरों पे खड़ा हो सकूँ। मेरे पिता को मुझसे बहुत उम्मीदें थी कि ये हमारी गरीबी खत्म करेगा। मेरे सिर पर जिम्मेदारी का बहुत बोझ था । मुझे पैसे कमा के अपनी बहनों की शादी करवानी थी। पर हमारे देश की बढ़ती बेरोजगारी ने हमारी गरीबी और ज्यादा बढ़ा दी थी। मैं सारा दिन नोकरी की तालाश में घुमता रहता पर कही बात नही बनी।
फिर एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुम्बई से मुझे फोन किया और वहाँ आने को बोला । उसने बताया कि यहाँ बहुत सारी कंपनियां हैं , यहाँ आकर नोकरी ढूंढ। उसने मुझे अपने साथ रखने को बोला। मुझे उसकी राय अच्छी लगी और मैने पिता जी से बात की। उन्होंने अपना खेत गिरवी रख कर मुझे10 हजार रुपये दिए। मैं वो पैसे ले कर मुम्बई आ गया। यहाँ की दुनिया हमारे गाँव से बिल्कुल अलग थी। यहाँ आकर मैं ये नही समझ पा रहा था कि स्वर्ग में हूँ या नर्क में। कहीं पर इतनी गंदगी के सांस लेना मुश्किल ओर कहीं ऐसा लगे कि असली दूनिया तो यही है।
मुझे नही पता था आगे क्या होने वाला है मेरे साथ, पर मुझे इतना अंदाज़ा हो गया था कि मेरी लाइफ बदलने वाली है। यहाँ आए अभी दूसरा दिन था और मेरे दोस्त ने मेरी जॉब की बात कर ली। मुझे अगले दिन इंटरव्यू के लिए जाना था । मैं बहुत खुश था। मेरे दोस्त ने मुझे बोला कि अगर यहां तेरी नोकरी लग गयी तो तेरी गरीबी दूर हो जाएगी। मैं अगले दिन तैयार हो कर इंटरव्यू देने गया। मेरा इंटरव्यू बहुत अच्छा हुआ और मुझे नोकरी मिल गयी। मुझे अगले दिन काम पर जाना था । मुझे पता था कल से मेरी जिंदगी बदलने वाली है , पर इतनी बदल जाएगी ये सोचा ना था। मै अगली सुबह काम पर चला गया ।
मैं आज बहुत उत्साहित था। पुरे टाइम पे १० बजे मैं ऑफिस पहुंच गया और मेरे सीनियर ने मुझे काम समझा दिया। पर पता नहीं क्यों बार बार सब मुझे बोल रहे थे कि आ तो गया है देखते हैं कितने दिन टिकता है। मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। मैं अपने काम में मस्त हो गया और पुरे दिल से काम करने लगा। करीब १२ बजे चपड़ासी आया और मुझे बोला कि बॉस ने आपको बुलाया है। मैं अभी तक बॉस से मिला नहीं था क्युकि मेरा इंटरव्यू मैनेजर ने लिया था। मुझे डर लगने लगा कि कही अब बॉस दुबारा इंटरव्यू ना ले और कहीं मेरी नौकरी ना चली जाये।
मैं हिम्मत कर के बॉस के ऑफिस में गया। वहां जा कर मेरी आँखे खुली रह गयी , मेरी बॉस एक औरत थी , करीब ३५ साल की उम्र होगी उसकी। मेरी आँखे खुली रहने की वजह थे उसके शहरी छोटे कपडे। उसने बहुत ही छोटे कपडे पहने थे। इतना बोल सकता हूँ आधी नंगी थी वो औरत। मेने उन्हें नमस्ते बोला तो उन्होंने मुझे बैठने को बोला। फिर उन्होंने मुझसे मेरा परिचय पूछा और मेने सब बता दिया। फिर उन्होंने मुझसे पूछा काम समझ आ गया आपको। मेने उत्तर दिया कि मैडम अभी धीरे धीरे समझ जाऊंगा। तो वो हसने लगी और अपना लैपटॉप मुझे देकर बोली आओ मैं समझा देती हूँ तुम्हे काम। वो काम समझने के लिए मेरे पास आकर खड़ी हो गयी। उसने मुझे बैठे रहने को बोला।
