हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम पुष्पक है. मैं चंडीगार्ह का रहने वाला हू. मेरी उमर 19 साल है, और हाइट 5’9″ है. मैं कॉलेज में पढ़ता हू.
मेरे पापा बिज़्नेसमॅन है, और मा गवर्नमेंट टीचर है. हमारी फॅमिली ने हम टीन ही है. घर में हमारे अलावा एक नौकर जनक है. जनक काफ़ी सालो से हमारे यहा काम कर रहा है.
वो काफ़ी ईमानदार है, इसलिए मम्मी-पापा उस पर पूरा विश्वास करते है. जनक 35 साल का है, और शादी-शुदा है. उसके दो बच्चे भी है. उसके बीवी और बच्चे सब गाओं में है, और वो साल में 1-2 बार ही उनसे मिलने जाता है.
जनक की हाइट 5’11” है और रंग सावला है. वो काफ़ी हटता-कटता भी है. मेरी और उसकी काफ़ी बनती है, और हम मिल कर लड़कियो को ताड़ते है. ये कहानी जनक और मेरी मौसी के बारे में है. तो चलिए शुरू करते है कहानी को.
3 महीने पहले मेरी मौसी कुछ दीनो के लिए हमारे घर आई थी. मौसी का नाम कणिका है, और उनका फिगर 36″30″38″ है. उनकी आगे 38 साल है. 2 साल पहले मौसी का डाइवोर्स हो गया था, और उसके बाद से वो सिंगल ही थी.
वो एक मंक में कोवोर्डिनेटर की जॉब कर रही है. जॉब के चलते उनको काफ़ी ट्रॅवेल करना पड़ता है. वैसे वो पटियाला में मेरे नाना-नानी के साथ रहती है. चंडीगार्ह भी वो जॉब के काम से ही आई थी. अब जब बेहन का घर यहा पर था, तो होटेल में रुकने की कोई वजह नही थी.
जिस दिन वो हमारे घर आई, तो मैने दरवाज़ा खोला. मौसी ने टाइट ब्राउन ट्राउज़र, और फॉर्मल शर्ट पहनी हुई थी. मैं तो उनको देखता ही रह गया. उनकी ट्राउज़र में उनकी गांद क्या कमाल की लग रही थी. बूब्स तो इतने काससे हुए थे शर्ट मे, मानो बाहर ही आ जाएँगे.
तभी जनक अंदर से आया. वो भी मौसी को जानता था. उसने भी मौसी को ग्रीट किया, और मौसी उसको हेलो बोल कर अंदर चली गयी. जनक की नज़र भी मौसी की गांद पर ही थी. तभी जनक मेरे पास आया और बोला-
जनक: ये तेरी मौसी कुछ ज़्यादा सेक्सी नही हो गयी?
मैं: चुप कर भाई, मेरी मौसी है वो.
जनक: अर्रे फिर क्या हुआ? है तो औरत ही ना. हम जिन दूसरी औरतो को देखते है, वो भी किसी की बेहन बेटी होती है.
मैं: हा ये भी ठीक है.
उसी रात मैने मौसी के बारे में सोच कर मूठ मारी. फिर अगले दिन मैं जनक से बात करते हुए बोला-
मैं: यार मौसी तो सच में बहुत सेक्सी है.
जनक: हा, ये तो सच है. लेकिन इसका तो डाइवोर्स हो गया था ना?
मैं: हा, तो?
जनक: लगता है किसी को ज़रूर देती होगी.
मैं: कुछ भी.
जनक: तुझे क्या लगता है, ये इतनी सेक्सी कैसे हो गयी? किसी ना किसी के साथ ज़रूर करती होगी.
मैं: पता नही.
जनक: क्यू ना इसको पटाया जाए?
मैं: पागल हो गये हो? पापा को पता चला, तो बंद बजा देंगे.
जनक: पापा को तो तब पता चलेगा, जब कोई बताएगा. तू बोल, हेल्प करेगा मेरी?
मैं: हा ठीक है. लेकिन फ़ससा मॅट देना मुझे.
जनक: तू चिंता मॅट कर मेरे शेर. बस मैं जैसा बोलू, वैसे करता जेया.
