शर्मीली पत्नी की गैर मर्द से चुदवाया- 3 • Kamukta Sex Stories

शर्मीली पत्नी की गैर मर्द से चुदवाया- 3

देसी वाइफ गांड सेक्स कहानी में मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में नंगी पड़ी थी. उस आदमी ने जब मेरी बीवी की गांड में उंगली फिराई तो वो मुस्कुरा दी.

दोस्तो, मैं राकेश एक बार फिर से आपके समक्ष अपनी पत्नी आशा की गैर मर्द से चुदाई की कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
बीवी को बड़े लंड से चुदवा दिया
अब तक आपने पढ़ा था कि उन दोनों ने चुदाई के दौरान ही बिजली बंद कर दी थी, जिससे कमरे में अंधेरा हो गया था और मेरी आशाओं पर तुषारापात हो गया था.

अब आगे देसी वाइफ गांड सेक्स कहानी:

अंधेरा हो जाने के बाद मैं अपने कान से उन दोनों के बीच होने वाली आवाजों को सुनने लगा था.

चुदाई के समय उत्पन्न होने वाली विभिन्न आवाजों की तीव्रता और झटकों में होने वाले बदलाव से मुझे साफ़ साफ़ अहसास हो रहा था कि मेरी पत्नी की अलग अलग आसनों में चुदाई हो रही है.

डॉगी आसन में पत्नी का मुँह उस छिद्र के काफी पास आ गया था, जिस छिद्र पर मैंने कान सटाया था.
इसलिए उसकी आहें भी चीखें लग रही थीं और सांसों की आवाज तक मेरे कानों में गूंज रही थी.

ठीक इसी तरह जब वह आदमी मेरी पत्नी को सीधे लिटा कर चोद रहा था, तब सभवतः दोनों का सर विपरीत साइड में मुझसे दूर था परन्तु लंड और चूत की स्थिति मेरी तरफ थी.

इस स्थिति में आहें, सिसकारियों की ध्वनि तो हल्की सुनाई दे रही थी परन्तु चूत पर लंड की ठोकरों की ध्वनि बहुत तेज सुनाई दे रही थी.

सात इंच के लंड से चूत पर लगने वाली हर ठोकर पर ठक ठक की आवाज की प्रतिक्रिया में चूत से फच फच की आवाज को मैं साफ साफ सुन पा रहा था.
मैंने उतनी देर में खुद के लंड को झाड़ा और बिस्तर पर आकर लेट गया.

करीब एक घंटे बाद अपनी आदत के अनुसार वह वापस मेरे कमरे में आकर मेरे साथ सो गयी.

मैंने पूछा भी कि कैसा रहा?
वो बोली- बस ठीक ठाक था.

मैंने कहा- ठीक ठाक या कुछ ज्यादा ही मजा आया?
वह बोली- मेरी नींद ख़राब होती है, क्यों बुला लेते हो दोस्तों को. आप भी तो सेक्स ठीक ही करते हो.

उसने ये लापरवाही वाले अंदाज में कहा.
मुझे लगा कि हमेशा की तरह अब ये मुझसे चुदेगी.
पर पत्नी उस रात मुझसे नहीं चुदी और नींद का बहाना बना कर सो गयी.

मैं भी मुठ मारकर थका हुआ था तो मैंने भी कुछ नहीं कहा और मैं भी सो गया.

अचानक तीन बजे मेरी नींद खुली तो पत्नी को बिस्तर से गायब पाया.

मैंने उठ कर पुनः छेद से आंख सटा दी.
इस बार कमरे में रोशनी थी और मेरी पत्नी उस कमरे में मौजूद थी.

जिस आशा को गैर मर्द से मेरे दबाव में चुदना पड़ता था, उसका खुद उस आदमी के कमरे में चले जाना मुझे चकित कर रहा था.

वह आदमी पालथी मार कर बैठा था और उसका लंड लगभग नब्बे डिग्री कोण पर खड़ा था.
मेरी सुशील पत्नी घुटनों के बल बैठ कर उसके लंड को चूस रही थी.

आशा की लार से उस आदमी का लंड पूरी तरह भीगा हुआ था. आशा उसके लंड पर बार बार थूक कर चूस रही थी.

आशा द्वारा ऐसी कोक सकिंग cock sucking मैंने अब तक कभी नहीं देखी थी.

