कहानी पढ़ने वाले सभी पाठकों को प्रतिभा का नमस्कार. मैं और मेरे पति बहुत दिनों से इस साईट पर चुदाई की कहानी पढ़ रहे हैं. कुछ औरतों की लिखी कहानियां भी पढ़ीं, उनसे प्रभावित होकर मैंने भी कहानी लिखने की सोचा, तो पति ने भी अनुमति दे दी.
अब मैं आप सभी को पहले अपने बारे में बता देती हूँ. हमारी शादी को 18 साल पूरे हो गए हैं. मेरी उम्र अभी 36 वर्ष है. मैं दिखने में बहुत ही सुंदर हूँ.. ऐसा मुझे देखने वाले मेरे लिए कहते हैं.
मेरी हाईट साढ़े पांच फुट है, कसा हुआ शरीर है. मेरे मोटे मम्मे बाहर को निकले हुए हैं.. और मेरे उठे हुए मोटे मोटे चूतड़ मेरी गांड को बड़ा ही सेक्सी लुक देते हैं. साथ ही मेरा रंग एकदम दूध सा गोरा है. ये सब मेरे पति को बहुत पसंद है. मेरे पति भी हैंडसम हैं. उनका रंग भी गोरा है.. छह फुट की हाईट है और वे एथलेटिक शरीर के मालिक हैं.
सबसे खास बात ये है कि मेरे पति मेरी चुत की चुदाई बहुत अच्छे से करते हैं.. इसलिए मैं हमेशा पति से अपनी चुत कभी भी और कैसी भी स्थिति में चुदवा लेती हूँ. मैं हमेशा पति से अपने मम्मे चुसवाती हूँ.. क्योंकि मेरे पति मेरे तने हुए मम्मे ऐसे पीते हैं कि मैं हवा में उड़ने लगती हूँ.
इस वर्ष 31 अगस्त के दिन मेरी बहन के बेटी का बर्थडे था तो मैं और हमारी बेटी 30 तरीख को सोलापुर से मुंबई के लिए निकल गए. बर्थडे मनाकर 5 सितम्बर को वापस हम लोग अपने घर पहुंच गए. पूरे 6 दिन हमारी चुदाई नहीं हुई थी, तो मेरी चुत में खुजली हो रही थी.
जो औरत हर रोज अपने पति से चुदवाती हो, उसे ही ये मालूम होगा कि 6 दिन चुत की चुदाई ना हो, तो चुत की क्या हालत हो जाती है.
खैर दिन भर रात होने का इन्तजार करती रही.. दिन तो किसी तरह से कट गया. रात का खाना जल्द ही खाकर सोने के लिए मैं और मेरे पति अपने कमरे में चले गए. हमारी बेटी ट्रेन में नींद ना होने के कारण जल्द ही सो गई. हम दोनों पति पत्नी को कपड़े निकाल कर नंगे सोने की आदत है. तो मैं बिस्तर में जाकर अपने सब कपड़े उतारकर नंगी हो गई और पति के आने का इन्तजार करने लगी. वे बाथरूम में घुस गए थे. मैं अपने पति का लंड अपनी चुदासी चुत में लेने के लिए तड़प रही थी.
मेरे पति भी कमरे का गेट लगाकर अन्दर आए, लाईट बुझाकर नाईट लैंप चालू करके मेरे पास आ गए.
आते ही मैंने पति को कसकर बांहों में भर लिया और उनको चूमने लगी. अपने होंठों में पति के होंठ लेकर चूसने लगी. पति के हाथ मेरे पीठ पीछे से मुझे कसकर पकड़े हुए थे. अब उनका लंड पूरा तनकर 7 इंच का रॉड जैसा तन कर मेरी चूत में रगड़ मार रहा था. मुझसे रहा नहीं गया, मैंने पति का लंड मुठ्ठी में पकड़ कर दबा दिया. इससे पति ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद मेरे एक बाजू आ गए. पति ने मेरा एक निप्पल होंठों में ले लिया और दबा कर मजा लेते हुए चूसने लगे. साथ ही उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे दूसरे मम्मे को पकड़ लिया और हल्का हल्का मसलने लगे.
ये हमला मेरी चुत को और मुझे दोनों को ही बर्दाश्त नहीं हुआ. मैं अपनी कमर उठाने लगी और मेरी चुत ने पानी छोड़ दिया.
अब मैं अपने पति का लंड मुठ्ठी में पकड़ कर खींचने लगी और कहने लगी- डालो भी यार अपना लंड मेरी चुत में डाल दो.. अ… ओह सी..ह.. उम्म..
मेरे मुँह से आवाजें निकल रही थीं. पति मेरे दोनों पैरों के बीच आ गए. मैंने अपने दोनों पैर फैला दिए. मेरे प्यासी चुत ने अपना गुलाबी मुँह खोल दिया. मैंने पति का लंड मुठ्ठी में पकड़ कर चुत के छेद पर सैट किया और बोली- घुसा दो राजा अपना मूसल लंड मेरी चुत में.
पति ने हल्का सा धक्का मारा तो पति का लंड मेरी चुत में आधा घुस गया. चुत छह दिन से अनचुदी थी तो चुत में थोड़ा दर्द हुआ और मेरे मुँह से हल्की सी चीख निकल गई.
पतिदेव का लंड मोटा है, इसलिए मेरी चुत पति के लंड से पूरी भर गई थी. अब मैं अपने दोनों हाथ पति की गांड पर रखकर दबाने लगी. पति ने मेरी चुत से अपना लंड आधा बाहर निकाल कर फिर से एक जोरदार झटका मारकर अपना सात इंच का पूरा लंड मेरी चूत में जड़ तक पेल दिया.