फिर थोड़ी देर बाद जनक मेरे पास आया और बोला-
जनक: तेरी मौसी नहा रही है अभी. तू ऐसा कर जाके उसकी कार की चाबी ले आ.
मैं मौसी के रूम में गया, और उनकी कार की कीस बाहर ले आया. थोड़ी देर बाद जब मौसी ऑफीस के लिए रेडी हो गयी, तो उनको कार की कीस नही मिल रही थी. जब मौसी ने मम्मी को ये बताया, तो मम्मी ने जनक को मौसी को ऑफीस छोढ़ कर आने को बोला.
तब मैं समझा, की जनक ने कार कीस क्यू च्छुपाई थी. फिर जनक कार ले आया, और मौसी उसके साथ वाली सीट पर बैठ गयी. मैं भी घूमने के बहाने उनके साथ ही बैठ गया. ऑफीस तक का रास्ता 20 मिनिट का था.
इस बीच जनक ने बड़े जोक्स मारे. मौसी तो हस्स-हस्स कर पागल हो गयी थी. उन 20 मिंटो में जनक ने मौसी को काफ़ी इंप्रेस कर दिया था. जनक हमारा नौकर ज़रूर था, लेकिन वो 12त तक पढ़ा हुआ था. इस वजह से वो इंग्लीश भी समझ लेता था.
फिर शाम को भी यही सब हुआ. जनक ने मौसी को गाड़ी में बैठते ही हसाना शुरू कर दिया. फिर मौका देख कर उसने मौसी पर लाइन मारनी शुरू की. वो बोला-
जनक: मेडम आप हेस्ट हुए बहुत आचे लगते हो. कोई किस्मत वाला ही होगा, जिसको आप मिलोगे.
ये बात सुन कर मौसी सीरीयस हो गयी, और बोली-
मौसी: हा, लेकिन सब को ऐसा नही लगता.
जनक: सबके लगने से क्या होता. आपके अपनो को तो यही लगता है ना. क्यू पुष्पक, सही कहा ना मैने?
मैं: हा बिल्कुल.
अब मौसी जनक की तरफ प्यार भारी नज़रो से देख रही थी. फिर हम घर पहुँच गये. रात के डिन्नर के बाद जनक मुझे बोला-
जनक: आज रात तेरी मौसी को छोड़ूँगा.
मैं: क्या! ऐसे कैसे? अभी तो कोई ऐसी बात भी नही हुई तुम लोगो के बीच.
जनक: बेटा जितनी हुई है, उतनी बहुत है.
रात को 10 बजे सब सो चुके थे. फिर जनक उठा, और मौसी के रूम के बाहर गया. मैं भी जगा हुआ था. उसने मौसी के रूम का दरवाज़ा खोला, और अंदर चला गया. मैं दरवाज़े पर ही खड़ा रहा. आया. थोड़ी देर बाद जब मौसी ऑफीस के लिए रेडी हो गयी, तो उनको कार की कीस नही मिल रही थी. जब मौसी ने मम्मी को ये बताया, तो मम्मी ने जनक को मौसी को ऑफीस छोढ़ कर आने को बोला.
तब मैं समझा, की जनक ने कार कीस क्यू च्छुपाई थी. फिर जनक कार ले आया, और मौसी उसके साथ वाली सीट पर बैठ गयी. मैं भी घूमने के बहाने उनके साथ ही बैठ गया. ऑफीस तक का रास्ता 20 मिनिट का था.
इस बीच जनक ने बड़े जोक्स मारे. मौसी तो हस्स-हस्स कर पागल हो गयी थी. उन 20 मिंटो में जनक ने मौसी को काफ़ी इंप्रेस कर दिया था. जनक हमारा नौकर ज़रूर था, लेकिन वो 12त तक पढ़ा हुआ था. इस वजह से वो इंग्लीश भी समझ लेता था.
फिर शाम को भी यही सब हुआ. जनक ने मौसी को गाड़ी में बैठते ही हसाना शुरू कर दिया. फिर मौका देख कर उसने मौसी पर लाइन मारनी शुरू की. वो बोला-
मौसी गहरी नींद में थी, और उन्होने वाइट पाजामा-शर्ट पहना था. जनक जाके मौसी के बेड बैठ गया. मेरी तो गांद फटत रही थी. फिर उसने मौसी की जाँघ पर हाथ फेरना शुरू किया. मौसी ने कोई रिक्षन नही दिया.
