पति से प्यास नही बुझी, तो मॅनेजर से चुदी • Kamukta Sex Stories

पति से प्यास नही बुझी, तो मॅनेजर से चुदी

ये कहानी एक सच है, जो मेरे ज़िंदगी की एक एहम हिस्सा है. मैं एक मिड्ल क्लास फॅमिली से हू, और मेरे हज़्बेंड सरकारी बॅंक में जॉब करते है. मैं भी होटेल मॅनेज्मेंट से हू, और होटेल में रिसेप्षनिस्ट का जॉब करती हू.

मेरी शादी को 5 साल हो गये थे, लेकिन मैं कन्सीव नही कर पा रही थी. मेरा ससुराल नागपुर में है, और मैं और मेरे हज़्बेंड हयदेराबाद में जॉब करते थे. मैं अपने पति, अतुल से बिल्कुल खुश नही थी. वो ठीक से सेक्स नही कर पाते थे, और मैं उनसे अनसॅटिस्फाइड थी.

वो क्लाइमॅक्स के पहले ही झाड़ जाते थे, और सब सॉफ्ट-सॉफ्ट तरीके से होता था, जिसमे मज़ा नही था. मुझे रोड चाहिए थी, और लंबा सेशन, और जो लंबे समय तक टीके, ऐसा मर्द चाहिए थे. मैने और अतुल ने फर्टिलिटी क्लिनिक में अपने टेसटे करवाए, तो पता चला अतुल को एरेक्टीले डिसफंकशन है, और उनका स्पर्म काउंट भी बहुत कम है.

अतुल के स्पर्म से बच्चा नही लग सकता था. लेकिन मैने अतुल को क्लिनिक की रिपोर्ट नही दिखाई. इसकी एक वजह थी, जो मैं आपको आयेज बताती हू.

मेरे हज़्बेंड और ससुराल वाले मुझे बच्चा पैदा ना करने के कारण बुरा-भला कहते थे, और मुझे ही कसूर-वार मानते थे. वो मुझे गालिया देते थे, और कहते थे की मैं बांझ हू वग़ैरा-वग़ैरा.

इसी बीच मेरे हज़्बेंड की पोस्टिंग करीमनगर में हो गयी, जो यहा से 300 केयेम दूरी पर है. फिर वो वाहा शिफ्ट हो गये. वो हफ्ते में सॅटर्डे शाम को आते थे, और सनडे शाम को चले जाते थे. बाकी दिन मैं अकेली रहती थी यहा रेंटेड फ्लॅट मे.

मेरे हज़्बेंड हयदेराबाद वापस ट्रान्स्फर के लिए ट्राइ कर रहे थे. 2 साल बाद मिली उन्हे ट्रान्स्फर हयदेराबाद, और वो भी मेरे कारण. क्यूकी मैं उनकी बीवी हयदेराबाद में जॉब कर रही थी.
हमारे होटेल में स्टाफ में मॅनेजर की पोस्ट पर शीक सुलेयिमन थे.

उनकी भी लाइफ में बहुत प्राब्लम थी. उनकी वाइफ का ट्यूब ब्लॉक था, और वो भी इनफरटाइल लेडी थी. मोहतार्मा से सुलेयिमन हमेशा ना-खुश रहते थे. फिर मेरी और सुलेयिमन की नज़दीकिया बढ़ती गयी, और एक समय आया जब हम दोनो अपनी सारी प्रॉब्लम्स सुख-दुख सब शेर करने लगे.

हम अपनी प्राइवेट लाइफ के बारे में भी सब शेर करने लगे. हम एक डोर से बाँधते चले गये, और हमारा रिलेशन्षिप बिल्ट होने लगा. धीरे-धीरे हमारा रिलेशन्षिप मज़बूत होता गया. हम और करीब आते गये, और इस रिश्ते की सीक्रेसी अभी तक बरकरार रखी हम दोनो ने.

सुलेयिमन हर शाम को मेरे साथ होता था, और हमारी काफ़ी बाते होती थी. बस कुछ बाते दिल में होती थी, पर दोनो की ज़ुबान पे नही आ पा रही थी. एक तड़प, एक चाहत हम दोनो की ज़रूरत बन चुकी थी, और हम दोनो एक-दूसरे के लिए बने थे.

इसी बीच उनकी बेगम अपने माइके गयी हुई थी. सुलेयिमन तब ज़्यादातर समय मेरे स्ाआत गुज़ारने लगा था. हम दोनो शॉपिंग करते, सिनिमा देखते, कभी रात का डिन्नर रेस्टौरेंट पे, कभी रात का खाना मेरे फ्लॅट में ही होता था.

लेकिन रात में वो जब अपने फ्लॅट में जाता था, तब मैं तड़पति थी. पर मैं उसको रुकने के लिए नही कह पाती थी. लेकिन हम दोनो को ज़्यादा इंतेज़ार नही करना पड़ा.

