चालाकी से पत्नी संग किया एनल सेक्स • Kamukta Sex Stories

चालाकी से पत्नी संग किया एनल सेक्स

Antarvasna पत्नी के मायके चले जाने के बाद मैं घर पर अकेला ही था मेरी पत्नी काफी दिनों से मुझे कह रही थी कि मुझे अपने मायके जाना है तो मैंने उसे मायके जाने के लिए कह दिया था। मैं पिछले 5 वर्षों से बेंगलुरु में रह रहा हूं मेरा परिवार नागपुर में रहता है और मैं बेंगलुरु में नौकरी कर रहा हूं। मेरी पत्नी भी अब अपने मायके जा चुकी थी और मैं बेंगलुरु में घर का सारा काम खुद ही संभाल रहा था मेरी पत्नी रजनी मुझे बार बार फोन कर दिया करती थी वह मुझसे पूछती थी कि आप ठीक तो है ना और आपने समय पर खाना खा लिया या नहीं। उसकी चिंता अपनी जगह बिल्कुल सही थी लेकिन मैं भी उसे सब कुछ बता दिया करता था मैंने जब अपनी पत्नी को बताया कि मैं ठीक हूं तुम चिंता मत करो। वह मुझे कहने लगी कि मुझे आपकी चिंता तो बहुत होती है मैं सोच रही थी कि आप कैसे अकेले मैनेज कर रहे होंगे मैंने रजनी से कहा तुम चिंता मत करो मैं अकेले मैनेज कर सकता हूं।

मेरे दोस्त सारे ही शादीशुदा थे उन्हें जब इस बात का पता चला कि मेरी पत्नी मायके गई हुई है तो उन्होंने मुझसे कहा कि अनिल हम तुम्हारे घर पर आना चाहते हैं। मैं भी उन्हें मना ना कर सका और मेरे साथ ऑफिस में काम करने वाले मेरे कुछ दोस्त जो कि मेरे बहुत ही चाहे थे और करीबी थे वह सब मेरे घर पर आ गए। उस दिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं किसी नौजवान युवक की भांति बात कर रहा था। मेरी शादी को 4 वर्ष हो चुके हैं लेकिन हम सब लोग बड़े ही इंजॉय कर रहे थे परंतु मुझे नहीं पता था कि रजनी अचानक से बिना बताए ही आ जाएगी। जब रजनी आई तो उसने घर का माहौल देखा तो वह गुस्से में आग बबूला हो गई मेरे दोस्त भी चुपचाप से घर से जा चुके थे। उसके बाद रजनी ने मुझे कहा कि अच्छा तो तुम मेरे जाने के बाद यही करते हो मैंने रजनी को कहा रजनी ऐसा बिल्कुल भी नहीं है मेरे दोस्तों ने हीं मुझसे कहा था तो मैंने उन्हें आज घर पर बुला लिया लेकिन मुझे क्या मालूम था कि तुम भी आज ही आ जाओगी।

