sasur se apni chudai karai • Kamukta Sex Stories

ससुर के सामने पैसो के लिए टांग फैला दी

हाय फ्रेंड्स मेरा नाम सुधा वर्मा है। मै नागपुर में रहने वाली हूँ। मैं एक शादी शुदा औरत हूँ। मेरी लव मैरिज हुई थी। मेरी जवानी पर फ़िदा होकर मेरे लवर ने ही मेरे से शादी कर ली। उनका नाम रॉकी है। मेरे हसबैंड दो भाई हैं। उनके बड़े भाई को ससुर जी कुछ ज्यादा ही प्यार करते हैं। मेरे हसबैंड ने जब से मुझसे शादी की थी। ससुर जी ने एक फूटी कौड़ी भी नही दी थी। वो सारा पैसा जेठ जी को देते थे। नागपुर शहर में मेरा तीन मंजिले का मकान है। जिसमे 30 कमरे किराए पर उठे हुए है। उनका सारा पैसा ससुर जी अपने पास रखते है। धीरे धीरे करके सारा पैसा जेठ जी को दे देते हैं। मैं बहोत ही परेशान रहती थी। मेरे हसबैंड भी बहोत परेशान रहा करते थे। वो भी मेरे से शादी करके अपना सुख चैन खो बैठे थे। मैं भी उनका साथ नहीं दे पा रही थी। उनके हाथ मेंरी रसभरी जवानी ही थीं।

रात भर मेरे गुप्तांगों के साथ साथ खेल खेल कर मजा लूट लार टाइम पास कर रहे थे। मै ससुर से पैसा निकलवाने का रास्ता ढूंढती रहती थी। मेरे ससुर जी रिटायर्ड थे। 60 साल की उम्र में भी जवान लग रहे थे। उनसे ज्यादा बूढ़े तो मेरे जेठ जी लग रहे थे। मैने मोहल्ले वालो से सुना था कि मेरे ससुर जी बड़ी ठरकी थे। वो मोहल्ले की सारी लड़कियों पर पहले डोरे डालते रहते थे। सेक्स के प्यासे थे। अपने हस्बैंड से मैंने ये सब बात पूँछी तो उन्होंने भी बताया। कि आज भी वो हफ्ते में 1 या 2 बार कोठे पर जाते हैं। मैंने सोंचा क्यूँ ना रंडी बनकर मै ही पैसे कमा लू। बुढ़ऊ पर अपनी जवानी का जाल डाल कर फसा लू।

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वो मेरे को अक्सर घूरते हुये ही देखते थे। मैं अपनी बड़े बड़े चूचो को उनके सामने हिलाकर ही चलती थी। ससुर जी का मौसम बन जाता था। वो मेरे हॉट सेक्सी बदन को निहारते रहते थे। शायद वो जवानी का रस चखना चाह रहे थे। मैंने अपने हसबैंड से इस बारे में बात की तो पहले मना करने लगे। बड़ी बेइज्जती हो जायेगी बाप के सामने! लेकिन पैसो के बारे में सोच कर उन्होंने भी हाँ में हाँ मिला ही दी। मेरे को भी इसी बहाने नया लंड खाने का मौका भी मिल रहा था। जब भी वो मेरे को देखते तो मैं भी बड़े प्यार से उनकी तरफ देख लेती थी। सुबह सुबह उठकर मै उनके घर में झाड़ू लगाने जाने लगी। ढीली मैक्सी में मेरे लटकते बूब्स को वो करवटे बदल बदल कर देखते रहते थे। लंड के पास का चादर ऊपर उठने लगता था। उनका मौसम बन जाता था लेकिन वो मेरे साथ सेक्स करने से या कुछ कहने से डरते थे। मैं हमेशा पहले उनसे उल्टा सीधा बोलती थी। इसीलिए वो मेरे से बात करने से डरते थे। धीरे धीरे से उनके कमरे में आने जाने से उनका रिएक्शन देखने को मिल रहा था। वो मेरे हसबैंड से अच्छे से बात करने लगे। उनको खर्चे के लिए भी पैसे देने लगे। ताकि हम दोनो खुश रहे। मै उनके कमरे में आया जाया करू। मेरे हसबैंड रॉकी कहने लगे।

रॉकी: क्या बात है शुदा मेरी तरह पिताजी को भी अपनी जवानी के जाल में फसा लिया
मै: अभी कहां पूरा ममजा आया है। अभी तो उनको चूत का दर्शन कराना बाकी है
रॉकी: अभी तो तुम्हारे बदन पर फ़िदा होकर पीछे पड़े गए। तो तेरी चिकनी चूत देखकर तो वो अपनी प्रॉपर्टी भी लिख देंगे

मै: अब देखते जाओ उन्हें मै अपने हुस्न के जाल में कैसे फंसाती हूँ
इतना कहकर मै ससुर जी को चाय देने चली गयी। मेरी गहरे ब्लाउज में बूब्स के दरार दिख रहे थे। वो गड्ढे को देख देख कर अपने लंड को सहला रहे थे।
ससुर: बहू तू इतनी अच्छी है। मेरे को पहले पाता होता था तो तुम्हे कभी घूर के नहीं देखता

मै: कोई बात नहीं बाबू जी मै तो सबको ख़ुश रखना चाहती हूँ
ससुर: अब पता चल रहा है मेरे को की मेरे बेटे ने तुझसे ही शादी क्यों की!
मै: क्यों कर ली??
ससुर: तेरी तरह ही तेरी सास भी खूबसूरत थी। उसका बदन तेरी तरह ही गोरा था
मै: आपको बहोत याद आती है उनकी??
ससुर: हाँ लेकिन याद करने से कुछ होता तो नहीं!

