टीचर को गर्लफ्रेंड बनाकर चोदा • Kamukta Sex Stories

टीचर को गर्लफ्रेंड बनाकर चोदा

हाय दोस्तो, मेरा नाम पार्थ है. मैं आज आपके लिये एक असली चुदाई की कहानी लाया हूँ. ये सच्ची कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की है. मैं दिखने में खूबसूरत हूँ. मेरा शरीर भी बहुत गठीला है मैंने इसे काफी कसरत आदि करके बहुत अच्छे ढंग से संवारा हुआ है. मैं 8 इंच के मोटे लंड का मालिक हूँ जो किसी भी लड़की की प्यास को बड़ी आसानी से बुझा सकता है.

पहले मैं आपको मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में बता देता हूँ. उसका नाम श्रीपदा है, वो दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत.. एकदम मस्त फिगर की मालकिन है.

यह बात तब की है, जब मैं कॉलेज के पहले साल में था. मैंने ठान लिया था कि कॉलेज में एक सुन्दर लड़की को ही अपनी गर्लफ्रेंड बनाऊंगा. मैं एक अच्छी सी लड़की को खोजने लगा, लेकिन मुझे कोई लड़की पसंद ही नहीं आ रही थी. फिर एक दिन मैं क्लास रूम में गया. थोड़ी देर बाद वहाँ एक लड़की आई, शायद ये न्यू एडमिशन था. उसे देखते ही मेरे होश उड़ गए. मुझे लगा आखिरकार मुझे वो लड़की मिल ही गई, जिसकी मुझे तलाश थी.

मुझे उस लड़की के बारे में कितनी अधिक ग़लतफ़हमी थी. ये मुझे जब मालूम चला कि वो मेरी नयी टीचर है. ये जानते ही मेरे होश उड़ गए. पहले तो मैं सोच में पड़ गया. क्योंकि वो दिखने में टीचर सी नहीं लग रही थी. वो एकदम हॉट माल लग रही थी. फिर मैंने ठान लिया कि गर्लफ्रेंड तो इसको ही बनाऊंगा, चाहे जो भी हो जाए. मैंने उसको इम्प्रेस करने के लिये उसके सब्जेक्ट्स में अपना इंटरेस्ट दिखाया और बस बड़ी मेहनत से उसके सब्जेक्ट का अध्यन करने लगा. मैं उसके हर प्रोजेक्ट को सबसे पहले करके दे देता, ये देख कर उसको अच्छा लगता. वो मुझसे खुश रहने लगी.

एक दिन कॉलेज खत्म होने के बाद वो अपने रूम पर पैदल जा रही थी. मैं अपनी कार से घर जा रहा था. मैंने उसको देख कर कार रोकी. मैंने उससे कहा- मेम, आपको कहाँ जाना है, आइए मैं आपको छोड़ देता हूँ.
पहले तो उसने मना किया, लेकिन मेरे जोर देने पर वो मान गई. मैंने उसको अपनी कार से उसके रूम तक छोड़ दिया.

चूंकि ये मेरा रोज का रास्ता था, तो मैंने उससे कहा कि मुझे तो रोज ही इधर से आना जाना रहता है, यदि आपको ठीक लगे, तो आप मेरे साथ चलिएगा.
मेम को शायद मेरा व्यवहार ठीक लगा तो उसने हामी भर दी.

अब मैं उसको रोज रूम पर छोड़ने जाने लगा था. हालांकि वो आते समय खुद से ही आती थी. उसके साथ वापस उसके घर तक आने की वजह से मैंने उससे बात करना चालू कर दिया था. कुछ ही दिनों में मेरी उससे अच्छी बातचीत होने लगी थी.

मैंने उसको फेसबुक पर सर्च किया और उसके पास फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी. जिसे उसने स्वीकार कर ली और मैंने उसको फेसबुक पर एड कर लिया. हम दोनों अब फेसबुक पर भी बात करने लगे. कुछ दिन ऐसे ही चला. उसकी रोजमर्रा की जरूरत को भी मैंने पूरा करना शुरू कर दिया था. उसका भी मुझसे मन लगने लगा था.

एक दिन किसी काम के चलते मैंने उससे उसका मोबाइल नंबर मागा, उसने तुरंत अपना नंबर मुझे दे दिया. मैंने भी मिस कॉल करके उसको अपना नम्बर भेज दिया. इस तरह से हम दोनों ने नंबर एक्सचेंज कर लिए थे.

