सुनील की सेक्स कहानी • Kamukta Sex Stories

सुनील की सेक्स कहानी

हाय, मेरा नाम सुनील है और मैं आप लोगों को अपनी सच्ची कहाँनी सुनाता हूँ जो की कुछ महीनो पहले मेरे साथ हुई. में अपनी माँ के साथ एक गावं में रहता हूँ. मैने शहर के एक स्कूल से 12 वी पास की और गावं में आ गया अपनी माँ के साथ रहने और खेती बाड़ी संभालने. मेरी माँ चाहती थी की मैं शहर में ही रहूँ पर मेरे पापा ने ज़ोर देकर कहाँ की अब मुझे ही खेती बाड़ी संभालनी हैं तो मैं गावं मे आ गया. मेरे पापा शहर में रहते हैं और महीने मे एक बार ही घर पर आते हैं. हमारे घर पर दो कमरे थे, एक मेरा और दूसरा मेरी माँ का मेरी उम्र 19 साल है और माँ की 40 साल है. मेरी माँ एक बहुत ही कामुक औरत है. माँ वैसे तो घर मे साड़ी, ब्लाउज और लहंगा पहनती है पर रात को सोते समय अपना लहंगा खोल कर सिर्फ़ ब्लाउज और साड़ी पहन लेती है. मेरी माँ के स्तन 38 साइज़ के हैं और उसकी गांड बहुत टाइट दिखती है. रात को सोते समय अक्सर मैं उनके बोबो को देख सकता हूँ उनके ब्लाउज से झाकते हुये जब वो सो रही होती है तब एक दिन मैने उनकी जाँघ देख ली. वो सो रही थी और उनकी साड़ी जाँघ पर आ गयी थी तो मैने उसकी सफेद सफेद जाँघ देख ली. मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और मैं जल्दी से बाथरूम मे जाकर मूठ मारकर आ गया. मैने सोचा पता नहीं माँ नंगी केसी दिखती होगी.

मेरे जाने के कुछ दिनो बाद से ही मैने देखा की माँ थोड़ी बेचैन है. मैने पूछा तो माँ बोली की कोई परेशानी नहीं है. कुछ दिनो के बाद मेरे ताऊ जी आये. उनकी उम्र 60 साल थी. मैने देखा की माँ बहुत खुश लग रही है. ताऊ जी को रात को रहना था हमारे घर पर और अगले दिन सुबह को अपने गावं लौटना था. ताऊ जी को दूसरा कमरा देकर माँ बोली की मैं रात को उनके साथ ही बिस्तर पर सो जाऊ. रात को में और माँ बिस्तर पर सो गये. अचानक कुछ आवाज़ से मेरी नींद टूटी तो देखा की माँ कमरे का दरवाज़ा बंद करके कहीं जा रही है. मैने सोचा रात को माँ कहाँ जा रही होगी. मैं उठा और दूसरे दरवाज़े से बाहर आकर देखा की माँ ताऊ जी के कमरे मे जा रही है. में जल्दी से खिड़की के पास गया और उसमे से चुपके चुपके देखने लगा.

माँ के घुसते ही ताऊ जी बोले, कितनी देर लगा दी तुमने शीला, कब से मेरा लंड फनफना रहा है, माँ बोली, सुनील के सोने का इंतज़ार कर रही थी मैं तो. चूत तो मेरी भी कब से पानी छोड़ रही है आप के सांड जैसा लंड के बारे में सोच के, अभी वो सो गया है. मैं भी बहुत बेचैन हूँ आपके लंड को सहलाने के लिये. देखिये ना मेरी चूत कैसे तड़प रही है आपके लंड को पाने के लिए. यह बोलकर माँ ने जल्दी से अपनी साड़ी कमर तक उठाई और ताऊ जी को अपनी चूत दिखाने लगी. मैने भी माँ की चूत को देखा वो किसी चीनी के बर्तन की तरह साफ थी बाल का तो कोई निशान भी नही था, ताऊ जी ने झट से अपनी हथेली उसकी चूत पे रख दी और उसे घिसने लगे. माँ अपने हाथ को ताऊ जी की लूँगी के पास लेकर गई और उसे खोल दिया. जैसे ही माँ ने ताऊ जी का लंड देखा “है हाय दइया 4 साल पहले भी तो आप से ही चुदवाती थी पर उस वक़्त तो इतना बड़ा नही था. ताऊ जी बोले सर्जरी करवाई है मेरी कुत्तिया, चल अपने कपड़े उतार और जल्दी से नंगी हो जा. 4 साल हो गये तुझे चोदे हुये.