इसी तरह से वो मेरे से कुछ देर रोमांटिक बात करने लगे। मै कुछ देर बाद उनके रूम से चली आयी। दूसरे दिन मेरा घर खाली था। जेठ और जेठानी अपने बच्चो के साथ कहीं बाहर गए हुए थे। घर पर मेरे हसबैंड के अलावा मेरे होने वाले नए हसबैंड ससुर जी थे। जिनके साथ मैं भी सुहागरात मनाना चाहती थी। मेरे ससुर रात में दूध पीकर सोते थे। मैं उनके लिए दूध गर्म करके लेकर गयी हुई थी। उस दिन मेरे हसबैंड ने बियर पीकर सो गए थे। हम दोनों लोग ही जग रहे थे। ससुर ने मेरे से मेरे हसबैंड रॉकी के बारे में पूंछा तो मैंने सब कुछ सच सच बता दिया। वो मेरे मुह से इतना सुनते ही अपने हाथ से दूध को टेबल पर रखते हुए। मेरे हाथों को पकड़ लिया। वो मेरे हाथों को।मरोड़ते हुए अपने हवस को जाहिर कर रहे थे। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम.. मेरे को मजा आ रहा था। फिर भी हाथ छुड़ाने का नाटक कर रही थी। वो मेरे को अपनी बिस्तर की तरफ खीच लिए। मै उनकी बाहों में गिर गयी। वो मेरे बालो को सहलाते हुए मेरे साथ जिस्म का संबंध बनाने की बात करने लगें।

ससुर जी: देखो बहू तुम मेरे को आज खुश कर दो उसके बदले में मै तुम्हे सब कुछ दे दूंगा!
मै: ठीक है लेकिंन अपना वादा याद रखना
इतना सुनते ही वो खुश हो गए।
ससुर: आ जा मेरी प्यारी बहू! बैठ जा मेरी जांघो पर!

उनके चौड़े से जांघ पर मैंने अपनी गांड टिका कर बैठ गयी। ससुर का मोटा लंड मेरी गांड में चुभने लगा। मै ससुर के साथ मजे लूटने लगी। वो मेरे गले पर बिखरे हुए बालो को एक किनारे करके गले को किस करना शुरू किया। बुड्ढा इतना ठरकी होगा मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। उन्हें लड़कियों को गर्म करने की कला बाखूबी से पता थी। मेरे गले पर किस करके मेरे को गर्म करने की शुरूवात कर दी। वो मेरे गालो को चूमते हुए मेरे सर को ऊपर उठाया। चाँद सा मुखड़ा देख कर उन्होंने चूम लिया। मेरी गुलाबी गुलाब सी पंखुड़ी जैसे होंठो को चूम कर चूसने लगे। वो पागलो की तरह जोर जोर से झपट्टे मार कर मेरी होंठो को चूस चूस कर लाल लाल कर दिया। उस दिन मैंने ससुर का दिया हुआ गिफ्टेड साडी पहना हुआ था। उस हरी साडी में और भी ज्यादा खूबसूरत लगती थी। ससुर मेरी तारीफों पर तारीफ़ किये जा रहे थे। वो मेरे कंधे से साडी को खिसका कर मेरे को ब्लाउज में कर दिए। मेरा बदन बहोत ही गठीला था। ससुर जी ब्लाउज के ऊपर से ही मम्मो को दबाते हुए कहने लगे।

ससुर: बहू तेरे दोनों चुच्चे तो मक्खन से भी ज्यादा सॉफ्ट लग रहे हैं। ज़रा इनके दर्शन करा दो