शुरुआत में हम दोनों ने किसी न किसी काम को लेकर फोन पर बात करना चालू कर दिया. मैं उससे बात करके बहुत खुश हो जाता था. मुझे लगता था कि अब जल्द ही वो मेरी हो जाएगी. उससे मेरी व्हाट्सैप पर भी मैसेज के जरिये बात होने लगी थी. कुछ ही दिनों में जोक्स का आदान प्रदान होने लगा था.

वो एक दिन मुझसे बोली- तुम मुझसे न सिर्फ क्लास में ही मेम कहा करो. बाकी टाइम मुझे मेरे नाम से ही बुलाया करो.
मैंने हंस कर इसका कारण पूछा, तो उसने मुझसे कहा कि हम दोनों लगभग एक ही उम्र के हैं और जब तुम मुझे मेम कहते हो तो मुझे लगता है कि मैं बहुत उम्रदराज हो गई हूँ.
मैंने हंस कर पहली बार उसका नाम श्रीपदा लिया, तो वो मुस्कुरा दी.

कुछ ही दिनों में मुझे ऐसा लगने लगा था कि वो खुद मुझे नजदीकी बढ़ा रही हैं. कार में घर जाते वक्त या उसके घर में कुछ वक्त रुकने के समय वो जब तब मुझे टच कर देती थी. जिसका अहसास मुझे बड़ा ही सुखद लगता था.
मैंने सोच लिया था कि अब मैं उसको एकाध दिन प्रपोज कर दूँगा. मैंने पहले से ही सब तैयारी कर रखी थी कि किस तरह से ये सब करना है.

एक दिन जब कॉलेज खत्म हुआ, मैं उसको छोड़ने उनके रूम की तरफ जाने लगा, मैंने उससे कहा- आपके लिये मैंने कुछ किया है.
उसने पूछा- क्या?
मैंने कहा- आपको वो सब देखने के लिये मेरे घर आना पड़ेगा.
उसने कहा- अभी तो बहुत देर हो गई है.. फिर कभी देख लूँगी.
मैंने कहा- मेरा घर यहाँ से बस केवल 10 मिनट की दूरी पर है, मैं आपको वापस कार से छोड़ दूँगा.
वो मान गई.

मेरी मेरे डैड से बनती नहीं है, इसलिये मैं उनके साथ नहीं रहता था. मेरी मॉम ने मेरे लिए एक अलग फ्लैट दे रखा था. इसलिए मैंने सारी तैयारी अपने फ्लैट पर ही की थी. हम दोनों मेरे घर पहुंच गए.

मैंने घर का दरवाजा खोला और हम दोनों आ अन्दर गए.
अन्दर जाते ही वो मेरे घर का इंटीरियर देख कर चकित हो गई और बोल उठी- वाह क्या घर है.. इधर तुम अकेले रहते हो क्या?
मैंने कहा- हां.
तो वो पूछने लगी- क्यों?
मैंने कहा- मेरे डैड से मेरी बनती नहीं है, इसलिये मेरी मॉम ने मुझे ये अलग फ्लैट दिया हुआ है.

उसने मेरे परिवार के बारे में जानकारी ली और मेरे परिवार की हैसियत जानकर वो मुझसे प्रभावित हो गई, लेकिन तब भी उसने मुझसे मेरे डैड से बना कर चलने की सलाह दी.

इसके बाद मैंने उसको पानी दिया.
पानी पीने के बाद वो बोली- हां तो बताओ, तुमने मेरे लिये क्या किया है. मुझे देखना है.

मैं उसको अपने कमरे की तरफ ले गया. हम कमरे के अन्दर गए. मैंने कमरे की सारे बल्ब्स पहले से ही ऑफ़ करके रखे हुए थे. मैंने जैसे सारे बल्ब ऑन किए, तो वो देखती ही रह गई. मैंने सारा कमरा गुलाब की पंखुरियों से सजा रखा था. वो मेरी तरफ देखने लगी.

मैं अपने घुटने के बल बैठ गया. मैंने कहा- मैंने जिस दिन से आपको देखा है, उस दिन से मैं आपको प्यार करता आया हूँ.. आई लव यू.
उसने एकदम से हतप्रभ होते हुए कहा- लेकिन मैं तुमसे प्यार नहीं करती. मैं बस तुमको मेरा अच्छा दोस्त मानती हूँ. मैंने तुमसे इस तरह की बात की उम्मीद नहीं की थी. आज से तुम मुझसे बात मत करना.
ऐसा कह कर वो गुस्सा होते हुए तेज क़दमों से मेरे घर से चली गई.