अब वो झुक के मुझे काम समझा रही थी। ना चाहते हुए भी मेरी नजर बार बार उसकी चूचियों की तरफ जा रही थी। वो बिलकुल मेरे चेहरे के पास आकर लैपटॉप में देखते हुए मुझे काम समझा रही थी। मुझे उसकी खुशबु और उसकी पर्वत जैसी चूचिया मदहोश करने लगी। मैंने बहुत कंट्रोल किया पर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैं गांव की मिट्टी में पला-बढ़ा हूँ , दूध माखन घी मेरे रोज का खाना था। इस वजह से मेरा लंड बहुत मोटा और लगभग ६ इंच का है। मेरा खड़ा लंड मेरी पेंट में से साफ़ दिख रहा था। मैं बार बार पैर ऊपर निचे कर के अपना खड़ा लंड छुपाने की कोशिश करने लगा। बॉस ने देख लिया और उसे मेरी हालत का अंदाज़ा हो गया। उसने मुझे बोला शायद तुम्हे बाथरूम जाने की जरुरत है।
मेने भी हाँ बोला और बाहर की तरफ जाने लगा। इतने में बॉस ने मुझे रोका और बोला बाहर कहाँ जाओगे , मेरे ऑफिस के बाथरूम में चले जाओ। मैं उनके बाथरूम में जाकर मुठ मरने लगा , क्युकि मुझे बर्दाश्त बिलकुल नहीं हो रहा था। करीब १० मिंट तक मैंने बहुत जोर जोर से मुठ मारी तो कही जाकर मेरा लंड शांत हुआ। मैं बाहर आया तो बॉस मुस्कुरा रही थी। मैं फिर से कुर्सी पर बैठने लगा तो वो बोली कि आज के लिए बस इतना ही , बाहर जाओ और अपना काम करो। मुझे लगा शायद मैडम को शक हो गया। पर मैं डरते डरते अपने ऑफिस में आ गया। बाहर सब मुझे अजीब नजरो से देख रहे थे। थोड़ी देर में चपड़ासी आया और कुछ खाने पिने को पूछने लगा।
खाने पीने का तो नहीं पर जब से मैंने मैडम की चूचिया देखी तब से उसी के बारे में सोच रहा था। मेने उस से मैडम के बारे में पूछा। उसने बताया मैडम का नाम सोनिया है और अपने पति के लकवा मारने के बाद से वही ऑफिस संभालती है। किसी तरह ५ बजे और मैं छुट्टी कर के घर जाने लगा। इतने में चपड़ासी फिर से आया और बोला सोनिया मैडम ने आपको रुकने को बोला है, काम के बारे में बात करनी है। मुझे कुछ अजीब लगा क्युकि सारा ऑफिस खाली हो चूका था। करीब १५ मिंट बाद मैडम ने मुझे अपने ऑफिस में बुलाया। इस बार उसके कपडे और कम थे , वो अपना टॉप उतार के बैठी थी। उसे इस हालत में देखते ही तुरंत मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। और इस बार तो सीधा खड़ा था जैसे पेंट से बाहर आ जायेगा। वो सोफे पे बैठी थी और मुझे अपने पास बैठने को बुलाया। मेरा लण्ड तो खड़ा था पर दिल डर रहा था।
मैं उसके पास जाकर बैठ तो गया पर घबरा रहा था। उस साली रंडी ने कुछ बोला नहीं और सीधे मेरे लण्ड पे हाथ रख दिया। मैं और डर गया और उसका हाथ हटा के बोला मैडम आप ये क्या कर रही है। उसने बोला घबराओ मत , में वही कर रही हूँ जो सोच के तुम मेरे बाथरूम में मुठ मार रहे थे। उसने बाथरूम में कैमरा लगाया हुआ था। वो बोली के मेने कैमरा में तो देख लिया है अब असलियत में मुझे अपने लण्ड का मजा दो। तुम जितने पैसे बोलोगे में दूंगी। उसे जब से मेने देखा था , मैं बस उसे चोदने के सपने ले रहा था। और अब तो उसने भी हरी झंडी दिखा दी। सिर्फ इतनी बात हुई हमारे बीच और उसने मेरी पेंट खोल के मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया।