पूरी तरह नंगी होने के कारण मेरी बीवी के गोल गोल चूतड़ स्पष्ट झलक रहे थे.
वह आदमी भी लंड चूसते हुए आशा के चूतड़ों और गांड तक हाथ फेर रहा था.
कभी कभी चूतड़ों को मसल कर और कभी गांड में उंगली करके वो आदमी मेरी बीवी आशा की भावनाओं का जायजा ले रहा था.

अचानक उसने आशा की गांड में पूरी उंगली डाल दी.
पर आशा लगातार उसके लंड को चूसे जा रही थी.

इससे शायद उसे समझ आ गया था कि मेरी बीवी आशा गांड मराने के लिए राजी है.

अब वह आदमी मेरी बीवी की गांड में लगातार उंगली कर रहा था.
आशा ने कोई विपरीत प्रतिक्रिया नहीं दी.
पर वह आदमी जो जानना चाहता था, शायद जान चुका था.

गांड में उंगली अन्दर बाहर करते समय उस आदमी के चेहरे पर आशा के प्रति एक प्यार का भाव दिख रहा था.
वो समझ चुका था कि अब आशा अपनी गांड भी न्यौछावर करने को तैयार है.

उसने मेरी पत्नी को सीधे लिटा दिया.
मेरी बीवी ने अपनी दूध जैसी सफ़ेद टांगों को फैला दिया और उस आदमी ने एक ही झटके में अपना लंड मेरी बीवी की चूत में घुसा दिया.

उस मर्द की स्टाइल बिल्कुल मेरी तरह थी.
वह भी पूरे शरीर को रगड़ने की बजाए सीधे चूत के निशाने पर लंड का प्रहार कर रहा था.

उस आदमी की स्थिति कुछ ऐसी दिख रही थी मानो वो अपने दोनों हाथों और दोनों पैरों के सहारे अपने जिस्म को साधे हुए था और मेरी बीवी की चूत में अपने लंड को धकापेल पेलते हुए डिप्स मार रहा था.

मेरी बीवी की चूत में वह सटीक और कठोर प्रहार कर रहा था.

लगातार दो सौ से ज्यादा प्रहार करने के बाद भी उसकी गति में कुछ भी कमी नहीं आई थी.
सच में वो एक मर्द था, जो किसी भी औरत को अपने लंड से मुहब्बत करने को मजबूर कर सकता था.

कुछ देर बाद मैंने अपनी पत्नी को निढाल होते देखा. तत्पश्चात भी वे दोनों काफी देर तक एक दूसरे से गुंथे रहे.
मेरी बीवी के दूसरी बार निढाल होने के साथ ही उस आदमी का स्खलन होता भी दिखा.
वो अब जाकर मेरी बीवी के जिस्म पर ढेर हो गया.

वे दोनों तेज तेज सांसें लेते रहे जिसकी आवाज मुझे स्पष्ट सुनाई दे रही थी.

मेरी पत्नी कुछ देर बाद उठी और नंगी ही बाथरूम में जाने लगी.
कुछ देर बाद वो कमरे में वापस आई तो उस आदमी ने एक सिगरेट सुलगा ली थी.

उसने आशा के आते ही उसे अपने आगोश में खींचा और उसके साथ मस्ती करने लगा.

आशा भी उसके साथ खुश दिख रही थी.
वो सिगरेट को लेने के लिए उस आदमी की उंगलियों में अपनी उंगलियों को फंसाने लगी.
अगले ही पल सिगरेट मेरी बीवी के होंठों में फंसी थी और वो मजे से धुंआ उड़ा रही थी.

उस आदमी ने आशा के कान में कहा- मेरे साथ कैसा लगा?
मेरी बीवी ने उसके होंठों को चूम कर कहा- बेहद दिलकश लगा. तुम्हारा मेरे अन्दर बहुत गहराई तक जा रहा था.

उस आदमी ने कहा- मतलब मैंने तुम्हें खुश किया?
आशा सिगरेट बुझाती हुई बोली- हां.

आदमी- फिर तो मुझे इनाम भी मिलना चाहिए!
आशा हंस कर बोली- मांग लो क्या मांगते हो.

उस आदमी ने धीरे से अपनी उंगली आशा की गांड में फिरा दी.
आशा ने मुस्कुरा कर उसे चूम लिया.
इसका अर्थ साफ़ था कि आशा उसके बड़े लंड से गांड मरवाने को राजी थी.

आशा ने कहा- मगर तुम्हारा बहुत बड़ा है. कैसे करोगे?
वह आदमी बोला- मेरी जान. तुम फिक्र मत करो. मेरे पास इसका भी उपाय है. तुम बस ये बताओ कि क्या इधर तेल है?