मेरे मुँह से चीख निकलने ही वाली थी कि मेरे पति ने अपने होंठों से मेरे होंठ बंद कर दिए और मेरी चीख मुँह में ही दब कर रह गई.
दो मिनट तक पति ने मेरे होंठ नहीं छोड़े. अपने लंड को मेरी चुत में वैसे ही रखकर पड़े रहे. मैं अब थोड़ा नॉर्मल हो गई थी. फिर मैंने अपनी गांड हिलाकर पति को चोदने का इशारा किया तो पति ने मेरे होंठों को छोड़कर मेरा एक निप्पल अपने होंठों में लेकर चूसने लगे. मेरा दूसरा निप्पल अपनी उंगलियों के बीच में दबाकर निप्पल को गोल गोल घुमाकर मींजने लगे. साथ ही नीचे से मेरी चुत में अपने लंड से लगातार धक्के मार रहे थे.
मेरी चूत में सरसराहट होने लगी. कुछ ही देर में मेरी चुत में कुछ होने लगा था. बस मैं बड़बड़ा रही थी- आ.. आ…ह उई.. … सऽऽऽ मेरी चूत में कुछ हो रहा है चोदो.. लंड को चुत में जोर से अन्दर बाहर करो.
मैं अपनी गांड उठा कर पति का पूरा लंड चुत में लेना चाहती थी. मेरे पति मेरी बात मानकर जोर से धक्के मारने लगे. उनके धक्के मेरी नाजुक चुत को बर्दाश्त नहीं हुए.. मेरी चुत ने दूसरी बार पानी छोड़ दिया. मैंने उनके सर के पीछे के बाल पकड़ कर अपने निप्पल छुड़वा लिए और पति के होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने लगी.
मेरी आँखें बंद थीं, पति का लंड मेरी चुत में धंस कर अटक गया था. पांच मिनट होंठ चूसने के बाद मैंने उनके होंठों को छोड़ दिया. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरे पेट में हल्का सा दर्द हो रहा है. मैंने सोचा ऐसे ही हो रहा होगा.
मेरी चुत में अभी भी मेरे पति का लंड था.. तो मैंने कहा- मेरी चुत में तुम अपना लंड सिर्फ रखोगे या चोदोगे भी?
पति ने कहा- चोदूँगा क्यों नहीं जान, जरूर चोदूँगा.. ये ले..
ये कहकर पति ने अपना लंड धक्का मारने के लिए चुत से बाहर निकालना चाहा तो लंड बाहर नहीं आ रहा था और मेरी चुत में भी दर्द हो रहा था.
मैं समझ गई कि मेरे पति का लंड चुत में अटक गया था. मेरी चुत में ना आगे जगह थी.. ना मेरे पति का लंड चुत से बाहर आ रहा था. शायद इसलिए मेरे पेट में हल्का सा दर्द हो रहा था.
ये स्थिति हम दोनों के साथ अक्सर हो जाती है. शायद मेरे पति के लंड का सुपारा, कुछ कुत्ते के जैसे फूल जाता है, जोकि मेरी चूत में फंस जाता है. हालांकि इस बात से हम दोनों को कोई दिक्कत नहीं होती है.. इसलिए अब तक डॉक्टर को भी नहीं दिखाया है.
आधे घंटे तक पति का लंड मेरी चुत में अटका रहा. इससे मेरी चुत में और पेट में दर्द हो रहा था तो मैंने अपने पति से विनती की कि वो अपने वीर्य की धार मेरी चुत में छोड़कर छह दिन से सूखी पड़ी चुत को भिगो दें.
पति ने कहा- मेरा लंड तुम्हारी चुत में अटक गया है, धक्के मारूंगा तो तुम्हें दर्द होगा.
मैं बोली- होने दो दर्द.. मैं दर्द सह लूँगी.
मेरा इतना कहना था और पति ने थोड़ा जोर लगाकर अपना लंड चुत से आधा बाहर निकाला.. दर्द से मेरी तो चीख निकल गई.
अब मेरे पति अपना लंड मेरी चुत में तेजी से अन्दर बाहर करने लगे. मेरी मोटी गांड अपने आप ऊपर नीचे होकर लंड को चुत में जड़ तक घुसा लेने की कोशिश करने लगी.
इस वक्त मेरे पति की चुदाई की स्पीड बढ़ गई थी. उनका लंड मेरे चुत में बहुत ही तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था!
“आ…ह.. उम्म ले मेरे लंड का वीर्य चुत में ले…” यह कहकर मेरे पति ने अपना लंड चुत में जड़ तक घुसा दिया और वीर्य की गरम तेज धार मेरी चुत में ही छोड़ दी.
जैसे ही मेरे पति के वीर्य की धार छूटी तो मेरी चुत भी हार गई और मेरी चुत ने पानी छोड़ दिया. मेरे पति का वीर्य और मेरी चुत के पानी से मेरी चुत पूरी भर गई. कुछ ही पलों में हम दोनों का पानी चुत से बाहर बहने लगा.
जब भी मैं अपने पति से चुदवा लेती हूँ, तो मैं पति के साथ झड़ जाती हूँ. इससे मुझे और मेरी चुत को अलग ही मजा आता है.
दो घंटे तक चल रही चुदाई खत्म हो गई.
ये थी हम मियाँ बीवी की चुदाई की कहानी. कैसी लगी जरूर बताना.