उसके मुँह से निकला , हे गॉड , ये तो बहुत मोटा है। उसने बिना कुछ बोले लण्ड मुँह में डाल लिया। और ऐसे चूसने लगी जैसे मैंने सिर्फ सेक्सी वीडियो में देखा था। हर १ मिंट बाद हाथ से अपना थूक लण्ड पे लगती और फिर चूसने लगती। मेरा लम्बा लण्ड उसके गले तक जा रहा था और वो भी पुरे मजे ले रही थी। करीब १० मिंट तक लण्ड चूसने के बाद उठी और मुझे किस करने लगी। बहुत अजीब सी खुश्बू थी उसके शरीर की जो मुझे और मदहोश कर रही थी। मैं भी पुरे मूड में आकर उसे मजे देने लगा और खुद भी लेने लगा। किस करते करते मैंने ब्रा के अंदर हाथ डाला और उसकी चूचिया दबाने लगा। उसने अपनी ब्रा उतार कर फेंक दी और बोली साले अच्छे से जोर से दबा। मैं और जोर से दबाने लगा। अभी तक उसने मेरा लण्ड छोड़ा नहीं था , हाथ में पकड़ के हिलाये जा रही थी। अब मैं उसकी चूचिया चूसने लगा , जीभ से चाट चाट के उसका ऊपर का पूरा शरीर अपने थूक से गिला कर दिया। १५ मिंट तक हम एक दूसरे को ऐसे चूसते रहे चूमते रहे। मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी और उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी। काफी देर तक मैंने उसे ऊँगली से चोदा और उसके होठ चुस्त रहा। फिर वो सोफे पे जाकर लेट गयी और अपनी टाँगे खोल ली।
मैंने भी अपने कपडे उतारे पूरा नंगा हुआ और उसकी चूत चाटने लगा। पूरा ऑफिस आआअह्ह्ह्हह आआआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्हह्ह आआह्ह्ह्ह और ज्यादा और ज्यादा आआह्ह्ह्ह की आवाज से गूँज रहा था। मैं और ज्यादा मदहोशी से उसकी चूत चाटने लगा। मेने उसे पूरा पागल कर दिया , और अब वो चुदवाने के लिए पागल हो चुकी थी। उसकी आवाज अब रंडियो वाली हो गयी थी , वो बार बार मुझे बोल रही थी साले अब चोद भी दे मुझे , अपने लम्बे मोटे लण्ड का मजा दे मुझे अब। मन तो मेरा भी था कि रंडी बुलाऊ उसे गालिया देकर चोदू, पर बॉस थी मेरी तो मैंने मन पर कंट्रोल किया। मैं अब उसके ऊपर आ गया और अपने लण्ड से उसकी चूत रगड़ने लगा। मैं उसे और तड़पाना चाहता था इसलिए अंदर नहीं डाल रहा था। वो और ज्यादा तड़पने लगी और गन्दी गन्दी गालिया देने लगी। साले भड़वे क्या कर रहा है , चोद मुझे नहीं नौकरी से निकाल दूंगी तुझे। चोद हरामी साले चोद मुझे। मेने बोला मैडम अभी मैं नहीं तड़प रहा , और जब तक मैं खुद चोदने के लिए तड़पूँगा नहीं तब तक आपको अच्छे से कैसे चोद पाउँगा। वो बोली रुक साले अभी तड़पाती हु तुझे। वो उठी और फिर से मेरा लण्ड चूसने लगी।
फिर से उसी पागलपन से मेरा लैंड चूस रही थी , और मुझे चोदने के लिए तैयार करने लगी। अब मुझसे भी रहा न गया और मैंने उसे उठाया और सोफे पर पटक दिया। उसकी दोनों टाँगे उठायी और घप्प से उसकी चूत में अपना लण्ड धकेल दिया। मेरा धक्का इतनी जोर का था कि उसकी चीख से पूरा ऑफिस गूँज उठा। उसकी चूत बेइंतहा टाइट थी। इस बार मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बोल दिया साली तेरी उम्र तो ३५ के करीब है तेरे बच्चे भी हैं, फिर भी तेरी चूत इतनी टाइट कैसे है। वो मजाक में बोली अबे लोड़ू चूत टाइट करने की क्रीम लगाती हूँ , ताकि तेरे जैसे भड़वे भी मेरी चूत का मजा ले सके। एक बार गाली देकर मेरा डर भाग गया और अब मैं भी कुत्तो की तरह चोदने लगा उसे। मैंने पूछा उसे कि कितनो से चुदवा चुकी है तू रंडी आज तक। वो बोली, अपने मनचाहे लण्ड की तलाश में आज तक तड़पती रही, सेकड़ो से चुदवा चुकी हूँ, पर आज तक मुझे मेरी पसंद का लण्ड नसीब नहीं हुआ। पर साले हरामी तूने मेरी तलाश आज पूरी कर दी। अब तू बाते छोड़ और मुझे चोद।