मुझे अपने आप पर बहुत गुस्सा आया कि मैंने उसके साथ की हुई दोस्ती को भी खत्म कर दिया. मैंने सोच लिया था कि अब मैं कॉलेज ही नहीं जाऊंगा. गुस्से में मैंने अपना नंबर भी बदल दिया.

मैं करीब एक महीने तक कॉलेज नहीं गया. इस दौरान मैं पागल सा हो गया था. मैंने शराब पीना भी चालू कर दिया था.

एक दिन वो मेरे घर आयी और मुझसे कहने लगी कि तुम कॉलेज क्यों नहीं आते हो?
मैंने कहा- किस लिए आऊं?
वो बोली- मेरे लिये.. मुझे तुम्हारे बिना अच्छा नहीं लगता.. आई लव यू.
उसकी इस बात से मैं बहुत खुश हो गया और मैंने भी कहा- आई लव यू टू.

मैंने अपनी बांहें फैला कर उसको अपने गले लगने के लिए इशारा किया, तो वो मेरे गले से लग गई. मुझे कलेजे में मानो ठंडक सी पड़ गई. करीब पांच मिनट तक हम दोनों यूं ही बिना कुछ किये बस एक दूसरे से लिपटे हुए एक दूसरे को महसूस करते रहे. इसके बाद मैंने उसको लिप किस कर दी. वो भी मेरा साथ देने लगी थी. मैं उसको पागलों की तरह चूम रहा था, वो भी मेरा साथ दे रही थी.

मैं उसको गोद में उठा कर मेरे कमरे में ले गया और बिस्तर पर लेटा दिया. अब हम फिर से एक दूसरे को किस करने लगे. मैंने उसकी शर्ट निकाल दी और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को चूसने और दबाने लगा. वो भी मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाए जा रही थी. उसकी चुदास को देख कर मैंने उसकी ब्रा खोल दी. ब्रा खुलते ही उसके मम्मों ने उछलना शुरू कर दिया. मैं पागलों की तरह उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूस रहा था.

वो मुझसे कहे जा रही थी- आह और जोर से.. अहहहह.. अहहहह जोर से..
मैं उसके चूचों को और जोर से चूसने लगा.. मम्मों को चूसने के साथ मैं काट भी लेता. उससे वो एकदम से मचल उठती.

कुछ देर बाद मैंने उसको पूरी तरह से नंगी कर दिया. वो मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी. उसको नंगा देख कर मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे जन्नत से कोई हूर उतर आई हो. मैं उसकी चुत के पास को हो गया. उसकी चुत से कुछ अलग सी खुशबू आ रही थी, जो मुझे और भी ज्यादा पागल कर रही थी.

मुझसे रहा ही नहीं गया और मैं उसकी चुत को चाटने लगा. वो भी पहले पहल तो एकदम से सिहर गई और फिर अपनी टांगें खोल कर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाते हुए ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें करने लगी. कुछ दो तीन मिनट की चूत चुसाई के बाद ही वो मेरे सर के बालों को पकड़ कर अपनी चुत और जोर से चाटने को कहने लगी थी.

मुझे उनका जिस्म एकदम से अकड़ता हुआ सा महसूस हुआ, तभी वो अपनी गांड को उठाते हुए झड़ गई. मैं उसका पूरा माल पी गया. पूरी चूत के रस के एक एक कतरे को मैंने चाट कर साफ़ कर दिया था. वो बस निढाल पड़ी मेरे सर को सहला रही थी.

इसके बाद मैं उठा और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए. वो मेरे लम्बे मोटे लंड की तरफ देख कर डर सी गई. मैंने उनको किस कर लिया और उसको दिलासा दी कि घबराने की जरूरत नहीं है. आप तो जानती हो कि आज तक किसी भी लेडी को किसी भी पेनिस से कोई नुकसान नहीं हुआ है.
इस बात से उसका डर कम सा हुआ.

मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया और लंड हिलाने को कहा. पहले तो उसने मना किया. मैंने कोई जबरदस्ती नहीं की. मैंने उनको सीधा लेटने को कहा, तो उसने झट से अपनी दोनों टांगें पूरी तरह से फैला दीं.