कभी कभी आशा अपने पैरों पर तिल के तेल की मालिश करती थी और तेल की कटोरी बेड के नीचे ही रखी होती थी.
आशा ने अनुमान से बेड के नीचे हाथ से टटोला, तो तेल की कटोरी हाथ में आ गयी. उसने तेल की कटोरी उस आदमी को थमा दी.

उसने आशा को घोड़ी बनने को बोला.
आशा तुरन्त घोड़ी बन गयी.

उस आदमी से हाथ में बहुत सारा तेल लेकर उसकी पीठ और चूतड़ों पर ऐसे मलना शुरू कर दिया, जैसे वो आशा की मसाज कर रहा हो.

फिर उसने गांड और चूत के आस पास बहुत सारा तेल लगा दिया.
इसके बाद उस आदमी ने बहुत सारा तेल हथेली पर लेकर अपने लंड पर चुपड़ लिया.

चूंकि आशा घोड़ी बनी हुई थी और अपना सिर बेड पर टिकाये लंड के धक्के का इंतजार कर रही थी तो उसको पता नहीं चला कि वो तेल कहां लगा रहा है.

फिर वह आदमी घुटनों के बल बैठ गया और आशा की चूत के आस पास लंड फेरने लगा.
आशा फिर से मस्त होने लगी.

उस आदमी ने आशा की गांड पर लंड टिका दिया.
आशा पहले भी कई बार गांड मरवा चुका थी पर बहुत ज्यादा अभ्यस्त नहीं थी.

वह आदमी गांड पर लंड टिकाये हुआ था पर धक्का नहीं मार रहा था.
शायद वो प्यार से गांड मारना चाहता था.

आशा ने थोड़ी देर इंतजार कर अपनी गांड को हिला कर लंड पेलने का इशारा किया.
पर वह आदमी अभी कुछ और चाहता था.

वह आदमी गांड मारने में काफी कुशल लग रहा था.
उसने गांड पर धक्का मारने के बजाए अपने लंड को गांड के छेद पर टिका कर रखा हुआ था, बस हल्का सा दबाव लंड पर डाला हुआ था.

आशा सोच रही थी कि वह आदमी लंड टिका कर शायद भारी चूतड़ों का मजा ले रहा है.
पर तभी उसको अहसास हुआ कि उसका लंड हल्के दबाव में भी लंड का सुपारा गांड के अन्दर घुस चुका है.

आशा को तेल की अधिकता से दर्द का अहसास ही नहीं हुआ कि कब लंड का सुपारा गांड में घुस गया.
उस आदमी ने बाकी बचे लंड पर और आशा की गांड पर और तेल उड़ेल दिया.

लगातार पड़ रहे हल्के हल्के दबाव के चलते लंड बहुत धीरे धीरे से आशा की गांड में घुसता जा रहा था.
आशा को कोई खास दिक्कत नहीं हो रही थी और वह सिसकारियां भर रही थी.

अब तक लंड लगभग ढाई इंच अन्दर घुस चुका होगा.
जैसे गुंथे आटे में उंगली धंसती है, कुछ इसी तरह उसका लंड आशा की गांड में धंसता जा रहा था.

आशा को तकलीफ न होते देख अब उस आदमी ने पूरा लंड अन्दर डालने के लिए दबाव बढ़ा दिया.
इस बार दबाव इतना अधिक था कि उस आदमी के भारी चूतड़ बुरी तरह सिकुड़ गए थे.

आशा के मुँह से तेज आह निकली और देखते ही देखते बिना धक्का लगाए ही पूरा लंड आशा की गांड में समा गया.

अब वह आदमी पूरी तरह से आशा की पीठ पर झुक गया और हाथों से उसकी दोनों चूचियों का मसलने लगा.
मेरी देसी वाइफ गांड सेक्स का बहुत मजा ले रही थी क्योंकि बिना खास दर्द के वह अपने कूल्हे हिला रही थी.

अचानक आशा ने अपनी गर्दन थोड़ा पीछे मोड़ दी ताकि वह आदमी उसका चुम्बन ले सके.
वह आदमी आशा की गांड में हल्के हल्के धक्के मारने लगा और साथ में आशा के होंठ भी चूसने लगा.

धीरे धीरे धक्कों की रफ़्तार बढ़ने लगी.
इतने बड़े लंड के तेज धक्कों को आशा झेल नहीं पा रही थी.
वो धीरे से अपने पैर सीधे करती हुई पेट के बल लेट गयी.

चूंकि मेरी बीवी की गांड बाहर को निकली हुई है इसलिए लंड गांड से नहीं निकला.