उसके बाद मैंने अपना मुँह बंद किया और लण्ड की स्पीड बढ़ा दी। हर ५ मिंट में पोजीशन बदल बदल के चोदी मैंने वो रंडी। और कमाल की बात ये थी कि उसने ही मुझे आज पहली बार वो सब चोदने के तरीके सिखाये। कभी एक पैर उठा के चुदवाती , कभी दोनों पैर मेरे कंधे पर रख कर। कभी घोड़ी बन जाती , तो कभी कुतिया, कभी मेरे ऊपर आ जाती तो कभी दिवार के सहारे खड़ी होकर चुदवाती। मैंने भी हर तरीके से उसे चोदा । बहुत बड़ी चुदकड़ थी वो साली। करीब २५ मिंट तक चोदा तो भी उसका पानी नहीं निकला। मुझमे भी दम पूरा भर के था , मैं भी नहीं रुका और उसे चोदता गया। आह्ह्ह्हह ऊऊओह्ह्ह आआअह्ह्ह और तेज साले भड़वे और तेज कर , रंडी समझ मुझे और टूट जा मेरे ऊपर। ये आवाजे मानो सिर्फ वो नहीं पूरा ऑफिस बोल रहा था। करीब ४० मिनट की चुदाई के बाद उसका पानी निकला और उसने मुझे लण्ड बाहर निकलने को बोला। अब फिर से वो मेरे लण्ड पे टूट पड़ी , मुझे खड़ा किया और खुद घुटनो के बल बैठ के कभी लण्ड चुस्ती तो कभी अपना मुँह खोल के हाथ से मेरा लण्ड हिलाती ।
आख़िरकार मेरे लण्ड ने भी हथियार डाले और पूरा रस फवारे की तरह उसके मुँह पे छोड़ दिया। मेरे लण्ड का रस पहले उसने मेरे लण्ड को मुँह में डाल के चूसा फिर जितना उसके चेहरे पे था साली वो भी पी गयी पूरा। और ऐसे ही नंगी फर्श पे लेट गयी। ५ मिनट तक ऐसे ही नंगी लेटी रही फिर उठ के बोलती। साले कुत्ते अब अगर तू मुझे छोड़ के गया तो तेरा खून कर दूंगी। और अगर ऐसे ही मुझे रोज चोदेगा तो तेरी नौकरी पक्की है। इतना बोल के उठी कपडे पहने और अपने पर्स से नोटों की गद्दी निकाल के मुझे पकड़ा दी। अब उसकी आवाज में से हवस नहीं प्यार झलक रहा था। मेरे करीब आयी मेरे गले में हाथ डाल के मेरे होठ चुम के बोली , रोहित तूने मुझे अपना और अपने लण्ड का दीवाना बना दिया है। अब तू बस इसी तरह मुझे खुश करता रह और तेरी गरीबी में दूर कर दूंगी। बस कभी मुझे छोड़ के नहीं जाना।
इस बात को आज पुरे ५ साल हो गए। २५ हजार की नौकरी करने गया था और आज चुदाई कर के २५ लाख महीने का कमा रहा हूँ। आज मेरे पास मुंबई में अपना घर है , तीनो बहनो की शादी कर दी , माँ-बाप और अपनी गरीबी दूर कर ली। और साथ ही मैंने शादी भी कर ली। कसम से जितनी बड़ी उसकी गांड है उतना ही बड़ा उसका दिल है। उसने मुझे प्यार पैसा सेक्स सब कुछ दिया और बदले में मुझसे बस मेरा लण्ड माँगा और कुछ नही। मेरी शादी भी उसी ने करवाई एक बहुत ही सूंदर लड़की से। इतना ही नहीं वो मेरे लिए और भी अलग अलग लड़कियों का इंतजाम करवाती है। वो कहती है कि जब तक तू सेक्स से बोर नहीं होगा तब तक मुझे पुरे मजे देगा। और मेरी सेक्स लाइफ में रूचि बनाये रखने के लिए ही वो मुझे अलग अलग लड़किया भिजवाती है और कभी तो खुद भी साथ में मिल के चुदाई करवाती है अपनी भी।
वो सच में मेरी लाइफ में परी बन के आयी है और मैं पिछले पांच सालो से उस परी को चोद चोद के इतना अमीर बन गया। उम्मीद करता हूँ आपको मेरी कहानी पसंद आयी होगी , और आशा करता हूँ आपको भी आपकी परी जल्दी मिल जाये।
आगे की कहानी अगले पार्ट मे जल्दी ही आएगी. ओर भी जवान भाभी लड़किया ओर आंटी को हॉट बाते करना ही तो आप मैल करे [email protected] आप की सारी डीटेल्स एक दम सीक्रेट रहेंगी उससे आप लोग बेफ़िक्र रहे.