मैंने उसकी टांगों के बीच में आकर अपने लंड को चूत की फांकों में ऊपर से नीचे तक फेरा, तो वो गनगना उठी और जल्दी लंड लेने को उतावली सी होने लगी.

मैंने थोड़ा सा जोर लगाया, तो मेरा लंड अन्दर जाने को मानो रेडी था. जैसे ही मेरा लंड थोड़ा सा अन्दर गया, उसकी चीख निकल गई. उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे. मैंने उसको अच्छी तरह से नहीं पकड़ा हुआ था, इसलिये वह जैसे ही हिली, मेरा लंड चूत से बाहर निकल आया. अब उसने दोबारा मेरे लंड को चुत में डालने से मना कर दिया.

मैंने बहुत कहा, लेकिन वह नहीं मानी. मैं कोई जबरदस्ती नहीं करना चाहता था, इसलिये मैंने सोचा कि रात को इसको मना कर चोद लूँगा.
हम दोनों ऐसे ही नंगे ही सो गए.

कुछ देर बाद जब मैं उठा, तो वो बेड पर नहीं थीं. मैं उन्हें ढूँढने लगा. वो किचन में कुछ बना रही थी. मैं पीछे से गया और मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया. मैं गर्दन पर किस करने लगा. साथ ही दोनों मम्मों को दबाने लगा.

वो बोली- पहले तुम फ्रेश हो जाओ, फिर जो तुम्हारा जी करे, कर लेना.
मैंने कहा- फिर से रोकना मत.
उसने हामी भर दी.

मैं जल्दी से फ्रेश हो कर आ गया. उसने मुझे खाना लगा के दिया.
मैंने उससे कहा- मुझे खाना नहीं चाहिए, मुझे तो कुछ और ही खाना चाहिए.
वो हंस के बोली- पहले ये खाना तो खा लो … फिर वो भी मिल जाएगा.
मैंने जल्दी से खाना खत्म किया और कमरे में उसके आने का इंतजार करने लगा.

वो जैसे ही कमरे में आई, मैं उससे लिपट गया और उसे किस करने लगा. करीब 5 मिनट बाद मैंने उसे उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया. वो भी मेरी चोट सहन करने के लिए राजी दिख रही थी, तभी तो उसने इस बार मेरा कोई विरोध नहीं किया था.

इस बार कोई देर ना करते मैंने उसे नंगी कर दिया और मैं भी नंगा हो गया. मैंने उसकी टांगें फैलाईं और उसकी फूली हुई चूत की फांकों में लंड सैट किया. लंड का सुपारा चूत की फांकों में जैसे ही सैट हुआ, मैंने जोर से धक्का दे दिया.

वो चिल्ला दी और रोने लगी. इस बार मैंने उसे अच्छे से पकड़ रखा था. वो अपना पूरा जोर लगाते हुए मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी, पर मैंने उसे छूटने नहीं दिया. मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसा हुआ था. मैं रुक कर उसे प्यार करने लगा. लंड ने धीरे धीरे अपनी जगह बना ली, तो उसका दर्द कुछ कम सा हो गया. उसका दर्द कम होते ही मैंने फिर से जोर से धक्का लगा दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत की जड़ तक घुसता हुआ अन्दर चला गया. वो दर्द से कराह रही थी. मैं उसे किस किये जा रहा था.

उसका दर्द कम होते ही मैंने लंड अन्दर बाहर करना चालू कर दिया. थोड़ी देर उसको मजा आने लगा. अब वो भी नीचे से अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ दे रही थी.
वो मस्ती से बोले जा रही थी- आह फक मी माय डार्लिंग … अहह … अहहह और जोर से … ओहहह!

मुझे भी जोश आने लगा. मैं और जोर से उसे चोदने लगा. वो उस दौरान 2 बार झड़ चुकी थी. करीब 20 मिनट बाद में उसकी चुत में ही झड़ गया.

जब मैं उससे अलग हुआ, तो उसने बिस्तर पर खून देखा और वो डर गई.
मैंने कहा- क्या तुम नहीं जानती हो कि पहली बार करने पर खून निकलता है.
वो हंस दी.
इसके बाद उस रात मैंने उसे 4 बार चोदा.

अब तो मैंने उससे शादी कर ली है. मैं उसे रोज अलग अलग तरीके से चोदता हूँ.

मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी अच्छी लगी होगी. आपके प्यार भरे मेल का इन्तजार रहेगा.