वो मौसी के पीछे लेट गया, और उनकी कमर और बूब्स पर हाथ फेरने लगा. इससे मौसी ने थोड़ी हुलचल की. जनक का खड़ा हुआ लंड मौसी की गांद पर टच हो रहा था. फिर जनक ने मौसी की शर्ट के 2 बटन खोले, और हाथ अंदर डाल लिया.
इसके साथ ही मौसी की नींद खुल गयी. मौसी ने जब जनक को पीछे देखा, तो वो हैरान हो गयी. वो उसी वक़्त बेड से खड़ी हो गयी और बोली-
मौसी: तुम! तुम यहा क्या कर रहे हो?
जनक: मैं अपने आप को रोक नही पाया. मैने आप जैसी प्यारी औरत कभी नही देखी. मुझे लगा आपको प्यार चाहिए होगा.
ये सुन कर मौसी थोड़ी सोच में पद गयी. मुझे लगा, अब जनक की नौकरी गयी. लेकिन तभी मौसी बोली-
मौसी: तुमने ठीक कहा जनक. मुझे बहुत कम प्यार मिला है. और मुझे प्यार चाहिए. लेकिन ये किसी को पता नही चलना चाहिए.
जनक: बिल्कुल नही.
ये बोल कर मौसी जनक के पास वापस बेड पर चली गयी. जनक ने मौसी के फेस को पकड़ा, और उनके होंठ चूसने लगा. मौसी भी उसका साथ देने लगी. उसने जल्दी के मौसी का नाइट सूट उतार दिया, और उनको बेड पर लिटा कर पुर बदन को चूमने लगा.
मौसी भी जनक की वाइल्डनेस देख कर पूरी गरम हो गयी थी. उन्होने भी जनक को बेड पर पटक दिया, और उसको नंगा कर दिया. जनक का लंड 8 इंच का था, और मौसी ने झट से उसको अपने मूह में डाल लिया.
मैं पीछे से ब्लॅक पनटी में मौसी की बड़ी सी गांद को देख पा रहा था. मौसी ज़ोर-ज़ोर से जनक का लंड चूस रही थी, और जनक आहह आह कर रहा था. बीच में जनक ने मेरी तरफ देखा, और मुझे आँख मार दी.
फिर जनक ने मौसी की ब्रा निकाल दी, और उनको गोद में बिता कर उनके बूब्स चूसने लगा. मेरे मूह में भी पानी आ रहा था. मैं सोच रहा था, की काश मैं मौसी के साथ वो सब कर पाता. जनक ने मौसी के बूब्स चूस कर लाल कर दिए.
फिर वो मौसी के उपर आया, और उसने मौसी की छूट चाटनी शुरू की. मौसी ज़ोर की आहें निकाल रही थी. जब उनको लगा, की उनकी आवाज़ बाहर नही जानी चाहिए, तो उन्होने अपना मूह खुद बंद कर लिया.
फिर जनक मौसी की टाँगो के बीच आया, और अपना लंड एक ही झटके में उनकी छूट में डाल दिया. मौसी आहह आहह करके तड़पने लगी, और जनक उनको फुल स्पीड में छोड़ने लगा. वो मौसी को आचे से चूस भी रहा था.
क्या सीन था वो दोस्तो. मेरी सूपर सेक्सी मौसी एक नौकर के साथ बिस्तर गरम कर रही थी. अगले 15 मिनिट तक जनक वैसे ही उनकी छूट में धक्के मारता रहा. मुझे जनक का लंड मौसी की छूट में जाता सॉफ दिख रहा था.
फिर जनक ने आहह आ करते हुए मौसी के अंदर ही अपना माल छोढ़ दिया. इधर मेरा भी माल निकल चुका था. उस रात उनका प्रोग्राम सुबा 4 बजे तक चलता रहा. मैं भी पूरी चुदाई देख कर ही सोया.
एक बात तो मैं समझ गया था, की औरत को सिर्फ़ लंड चाहिए. लंड किसका है, वो मॅटर नही करता.
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