आशा के पेट के बल लेटते ही वह आदमी भी आशा के साथ ही उसके ऊपर चिपका रहा.

वह आदमी लगातार आशा की गांड मार रहा था और आशा मीठे दर्द के साथ आहें भरती हुई अपनी गांड मरवा रही थी.

उस आदमी का एक हाथ आशा की कमर के नीचे से जाकर उसकी चूत को भी रगड़ता हुआ दिखने लगा था.
करीब बीस मिनट तक गांड मारने एयर चूत में उंगली करने से वो दोनों स्खलन के बिंदु पर आ गए लगते थे.

तभी वह आदमी बोला- आशा मेरा निकलने वाला है!
आशा बोली- हां मेरा भी … तुम अन्दर ही निकाल दो.
वह बोला- नहीं आशा, मुझे तुम्हारी चूत में निकलना है.

आशा ने कुछ नहीं कहा.
अब उस आदमी ने अपना लंड बाहर खींच लिया और आशा से बोला- जल्दी से सीधी लेट जाओ.

आशा एक झटके से सीधी लेट गयी और तुरन्त अपनी दोनों टांगें फैला दीं.
उस आदमी ने भी बिना देरी किये कमल की तरह खिली उसकी चूत में अपना लौड़ा पेल दिया और बिना रुके जबरदस्त धक्के मारने लगा.

आशा और वह आदमी दोनों तेज तेज हांफने लगे.

आशा ने अपने दोनों पैर उठा का उसकी कमर पर कस दिए.
उस आदमी ने भी अपने दोनों हाथ आशा की पीठ के नीचे डाल कर आशा को बुरी तरह दबोच लिया और अपना मुँह आशा के मुँह से चिपका दिया.

आदमी ने अचानक धक्कों की गति बहुत तेज कर दी और अब तक सभ्य भाषा का प्रयोग कर रही आशा के मुँह चीखें निकलने लगीं.
उसको दूसरे कमरे में मेरे होने का भी ध्यान नहीं रहा.

वह चीखी- आह मादरचोद पेल दे … भोसड़ी के फाड़ दे.
इसी के साथ ही उस आदमी ने आशा की चूत को अपने वीर्य से भर दिया.

आशा निढाल हो गयी और उसके चेहरे से लग रहा था, जैसे उसने अमृत पान कर लिया हो.

उस आदमी के चेहरे पर मर्दानगी का अट्टहास स्पष्ट झलक रहा था, शायद उसे अहसास हो गया था कि वह आशा को जीत चुका है.
वो किसी और की पत्नी की चूत को अपने वीर्य से भर चुका था.

दोनों ने कस कर एक दूसरे को भींच रखा था.
वीर्य की आखिरी बून्द तक उस आदमी ने अपने लंड को मेरी पत्नी की चूत में पेले रखा.

आखिरकार उसने अपना लौड़ा चूत से बाहर खींच ही लिया, पत्नी आंखें बंद कर निढाल पड़ी थी.

उस आदमी ने पत्नी के होंठों को चूमा और थैंक्यू कहा.
पत्नी ने भी आंखें खोल दीं और खड़ी हो गई.

एक बार फिर से उस आदमी को किस किया और मेरे रूम में आकर चुपचाप मेरी बगल में लेट गयी.
कुछ देर बाद मैंने नींद के बहाने ही उसकी चूत पर हाथ रखा, पर उसने सस्स की आवाज करते हुए मेरा हाथ हटा दिया.

शायद उसे दर्द हो रहा था. मैं पुनः सो गया.

आशा ने कभी भी अपनी इस खास चुदाई का जिक्र मुझसे नहीं किया.
हां एक महीने बाद वो एक बार पूछ रही थी- आपके वो वाले दोस्त आजकल कहां हैं, उनके साथ मजा आया था.
मैं बस मुस्कुरा दिया.

मेरे मन में तो अपनी बीवी को नित नए लंड से चुदवाने का प्लान था और उसी प्लान के तहत मैं अब उसी दिल्ली वाले आदमी के जैसा मर्द खोज रहा हूँ.

अब आप सभी पाठक सुझाव दें कि अगली बार आशा को उसी आदमी से ही चुदवाऊं या कोई नया लंड ढूंढू?

दोस्तो, अगली बार किसी और लंड से अपनी बीवी को चुदवा कर आपको उसकी सेक्स कहानी का मजा लिखूंगा.

आप मुझे मेल करके बताये कि आपको यह देसी वाइफ गांड सेक्स कहानी कैसी लगी?
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