अब मैं समझा क्यो माँ चाहती थी की मैं शहर मे ही रहूं. जिससे की वो ताऊ जी से चुदवाती रहे. अब माँ जल्दी से अपने कपड़े उतारने लगी और अपनी चोली और साड़ी को उतार फेंका. तब तक ताऊ जी भी नंगे हो गये. अब मैने माँ को पूरी तरह नंगा देखा. उसके बोबे बहुत बड़े बड़े थे और उसके निपल तो एकदम खड़े थे. ताऊ जी का लंड करीब 8 इंच का होगा अब ताऊ जी लेट गये और माँ झट से ताऊ जी के ऊपर 69 के पोज़िशन मे हो गये. ताऊ जी ने माँ की चूत को चाटना चालू किया और माँ ने ताऊ जी के लंड को चूसने लगी. माँ ने अपने मुँह मे ताऊ जी के लंड को ले लिया और उसको पूरी तरह से अपने मुँह मे घुसाने लगी. उधर ताऊ जी माँ की चूत को चाटने के साथ साथ उसके अंदर अपनी दो उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगे. माँ धीरे धीरे ऊऊुउउइईई माआअ…..आआहह…….ऊऊओह….करते हुये सिसकियाँ लेने लगी। माँ बोली… आप की उंगली भी किसी कमजोर लंड जैसी है भैया…. माँ अब ताऊ जी के लंड को बहुत ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और उनके अन्डो (बॉल्स) को दबाने लगी.

ताऊ जी बोले, साली मेरा माल मुँह मे ही ले लेगी तो तेरी चूत मे लंड कौन डालेगा. चल सीधी होकर मेरे लंड पर बैठ जा और सवारी शुरू कर दे. माँ कुछ देर तक वैसे ही लंड को चूसती रही फिर उठकर सीधी हो गयी और ताऊ जी के पैरो के बीच में बैठ कर उसके लंड को हाथ से मसलने लगी. फिर माँ झुकी और ताऊ जी के लंड को चाटने लगी और फिर उसे पूरा मुहँ मे घुसा लिया. ऐसा करते समय माँ की गांड ऊपर हो गयी और मुझे उसकी गांड और चूत दोनो का एक साथ दर्शन हो गये. तब मैने देखा की माँ जैसे जैसे ताऊ जी का लंड चूसती ताऊ जी भी अपने पैर के अंगूठे से माँ की चूत पर घिसते जाते. अचानक मैने देखा की ताऊ जी का अंगूठा पूरा माँ की चूत मे चला गया है और माँ अचानक ही एक ज़ोर की सिसकी लेकर ताऊ के ऊपर लेट गयी. में समझ गया की माँ ने अपना पानी छोड़ दिया ताऊ जी पर ताऊ जी ने अब माँ की चूची से खेलना शुरू किया और उसे मुहँ मे ले लिया. और दूसरी चूची को वो हाथ से दबाने लगे और उसकी घुंडी को मसलने लगे. माँ एकदम से फिर गरम हो गयी और ताऊ जी के लंड से खेलना शुरू कर दिया. अब माँ ताऊ जी के लंड को हाथ से पकड़ कर अपनी चूत के पास लाई और धीरे से उस पेर बैठ गयी और उनके लंड को अपनी चूत मे डाल दिया.में तो काफ़ी पहले ही गरम हो गया था और अपने लंड को हाथ से घिस रहा था. जैसे ही माँ की चूत में ताऊ का लंड पूरी तरह गया मैने अपना माल छोड़ दिया चड्डी के अंदर ही.