रजनी कहने लगी कि तुम्हें यदि पता होता तो क्या तुम उन्हें नहीं बुलाते मेरे पास इस बात का कोई जवाब नहीं था और मैंने रजनी को इस बात का कोई भी जवाब नहीं दिया। मैंने उस वक्त यही बेहतर समझा कि रजनी से मैं बात ही ना करूं मैंने उस दिन रजनी से बात तो नहीं की लेकिन मुझे अपनी गलती का पछतावा तो था मुझे लग रहा था कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। उस दिन घर पूरी तरीके से बिखरा हुआ था और रजनी ने जब घर की स्थिति देखी तो उसने सारी साफ-सफाई की अगले दिन तो मैं सुबह अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था। जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो मेरे दोस्तों ने मुझ से माफी मांगी और कहने लगे कि यार हमें नहीं मालूम था कि हमारी वजह से तुम्हें इतनी परेशानी झेलनी पड़ेगी। मैंने उन्हें कहा कोई बात नहीं मैंने अपनी पत्नी को समझा दिया है लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि इस बात से रजनी बहुत ही ज्यादा गुस्से में हैं और वह मुझसे काफी दिनों तक बात नहीं कर रही थी। मैंने रजनी को कहा रजनी इसमें मेरी गलती नहीं थी लेकिन रजनी मेरी बात समझने को तैयार नहीं थी और वह कहने लगी कि मुझे सब मालूम है तुमने यह सब जानबूझकर किया है। मैंने रजनी को कहा भला मैं यह सब जानबूझकर क्यों करूंगा तो रजनी मुझे कहने लगी कि इसीलिए तुमने मुझे मेरे मायके भेजने की बात कही थी ताकि तुम यहां पर अपने दोस्तों के साथ अय्याशी करते रहो। मैंने रजनी को कहा देखो रजनी इतनी ज्यादा बात बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है हमें इस बात को यहीं खत्म कर देना चाहिए लेकिन रजनी का मूड बिल्कुल भी ठीक नहीं था। मुझे इस बात से बहुत गुस्सा भी आ रहा था और मैंने रजनी को बहुत समझाने की भी कोशिश की लेकिन वह कहां मानने वाली थी और उस दिन के बाद जब भी मेरे दोस्त मुझसे इस बारे में बात करते तो मैं उन्हें कहता कि अब तुम इस बारे में मुझसे बात मत किया करो। उसी दौरान मेरे एक दोस्त की शादी की सालगिरह थी उसकी शादी कुछ ही समय पहले हुई थी और वह चाहता था कि हमारे ऑफिस में काम करने वाले सब लोग उसकी सालगिरह में शरीफ हो। मैंने जब रजनी से कहा कि तुम भी मेरे साथ चलोगी तो वह पहले मना कर रही थी उसका आने का कोई इरादा नहीं था लेकिन मैंने उसे किसी तरीके से मनाया और कहा कि तुम्हें मेरे साथ तो चलना ही होगा। अब रजनी मेरे साथ आने के लिए तैयार हो चुकी थी हम लोग मेरे दोस्त की शादी की सालगिरह में जाने के लिए तैयार हो चुके थे।

रजनी मुझसे अब भी अच्छे से बात नहीं कर रही थी वह मुझे कहने लगी कि अनिल मैं तुम्हें कभी भी माफ नहीं कर सकती। मैंने रजनी को कहा लेकिन रजनी तुम्हे इतनी सी बात को बढ़ाने की जरूरत नहीं है तुम बेवजह ही बात को बढ़ाए जा रही हो। रजनी का मूड उस वक्त ठीक हुआ जब मैंने उसे अपने ऑफिस में काम करने वाले सूरज की पत्नी से मिलवाया उससे मिलकर वह खुश हो गई और उसके बाद उसका मूड भी ठीक होने लगा। मेरे दोस्तों ने भी रजनी से बात की और उसे समझाया रजनी और मेरे बीच अब सब कुछ ठीक हो चुका था लेकिन उसे ठीक होने में काफी समय लगा। मुझे लगता था कि रजनी मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करती है लेकिन वह मुझसे जब गुस्सा हुई तो उसे मनाने में मुझे काफी समय लग गया था और अब मेरे और रजनी के बीच सब कुछ ठीक था।