हम दोनो ने मिलकर ब्लाउज की बटन को खोल दिया। मैं उस दिन अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। ब्लाउज के खुलते ही ससुर जी ने मेरे दोनो मम्मो को हाथो में ले लिया। मेरे मम्मो को आने पोते पोतियों जैसे उछाल कर खिलाने लगे। खुद भी बच्चो की तरह उस पर टूट कर पीने लगे। तभी अचानक से मुझे गांड में उनका लंड टाइट होता हुआ महसूस होने लगा। वो उत्तेजित लगने लगे। ससुर जी ने जोर जोर से मेरे निप्पलों को पीकर काटने लगे। मै “……अई…अई….अई……अई.. ..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाज निकालने लगी। ससुर जी खड़े हो गए। वो अपने पैजामे का नाडा खोलने लगे। उन्होंने भी अंदर कुछ नहीं पहना था। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम… उनका पैजामा नीचे गिरते ही अपना लंड हाथ में लेकर हिलाने लगे। देखने में उनका लंड बहोत ही मोटा मालूम पड़ रहा था। हाथो में लेकर देखा तो उनके लंड की लंबाई कुछ ज्यादा ही लग रही थी। उनका लंड तो मेरे हसबैंड से भी ज्यादा टाइट हो गया। मेरे को तो लगा था बुड्ढा का सिकुड़ा लंड ही खाना पडेगा। लेकिन यहाँ तो सब बहोत ही अच्छा था। 30 साल के जवान मर्द की तरह उनका लंड देखकर मेरे को बड़ी ही हैरानी हुई। मै उनके लंड से खेलने लगी। उनका लंड मैंने अपने मुह में रखकर जोर जोर से चूसना शुरू किया। ससुर जी की भी साँसों को मैंने बढ़ा दिया।

ससुर: तू तो रंडियों से भी अच्छा लंड चूसती है

मैंने उनका लंड कुछ देर तक चूसने के बाद अपने मुह से निकाला। वो मेरी साडी कक पेटीकोट सहित कमर तक उठा दिए। मेरी पैंटी को निकाल कर उन्होंने मेरी चूत का दर्शन कर लिया। मेरी चिकनी चूत अब साफ़ साफ़ नज़र आ रही थी। इतने में वो अपना मुह मेरी चूत पर लगाकर जोर जोर से चाटने लगे। मेरे को चूत चटाने में बहोत मजा आता है। वो जोर जोर से मेरी चूत को चाटकर मेरी सिसकारियां निकलवा रहे थे। वो मेरी चूत के दाने को काट काट कर मजे उड़ा रहे थे। चूत की खाल को वो अपने दांतों से पकड़ कर खीच रहे थे। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम
दाने के खींचते ही मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की सिसकारियां निकाल देती थी। लगभग 10 मिनट तक उन्होंने मेरी चूत को चाटा। उसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी टांगों को फैलाकर चूत पर रख दिया। मैं टांगो को फैलाये हुए ऊपर की तरफ उठाये हुए थी। ससुर जी अपना लंड मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे। तेजी से कुछ देर लंड रगड़ कर वो मजे ले रहे थे। मेरी चूत लाल लाल हो गयी। कुछ देर बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगाया और जोरदार धक्का मार दिया। वो रिटायर्ड थे। बल आज भी वैसे ही उनके शरीर में कूट कूट के भरा था। एक ही झटके में उन्होंने पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं जोर जोर से “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की चीखें निकाल दी।

ससुर जी: क्यों बहू अब फटी तेरी चूत!
मै(सिसकते हुए): हाँ लेकिन पेलते रहो मेरे को मजा आ रहा है
ससुर जी की रेलगाड़ी और भी ज्यादा तेज हो गयी। वो मेरी चूत को फाड कर बहोत ही खुश हो रहे थे। 60 साल की उम्र में भी वो तेजी से अपनी कमर ऊपर नीचे करके मेरे को चोद रहे थे। मैं भी मजे ले लेकर अपनी गांड ऊपर उठाकर चुदवा रही थी। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम…. ससुर की जोरदार चुदाई से बड़ा मजा आ रहा था। जी कर रहा था हर रोज उनका लंड खाकर अपनी चुदाई की तङप को मिटाती। रोज चुदाई के साथ पैसे भी कमा लेती थी। मेंरे को चुदाई करवाके ससुर को खुश करना था। उनकी दोनों गोलियां मेरी गांड पर लग रही थी। जोर जोर से उनका लंड मेरी चूत में अंदर बाहर हो रहा था। मै “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज के साथ अपनी चूत फड़वा रही थी। ससुर ने मेरे को अपने लोहे जैसे सख्त लंड पर बिठाकर चोदने लगे। मै उनके लंड पर उछल कर चुदवा रही थी। उनका लंड सीधा मेरी चूत में घुस रहा था। 7 इंच के लंड को वो जड़ तक घुसाकर मेरी चूत को फाड़ दिए। मेरी चूत को आज करारा लंड मिला था।

ससुर से चुदवा के मेरे को बहोत मजा आ रहा था। ससुर के लंड की रगड़ ने मेरी चूत से पानी निकाल दिया। मैं झड़ गयी। मेरी चूत में पानी आते ही ससुर ने मेरी दुगनी स्पीड से चुदाई करनी शुरू कर दी। मै “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज निकाल रही थी। तभी ससुर जी भी मेरी चूत में स्खलित हो गए। उस दिन हमने खूब मजे ले ले कर रात भर चुदाई की। ससुर जी ने मेरे को तिजोरी की चाभी सौंप दी। उस दिन से आज तक मैंने कई बार उनके लंड को खाया। उन्होंने मेरे को अपने तिजोरी की मालकिन बना कर खूब चुदाई की। आज तक वो मेरे साथ सम्भोग का आनंद लेते हैं। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज पर पढ़ते रहना. आप स्टोरी को शेयर भी करना.