जुलाइ का महीना था, और सुलेयिमन रोज़ की तरह आज भी मुझे होटेल से छुट्टी के बाद अपनी बिके से ड्रॉप करने आया. उसने छाई पी मेरे साथ, और अब हम बाते कर रहे थे. देर हो चुकी थी, और पर्सनल बाते हो रही थी. उसने मुझसे पूछा-

सुलेयिमन: तुम्हे बच्चा क्यू नही हुआ? हज़्बेंड अतुल कैसे है?

मैने उनको अपने हज़्बेंड की प्राब्लम के बारे में बताया, और ये भी बताया की मुझ पर बांझ होने के इल्ज़ाम लगते है. फिर मैने भी उससे उसकी बेगम के बारे में पूछा. उसने बताया, की उसकी बेगम में क्या कमियाँ थी.

सुलेयिमन भी खुश नही था अपनी बेगम से. बाते करते-करते रात के 12 बाज गये थे. अगले दिन छुट्टी थी, तभी बाहर आँधी-तूफान और बारिश शुरू हो गये. ये देख कर सुलेयिमन ने कहा-

सुलेयिमन: अब मुझे जाना चाहिए.

मैने कहा: नही बाहर आँधी-तूफान चल रहे है. यही रुक जाओ.

सुलेयिमन ने कहा: नही रानी समझो. हम दोनो एक-दूसरे के दिल में रहते है, और यही तक अछा है. रात में मैं तुम्हारे साथ यहा रहा, तो गड़बड़ हो जाएगी. वैसे भी मैं तुम्हारे हुस्न पे फिदा हू, और मेरी हालत खराब रहती तुम्हारे कारण. रोज़ तुम मेरे ख्वाबो में आती हो और मैं अपने आप को संभाल नही पाता. बीवी ना हो बिस्तर मे, तो या तो बातरूम मे, या बिस्तर में ही गिरा देता हू.

ये सब कहते हुए वो चला गया. फिर करीब 20 मिनिट बाद वो वापस आ गया. और डोर बेल बजते ही मैं समझ गयी. सुलेयिमन अब मेरे सपनो का राजा बन चुका था, और वो ऐसे नही जेया सकता था. मुझे लगा-

मैने मॅन में सोचा: हो ना हो, ये सुलेयिमन ही है, जो कॉल बेल बजा रहा है.

फिर मैने तुरंत दरवाज़ा खोला. बाहर सुलेयिमन भीगा हुआ खड़ा था. तेज़ हवा चल रही थी, और बारिश बहुत तेज़ हो रही थी. सुलेयिमन पानी में लथपथ वापस आया था आधे रास्ते से. मैने उसको कहा-

मैं: सुलेयिमन तुम्हे मैने कहा था मत जाओ, मेरी तो सुनते ही नही तुम. ना तो अपना ख़याल रखते हो, और ना मेरा. तुम्हारे कपड़े गीले हो गये है. अपने कपड़े उतारो, और मैं इनको वॉशिंग मशीन में डाल देती हू.

फिर सुलेयिमन को मैने टवल दिया, और सुलेयिमन ने अपने सारे भीगे हुए कपड़े उतार दिए. लेकिन उसने अपना अंडरवेर नही उतारा. ये देख कर मैने कहा-

मैं: अंडरवेर भीगा नही है क्या?

उसने कहा: सब भीज् गया है रानी. लो इसको भी उतार देता हू, तुम इसको भी वॉशिंग मशीन में डाल दो.

सुलेयिमन का लंड खड़ा हो रखा था, और टवल के बाहर आ रहा था. 9” भूरा लंड, गुलाबी सुपादे वाला, जिसको उसने भी च्छुपाने की कोशिश नही की. मैं भी बस उसके लंड को देखती रह गयी. फिर सुलेयिमन सोफे पे बैठ गया, और तभी बिजली चली गयी.

मैने खिड़की दरवाज़े सब आचे से बंद कर दिए, पर्दे ठीक से लगा दिए, और स्विच सारे बंद कर दिए. अब एक लेड टॉर्च की रोशनी ही बस थी कमरे मे. तभी सुलेयिमन ने कहा-

सुलेयिमन: रानी क्या हुआ है तुम्हे? प्लीज़ यहा मेरे पास बैठो, बगल में मेरे. मुझे पता है, की तुम्हे क्या हुआ है, और क्या चाहिए तुम्हे मुझसे.

फिर मैं सुलेयिमन के साथ सोफे पे बैठ गयी. सुलेयिमन ने कहा-

सुलेयिमन: आज तुमने जो देखा है, वो कैसा लगा?

मैने कहा: मस्त लगा, एक-दूं कड़क. प्यारा सा लंड है तुम्हारा, और मुझे बहुत पसंद है. आज चलो दोनो कर लेते है. तुमने मुझे बहुत तडपया है, मैं आज नही छोढ़ूंगी तुम्हे सुलेयिमन. मैं बहुत चड़वौनगी तुमसे, तुम्हारे इस प्यारे से लंड से.