अब माँ बड़े ही मज़े से ताऊ के लंड की सवारी कर रही थी और ताऊ भी मज़े से माँ के बोबो से खेल रहे थे. इसी बीच माँ ऊऊुउउइईई माआ आआआहह ऊऊऊुउउइईई करते हुये एक और बार पानी छोड़ दिया. ताऊ ने तब उसे अपने लंड से उतारा और बिस्तर पर उसे लिटा कर उसकी चूत मे अपना लंड डाल दिया और धक्के मारने शुरू किये. उनका पूरा लंड माँ की चूत मे घुस गया था और उनका थैला माँ की चूत के नीचे जाकर धक्के मार रहा था.
माँ के मुहँ से उऊउक्कककक उउउम्म्म्मम ऊओउउइईई ऊओफफफफ्फ आआआह्ह्ह की आवाज़े निकल रही थी और उसने अपनी आखें बंद कर ली थी. अचानक ताऊ बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे और थोड़ी देर मे उसने अपना पूरा गरम माल माँ की चूत मे छोड़ दिया. मुझसे सहा नही गया और मैने एकबार फिर अपनी चड्डी मे अपना माल छोड़ दिया. इसके बाद मैं जाकर सो गया. शायद माँ और ताऊ ने एक और बार और चुदाई की और फिर सो गये. सुबह को ताऊ अपने गावं चले गये. उसके बाद वाले दिन रात को माँ मुझसे बोली बेटा आज तू मेरे साथ ही सो जाना. मैं बहुत खुश हुआ की शायद आज मुझे माँ को आधा नंगा देखने मिलेगा. मैं रात को चड्डी में माँ के बिस्तर पर लेट गया.
थोड़ी देर मे माँ आई और मेरी तरफ अपनी पीठ करके अपनी चोली उतार दी. उसने सोचा शायद में सो गया. अब तक माँ की एक चूची पर से साड़ी हट गई थी और मेरी आँखों के सामने उसकी एक चूची थी. यह देख मेरा लंड तन गया. में माँ की तरफ मुहँ करके सो गया वो करवटे बदलते बदलते माँ का हाथ मेरे लंड को टच हो गया. वो गरमा गई. फिर एक नाखून से लंड की टोपी को धीरे से घिसने लगी. में भी आगे पीछे होने लगा. मेरा तना हुआ लंड अब उनके सामने था. माँ बोली,” ऊई माँ यह क्या है तेरे जाँघो के बीच मे इतना बड़ा सा बेटा तेरा लंड तो बिल्कुल तना हुआ है और तेरी झांटे भी बहुत घनी है. तेरा लंड तो बहुत बड़ा है बेटा यह कैसे हो गया? ‘में बोला,”माँ में भी जवान हो गया हूँ. पर यह अभी पूरा बड़ा कहाँ हुआ है, अभी तो थोड़ा बाकी है. हाथ से सहलाने से पूरा बड़ा हो जायेगा.”माँ बोली, “अरे बेटा मुझे मालूम ना था की तू इतना बड़ा हथियार घर में ही लेकर घूम रहा है नही तो दिन में 4 – 4 बार चुदवाती तुझसे पर तेरा ये लंड तो सचमुच ही बहुत बड़ा है.

क्या में इसे थोड़ा सहलाके देखूं और कितना बड़ा हो सकता है?”यह बोलकर माँ ने झट से मेरा लंड अपने हाथ मे ले लिया और उसे घिसने लगी जिससे की वो बिल्कुल खड़ा हो गया. अब माँ बोली, “ बेटा तेरा लंड क्या हमेशा इतना बड़ा रहता है? में बोला, नही माँ तेरी गांड देख कर ऐसा हो गया है. माँ अरे शैतान तेरा लंड अपनी माँ की गांड देख कर बड़ा हो गया है. में तुझे मज़ा चखाती हूँ. यह बोल माँ ने मेरा लंड अपने मुँह के पास ले गयी और लंड की टोपी को चूसने लगी. में तड़प उठा. माँ हंसकर बोली, “तुझे आज में पूरा मज़ा चखाती हूँ.”फिर माँ ने मेरे पूरे लंड को अपने मुहँ मे ले लिया और धीरे धीरे चूसने लगी साथ ही मेरे अन्डो (बॉल्स) को हाथों से मसलने लगी. अब माँ ने मेरा पूरा लंड अपने मुहँ मे ले लिया और ज़ोर ज़ोर से अपना मुहँ ऊपर नीचे करने लग गई. में अपना लंड माँ के मुहँ से बाहर आते और अंदर जाते हुए देखने लगा. फिर माँ ने मेरे लंड को निकाल कर मेरे अन्डो से खेलने लगी और उन्हे चाटने लगी फिर अचानक से पुरे थैले को मुँह मे लेकर चूसने लगी. में सुख से कराह उठा. थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा और फिर माँ मेरे पास लेट गयी और मैने उसके बोबो को मुहँ मे लेकर चूसना शुरू कर दिया. साथ ही मैने अपना दूसरा हाथ माँ के साड़ी के अंदर डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा. माँ की चूत से पानी निकल रहा था. माँ बोली, “अरे बेटे मेरे लाल ज़रा मेरे नीचे वाले होठों को चूस कर मुझे मज़ा दे मेरी जवानी का चल अपनी माँ की साड़ी उतार कर नंगा कर दे.