हम दोनों के बीच सब कुछ ठीक था। एक दिन मेरे ऑफिस के दोस्त लंच टाइम में बैठे हुए थे। मेरे दोस्त ने अपनी पत्नी और अपने शारीरिक संबंध की बात की और कहने लगा मैंने कल ही अपनी पत्नी के साथ एनल सेक्स किया था। मैं बड़े ध्यान से यह बात सुन रहा था मैं अपनी पत्नी के साथ आज तक कभी भी एनल सेक्स नहीं कर पाया था और ना ही मैंने इस बारे में कभी सोचा था। जब मेरे दोस्त ने मुझे यह बात कही तो मैं रह ना सका और मैं घर पहुंचा तो मैंने रजनी को अपनी बाहों में ले लिया। रजनी मुझे कहने लगी आज आपको मुझ पर बड़ा प्यार आ रहा है मैंने रजनी को कहा नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है। वह कहने लगी जरूर कोई बात है जो आज आप इतना प्यार मुझ पर दिखा रहे हो। मैंने उसे कहा अब मैं तुम्हें क्या बताऊं तुम खुद ही समझ लो तुम मेरी पत्नी हो रजनी मेरी बात समझ चुकी थी। जब रजनी ने मेरे लंड को दबाना शुरू किया और रजनी ने उसे अपने मुंह के अंदर ले लिया। मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गया था और उसकी उत्तेजना बढ़ गई थी। रजनी मुझे कहने लगी मुझे आज आपके लंड को चूसने मे अच्छा लग रहा है हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेने वाले थे। इतने दिनों से हम दोनों का रिलेशन कुछ ठीक नहीं था मैंने रजनी के बड़े स्तनों को अपने मुंह में ले लिया और उसके स्तनों को चूसने के दौरान मैंने उसके स्तनों पर अपने दांतों के निशान भी लगा दिए थे और अपने प्यार की निशानी मैंने उसके स्तनों पर छोड़ दी थी। मैंने जब रजनी के नरम होंठों को चूसना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है मैं रजनी के नरम होंठो को काफी देर तक चूसता रहा। उसके होठों को चूमने के बाद मेरे अंदर एक अलग ही आग पैदा होने लगी तो मैंने अपने रजनी की चूत को देखा और वह अपने पैरों को खोलने लगी और मुझे कहने लगी कि अनिल आ जाओ मेरी गर्मी को बुझा दीजिए। मैंने रजनी को कहा आज मैं तुम्हारी सारी गर्मी बुझा दूंगा यह कहते ही मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली घुसा दिया पहले तो मैंने रजनी की चूत के अंदर एक उंगली को डाला लेकिन बाद में मैंने अपनी दो उंगलियों को उसकी चूत में घुसा दिया और अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और रजनी को भी मजा आने लगा था वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाई और मुझे कहने लगी मैं अब रह नहीं पा रही हूं। मैंने रजनी को कहा रह तो मैं भी नहीं पा रहा हूं जैसे ही मैंने रजनी की चूत के अंदर लंड को डालना शुरू किया तो बहुत चिल्लाने लगी अब मैं लगातार तेजी से उसे धक्के मार रहा था और उसके मुंह से सिसकियां निकल रही थी। वह अपने पैरों को खोल कर मुझे अपनी और आकर्षित करती। मैं उसे बड़ी तेज गति से चोद रहा था मुझे उसे धक्के मारने में मजा आता बहुत देर तक ऐसा चलता रहा लेकिन जब हम दोनों पूरी तरीके से उत्तेजित हो गए तो मैंने रजनी को कहा लगता है मेरा वीर्य बाहर आने वाला है। वह कहने लगी मुझे आपके वीर्य को अपने अंदर समाना है मैंने रजनी को कहा ठीक है तुम मेरे वीर्य को अपने अंदर ही समा लेना। रजनी पूरी तरीके से जोश में आ चुकी थी मैंने जब अपने लंड बाहर निकाला तो उसने मुंह मे ले लिया।

मैं खुश हो गया था मैंने रजनी को कहा मुझे तुम्हारे साथ ऐनल सेक्स करना है? वह कहने लगी कि मैं नहीं करूंगी मैंने उसे कहा ठीक है लेकिन तुम्हारी चूत तो मुझे मारने दो। वह मुझे कहने लगी हां तुम मेरी चूत मार लो लेकिन मैं तुम्हारे साथ ऐनल सेक्स नहीं करूंगी। मैने अपने लंड पर तेल की मालिश की जब मेरा लंड पूरी तरीके से चिकना हो चुका था मैने रजनी की गांड पर अपने लंड को लगाया मैंने धक्का देते हुए उसकी गांड के अंदर पूरे लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था मुझे उसे धक्के मारने में मजा आता। मैंने उस दिन रजनी की गांड खोल कर रख दी थी वह भी कुछ कह ना पाई मैंने उस दिन रजनी के साथ बड़े अच्छे तरीके से ऐनल सेक्स का मजा लिया। जब मैंने अपने वीर्य को रजनी की गांड मे डाला तो वह कहने लगी आखिर तुम अपने मकसद में कामयाब हो गए। मैंने उसे कहा तुम मेरी पत्नी हो क्या मेरा इतना अधिकार नहीं है तो वह कहने लगी चलो कोई बात नहीं।