फिर मैं और सुलेयिमन मेरे बेडरूम में बिस्तर पे जाके लेट गये. सुलेयिमन ने टवल उतरा, और मुझे कहा-

सुलेयिमन: रानी, जानेमन अपने कपड़े उतारो, आज मैं तुम्हारी मुराद पूरी करूँगा. तुम्हारी छूट की प्यास मेरे अलावा कोई नही मिटा सकता.

ये बोल कर सुलेयिमन ने अपने लंड पे टॉर्च मारी और कहा-

सुलेयिमन: देखो तुम्हारी छूट का प्यासा है मेरा लंड.

फिर मैने अपने सारे कपड़े उतारे, और सुलेयिमन ने मेरे छूट पर टॉर्च मारी और कहा-

सुलेयिमन: मशाल्लाह! बड़े मस्त है गुलाबी लिप्स इसके. अची मॅचिंग है जानेमन.

मैने कहा: हा तुम्हारे लिए है, और तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है. आज की रात तुम प्लीज़ मेरी सारी हवस मिटा दो.

सुलेयिमन ने कहा: जानेमन तुम मेरे ख्वाबो में रोज़ चुड़वति हो. आज तो मेरा ख्वाब हक़ीकत बन रहा है. इतने दीनो से तुमने भी मुझे कम परेशन नही किया. तुम बोल तो सकती थी मुझे, मैं तो तैयार था.

ये कहते हुए, सुलायमाम ने मुझे अपनी बाहो में लपेट लिया. उसने मेरी छूट में ज़ुबान लगाई, और अंदर तक ज़ुबान डाल के चाटने लगा. मैं झड़ने लगी, और उसने मेरी छूट का सारा रस्स चाट-चाट कर पी डाला.

फिर वो एक-दूं से मेरी उपर स्प्रिंग की तरह कूद के चढ़ा, और अपना प्यारा गुलाबी सुपादे वाला लंड मेरी गुलाबी छूट के सुराख पर टीका दिया. उसने लंड ज़ोर लगा कर पेला, तो लंड मेरी छूट के अंदर घुस गया. मैं सिसकिया ले रही थी, और लंड अंदर जाते ही चिल्ला उठी-

मैं: आआआः.. सुलेयिमन मी लोवे! मैं तुम्हारे बिना नही रह सकती.

सुलेयिमन ने कहा: अब बस छोड़ने दो मुझे तुम्हारी छूट को. मस्त छूट है यार तुम्हारी, एक-दूं क़ास्सी हुई और गरम. अब मैं सिर्फ़ आज नही, अब तो मैं तुम्हे रोज़ पेलुँगा. तुम मेरी वाइफ बन जाओ, मेरे बच्चे की अम्मा. मैने सिर हिला कर उसको हा कह दिया.

अब सुलेयिमन रोज़ रात को मेरे साथ सोता था मेरे बिस्तर मे. वो 24×7 डेली 7-8 बार मेरी चुदाई करता था. वो अपना गरम-गरम माल (स्पर्म) मेरी बर में डाल देता था. ये सिलसिला 3 महीने तक चलता रहा, और अक्टोबर का महीना आ गया.

मुझे पीरियड्स नही आए थे, और टीन महीने डेले हो गये थे. मैने ये बात अपने पति को बताई, और ससुराल वालो के कहने पर मेरे पति मुझे क्लिनिक में लेके गये. गयणिक ने मुझे चेक किया, और मेरे टेस्ट करवाए. अलट्रॅसनग्रफी में ट्विन्स दिखे.

मैने हॉस्पिटल में रेडाइयोग्रफी में उस रिपोर्ट को सीक्रेट रखने को रिक्वेस्ट की, तो डॉक्टर ने भी मेरी फॅमिली को एक बच्चे की बात कही. फिर जब एप्रिल में मेरी डेलिवरी हुई, तो मुझे 2 लड़के हुए, और उनमे से एक को सुलेयिमन ने गोद ले लिया (अडॉप्ट किया).

मेरे बेटे का नाम है समीर, और सुलेयिमन के बेटे का नाम है सामिम. अब मेरे दोनो बेटे 5 साल के हो गये है. सुलेयिमन की बीवी भी मेरे बेटे की अपने बच्चे जैसा परवरिश कर रही है. मेरे दोनो बेटे हेल्ती है, और इंटेलिजेंट है.

अब दोनो परिवार एक-दूं खुश है. ये राज़ सिर्फ़ मेरे और सुलेयिमन के बीच सेक्यूर्ड है, हमेशा-हमेशा के लिए. ईश्वर की यही मर्ज़ी थी.

दोस्तो मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मैल करके ज़रूर बताए. और अपनी फीलिंग्स मेरे साथ शेर करे. मेरी मैल ईद है: ओर भी जवान भाभी ओर आंटी को हॉट बाते करना ही तो आप मैल करे [email protected] आप की सारी डीटेल्स एक दम सीक्रेट रहेंगी उससे आप लोग बेफ़िक्र रहे.
धन्यवाद