मुझसे रहा नही गया और मैने झट से उसकी साड़ी उतार दी और उसे नंगा कर दिया. माँ ने अपने पैर फैला दिए थे और मेरा सर उसकी चूत की तरफ खिचने लगी. में जल्दी से उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत बहुत फूली हुई थी और उसकी चूत के होठ एकदम खुले हुए थे. उसमे से उसका रस भी निकल रहा था. मैने अपना मुहँ उसकी चूत पर लगा दिया और उसके चूत के होठों को फैला कर उसकी चूत के अन्दर भी अपनी जीभ घुसा दी और उसे अपनी जीभ से चोदने लगा. माँ को बहुत मज़ा आ रहा था. उस पर बाल नही थे मैने पूछा माँ तुम्हरे बाल क्यो नही है बेटा ऐसे ही नहीं हे इस पर घास नहीं उगती, तुम्हारी माँ की ये सड़क भी तो चलती ही रहती है.
थोड़ी देर बाद माँ बोली, अब तू लेट जा और में तेरी सवारी करती हूँ. में जल्दी से लेट गया और माँ मेरे दोनो तरफ अपने पैर फैला कर मेरे लंड के ऊपर धीरे धीरे बैठने लगी. जल्दी ही मेरा तना हुआ लंड माँ की चूत मे था. उसकी गरम चूत मुझे बहुत गर्म कर चुकी थी. इसके बाद माँ धीरे धीरे मेरी सवारी करने लगी और आगे पीछे होने लगी. दस मिनिट तक माँ मुझे चोदती रही और फिर झड़ गयी. अब मैने माँ को लिटाया और जल्दी से उसकी चूत मे अपना लंड डाल दिया और उसे घपाघप चोदने लगा. माँ अपनी गांड उछाल उछाल के मेरा साथ देने लगी. माँ ने अपने पैर पूरे फैला दिये जिससे की में पूरी तरह उसकी चूत मे लंड डाल सकूँ. मेरा थैला उसकी चूत से टकराने लगा और माँ मज़े से चुदवाती रही. करीब बीस मिनिट तक लंड पेलने के बाद मुझे लगा में झड़ने वाला हूँ और माँ भी समझ गयी तो उसने मुझे अपने अंदर ही झड़ने के लिये बोल दिया और में वैसे लंड पेलते हुए उसके अन्दर झड़ गया.

फिर में माँ से पूछने लगा की किस किस से चूत ढीली करवाई है तो माँ बोली एक तो तेरे नाना जब में 14 साल की थी वो धमाधम चोदते थे. मेरे चारो भाई और जब में मार्केट जाती तो एक या दो से ढीली करवा आती वो मुझे याद नही, पर बेटा आज तक एक भी दिन नही गया जब मेरी चूत में कुछ ना गया हो लंड नही तो मूली,
फिर मैने माँ से पूछा कभी गांड मरवाई है, माँ नही वो मरवानी भी नही. मैने कहाँ में मारना चाहता हूँ वो बोली मुझे मेरे पिया की कसम कभी नही करना वैसा मुझे, में बोला.में तो बस ऐसे ही पूछ रहा था माँ

2 दिन बाद में और माँ सेक्सी मूवी देख रहे थे उसमें लड़का लड़की को उल्टा कर उसके हाथ बेड की एक साइड बाँध दिया फिर उसकी चुदाई की तभी मेरे दिमाग़ में आइडिया आया माँ की गांड की धज्जियाँ उड़ा दुगां. मैने माँ को वैसे ही सेक्स करने को कहाँ वो तो तैयार बैठी थी, मैने माँ के हाथ बेड के आगे और पैर पीछे बांध कर उसे फ्लाईगं सूपरमैन की पोज़िशन में किया ताकि में गांड मार सकूं, मेंने माँ की चूत में उंगली डाली गीली थी में वहाँ से ही पानी उस की गांड में लगाने लगा और बीच की उंगली घप से डाल दी. माँ को चाल समझ आ गई बोली, कुत्ते गांड का ख्याल दिमाग से निकाल दे, मै लंड पर तेल की मालिश करने लगा माँ की आँखों में डर के आंसू आ गये. 8 इंच का लंड गांड का छेद सदा के लिये खोल देगा,

मैने कहाँ लंड के लिये रेडी हो जा माँ, नही बेटा ऐसा नहीं करते, में लंड को छेद पर रख कर एक तूफ़ानी झटका मारा और अन्डो तक मेरा लंड माँ की गांड मे धँस दिया, वो चिड़िया की तरह झटपटा उठी उसके मुहँ से खुल के चीख निकली आआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई में सारा लंड माँ की गांड में डाल कर 16 मिनिट तक वैसे ही लेटा रहा और माँ के चुप होने का इंतज़ार करता रहा, 15 मिनिट बाद वो सिर्फ धीरे धीरे ही रो रही थी फिर में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, वो फिर रोने लगी मैने 1 घंटे तक माँ की गांड मारी जब मेरा होने वाला होता तब में थोड़ी देर रुक जाता और अपनी उंगली डाल देता जब मैने गांड से लंड बाहर निकाला मुझे माँ पर तरस आ गया माँ की गांड का छेद 2 रुपये के सिक्के जितना बड़ा हो गया था. और बेड पर थोड़ा खून भी गिर रहा था. उस रात माँ की 6 बार गांड मारी माँ ने पेशाब भी बेड पे ही कर दिया. 3 दिन तक माँ टॉयलेट नही जा पाई 2 दिन तक छेद पर उंगली रखती और कहँती हराम के देख कितनी खोल के रख दी. मैने कहाँ सॉरी माँ, फिर धीरे धीरे माँ को भी गांड चुदवाने में मजा आने लगा.धन्यवाद …