बन गयी सत्यम की दुल्हन
मैं चन्द्रप्रकाश भोपाल में पढ़ने के लिए गया था और कमरा लेकर अकेला रहता था. सत्यम से गांड मरवाकर मैं कमरे पर आया. अंदर घुसते ही मैंने दरवाजा बंद कर लिया. अपने सारे कपड़े उतार दिए. खुद को ऊपर से नीचे देखा. मेरे निप्पल लाल सुर्ख हो गये थे. मैंने कांच लेकर गांड के पीछे …